< داوران 13 >
قوم اسرائیل بار دیگر نسبت به خداوند گناه ورزیدند. بنابراین خداوند ایشان را مدت چهل سال به دست فلسطینیها گرفتار نمود. | 1 |
१इस्राएलियों ने फिर यहोवा की दृष्टि में बुरा किया; इसलिए यहोवा ने उनको पलिश्तियों के वश में चालीस वर्ष के लिये रखा।
روزی فرشتهٔ خداوند بر همسر مانوح از قبیلهٔ دان که در شهر صرعه زندگی میکرد ظاهر شد. این زن، نازا بود و فرزندی نداشت، اما فرشته به او گفت: «هر چند تا به حال نازا بودهای، ولی بهزودی حامله شده، پسری خواهی زایید. | 2 |
२दान के कुल का सोरावासी मानोह नामक एक पुरुष था, जिसकी पत्नी के बाँझ होने के कारण कोई पुत्र न था।
३इस स्त्री को यहोवा के दूत ने दर्शन देकर कहा, “सुन, बाँझ होने के कारण तेरे बच्चा नहीं; परन्तु अब तू गर्भवती होगी और तेरे बेटा होगा।
مواظب باش شراب و مسکرات ننوشی و چیز حرام و ناپاک نخوری. | 4 |
४इसलिए अब सावधान रह, कि न तो तू दाखमधु या और किसी भाँति की मदिरा पीए, और न कोई अशुद्ध वस्तु खाए,
موی سر پسرت هرگز نباید تراشیده شود، چون او نذیره بوده، از بدو تولد وقف خدا خواهد بود. او شروع به رهانیدن اسرائیلیها از دست فلسطینیها خواهد کرد.» | 5 |
५क्योंकि तू गर्भवती होगी और तेरे एक बेटा उत्पन्न होगा। और उसके सिर पर छुरा न फिरे, क्योंकि वह जन्म ही से परमेश्वर का नाज़ीर रहेगा; और इस्राएलियों को पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाने में वही हाथ लगाएगा।”
آن زن با شتاب پیش شوهرش رفت و به او گفت: «مرد خدایی به من ظاهر شد که صورتش مانند فرشتهٔ خدا مهیب بود. من نام و نشانش را نپرسیدم و او هم اسم خود را به من نگفت. | 6 |
६उस स्त्री ने अपने पति के पास जाकर कहा, “परमेश्वर का एक जन मेरे पास आया था जिसका रूप परमेश्वर के दूत का सा अति भययोग्य था; और मैंने उससे न पूछा कि तू कहाँ का है? और न उसने मुझे अपना नाम बताया;
اما گفت که من صاحب پسری خواهم شد. او همچنین به من گفت که نباید شراب و مسکرات بنوشم و چیز حرام و ناپاکی بخورم؛ زیرا کودک نذیره بوده، از شکم مادر تا دم مرگ وقف خدا خواهد بود!» | 7 |
७परन्तु उसने मुझसे कहा, ‘सुन तू गर्भवती होगी और तेरे एक बेटा होगा; इसलिए अब न तो दाखमधु या और न किसी भाँति की मदिरा पीना, और न कोई अशुद्ध वस्तु खाना, क्योंकि वह लड़का जन्म से मरण के दिन तक परमेश्वर का नाज़ीर रहेगा।’”
آنگاه مانوح چنین دعا کرد: «ای خداوند، خواهش میکنم تو آن مرد خدا را دوباره نزد ما بفرستی تا او به ما یاد دهد با فرزندی که به ما میبخشی چه کنیم.» | 8 |
८तब मानोह ने यहोवा से यह विनती की, “हे प्रभु, विनती सुन, परमेश्वर का वह जन जिसे तूने भेजा था फिर हमारे पास आए, और हमें सिखाए कि जो बालक उत्पन्न होनेवाला है उससे हम क्या-क्या करें।”
خدا دعای وی را اجابت فرمود و فرشتهٔ خدا بار دیگر بر زن او که در صحرا نشسته بود، ظاهر شد. این بار هم شوهرش مانوح نزد وی نبود. | 9 |
९मानोह की यह बात परमेश्वर ने सुन ली, इसलिए जब वह स्त्री मैदान में बैठी थी, और उसका पति मानोह उसके संग न था, तब परमेश्वर का वही दूत उसके पास आया।
پس او دویده، به شوهرش گفت: «آن مردی که به من ظاهر شده بود، باز هم آمده است!» | 10 |
१०तब उस स्त्री ने झट दौड़कर अपने पति को यह समाचार दिया, “जो पुरुष उस दिन मेरे पास आया था उसी ने मुझे दर्शन दिया है।”
مانوح شتابان همراه همسرش نزد آن مرد آمده، از او پرسید: «آیا تو همان مردی هستی که با زن من صحبت کرده بودی؟» فرشته گفت: «بله.» | 11 |
११यह सुनते ही मानोह उठकर अपनी पत्नी के पीछे चला, और उस पुरुष के पास आकर पूछा, “क्या तू वही पुरुष है जिसने इस स्त्री से बातें की थीं?” उसने कहा, “मैं वही हूँ।”
پس مانوح از او پرسید: «بعد از تولد بچه چگونه باید او را بزرگ کنیم؟» | 12 |
१२मानोह ने कहा, “जब तेरे वचन पूरे हो जाएँ तो, उस बालक का कैसा ढंग और उसका क्या काम होगा?”
فرشته جواب داد: «زن تو باید از آنچه که او را منع کردم، پرهیز کند. او نباید از محصول درخت انگور بخورد یا شراب و مسکرات بنوشد. او همچنین نباید چیز حرام و ناپاک بخورد. او باید هر چه به او امر کردهام بجا آورد.» | 13 |
१३यहोवा के दूत ने मानोह से कहा, “जितनी वस्तुओं की चर्चा मैंने इस स्त्री से की थी उन सबसे यह परे रहे।
१४यह कोई वस्तु जो दाखलता से उत्पन्न होती है न खाए, और न दाखमधु या और किसी भाँति की मदिरा पीए, और न कोई अशुद्ध वस्तु खाए; और जो आज्ञा मैंने इसको दी थी उसी को यह माने।”
آنگاه مانوح به فرشته گفت: «خواهش میکنم همین جا بمان تا بروم و برایت غذایی بیاورم.» | 15 |
१५मानोह ने यहोवा के दूत से कहा, “हम तुझको रोक लें, कि तेरे लिये बकरी का एक बच्चा पकाकर तैयार करें।”
فرشته جواب داد: «در اینجا منتظر میمانم، ولی چیزی نمیخورم. اگر میخواهی چیزی بیاوری، هدیهای بیاور که به عنوان قربانی سوختنی به خداوند تقدیم گردد.» (مانوح هنوز نمیدانست که او فرشتهٔ خداوند است.) | 16 |
१६यहोवा के दूत ने मानोह से कहा, “चाहे तू मुझे रोक रखे, परन्तु मैं तेरे भोजन में से कुछ न खाऊँगा; और यदि तू होमबलि करना चाहे तो यहोवा ही के लिये कर।” (मानोह तो न जानता था, कि यह यहोवा का दूत है।)
سپس مانوح نام او را پرسیده، گفت: «وقتی هر آنچه گفتهای واقع گردد میخواهیم به مردم بگوییم که چه کسی این پیشگویی را کرده است!» | 17 |
१७मानोह ने यहोवा के दूत से कहा, “अपना नाम बता, इसलिए कि जब तेरी बातें पूरी हों तब हम तेरा आदरमान कर सके।”
فرشته گفت: «نام مرا نپرس، زیرا نام عجیبی است!» | 18 |
१८यहोवा के दूत ने उससे कहा, “मेरा नाम तो अद्भुत है, इसलिए तू उसे क्यों पूछता है?”
پس مانوح بزغاله و هدیهای از آرد گرفته، آن را روی مذبحی سنگی به خداوند تقدیم کرد و فرشته عمل عجیبی انجام داد. | 19 |
१९तब मानोह ने अन्नबलि समेत बकरी का एक बच्चा लेकर चट्टान पर यहोवा के लिये चढ़ाया तब उस दूत ने मानोह और उसकी पत्नी के देखते-देखते एक अद्भुत काम किया।
وقتی شعلههای آتش مذبح به سوی آسمان زبانه کشید فرشته در شعلهٔ آتش به آسمان صعود نمود! مانوح و زنش با دیدن این واقعه رو بر زمین نهادند و مانوح فهمید که او فرشتهٔ خداوند بوده است. این آخرین باری بود که آنها او را دیدند. | 20 |
२०अर्थात् जब लौ उस वेदी पर से आकाश की ओर उठ रही थी, तब यहोवा का दूत उस वेदी की लौ में होकर मानोह और उसकी पत्नी के देखते-देखते चढ़ गया; तब वे भूमि पर मुँह के बल गिरे।
२१परन्तु यहोवा के दूत ने मानोह और उसकी पत्नी को फिर कभी दर्शन न दिया। तब मानोह ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था।
مانوح به همسر خود گفت: «ما خواهیم مرد، زیرا خدا را دیدیم!» | 22 |
२२तब मानोह ने अपनी पत्नी से कहा, “हम निश्चय मर जाएँगे, क्योंकि हमने परमेश्वर का दर्शन पाया है।”
ولی زنش به او گفت: «اگر خداوند میخواست ما را بکشد هدیه و قربانی ما را قبول نمیکرد، این وعدهٔ عجیب را به ما نمیداد و این کار عجیب را به عمل نمیآورد.» | 23 |
२३उसकी पत्नी ने उससे कहा, “यदि यहोवा हमें मार डालना चाहता, तो हमारे हाथ से होमबलि और अन्नबलि ग्रहण न करता, और न वह ऐसी सब बातें हमको दिखाता, और न वह इस समय हमें ऐसी बातें सुनाता।”
آن زن پسری به دنیا آورد و او را «سامسون» نام نهاد. او رشد کرد و بزرگ شد و خداوند او را برکت داد. | 24 |
२४और उस स्त्री के एक बेटा उत्पन्न हुआ, और उसका नाम शिमशोन रखा; और वह बालक बढ़ता गया, और यहोवा उसको आशीष देता रहा।
هر وقت که سامسون به لشکرگاه دان که بین صرعه و اِشتائُل قرار داشت میرفت، روح خداوند وی را به غیرت میآورد. | 25 |
२५और यहोवा का आत्मा सोरा और एश्ताओल के बीच महनेदान में उसको उभारने लगा।