< ارمیا 5 >
خداوند میفرماید: «تمام کوچههای اورشلیم را بگردید. بر سر چهارراهها بایستید. همه جا را خوب جستجو کنید! اگر بتوانید حتی یک شخص با انصاف و درستکار پیدا کنید، من این شهر را از بین نخواهم برد! | 1 |
१यरूशलेम की सड़कों में इधर-उधर दौड़कर देखो! उसके चौकों में ढूँढ़ो यदि कोई ऐसा मिल सके जो न्याय से काम करे और सच्चाई का खोजी हो; तो मैं उसका पाप क्षमा करूँगा।
این قوم حتی به نام من قسم میخورند!» | 2 |
२यद्यपि उसके निवासी यहोवा के जीवन की शपथ भी खाएँ, तो भी निश्चय वे झूठी शपथ खाते हैं।
ای خداوند، تو به یک چیز اهمیت میدهی و آن راستی و درستی است. تو سعی کردی ایشان را اصلاح کنی، اما آنها نخواستند؛ هر چند ایشان را زدی، ولی دردی احساس نکردند! روی خود را از سنگ هم سختتر کردهاند و نمیخواهند توبه کنند. | 3 |
३हे यहोवा, क्या तेरी दृष्टि सच्चाई पर नहीं है? तूने उनको दुःख दिया, परन्तु वे शोकित नहीं हुए; तूने उनको नाश किया, परन्तु उन्होंने ताड़ना से भी नहीं माना। उन्होंने अपना मन चट्टान से भी अधिक कठोर किया है; उन्होंने पश्चाताप करने से इन्कार किया है।
آنگاه گفتم: «از اشخاص فقیر و نادان چه انتظاری میشود داشت؟ آنها از راهها و فرمانهای خدا چیزی نمیفهمند! پس چطور میتوانند دستورهای او را اطاعت کنند؟ | 4 |
४फिर मैंने सोचा, “ये लोग तो कंगाल और मूर्ख ही हैं; क्योंकि ये यहोवा का मार्ग और अपने परमेश्वर का नियम नहीं जानते।
بنابراین نزد رهبران ایشان رفته و با آنها وارد گفتگو خواهم شد، زیرا آنها راههای خداوند و دستورهای او را میدانند.» ولی دیدم که ایشان هم از پیروی خدا برگشته و علیه او سر به طغیان برداشتهاند. | 5 |
५इसलिए मैं बड़े लोगों के पास जाकर उनको सुनाऊँगा; क्योंकि वे तो यहोवा का मार्ग और अपने परमेश्वर का नियम जानते हैं।” परन्तु उन सभी ने मिलकर जूए को तोड़ दिया है और बन्धनों को खोल डाला है।
به همین دلیل شیرهای درندهٔ جنگل به جان ایشان خواهند افتاد، گرگهای بیابان به ایشان حمله خواهند کرد و پلنگها در اطراف شهرهایشان کمین خواهند کرد تا هر کس را که بیرون برود، پارهپاره کنند؛ زیرا گناهانشان از حد گذشته و بارها از خدا روی برگرداندهاند. | 6 |
६इस कारण वन में से एक सिंह आकर उन्हें मार डालेगा, निर्जल देश का एक भेड़िया उनको नाश करेगा। और एक चीता उनके नगरों के पास घात लगाए रहेगा, और जो कोई उनमें से निकले वह फाड़ा जाएगा; क्योंकि उनके अपराध बहुत बढ़ गए हैं और वे मुझसे बहुत ही दूर हट गए हैं।
خداوند میگوید: «دیگر چگونه میتوانم شما را ببخشم؟ چون حتی فرزندانتان مرا ترک گفتهاند و آنچه را که خدا نیست میپرستند. من خوراک به آنها دادم تا سیر بشوند، ولی به جای تشکر، غرق زناکاری شدند و وقت خود را با فاحشهها تلف کردند. | 7 |
७“मैं क्यों तेरा पाप क्षमा करूँ? तेरे लड़कों ने मुझ को छोड़कर उनकी शपथ खाई है जो परमेश्वर नहीं है। जब मैंने उनका पेट भर दिया, तब उन्होंने व्यभिचार किया और वेश्याओं के घरों में भीड़ की भीड़ जाते थे।
آنها مثل اسبان سیر و سرحالی هستند که برای جفت مادهٔ همسایهٔ خود شیهه میکشند. | 8 |
८वे खिलाए-पिलाए बे-लगाम घोड़ों के समान हो गए, वे अपने-अपने पड़ोसी की स्त्री पर हिनहिनाने लगे।
آیا برای این کارهای شرمآور تنبیهشان نکنم؟ آیا نباید از چنین قومی انتقام بگیرم؟ | 9 |
९क्या मैं ऐसे कामों का उन्हें दण्ड न दूँ? यहोवा की यह वाणी है; क्या मैं ऐसी जाति से अपना पलटा न लूँ?
«پس ای دشمنان به تاکستانهایشان هجوم ببرید و خرابشان کنید! ولی به کلی نابود نکنید. شاخههایشان را قطع کنید، چون از آن خداوند نیستند. | 10 |
१०“शहरपनाह पर चढ़कर उसका नाश तो करो, तो भी उसका अन्त मत कर डालो; उसकी जड़ रहने दो परन्तु उसकी डालियों को तोड़कर फेंक दो, क्योंकि वे यहोवा की नहीं हैं।
خداوند میفرماید: مردم اسرائیل و مردم یهودا به من خیانت بزرگی کردهاند؛ | 11 |
११यहोवा की यह वाणी है कि इस्राएल और यहूदा के घरानों ने मुझसे बड़ा विश्वासघात किया है।
آنها دربارۀ من به دروغ گفتهاند:”او با ما کاری ندارد! هیچ بلایی بر سر ما نخواهد آمد. نه قحطی خواهد شد و نه جنگ. | 12 |
१२“उन्होंने यहोवा की बातें झुठलाकर कहा, ‘वह ऐसा नहीं है; विपत्ति हम पर न पड़ेगी, न हम तलवार को और न अकाल को देखेंगे।
انبیا، همگی طبلهای توخالی هستند و کلام خدا در دهان هیچیک از ایشان نیست؛ بلایی که ما را از آن میترسانند، بر سر خودشان خواهد آمد!“» | 13 |
१३भविष्यद्वक्ता हवा हो जाएँगे; उनमें परमेश्वर का वचन नहीं है। उनके साथ ऐसा ही किया जाएगा!’”
از این رو خداوند، خدای لشکرهای آسمان، به من چنین فرمود: «برای این گونه سخنان است که من کلام خود را در دهان تو ای ارمیا، مانند آتش میسازم و این قوم را همانند هیزم میگردانم تا ایشان را بسوزاند.» | 14 |
१४इस कारण सेनाओं का परमेश्वर यहोवा यह कहता है: “ये लोग जो ऐसा कहते हैं, इसलिए देख, मैं अपना वचन तेरे मुँह में आग, और इस प्रजा को काठ बनाऊँगा, और वह उनको भस्म करेगी।
خداوند میفرماید: «ای بنیاسرائیل، من قومی را از دور دست بر ضد تو خواهم فرستاد، قومی نیرومند و قدیمی که زبانشان را نمیفهمی. | 15 |
१५यहोवा की यह वाणी है, हे इस्राएल के घराने, देख, मैं तुम्हारे विरुद्ध दूर से ऐसी जाति को चढ़ा लाऊँगा जो सामर्थी और प्राचीन है, उसकी भाषा तुम न समझोगे, और न यह जानोगे कि वे लोग क्या कह रहे हैं।
کمانداران آنها همه جنگجویانی نیرومندند که بدون ترحم میکشند. | 16 |
१६उनका तरकश खुली कब्र है और वे सब के सब शूरवीर हैं।
آنها خرمن تو را غارت کرده، نان فرزندانت را خواهند برد؛ گلههای گوسفند و رمههای گاو، انگور و انجیر تو را به یغما برده، شهرهای حصاردارت را که خیال میکنی در امن و امانند، تاراج خواهند کرد. | 17 |
१७तुम्हारे पके खेत और भोजनवस्तुएँ जो तुम्हारे बेटे-बेटियों के खाने के लिये हैं उन्हें वे खा जाएँगे। वे तुम्हारी भेड़-बकरियों और गाय-बैलों को खा डालेंगे; वे तुम्हारी दाखों और अंजीरों को खा जाएँगे; और जिन गढ़वाले नगरों पर तुम भरोसा रखते हो उन्हें वे तलवार के बल से नाश कर देंगे।”
اما در آن زمان هم باز شما را به کلی از میان نخواهم برد. | 18 |
१८“तो भी, यहोवा की यह वाणी है, उन दिनों में भी मैं तुम्हारा अन्त न कर डालूँगा।
«پس اگر از تو ای ارمیا بپرسند: چرا خداوند ما را دچار این بلایا میکند؟ در پاسخ بگو: همانطور که شما خدا را فراموش کردید و در سرزمین خود خدایان بیگانه را پرستیدید، به همان ترتیب بیگانگان را در سرزمینی که از آن شما نیست خدمت و بردگی خواهید کرد.» | 19 |
१९जब तुम पूछोगे, ‘हमारे परमेश्वर यहोवा ने हम से ये सब काम किस लिये किए हैं,’ तब तुम उनसे कहना, ‘जिस प्रकार से तुम ने मुझ को त्याग कर अपने देश में दूसरे देवताओं की सेवा की है, उसी प्रकार से तुम को पराए देश में परदेशियों की सेवा करनी पड़ेगी।’”
خداوند میفرماید که به اهالی یهودا و به قوم اسرائیل چنین اعلام نمایید: | 20 |
२०याकूब के घराने में यह प्रचार करो, और यहूदा में यह सुनाओ
«ای قوم نادان و بیفهم که چشم دارید، ولی نمیبینید؛ گوش دارید، ولی نمیشنوید، این را بشنوید: | 21 |
२१“हे मूर्ख और निर्बुद्धि लोगों, तुम जो आँखें रहते हुए नहीं देखते, जो कान रहते हुए नहीं सुनते, यह सुनो।
آیا نباید به من احترام بگذارید؟ آیا نباید در حضور من، ترس وجودتان را فرا گیرد؟ من که شن را به عنوان قانونی جاودانی، سرحد دریاها قرار دادم؛ اگرچه دریاها خروش برآورند و امواجشان به تلاطم آیند، از این حد نمیتوانند بگذرند!» | 22 |
२२यहोवा की यह वाणी है, क्या तुम लोग मेरा भय नहीं मानते? क्या तुम मेरे सम्मुख नहीं थरथराते? मैंने रेत को समुद्र की सीमा ठहराकर युग-युग का ऐसा बाँध ठहराया कि वह उसे पार न कर सके; और चाहे उसकी लहरें भी उठें, तो भी वे प्रबल न हो सके, या जब वे गरजें तो भी उसको न पार कर सके।
خداوند میفرماید: «قوم من دلی سرکش و طغیانگر دارند. ایشان یاغی شده و مرا ترک گفتهاند، و هیچگاه حرمت مرا نگاه نداشتهاند، هر چند من باران را در بهار و پاییز به ایشان عطا کردم، و فصل کشت و برداشت محصول را برای آنان تعیین نمودم. | 23 |
२३पर इस प्रजा का हठीला और बलवा करनेवाला मन है; इन्होंने बलवा किया और दूर हो गए हैं।
२४वे मन में इतना भी नहीं सोचते कि हमारा परमेश्वर यहोवा तो बरसात के आरम्भ और अन्त दोनों समयों का जल समय पर बरसाता है, और कटनी के नियत सप्ताहों को हमारे लिये रखता है, इसलिए हम उसका भय मानें।
برای همین است که این برکات نیکو را از ایشان گرفتهام؛ گناه، ایشان را از تمام این بخششها محروم کرده است. | 25 |
२५परन्तु तुम्हारे अधर्म के कामों ही के कारण वे रुक गए, और तुम्हारे पापों ही के कारण तुम्हारी भलाई नहीं होती।
«در میان قوم من اشخاص بدکاری وجود دارند که همچون شکارچیانی که برای شکار کمین میگذارند، ایشان هم برای انسان دام میگذارند. | 26 |
२६मेरी प्रजा में दुष्ट लोग पाए जाते हैं; जैसे चिड़ीमार ताक में रहते हैं, वैसे ही वे भी घात लगाए रहते हैं। वे फंदा लगाकर मनुष्यों को अपने वश में कर लेते हैं।
همانطور که شکارچی قفس خود را پر از پرنده میکند، ایشان نیز خانههای خود را از نقشههای فریبکارانه و غارتگرانه پرکردهاند، به همین دلیل است که اکنون قدرتمند و ثروتمند هستند. | 27 |
२७जैसा पिंजड़ा चिड़ियों से भरा हो, वैसे ही उनके घर छल से भरे रहते हैं; इसी प्रकार वे बढ़ गए और धनी हो गए हैं।
خوب میخورند و خوب میپوشند و رفتار بدشان حد و اندازهای ندارد؛ نه به داد یتیمان میرسند و نه حق فقیران را به آنها میدهند. | 28 |
२८वे मोटे और चिकने हो गए हैं। बुरे कामों में वे सीमा को पार कर गए हैं; वे न्याय, विशेष करके अनाथों का न्याय नहीं चुकाते; इससे उनका काम सफल नहीं होता वे कंगालों का हक़ भी नहीं दिलाते।
بنابراین من ایشان را مجازات خواهم کرد و از چنین قومی انتقام خواهم گرفت! | 29 |
२९इसलिए, यहोवा की यह वाणी है, क्या मैं इन बातों का दण्ड न दूँ? क्या मैं ऐसी जाति से पलटा न लूँ?”
«اتفاق عجیب و هولناکی در این سرزمین روی داده است: | 30 |
३०देश में ऐसा काम होता है जिससे चकित और रोमांचित होना चाहिये।
انبیا پیامهای دروغین میدهند و کاهنان نیز بنا بر گفتهٔ ایشان عمل مینمایند، قوم من هم از این وضع راضیاند. اما بدانید که چیزی به نابودی شما نمانده است؛ آنگاه چه خواهید کرد؟» | 31 |
३१भविष्यद्वक्ता झूठमूठ भविष्यद्वाणी करते हैं; और याजक उनके सहारे से प्रभुता करते हैं; मेरी प्रजा को यह भाता भी है, परन्तु अन्त के समय तुम क्या करोगे?