< داوران 2 >
روزی فرشتهٔ خداوند از جلجال به بوکیم آمده، به قوم اسرائیل گفت: «من شما را از مصر به سرزمینی که وعدهٔ آن را به اجدادتان دادم آوردم و گفتم که هرگز عهدی را که با شما بستهام نخواهم شکست، به شرطی که شما نیز با اقوامی که در سرزمین موعود هستند هم پیمان نشوید و مذبحهای آنها را خراب کنید؛ ولی شما اطاعت نکردید. | 1 |
और ख़ुदावन्द का फ़रिश्ता जिल्जाल से बोकीम को आया और कहने लगा, मैं तुम को मिस्र से निकाल कर, उस मुल्क में जिसके बारे में मैं ने तुम्हारे बाप — दादा से क़सम खाई थी, ले आया और मैंने कहा, 'मैं हरगिज़ तुम से वा'दा ख़िलाफ़ी नहीं करूंगा।
और तुम उस मुल्क के बाशिंदों के साथ 'अहद न बाँधना, बल्कि तुम उनके मज़बहों को ढा देना। लेकिन तुम ने मेरी बात नहीं मानी। तुमने क्यूँ ऐसा किया?
پس من نیز این قومها را از این سرزمین بیرون نمیکنم و آنها چون خار به پهلوی شما فرو خواهند رفت و خدایان ایشان چون تله شما را گرفتار خواهند کرد.» | 3 |
इसी लिए मैंने भी कहा, 'कि मैं उनको तुम्हारे आगे से दफ़ा' न करूँगा, बल्कि वह तुम्हारे पहलुओं के काँटे और उनके मा'बूद तुम्हारे लिए फंदा होंगे'।
وقتی فرشته سخنان خود را به پایان رسانید، قوم اسرائیل با صدای بلند گریستند. | 4 |
जब ख़ुदावन्द के फ़रिश्ते ने सब बनी इस्राईल से यह बातें कहीं, तो वह ज़ोर — ज़ोर रोने से लगे।
آنها آن مکان را بوکیم نامیده، در آنجا برای خداوند قربانی کردند. | 5 |
और उन्होंने उस जगह का नाम बोकीम रख्खा; और वहाँ उन्होंने ख़ुदावन्द के लिए क़ुर्बानी अदा की।
یوشع قوم اسرائیل را پس از ختم سخنرانی خود مرخص کرد و آنها رفتند تا زمینهایی را که به ایشان تعلق میگرفت، به تصرف خود درآورند. | 6 |
और जिस वक़्त यशू'अ ने जमा'अत को रुख़सत किया था, तब बनी — इस्राईल में से हर एक अपनी मीरास को लौट गया था ताकि उस मुल्क पर क़ब्ज़ा करे।
یوشع خدمتگزار خداوند، در سن صد و ده سالگی درگذشت و او را در ملکش در تمنه حارس واقع در کوهستان افرایم به طرف شمال کوه جاعش به خاک سپردند. قوم اسرائیل در طول زندگانی یوشع و نیز ریشسفیدان قوم که پس از او زنده مانده بودند و شخصاً اعمال شگفتانگیز خداوند را در حق اسرائیل دیده بودند، نسبت به خداوند وفادار ماندند. | 7 |
और वह लोग ख़ुदावन्द की इबादत यशू'अ के जीते जी और उन बुज़ुर्गों के जीते जी करते रहे, जो यशू'अ के बाद ज़िन्दा रहे और जिन्होंने ख़ुदावन्द के सब बड़े काम जो उसने इस्राईल के लिए किए देखे थे।
और नून का बेटा यशू'अ, ख़ुदावन्द का बंदा, एक सौ दस बरस का होकर वफ़ात कर गया।
और उन्होंने उसी की मीरास की हद पर, तिमनत हरिस में इफ़्राईम के पहाड़ी मुल्क में जो कोह — ए — जा'स के उत्तर की तरफ़ है, उसको दफ़्न किया।
ولی سرانجام تمام مردم آن نسل مردند و نسل بعدی خداوند را فراموش کردند و هر آنچه که او برای قوم اسرائیل انجام داده بود، به یاد نیاوردند. | 10 |
और वह सारी नसल भी अपने बाप — दादा से जा मिली; और उनके बाद एक और नसल पैदा हुई, जो न ख़ुदावन्द को और न उस काम को जो उसने इस्राईल के लिए किया जानती थी।
ایشان نسبت به خداوند گناه ورزیدند و به پرستش بتهای بعل روی آوردند. | 11 |
और बनी — इस्राईल ने ख़ुदावन्द के आगे बुराई की, और बा'लीम की इबादत करने लगे।
آنها خداوند خدای پدران خود را که آنها را از مصر بیرون آورده بود ترک نموده، بتهای اقوام اطرافشان را عبادت و سجده میکردند، بنابراین خشم خداوند بر تمام اسرائیل افروخته شد، | 12 |
और उन्होंने ख़ुदावन्द अपने बाप — दादा के ख़ुदा को जो उनको मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया था छोड़ दिया, और दूसरे मा'बूदों की जो उनके चारों तरफ़ की क़ौमों के मा'बूदों में से थे पैरवी करने और उनको सिज्दा करने लगे और ख़ुदावन्द को ग़ुस्सा दिलाया।
زیرا آنها خداوند را ترک نموده، بتهای بعل و عشتاروت را عبادت کردند. | 13 |
और वह ख़ुदावन्द को छोड़ कर बा'ल और 'इस्तारात की इबादत करने लगे।
پس خداوند آنها را به دست دشمنانشان سپرد تا غارت شوند، به حدی که توان مقابله با دشمنان را نداشتند. | 14 |
और ख़ुदावन्द का क़हर इस्राईल पर भड़का, और उसने उनको ग़ारतगरों के हाथ में कर दिया जो उनको लूटने लगे; और उसने उनको उनके दुश्मनों के हाथ जो आस पास थे बेचा, इसलिए वह फिर अपने दुश्मनों के सामने खड़े न हो सके।
هرگاه قوم اسرائیل با دشمنان میجنگیدند، خداوند بر ضد اسرائیل عمل میکرد، همانطور که قبلاً در این مورد هشدار داده و قسم خورده بود. اما وقتی که قوم به این وضع فلاکتبار دچار گردیدند | 15 |
और वह जहाँ कहीं जाते ख़ुदावन्द का हाथ उनकी तकलीफ़ ही पर तुला रहता था, जैसा ख़ुदावन्द ने कह दिया था और उनसे क़सम खाई थी; इसलिए वह निहायत तंग आ गए।
خداوند رهبرانی فرستاد تا ایشان را از دست دشمنانشان برهانند. | 16 |
फिर ख़ुदावन्द ने उनके लिए ऐसे क़ाज़ी खड़े किए, जिन्होंने उनको उनके ग़ारतगरों के हाथ से छुड़ाया।
ولی از رهبران نیز اطاعت ننمودند و با پرستش خدایان دیگر، نسبت به خداوند خیانت ورزیدند. آنها برخلاف اجدادشان عمل کردند و خیلی زود از پیروی خداوند سر باز زده، او را اطاعت ننمودند. | 17 |
लेकिन उन्होंने अपने क़ाज़ियों की भी न सुनी, बल्कि और मा'बूदों की पैरवी में ज़िना करते और उनको सिज्दा करते थे; और वह उस राह से जिस पर उनके बाप — दादा चलते और ख़ुदावन्द की फ़रमाँबरदारी करते थे, बहुत जल्द फिर गए और उन्होंने उनके से काम न किए।
هر یک از رهبران در طول عمر خود، به کمک خداوند قوم اسرائیل را از دست دشمنانشان میرهانید، زیرا خداوند به سبب نالهٔ قوم خود و ظلم و ستمی که بر آنها میشد، دلش بر آنها میسوخت و تا زمانی که آن رهبر زنده بود به آنها کمک میکرد. | 18 |
और जब ख़ुदावन्द उनके लिए क़ाज़ियों को बरपा करता तो ख़ुदावन्द उस क़ाज़ी के साथ होता, और उस क़ाज़ी के जीते जी उनको उनके दुश्मनों के हाथ से छुड़ाया करता था; इसलिए कि जब वह अपने सताने वालों और दुख देने वालों के ज़रिए' कुढ़ते थे, तो ख़ुदावन्द ग़मगीन होता था।
اما وقتی که آن رهبر میمرد، قوم به کارهای زشت خود برمیگشتند و حتی بدتر از نسل قبل رفتار میکردند. آنها باز به سوی خدایان بتپرستان روی آورده، جلوی آنها زانو میزدند و آنها را عبادت مینمودند و با سرسختی به پیروی از رسوم زشت بتپرستان ادامه میدادند. | 19 |
लेकिन जब वह क़ाज़ी मर जाता, तो वह फिरकर और मा'बूदों की पैरवी में अपने बाप — दादा से भी ज़्यादा बिगड़ जाते और उनकी इबादत करते और उनको सिज्दा करते थे; वह न तो अपने कामों से और न अपनी घमंडी के चाल — चलन से बाज़ आए।
پس خشم خداوند بر بنیاسرائیل افروخته شد و فرمود: «چون این قوم پیمانی را که با پدران ایشان بستم شکستهاند و از من اطاعت نکردهاند، | 20 |
इसलिए ख़ुदावन्द का ग़ज़ब इस्राईल पर भड़का और उसने कहा, “चूँकि इन लोगों ने मेरे उस 'अहद को जिसका हुक्म मैं ने उनके बाप — दादा को दिया था, तोड़ डाला और मेरी बात नहीं सुनी।
من نیز قبایلی را که هنگام فوت یوشع هنوز مغلوب نشده بودند، بیرون نخواهم کرد. | 21 |
इसलिए मैं भी अब उन क़ौमों में से जिनको यशू'अ छोड़ कर मरा है, किसी को भी इनके आगे से दफ़ा' नहीं करूँगा।
بلکه آنها را برای آزمودن قوم خود میگذارم تا ببینم آیا آنها چون پدران خود، مرا اطاعت خواهند کرد یا نه.» | 22 |
ताकि मैं इस्राईल को उन ही के ज़रिए' से आज़माऊँ, कि वह ख़ुदावन्द की राह पर चलने के लिए अपने बाप — दादा की तरह क़ाईम रहेंगे या नहीं।”
پس خداوند آن قبایل را در سرزمین کنعان واگذاشت. او ایشان را توسط یوشع به کلی شکست نداده بود و بعد از مرگ یوشع نیز فوری آنها را بیرون نکرد. | 23 |
इसलिए ख़ुदावन्द ने उन कौमों को रहने दिया और उनको जल्द न निकाल दिया और यशू'अ के हाथ में भी उनको हवाले न किया।