< یوشع 6 >
مردم شهر اریحا از ترس اسرائیلیها دروازههای شهر را محکم بسته بودند و به کسی اجازۀ رفت و آمد نمیدادند. | 1 |
१यरीहो के सब फाटक इस्राएलियों के डर के मारे लगातार बन्द रहे, और कोई बाहर भीतर आने-जाने नहीं पाता था।
خداوند به یوشع فرمود: «من شهر اریحا را با پادشاه و سربازانش به تو تسلیم میکنم. | 2 |
२फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, “सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूँ।
تمام مردان جنگی شما باید تا شش روز، و روزی یک بار شهر را دور بزنند. هفت کاهن پیشاپیش صندوق عهد، در جلوی شما حرکت کنند و هر یک از آنها یک شیپور که از شاخ قوچ درست شده، در دست خود بگیرند. در روز هفتم در حالی که کاهنان شیپور مینوازند شما به جای یک بار، هفت بار شهر را دور بزنید. | 3 |
३सो तुम में जितने योद्धा हैं नगर को घेर लें, और उस नगर के चारों ओर एक बार घूम आएँ। और छः दिन तक ऐसा ही किया करना।
४और सात याजक सन्दूक के आगे-आगे मेढ़ों के सींगों के सात नरसिंगे लिए हुए चलें; फिर सातवें दिन तुम नगर के चारों ओर सात बार घूमना, और याजक भी नरसिंगे फूँकते चलें।
آنگاه وقتی صدای ممتد و بلند شیپورها را بشنوید، همه با هم با صدای بلند فریاد بزنید تا دیوار شهر فرو ریزد. آنگاه از هر سو به داخل شهر هجوم ببرید.» | 5 |
५और जब वे मेढ़ों के सींगों के नरसिंगे देर तक फूँकते रहें, तब सब लोग नरसिंगे का शब्द सुनते ही बड़ी ध्वनि से जयजयकार करें; तब नगर की शहरपनाह नींव से गिर जाएगी, और सब लोग अपने-अपने सामने चढ़ जाएँ।”
یوشع کاهنان را احضار نمود و به ایشان گفت: «صندوق عهد را بردارید و هفت نفر از شما شیپور در دست بگیرید و پیشاپیش آن حرکت کنید.» | 6 |
६सो नून के पुत्र यहोशू ने याजकों को बुलवाकर कहा, “वाचा के सन्दूक को उठा लो, और सात याजक यहोवा के सन्दूक के आगे-आगे मेढ़ों के सींगों के सात नरसिंगे लिए चलें।”
سپس به افرادش دستور داد تا شروع کنند به دور زدن شهر، در حالی که مردان مسلح، پیشاپیش کاهنان حرکت میکردند. | 7 |
७फिर उसने लोगों से कहा, “आगे बढ़कर नगर के चारों ओर घूम आओ; और हथियार-बन्द पुरुष यहोवा के सन्दूक के आगे-आगे चलें।”
پس طبق فرمان یوشع، مردان مسلح پیشاپیش کاهنانی که شیپور مینواختند حرکت کردند. سپس کاهنانی که صندوق عهد را حمل میکردند به دنبال آنها به حرکت درآمدند. پشت سر آنها نیز بقیهٔ سربازان روانه شدند. در تمام این مدت شیپورها همچنان نواخته میشد. | 8 |
८और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के सामने सात नरसिंगे लिए हुए थे नरसिंगे फूँकते हुए चले, और यहोवा की वाचा का सन्दूक उनके पीछे-पीछे चला।
९और हथियार-बन्द पुरुष नरसिंगे फूँकनेवाले याजकों के आगे-आगे चले, और पीछेवाले सन्दूक के पीछे-पीछे चले, और याजक नरसिंगे फूँकते हुए चले।
اما یوشع به افرادش گفته بود که حرف نزنند و فریاد برنیاورند تا وقتی که او دستور دهد. | 10 |
१०और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, “जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूँ, तब तक जयजयकार न करना, और न तुम्हारा कोई शब्द सुनने में आए, न कोई बात तुम्हारे मुँह से निकलने पाए; आज्ञा पाते ही जयजयकार करना।”
آن روز صندوق عهد را یک بار به دور شهر گرداندند و پس از آن برای استراحت به اردوگاه بازگشتند و شب را در آنجا به سر بردند. | 11 |
११उसने यहोवा के सन्दूक को एक बार नगर के चारों ओर घुमवाया; तब वे छावनी में आए, और रात वहीं काटी।
روز بعد، صبح زود یک بار دیگر شهر را به همان ترتیب دور زدند و دوباره بازگشتند و استراحت کردند. این کار شش روز تکرار شد. | 12 |
१२यहोशू सवेरे उठा, और याजकों ने यहोवा का सन्दूक उठा लिया।
१३और उन सात याजकों ने मेढ़ों के सींगों के सात नरसिंगे लिए और यहोवा के सन्दूक के आगे-आगे फूँकते हुए चले; और उनके आगे हथियार-बन्द पुरुष चले, और पीछेवाले यहोवा के सन्दूक के पीछे-पीछे चले, और याजक नरसिंगे फूँकते चले गए।
१४इस प्रकार वे दूसरे दिन भी एक बार नगर के चारों ओर घूमकर छावनी में लौट आए। और इसी प्रकार उन्होंने छः दिन तक किया।
روز هفتم نیز صبح زود برخاستند ولی به جای یک بار، هفت بار شهر را دور زدند. | 15 |
१५फिर सातवें दिन वे बड़े तड़के उठकर उसी रीति से नगर के चारों ओर सात बार घूम आए; केवल उसी दिन वे सात बार घूमे।
در دور هفتم وقتی کاهنان شیپورها را با صدای ممتد و بلند نواختند یوشع به افرادش دستور داد: «با صدای بلند فریاد برآورید، زیرا خداوند شهر را به ما تسلیم کرده است! | 16 |
१६तब सातवीं बार जब याजक नरसिंगे फूँकते थे, तब यहोशू ने लोगों से कहा, “जयजयकार करो; क्योंकि यहोवा ने यह नगर तुम्हें दे दिया है।
این شهر با هر چه که در آن است حرام میباشد، پس آن را به کلی نابود کنید و فقط راحاب روسپی را با کسانی که در خانهٔ او هستند زنده نگه دارید، زیرا او از جاسوسان ما حمایت نمود. | 17 |
१७और नगर और जो कुछ उसमें है यहोवा के लिये अर्पण की वस्तु ठहरेगी; केवल राहाब वेश्या और जितने उसके घर में हों वे जीवित छोड़े जाएँगे, क्योंकि उसने हमारे भेजे हुए दूतों को छिपा रखा था।
مواظب باشید که چیزی را به غنیمت نبرید، چون همه چیز حرام است. اگر چیزی برای خود بردارید قوم اسرائیل را به مصیبت و نابودی دچار خواهید کرد. | 18 |
१८और तुम अर्पण की हुई वस्तुओं से सावधानी से अपने आपको अलग रखो, ऐसा न हो कि अर्पण की वस्तु ठहराकर बाद में उसी अर्पण की वस्तु में से कुछ ले लो, और इस प्रकार इस्राएली छावनी को भ्रष्ट करके उसे कष्ट में डाल दो।
اما طلا و نقره و ظروف مسی و آهنی از آن خداوند خواهد بود و باید به خزانهٔ او آورده شود.» | 19 |
१९सब चाँदी, सोना, और जो पात्र पीतल और लोहे के हैं, वे यहोवा के लिये पवित्र हैं, और उसी के भण्डार में रखे जाएँ।”
پس قوم اسرائیل وقتی صدای بلند شیپور را شنیدند، با صدای هر چه بلندتر فریاد برآوردند. ناگهان دیوار شهر اریحا در برابر اسرائیلیها فرو ریخت! بنابراین قوم اسرائیل از هر سو به داخل شهر هجوم بردند و آن را تصرف کردند. | 20 |
२०तब लोगों ने जयजयकार किया, और याजक नरसिंगे फूँकते रहे। और जब लोगों ने नरसिंगे का शब्द सुना तो फिर बड़ी ही ध्वनि से उन्होंने जयजयकार किया, तब शहरपनाह नींव से गिर पड़ी, और लोग अपने-अपने सामने से उस नगर में चढ़ गए, और नगर को ले लिया।
هر چه که در شهر بود از بین بردند زن و مرد، پیر و جوان، گاو و گوسفند و الاغ، همه را از دم شمشیر گذراندند. | 21 |
२१और क्या पुरुष, क्या स्त्री, क्या जवान, क्या बूढ़े, वरन् बैल, भेड़-बकरी, गदहे, और जितने नगर में थे, उन सभी को उन्होंने अर्पण की वस्तु जानकर तलवार से मार डाला।
در این هنگام یوشع به آن دو مردی که قبلاً برای جاسوسی به اریحا فرستاده شده بودند، گفت: «به قول خود وفا کنید و به خانهٔ آن فاحشه بروید و او را با کسانی که در خانهاش هستند، نجات دهید.» | 22 |
२२तब यहोशू ने उन दोनों पुरुषों से जो उस देश का भेद लेने गए थे कहा, “अपनी शपथ के अनुसार उस वेश्या के घर में जाकर उसको और जो उसके पास हों उन्हें भी निकाल ले आओ।”
آن دو نفر رفته، راحاب را با پدر و مادر و برادران و سایر بستگانش آوردند و ایشان را بیرون اردوگاه اسرائیل جا دادند. | 23 |
२३तब वे दोनों जवान भेदिए भीतर जाकर राहाब को, और उसके माता-पिता, भाइयों, और सब को जो उसके यहाँ रहते थे, वरन् उसके सब कुटुम्बियों को निकाल लाए, और इस्राएल की छावनी से बाहर बैठा दिया।
بعد از نجات راحاب و خانوادهٔ او، اسرائیلیها طلا و نقره و ظروف مسی و آهنی را برای خزانهٔ خانهٔ خداوند جمع نمودند و شهر را به آتش کشیدند. | 24 |
२४तब उन्होंने नगर को, और जो कुछ उसमें था, सब को आग लगाकर फूँक दिया; केवल चाँदी, सोना, और जो पात्र पीतल और लोहे के थे, उनको उन्होंने यहोवा के भवन के भण्डार में रख दिया।
بدین ترتیب، یوشع راحاب و بستگانش را که در خانهاش بودند زنده نگاه داشت. آنها تا به امروز با قوم اسرائیل زندگی میکنند، زیرا راحاب آن دو جاسوس را که یوشع به اریحا فرستاده بود، در خانهٔ خود پناه داد. | 25 |
२५और यहोशू ने राहाब वेश्या और उसके पिता के घराने को, वरन् उसके सब लोगों को जीवित छोड़ दिया; और आज तक उसका वंश इस्राएलियों के बीच में रहता है, क्योंकि जो दूत यहोशू ने यरीहो के भेद लेने को भेजे थे उनको उसने छिपा रखा था।
بعد یوشع هشدار داده، گفت: «لعنت خداوند بر کسی که اقدام به بازسازی شهر اریحا کند. او به قیمت جان پسر ارشدش پایههای آن را خواهد نهاد و به قیمت جان پسر کوچکش دروازههای آن را بر پا خواهد نمود.» | 26 |
२६फिर उसी समय यहोशू ने इस्राएलियों के सम्मुख शपथ रखी, और कहा, “जो मनुष्य उठकर इस नगर यरीहो को फिर से बनाए वह यहोवा की ओर से श्रापित हो। “जब वह उसकी नींव डालेगा तब तो उसका जेठा पुत्र मरेगा, और जब वह उसके फाटक लगवाएगा तब उसका छोटा पुत्र मर जाएगा।”
شهرت یوشع در همه جا پیچید، زیرا خداوند با وی بود. | 27 |
२७और यहोवा यहोशू के संग रहा; और यहोशू की कीर्ति उस सारे देश में फैल गई।