< ایوب 12 >
آیا فکر میکنید عقل کل هستید؟ و اگر بمیرید حکمت هم با شما خواهد مرد؟ | 2 |
२“निःसन्देह मनुष्य तो तुम ही हो और जब तुम मरोगे तब बुद्धि भी जाती रहेगी।
من هم مثل شما فهم دارم و از شما کمتر نیستم. کیست که این چیزهایی را که شما گفتهاید نداند؟ | 3 |
३परन्तु तुम्हारे समान मुझ में भी समझ है, मैं तुम लोगों से कुछ नीचा नहीं हूँ कौन ऐसा है जो ऐसी बातें न जानता हो?
اکنون مایه خنده دوستان خود شدهام زیرا خدا را میطلبم و انتظار پاسخ او را میکشم. آری، مرد درستکار و بیعیب مورد تمسخر واقع شده است. | 4 |
४मैं परमेश्वर से प्रार्थना करता था, और वह मेरी सुन लिया करता था; परन्तु अब मेरे मित्र मुझ पर हँसते हैं; जो धर्मी और खरा मनुष्य है, वह हँसी का कारण हो गया है।
اشخاصی که آسوده هستند رنجدیدگان را اهانت میکنند و افتادگان را خوار میشمارند. | 5 |
५दुःखी लोग तो सुखी लोगों की समझ में तुच्छ जाने जाते हैं; और जिनके पाँव फिसलते हैं उनका अपमान अवश्य ही होता है।
دزدان و خدانشناسان اگرچه به قدرتشان متکی هستند و نه به خدا، ولی در امنیت و آسایشند. | 6 |
६डाकुओं के डेरे कुशल क्षेम से रहते हैं, और जो परमेश्वर को क्रोध दिलाते हैं, वह बहुत ही निडर रहते हैं; अर्थात् उनका ईश्वर उनकी मुट्ठी में रहता हैं;
کیست که آنچه را شما میگویید نداند؟ حتی اگر از حیوانات و پرندگان هم بپرسید این چیزها را به شما یاد خواهند داد. اگر از زمین و دریا سؤال کنید به شما خواهند گفت که دست خداوند این همه را آفریده است. | 7 |
७“पशुओं से तो पूछ और वे तुझे सिखाएँगे; और आकाश के पक्षियों से, और वे तुझे बताएँगे।
८पृथ्वी पर ध्यान दे, तब उससे तुझे शिक्षा मिलेगी; और समुद्र की मछलियाँ भी तुझ से वर्णन करेंगी।
९कौन इन बातों को नहीं जानता, कि यहोवा ही ने अपने हाथ से इस संसार को बनाया है?
جان هر موجود زنده و نفس تمام بشر در دست خداست. | 10 |
१०उसके हाथ में एक-एक जीवधारी का प्राण, और एक-एक देहधारी मनुष्य की आत्मा भी रहती है।
درست همانطور که دهانم مزهٔ خوراک خوب را میفهمد، همچنان وقتی حقیقت را میشنوم گوشم آن را تشخیص میدهد. | 11 |
११जैसे जीभ से भोजन चखा जाता है, क्या वैसे ही कान से वचन नहीं परखे जाते?
شما میگویید: «اشخاص پیر حکیم هستند و همه چیز را درک میکنند.» | 12 |
१२बूढ़ों में बुद्धि पाई जाती है, और लम्बी आयु वालों में समझ होती तो है।
اما حکمت و قدرت واقعی از آن خداست. فقط او میداند که چه باید کرد. | 13 |
१३“परमेश्वर में पूरी बुद्धि और पराक्रम पाए जाते हैं; युक्ति और समझ उसी में हैं।
آنچه را که او خراب کند دوباره نمیتوان بنا کرد. وقتی که او عرصه را بر انسان تنگ نماید، راه گریزی نخواهد بود. | 14 |
१४देखो, जिसको वह ढा दे, वह फिर बनाया नहीं जाता; जिस मनुष्य को वह बन्द करे, वह फिर खोला नहीं जाता।
او جلوی باران را میگیرد و زمین خشک میشود. طوفانها میفرستد و زمین را غرق آب میکند. | 15 |
१५देखो, जब वह वर्षा को रोक रखता है तो जल सूख जाता है; फिर जब वह जल छोड़ देता है तब पृथ्वी उलट जाती है।
آری، قدرت و حکمت از آن اوست. فریبدهندگان و فریبخوردگان هر دو در دست او هستند. | 16 |
१६उसमें सामर्थ्य और खरी बुद्धि पाई जाती है; धोखा देनेवाला और धोखा खानेवाला दोनों उसी के हैं।
او حکمت مشاوران و رهبران را از آنها میگیرد و آنها را احمق میسازد. | 17 |
१७वह मंत्रियों को लूटकर बँधुआई में ले जाता, और न्यायियों को मूर्ख बना देता है।
ردای پادشاهی را از تن پادشاهان درآورده، بر کمرشان بند مینهد و آنها را به اسارت میبرد. | 18 |
१८वह राजाओं का अधिकार तोड़ देता है; और उनकी कमर पर बन्धन बन्धवाता है।
کاهنان را پست میسازد و زورمندان را سرنگون مینماید. | 19 |
१९वह याजकों को लूटकर बँधुआई में ले जाता और सामर्थियों को उलट देता है।
صدای سخنوران و بصیرت ریشسفیدان را از ایشان میگیرد. | 20 |
२०वह विश्वासयोग्य पुरुषों से बोलने की शक्ति और पुरनियों से विवेक की शक्ति हर लेता है।
بزرگان را حقیر و صاحبان قدرت را خلع سلاح میسازد. | 21 |
२१वह हाकिमों को अपमान से लादता, और बलवानों के हाथ ढीले कर देता है।
او اسرار نهفته در تاریکی را فاش میسازد و تیرگی و ظلمت را به روشنایی تبدیل میکند. | 22 |
२२वह अंधियारे की गहरी बातें प्रगट करता, और मृत्यु की छाया को भी प्रकाश में ले आता है।
قومها را نیرومند میسازد، سپس آنها را نابود میکند؛ قبیلهها را زیاد میکند، سپس آنها را به اسارت میفرستد. | 23 |
२३वह जातियों को बढ़ाता, और उनको नाश करता है; वह उनको फैलाता, और बँधुआई में ले जाता है।
رهبران ممالک را احمق ساخته، حیران و سرگردان رها میسازد | 24 |
२४वह पृथ्वी के मुख्य लोगों की बुद्धि उड़ा देता, और उनको निर्जन स्थानों में जहाँ रास्ता नहीं है, भटकाता है।
و آنها در تاریکی مثل کورها راه میروند و مانند مستها تلوتلو میخورند. | 25 |
२५वे बिन उजियाले के अंधेरे में टटोलते फिरते हैं; और वह उन्हें ऐसा बना देता है कि वे मतवाले के समान डगमगाते हुए चलते हैं।