< ارمیا 46 >

خداوند دربارۀ قومهای مختلف با من سخن گفت. 1
भविष्यद्वक्ता येरेमियाह को याहवेह की ओर से राष्ट्रों से संबंधित प्राप्‍त संदेश:
نخستین قوم، مصر بود. در سال چهارم سلطنت یهویاقیم (پسر یوشیا)، پادشاه یهودا، هنگامی که سپاه نکو، پادشاه مصر، در نبرد کرکمیش در کنار رود فرات از نِبوکَدنِصَّر، پادشاه بابِل شکست خورد، خداوند دربارهٔ مصری‌ها چنین فرمود: 2
मिस्र के संबंध में: यह मिस्र के राजा फ़रोह नेको की सेना से संबंधित है, जिसे फरात नदी के तट पर कर्कमीश नामक स्थान पर बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र ने योशियाह के पुत्र यहूदिया के राजा यहोइयाकिम के राज्य-काल के चौथे वर्ष में पराजित किया था:
«سرداران مصری به سربازان دستور می‌دهند که سپرها را بردارند و به میدان جنگ هجوم برند! 3
“अपनी सभी छोटी-बड़ी ढालों को तैयार कर लो, और युद्ध के लिए प्रस्थान करो!
اسبها را زین کنند و سوار شوند. کلاهخود بر سر بگذارند، نیزه‌ها را تیز کنند و زره بپوشند. 4
घोड़ों को सुसज्जित करो! उन पर बैठ जाओ और टोप पहन लो! अपनी बर्छियों पर धार लगा लो और झिलम धारण कर लो!
اما چه می‌بینم؟ لشکریان مصر از ترس در حال فرار هستند! قویترین سربازانشان بدون آنکه به پشت سر نگاه کنند، پا به فرار گذاشته‌اند! بله، ترس و وحشت از هر سو بر آنان هجوم آورده است! 5
यह मेरी दृष्टि में क्यों आ गया? वे भयभीत हैं वे पीछे हट रहे हैं, उनके शूर योद्धा पराजित हो चुके हैं, और अब वे अपने प्राणों की रक्षा के लिए भाग रहे हैं. वे तो मुड़कर भी नहीं देख रहे, आतंक सर्वत्र व्याप्‍त हो चुका है,” यह याहवेह की वाणी है.
نه قویترین رزمندگانشان و نه سریعترین آنها، هیچ‌یک جان به در نخواهند برد. در شمال، کنار رود فرات، همه می‌لغزند و می‌افتند. 6
“न तो द्रुत धावक भागने पाए, न शूर योद्धा बच निकले. फरात के उत्तरी तट पर वे लड़खड़ा कर गिर चुके हैं.
«این کدام سپاه نیرومندی است که به پیش می‌رود و همچون رود نیل که به هنگام طغیان، بالا می‌آید، زمینهای اطراف را فرا می‌گیرد؟ 7
“यह कौन है, जो बाढ़ के समय की नील नदी के सदृश उफान रहा है, उस नदी के सदृश जिसका जल महानदों में है?
این لشکر مصر است که با تکبر ادعا می‌کند که مثل طغیان نیل، دنیا را خواهد گرفت و دشمنان را نابود خواهد کرد. 8
मिस्र नील नदी सदृश बढ़ता जा रहा है, वैसे ही, जैसे नदी का जल उफनता है. उसने घोषणा कर दी है, ‘मैं उफनकर संपूर्ण देश पर छा जाऊंगी; निःसंदेह मैं इस नगर को तथा नगरवासियों को नष्ट कर दूंगी.’
پس ای اسبان و ارابه‌ها و سربازان مصر بیایید! ای اهالی سودان و لیبی که سپرداران لشکر مصر هستید، ای لودیان که کماندارانش می‌باشید، به پیش بیایید! 9
घोड़ो, आगे बढ़ जाओ! रथो, द्रुत गति से दौड़ पड़ो! कि शूर योद्धा आगे बढ़ सकें: कूश तथा पूट देश के ढाल ले जानेवाले योद्धा, तथा लीदिया के योद्धा, जो धनुष लेकर बढ़ रहे हैं.
چون امروز، روز خداوند، آن خداوند لشکرهای آسمان، است! روزی است که خداوند از دشمنانش انتقام می‌گیرد. شمشیر او آنقدر می‌کشد تا سیر شده، از خون شما مست گردد. امروز خداوند، آن خداوند لشکرهای آسمان، در سرزمین شمال، نزد رود فرات قربانی می‌گیرد. 10
वह दिन प्रभु सेनाओं के याहवेह का दिन है— बदला लेने का दिन, कि वह अपने शत्रुओं से बदला लें. तलवार तब तक चलेगी, जब तक संतुष्ट न हो जाए, जब तक उसकी तलवार रक्त पीकर तृप्‍त न हो जाए. क्योंकि यह नरसंहार प्रभु सेनाओं के याहवेह के लिए फरात के ऊपरी तट पर स्थित देश में बलि अर्पण होगा.
ای مردم بیچارۀ مصر برای تهیه دارو به جلعاد بروید! ولی برای زخمهای شما علاجی نیست. اگرچه داروهای بسیار مصرف نمایید، اما شفا نخواهید یافت. 11
“मिस्र की कुंवारी कन्या, गिलआद जाकर औषधि ले आओ. निरर्थक ही रहा तुम्हारी औषधियों का संचय करना; तुम्हारे लिए तो पुनःअच्छे हो जाना निर्धारित ही नहीं है.
رسوایی‌تان به گوش همه رسیده و فریاد ناامیدی و شکست شما دنیا را پر کرده است. سربازان دلیر شما در میدان جنگ می‌لغزند و روی هم می‌افتند.» 12
राष्ट्रों ने तुम्हारी लज्जा का समाचार सुन लिया है; पृथ्वी तुम्हारे विलाप से पूर्ण है. भागते हुए सैनिक एक दूसरे पर गिरे पड़ रहे हैं; और दोनों ही एक साथ गिर गये हैं.”
سپس خداوند دربارهٔ آمدن نِبوکَدنِصَّر، پادشاه بابِل و حملهٔ او به مصر، این پیغام را به من داد: 13
मिस्र पर बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र के आक्रमण के विषय में याहवेह ने भविष्यद्वक्ता येरेमियाह को यह संदेश प्रगट किया:
«این خبر را در همهٔ شهرهای مصر با صدای بلند اعلام کنید؛ در شهرهای مجدل، ممفیس و تحفنحیس آن را به گوش همه برسانید: برخیزید و آمادهٔ جنگ شوید، چون شمشیر هلاکت، همهٔ اطرافیان شما را نابود کرده است! 14
“यह घोषणा मिस्र में तथा प्रचार मिगदोल में किया जाए; हां, प्रचार मैमफिस तथा ताहपनहेस में भी किया जाए: यह कहना: ‘तैयार होकर मोर्चे पर खड़े हो जाओ, क्योंकि तलवार तुम्हारे निकटवर्ती लोगों को निगल चुकी है.’
چرا جنگجویان شما می‌افتند و بر نمی‌خیزند؟ چون خداوند آنها را بر زمین کوبیده است. 15
तुम्हारे शूर योद्धा पृथ्वी पर कैसे गिर गए? पुनः खड़े होना उनके लिए असंभव हो गया है, क्योंकि उन्हें याहवेह ने ही भूमि पर पटका है.
بسیاری از آنها می‌لغزند و دسته‌دسته روی هم می‌افتند. آنگاه سربازان مزدور که اهل سرزمینهای دیگر هستند، خواهند گفت:”بیایید به زادگاه خویش و نزد قوم خود برگردیم تا از کشتاری که در اینجاست، در امان باشیم!“ 16
फिर बार-बार वे पृथ्वी पर गिराए जा रहे हैं; भागते हुए वे एक दूसरे पर गिराए जा रहे हैं. तब उन्होंने कहा, ‘चलो उठो, हम लौट चलें हम अपने उत्पीड़क की तलवार से दूर अपने लोगों में, अपने देश लौट चलें.’
در آنجا خواهند گفت:”فرعون پادشاه مصر طبل توخالی است که فرصت را از دست داده است!“ 17
वहां वे चिल्लाते रहे, ‘मिस्र का राजा आवाज मात्र है; उसने सुअवसर को हाथ से निकल जाने दिया है.’
«من، خداوند لشکرهای آسمان که پادشاه همهٔ جهان هستم، به حیات خود قسم می‌خورم که شخصی نیرومند بر مصر هجوم خواهد آورد؛ او مانند کوه تابور در میان کوههای دیگر است و مانند کوه کرمل بر کنار دریا. 18
“जिनका नाम है सेनाओं के याहवेह, जो राजा है, उनकी वाणी है, मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, यह सुनिश्चित है कि जो पर्वतों में ताबोर-सदृश प्रभावशाली, अथवा सागर तट के कर्मेल पर्वत सदृश है, वह आएगा.
ای مردم مصر، اسباب خود را آماده کنید و برای تبعید مهیا شوید، چون شهر ممفیس به کلی ویران خواهد شد و موجود زنده‌ای در آن باقی نخواهد ماند. 19
मिस्र में निवास कर रही पुत्री, बंधुआई में जाने के लिए सामान तैयार कर लो, क्योंकि मैमफिस का उजड़ जाना निश्चित है और इसका दहन कर दिया जाएगा तथा यहां कोई भी निवासी न रह जाएगा.
مصر مانند گوساله‌ای زیباست؛ ولی یک خرمگس او را فراری خواهد داد، خرمگسی که از شمال خواهد آمد! 20
“मिस्र एक सुंदर कलोर है, किंतु उत्तर की ओर से एक गोमक्खी आ रही है वह बढ़ी चली आ रही है.
حتی سربازان مزدور مصر نیز مانند گوساله‌هایی فربه‌اند؛ آنها نیز برگشته، پا به فرار خواهند گذاشت، زیرا روز مصیبت و زمان مجازات ایشان فرا رسیده است. 21
मिस्र में निवास कर रहे भाड़े के सैनिक पुष्ट हो रहे बछड़ों के सदृश हैं. वे सभी एक साथ मुड़कर भाग गए हैं, उनके पैर उखड़ गए हैं, क्योंकि उनके विनाश का दिन उन पर आ पड़ा है, उनके दंड का समय.
مصر مانند ماری است که هیس‌کنان می‌گریزد، زیرا دشمنانش با تاب و توان به پیش می‌تازند، و مانند کسانی که درختان را می‌برند، با تبرها بر او هجوم می‌آورند. 22
और उसके भागने की ध्वनि रेंगते हुए सर्प के सदृश हो रही है; क्योंकि वे सेना के सदृश आगे बढ़ रहे हैं, और वे उसके समक्ष कुल्हाड़ी लिए हुए लक्कड़हारे के समान पहुंचे जाते हैं.
خداوند می‌فرماید: آنها مردم مصر را مانند درختان جنگل خواهند برید، زیرا از ملخها بی‌شمارند. 23
उन्होंने मिस्र के वन को नष्ट कर दिया है,” यह याहवेह की वाणी है, “इसमें कोई संदेह नहीं कि उसका अस्तित्व मिट ही जाएगा, यद्यपि इस समय वे टिड्डियों-सदृश असंख्य हैं, अगण्य हैं.
مردم مصر با سرافکندگی مغلوب این قوم شمالی خواهند شد.» 24
मिस्र की पुत्री को लज्जा का सामना करना पड़ रहा है, उसे उत्तर की ओर से आए हुए लोगों के अधीन कर दिया गया है.”
خداوند لشکرهای آسمان، خدای اسرائیل می‌فرماید: «من بت آمون، خدای شهر تبس و خدایان دیگر مصر را نابود خواهم کرد. پادشاه و تمام کسانی را نیز که به او امید بسته‌اند، مجازات خواهم کرد، 25
सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश है: “यह देख लेना, मैं थेबेस के अमोन को तथा फ़रोह और मिस्र को उनके देवताओं एवं राजाओं के साथ दंड देने पर हूं, हां, फ़रोह तथा उन सबको, जो उस पर भरोसा किए हुए हैं.
و ایشان را به دست کسانی که تشنهٔ خونشان هستند تسلیم خواهم نمود، یعنی به دست نِبوکَدنِصَّر، پادشاه بابِل و سپاه او. ولی بعد از این دوره، سرزمین مصر بار دیگر آباد خواهد شد و مردم در آن زندگی خواهند کرد. من، خداوند، این را می‌گویم. 26
मैं उन्हें उनके अधीन कर दूंगा, जो उनके प्राण लेने पर तैयार हैं—हां, बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र तथा उसके अधिकारियों के अधीन. किंतु कुछ समय बाद यह देश पहले जैसा बस जाएगा,” यह याहवेह की वाणी है.
«ولی ای فرزندان بندهٔ من یعقوب، نترسید؛ ای بنی‌اسرائیل، هراس به خود راه ندهید! من شما و فرزندانتان را از نقاط دور دست و از سرزمین تبعید، به وطنتان باز خواهم گرداند و شما در امنیت و آسایش زندگی خواهید کرد و دیگر کسی باعث ترس شما نخواهد شد. 27
“किंतु तुम, याकोब, मेरे सेवक; तुम भयभीत न होना; इस्राएल, तुम हताश न हो जाना. तुम्हारी बंधुआई के दूर देश में से, मैं तुम्हें एवं तुम्हारे वंशजों को विमुक्त करूंगा. तब याकोब लौट आएगा और शांतिपूर्वक सुरक्षा में ऐसे निवास करेगा, कि उसे कोई भी भयभीत न कर सकेगा.
ای فرزندان بندهٔ من یعقوب، نترسید! چون من با شما هستم؛ حتی اگر قومهایی را که شما را در میانشان پراکنده کردم، به کلی تار و مار کنم، ولی شما را از بین نخواهم برد؛ البته شما را هرگز بی‌سزا نخواهم گذارد؛ بله، شما را به‌یقین تنبیه خواهم نمود، ولی منصفانه و عادلانه.» 28
याकोब, मेरे सेवक, भयभीत न होओ, यह याहवेह का आश्वासन है, क्योंकि मैं तुम्हारे साथ हूं. क्योंकि मैं उन सभी राष्ट्रों का पूर्ण विनाश कर दूंगा जहां-जहां मैंने तुम्हें बंदी किया था, फिर भी मैं तुम्हारा पूरा विनाश नहीं करूंगा. तुम्हें दी गई मेरी ताड़ना सही तरीके से होगी; यह न समझ लेना कि मैं तुम्हें दंड दिए बिना ही छोड़ दूंगा.”

< ارمیا 46 >