< ایوب 25 >

آنگاه بلدد شوحی پاسخ داد: 1
तब शूही बिल्दद ने कहा,
خدا توانا و مهیب است؛ او در آسمانها آرامش برقرار می‌کند. 2
“प्रभुता करना और डराना यह उसी का काम है; वह अपने ऊँचे-ऊँचे स्थानों में शान्ति रखता है।
کیست که بتواند لشکرهای آسمانی او را بشمارد؟ کیست که نور خدا بر او نتابیده باشد؟ 3
क्या उसकी सेनाओं की गिनती हो सकती? और कौन है जिस पर उसका प्रकाश नहीं पड़ता?
انسانی که از زن زائیده شده، چگونه می‌تواند در برابر خدا پاک و بی‌گناه به حساب بیاید؟ 4
फिर मनुष्य परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी कैसे ठहर सकता है? और जो स्त्री से उत्पन्न हुआ है वह कैसे निर्मल हो सकता है?
حتی ماه و ستارگان در نظر او پاک و نورانی نیستند، 5
देख, उसकी दृष्टि में चन्द्रमा भी अंधेरा ठहरता, और तारे भी निर्मल नहीं ठहरते।
چه رسد به انسان که حشره یا کرمی بیش نیست. 6
फिर मनुष्य की क्या गिनती जो कीड़ा है, और आदमी कहाँ रहा जो केंचुआ है!”

< ایوب 25 >