< ایوب 4 >
آنگاه الیفاز تیمانی پاسخ داد: | 1 |
И отвечал Елифаз Феманитянин и сказал:
ای ایوب، آیا اجازه میدهی چند کلمهای حرف بزنم؟ چون دیگر نمیتوانم ساکت بمانم. | 2 |
если попытаемся мы сказать к тебе слово, - не тяжело ли будет тебе? Впрочем кто может возбранить слову!
تو در گذشته بسیاری را نصیحت کردهای که به خدا توکل جویند. به ضعیفان و بیچارگان و کسانی که گرفتار یأس بودند، قوت قلب دادهای. | 3 |
Вот, ты наставлял многих и опустившиеся руки поддерживал,
падающего восставляли слова твои, и гнущиеся колени ты укреплял.
ولی اکنون که مصیبت به سراغ تو آمده است بیطاقت و پریشان شدهای. | 5 |
А теперь дошло до тебя, и ты изнемог; коснулось тебя, и ты упал духом.
آیا اطمینان تو نباید بر خداترسیات باشد، و امید تو بر زندگی بیعیبی که داری؟ | 6 |
Богобоязненность твоя не должна ли быть твоею надеждою, и непорочность путей твоих - упованием твоим?
قدری فکر کن و ببین آیا تا به حال دیدهای انسانی درستکار و بیگناهی هلاک شود؟ | 7 |
Вспомни же, погибал ли кто невинный, и где праведные бывали искореняемы?
تجربه من نشان میدهد که هر چه بکاری همان را درو میکنی. کسانی که گناه و بدی میکارند همان را درو میکنند. | 8 |
Как я видал, то оравшие нечестие и сеявшие зло пожинают его;
دَمِ خدا آنها را نابود میکند، و آنها از بادِ غضبش تباه میشوند. | 9 |
от дуновения Божия погибают и от духа гнева Его исчезают.
شیر میغُرّد و شیر ژیان نعره میکشد، اما دندانهای شیران قوی خواهند شکست. | 10 |
Рев льва и голос рыкающего умолкает, и зубы скимнов сокрушаются;
شیر نر از گرسنگی تلف میشود و تمام بچههایش پراکنده میگردند. | 11 |
могучий лев погибает без добычи, и дети львицы рассеиваются.
سخنی در خفا به من رسید، گویی کسی در گوشم زمزمه میکرد. | 12 |
И вот, ко мне тайно принеслось слово, и ухо мое приняло нечто от него.
این سخن در رویایی آشفته، هنگامی که مردم در خوابی سنگین بودند بر من آشکار گشت. | 13 |
Среди размышлений о ночных видениях, когда сон находит на людей,
ناگهان ترس وجودم را فرا گرفت و لرزه بر استخوانهایم افتاد. | 14 |
объял меня ужас и трепет и потряс все кости мои.
روحی از برابر من گذشت و موی بر تنم راست شد! | 15 |
И дух прошел надо мною; дыбом стали волосы на мне.
حضور روح را احساس میکردم، ولی نمیتوانستم او را ببینم. سپس در آن سکوت وحشتناک این ندا به گوشم رسید: | 16 |
Он стал, - но я не распознал вида его, - только облик был пред глазами моими; тихое веяние, - и я слышу голос:
«آیا انسان خاکی میتواند در نظر خدای خالق، پاک و بیگناه به حساب بیاید؟ | 17 |
человек праведнее ли Бога? и муж чище ли Творца своего?
خدا حتی به فرشتگان آسمان نیز اعتماد ندارد و بر خادمان خود خرده میگیرد، | 18 |
Вот, Он и слугам Своим не доверяет и в Ангелах Своих усматривает недостатки:
چه برسد به آدمیانی که از خاک آفریده شدهاند و مانند بید ناپایدارند. | 19 |
тем более - в обитающих в храминах из брения, которых основание прах, которые истребляются скорее моли.
صبح، زندهاند و شب، میمیرند و برای همیشه از بین میروند و اثری از آنها باقی نمیماند. | 20 |
Между утром и вечером они распадаются; не увидишь, как они вовсе исчезнут.
طنابِ خیمۀ آنها کشیده میشود و خیمه فرو میافتد، و آنها در جهالت میمیرند.» | 21 |
Не погибают ли с ними и достоинства их? Они умирают, не достигнув мудрости.