< لاویان 19 >

خداوند به موسی فرمود: 1
याहवेह ने मोशेह को यह आदेश दिया,
«این دستورها را به تمامی جماعت اسرائیل بده. مقدّس باشید زیرا من یهوه، خدای شما قدّوسم. 2
“इस्राएल वंशजों की पूरी सभा को यह आदेश दो, ‘पवित्र बनो, क्योंकि मैं याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर पवित्र हूं.
هر یک از شما باید به مادر و پدر خود احترام بگذارد و قانون روز شَبّات مرا اطاعت کند. من یهوه، خدای شما هستم. 3
“‘तुममें से हर एक अपने माता-पिता का सम्मान करे और मेरे शब्बाथों का पालन करे; मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं.
بت نسازید و بتها را پرستش نکنید. من یهوه، خدای شما هستم. 4
“‘मूरतों की ओर न फिरना, और न स्वयं के लिए धातु के देवता गढ़ना; मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं.
«وقتی که قربانی سلامتی به حضور خداوند تقدیم می‌کنید آن را طوری هدیه کنید که مورد قبول واقع شوید. 5
“‘जब तुम याहवेह को मेल बलि भेंट करो, तो इसे इस रीति से भेंट करो कि वह स्वीकार किए जाओ.
گوشتش را در همان روزی که آن را ذبح می‌کنید و یا روز بعد بخورید. هر چه را که تا روز سوم باقی مانده، بسوزانید، 6
जिस दिन तुम इसे भेंट करो, उसी दिन तथा उसके अगले दिन इसको खाया जाए, किंतु जो तीसरे दिन तक बचा हुआ है, उसको आग में जला दिया जाए.
زیرا نجس است و اگر کسی آن را بخورد من آن قربانی را قبول نخواهم کرد. 7
पर तीसरे दिन तक बचा हुआ मांस को खाया जाना स्वीकार नही किया जाएगा, क्योंकि यह अशुद्ध है.
اگر در روز سوم از آن بخورید مقصرید، چون به قدوسیت خداوند بی‌احترامی کرده‌اید و باید از میان قوم منقطع شوید. 8
ऐसा हर एक व्यक्ति, जो इसको खाता है, वह अपने अधर्म का भार स्वयं उठाएगा, क्योंकि उसने याहवेह की पवित्र वस्तु को अशुद्ध किया है, तब उस व्यक्ति को प्रजा से बाहर निकाल दिया जाए.
«وقتی که محصول خود را درو می‌کنید، گوشه و کنار مزرعه‌های خود را درو نکنید و خوشه‌های گندم به جا مانده را برنچینید. 9
“‘जब तुम अपने देश में पहुंचने के बाद, उपज इकट्ठा करोगे, तो तुम अपने खेतों के कोने-कोने तक की उपज इकट्ठा न कर लेना, न ही उपज की सिल्ला.
در مورد حاصل انگور خود نیز همین‌طور عمل کنید خوشه‌ها و دانه‌های انگوری را که بر زمین می‌افتد، جمع نکنید. آنها را برای فقرا و غریبان بگذارید. من یهوه، خدای شما هستم. 10
न ही अपनी अंगूर की बारी से सारे अंगूर इकट्ठा कर लेना, और न ही अपनी अंगूर की बारी के नीचे गिरे हुए फलों को इकट्ठा करना; तुम उन्हें दरिद्रों तथा विदेशियों के लिए छोड़ देना. मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं.
«دزدی نکنید، دروغ نگویید و کسی را فریب ندهید. 11
“‘तुम चोरी न करना. “‘न ही धोखा देना. “‘न एक दूसरे से झूठ बोलना.
به نام من قسم دروغ نخورید و به این ترتیب نام مرا بی‌حرمت نکنید. من یهوه هستم. 12
“‘तुम मेरे नाम की झूठी शपथ न लेना और इस प्रकार अपने परमेश्वर का नाम अशुद्ध न करना; मैं ही याहवेह हूं.
«مال کسی را غصب نکن و به کسی ظلم ننما و مزد کارگران خود را به موقع بپرداز. 13
“‘तुम अपने पड़ोसी को न लूटना. “‘न ही उसकी किसी वस्तु को ज़बरदस्ती छीनना. भाड़े पर लाए गए किसी मज़दूर की मजदूरी तुम्हारे पास रात से सुबह तक रखी न रह जाए.
«شخص کر را نفرین نکن و جلوی پای کور سنگ نیانداز. از خدای خود بترس؛ من یهوه هستم. 14
“‘तुम किसी बहिरे को शाप न देना, न ही अंधे के सामने ठोकर का पत्थर रखना, परंतु अपने परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना; मैं ही याहवेह हूं.
«هنگام داوری، از فقیر طرفداری بیجا نکن و از ثروتمند ترسی نداشته باش، بلکه همیشه منصفانه داوری کن. 15
“‘तुम निर्णय देने में अन्याय न करना; तुम दरिद्र के प्रति भेद-भाव न करना, न ही ऊंचे लोगों का सम्मान तुम्हारे निर्णय को प्रभावित करने पाए, परंतु तुम अपने पड़ोसी का सही प्रकार से न्याय करना.
«سخن‌چینی نکن و با پخش خبر دروغ باعث نشو کسی به مرگ محکوم شود. من یهوه هستم. 16
“‘तुम अपने लोगों के बीच निंदा करते न फिरना. “‘यदि तुम्हारे पड़ोसी का जीवन खतरे में हो तो तुम शांत न बने रहना; मैं ही याहवेह हूं.
«از برادرت کینه به دل نگیر. همسایه‌ات را رو در رو توبیخ کن مبادا به سبب گناه او تو هم شریک جرم محسوب شوی. 17
“‘अपने भाई से घृणा न करना; तुम अपने पड़ोसी को फटकार अवश्य लगाना; ऐसा न हो कि उसके पाप के दोष तुम पर आ जाए.
از افراد قوم خود انتقام نگیر و از آنان کینه به دل راه نده، بلکه همسایه‌ات را همچون جان خویش دوست بدار. من یهوه هستم. 18
“‘बदला न लेना, और न ही अपने लोगों की संतान से कोई बैर रखना, परंतु तुम अपने पड़ोसी से वैसा ही प्रेम करना, जैसा प्रेम तुम्हें स्वयं से है; मैं ही याहवेह हूं.
«از قوانین من اطاعت کنید. حیوانات اهلی خود را به جفتگیری با حیوانات غیر همجنسشان وادار نکنید. در مزرعهٔ خود دو نوع بذر نکارید و لباسی را که از دو جنس مختلف بافته شده نپوشید. 19
“‘मेरी विधियों का पालन करना. “‘तुम अपने पशुओं में दो भिन्‍न प्रकार के पशुओं का मेल न कराना; “‘तुम अपने खेत में दो भिन्‍न प्रकार के बीज न बोना. “‘न ही वह वस्त्र पहनना, जिसमें दो प्रकार की सामग्रियों का मिश्रण किया गया हो.
«اگر مردی با کنیزی که نامزد شخص دیگری است همبستر شود و آن کنیز هنوز بازخرید و آزاد نشده باشد، ایشان را نباید کشت بلکه باید تنبیه کرد، چون کنیز آزاد نبوده است. 20
“‘यदि कोई व्यक्ति उस स्त्री से, जो दासी है और किसी अन्य की मंगेतर है, तथा किसी भी प्रकार से उसका दाम नहीं चुकाया गया, न ही उसे स्वतंत्र किया गया है, सहवास कर लेता है, तब उन्हें दंड तो दिया जाएगा किंतु मृत्यु दंड नहीं, क्योंकि वह स्त्री उस समय दासत्व में थी.
مردی که آن دختر را فریب داده، باید به عنوان قربانی جبران خود قوچی را دم در خیمۀ ملاقات به حضور خداوند بیاورد. 21
वह व्यक्ति मिलनवाले तंबू के द्वार पर दोष बलि के लिए एक मेढ़ा याहवेह को भेंट करे.
کاهن باید با این قوچ برای گناه آن مرد نزد خداوند کفاره کند و به این ترتیب گناهش بخشیده خواهد شد. 22
फिर पुरोहित दोष बलि के उस मेढ़े के साथ याहवेह के सामने उस व्यक्ति तथा उसके द्वारा किए गए पाप के लिए प्रायश्चित पूरा करे, तब उसके द्वारा किया गया पाप क्षमा कर दिया जाएगा.
«وقتی به سرزمین موعود داخل شدید و انواع درختان میوه در آنجا کاشتید، سه سال از محصول آن نخورید، چون نجس به حساب می‌آید. 23
“‘जब तुम उस देश में प्रवेश करके सभी प्रकार के खानेवाले फलों के वृक्षों को उगाओगे, तो याद रहे कि इन बोए हुए वृक्षों के फल तुम्हारे लिए वर्जित होंगे. पहले तीन वर्षों के लिए ये फल तुम्हारे लिए वर्जित होंगे; इनको न खाया जाए.
در سال چهارم، تمامی محصول به‌عنوان ستایش و تشکر از خداوند، به او وقف خواهد شد. 24
किंतु चौथे वर्ष इसके सारे फल याहवेह की स्तुति में भेंट पवित्र फल होंगे.
اما در سال پنجم می‌توانید محصول را برای خود بردارید. اگر این قانون را رعایت کنید، درختان شما پرثمر خواهند بود. من یهوه، خدای شما هستم. 25
पांचवें वर्ष तुम इनको खा सकते हो कि यह तुम्हें बहुत मात्रा में फल दे सके; याहवेह तुम्हारा परमेश्वर मैं ही हूं.
«گوشتی را که هنوز خون در آن است نخورید. فالگیری و جادوگری نکنید. 26
“‘तुम किसी भी वस्तु को लहू के साथ न खाना. “‘न ही शकुन विचारना अथवा जादू-टोना करना.
مثل بت‌پرستها موهای شقیقه خود را نتراشید و گوشه‌های ریش خود را نچینید. 27
“‘तुम अपनी कनपटी के बाल न कतरना और न अपनी दाढ़ी को किनारों से काटना.
هنگام عزاداری برای مردگان خود مثل بت‌پرستان بدن خود را زخمی نکنید و مانند آنها روی بدن خود خالکوبی ننمایید. من یهوه هستم. 28
“‘मृतकों के लिए तुम अपनी देह में कोई चीरा न लगवाना, न ही कोई चिन्ह गुदवाना: मैं ही याहवेह हूं.
«حرمت دخترتان را با وادار کردن او به فاحشگی از بین نبرید مبادا سرزمین شما از شرارت و زنا پر شود. 29
“‘अपनी पुत्री को वेश्या बनाकर उसे भ्रष्‍ट न करना, ऐसा न हो कि देश में वेश्यावृत्ति भर जाए, और यह कामुकता से परिपूर्ण हो जाए.
«قانون روز شَبّات مرا اطاعت کنید و خیمۀ ملاقات مرا محترم بدارید، زیرا من یهوه هستم. 30
“‘तुम मेरे शब्बाथों का पालन करो और मेरे पवित्र स्थान का सम्मान; मैं ही याहवेह हूं.
«به جادوگران و احضارکنندگان ارواح متوسل نشوید و با این کار خود را نجس نکنید. من یهوه، خدای شما هستم. 31
“‘तुम ओझाओं और तांत्रिकों की ओर न फिरना; उनकी खोज करने के द्वारा तुम स्वयं को दूषित न कर लेना. मैं ही याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं.
«جلوی پای ریش‌سفیدان بلند شوید، به پیرمردان احترام بگذارید و از من بترسید. من یهوه، خدای شما هستم. 32
“‘तुम बूढ़े व्यक्ति के सामने खड़े हुआ करो, और बूढ़ों की उपस्थिति का सम्मान करना, तथा अपने परमेश्वर का भय मानना; मैं ही याहवेह हूं.
با غریبانی که در سرزمینتان زندگی می‌کنند بدرفتاری نکنید. 33
“‘जब कोई अपरिचित तुम्हारे बीच तुम्हारे देश में रहता है, तो तुम उसके साथ अन्याय न करना.
با آنها مانند یک اسرائیلی بومی رفتار کنید، و آنها را همچون خویشتن محبت کنید، زیرا نباید از یاد ببرید که خودتان نیز در سرزمین مصر غریب و بیگانه بودید. من یهوه، خدای شما هستم. 34
जो अपरिचित तुम्हारे बीच में रह रहा है, तुम्हारे लिए वह तुम्हारे मध्य एक स्वदेशी के समान हो, और तुम उससे वैसा ही प्रेम करना; जैसा तुम स्वयं से करते हो, क्योंकि मिस्र देश में तुम परदेशी थे; मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं.
«در اندازه‌گیری طول و وزن و حجم، تقلب نکنید. 35
“‘तुम न्याय करने, नापतोल तथा मात्रा में अन्याय न करना.
ترازو، وزنه‌ها، ظرفهای اندازه‌گیری جامدات و مایعات درست داشته باشید. من یهوه، خدای شما هستم که شما را از سرزمین مصر بیرون آوردم. 36
तुम्हारी तुला, बाट, किलो और लीटर यथार्थ हों; मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं, जो तुम्हें मिस्र देश से निकालकर लाया हूं.
از احکام و فرایض من به دقت اطاعت و پیروی کنید. من یهوه هستم.» 37
“‘फिर तुम मेरी विधियों और सभी नियमों का पालन करना और उनको मानते रहना; मैं ही याहवेह हूं.’”

< لاویان 19 >