< ارمیا 41 >

اما در ماه هفتم، اسماعیل (پسر نتنیا، نوهٔ الیشاماع) که از خاندان سلطنتی و یکی از مقامات بلند پایۀ پادشاه بود، به همراه ده نفر به مصفه نزد جدلیا آمد. هنگامی که با هم غذا می‌خوردند، 1
और सातवें महीने में यूँ हुआ कि इस्माईल बिन — नतनियाह — बिन — इलीसमा' जो शाही नसल से और बादशाह के सरदारों में से था, दस आदमी साथ लेकर जिदलियाह — बिन — अख़ीक़ाम के पास मिस्फ़ाह में आया; और उन्होंने वहाँ मिस्फ़ाह में मिल कर खाना खाया।
ناگهان اسماعیل و همراهانش، شمشیرهایشان را کشیدند و بر جدلیا که پادشاه بابِل او را فرماندار ساخته بود، حمله‌ور شده، او را کشتند. 2
तब इस्माईल — बिन — नतनियाह उन दस आदमियों के साथ जो उसके साथ थे उठा और जिदलियाह — बिन — अख़ीक़ाम बिन साफ़न को जिसे शाह — ए — बाबुल ने मुल्क का हाकिम मुक़र्रर किया था, तलवार से मारा और उसे क़त्ल किया।
سپس بیرون رفتند و تمام سربازان یهودی و بابِلی را که در مصفه با جدلیا بودند، قتل عام کردند. 3
और इस्माईल ने उन सब यहूदियों को जो जिदलियाह के साथ मिस्फ़ाह में थे, और कसदी सिपाहियों को जो वहाँ हाज़िर थे क़त्ल किया।
روز بعد، پیش از آنکه خبر این ماجرا پخش شود، 4
जब वह जिदलियाह को मार चुका, और किसी को ख़बर न हुई, तो उसके दूसरे दिन यूँ हुआ।
هشتاد نفر از شهرهای شکیم، شیلوه و سامره از نزدیکی مصفه عبور می‌کردند و به رسم عزاداری، با ریش تراشیده، لباسهای دریده و صورت خراشیده، با هدیه و بخور به خانهٔ خداوند می‌رفتند. 5
कि सिकम और शीलोह और सामरिया से कुछ लोग जो सब के सब अस्सी आदमी थे, दाढ़ी मुंडाए और कपड़े फाड़े और अपने आपको घायल किए और हदिये और लुबान हाथों में लिए हुए वहाँ आए, ताकि ख़ुदावन्द के घर में पेश करें।
اسماعیل در حالی که می‌گریست، برای استقبال آنها از شهر بیرون رفت. وقتی به ایشان رسید، گفت: «بیایید و ببینید چه بر سر جدلیا آمده است!» 6
और इस्माईल — बिन — नतनियाह मिस्फ़ाह से उनके इस्तक़बाल को निकला, और रोता हुआ चला; और यूँ हुआ कि जब वह उनसे मिला तो उनसे कहने लगा कि जिदलियाह बिन अख़ीक़ाम के पास चलो।
وقتی همه وارد شهر شدند، اسماعیل و همدستانش آنها را نیز کشتند و جنازه‌هایشان را در گودال انداختند. 7
और फिर जब वह शहर के वस्त में पहुँचे, तो इस्माईल — बिन — नतनियाह और उसके साथियों ने उनको क़त्ल करके हौज़ में फेंक दिया।
ولی در آن گروه، ده نفر بودند که به اسماعیل قول دادند که اگر آنها را نکشد، بروند و هر چه گندم، جو، روغن و عسل پنهان کرده‌اند، برایش بیاورند. پس آن ده نفر را نکشتند. 8
लेकिन उनमें से दस आदमी थे जिन्होंने इस्माईल से कहा, हम को क़त्ल न कर, क्यूँकि हमारे गेहूँ और जौ और तेल और शहद के ज़ख़ीरे खेतों में पोशीदा हैं। इसलिए वह बाज़ रहा और उनको उनके भाइयों के साथ क़त्ल न किया।
گودالی که اسماعیل جنازهٔ مقتولین را در آن انداخت همان گودالی است که آسای پادشاه، به هنگام بنای برج و باروی مصفه در زمان جنگ با بعشا، پادشاه اسرائیل، حفر نموده بود. 9
वह हौज़ जिसमें इस्माईल ने उन लोगों की लाशों को फेंका था, जिनको उसने जिदलियाह के साथ क़त्ल किया वही है जिसे आसा बदशाह ने शाह — ए — इस्राईल बाशा के डर से बनाया था और इस्मा'ईल — बिन — नतनियाह ने उसको मक़्तूलों की लाशों से भर दिया।
در ضمن اسماعیل، دختران پادشاه و بازماندگان قوم را که در مصفه بودند و نبوزرادان فرماندهٔ گارد پادشاه بابِل ایشان را به دست جدلیا سپرده بود، اسیر کرد و همه را با خود برداشت و به سوی سرزمین عمونی‌ها به راه افتاد. 10
तब इस्माईल बाक़ी सब लोगों को, या'नी शहज़ादियों और उन सब लोगों को जो मिस्फ़ाह में रहते थे जिनको जिलौदारों के सरदार नबूज़रादान ने जिदलियाह — बिन — अख़ीक़ाम के सुपुर्द किया था, ग़ुलाम करके ले गया; इस्मा'ईल — बिन — नतनियाह उनको ग़ुलाम करके रवाना हुआ कि पार होकर बनी 'अम्मोन में जा पहुँचे।
ولی یوحانان (پسر قاریح) و سایر سرداران لشکر وقتی از جنایت اسماعیل آگاهی یافتند، 11
लेकिन जब यूहनान — बिन — क़रीह ने और लश्कर कि सब सरदारों ने जो उसके साथ थे, इस्माईल — बिन — नतनियाह की तमाम शरारत के बारे में जो उसने की थी सुना,
با تمام نفرات خود به تعقیب او پرداختند تا او را بکشند. آنها در نزدیکی برکهٔ بزرگ واقع در جبعون به او رسیدند. 12
तो वह सब लोगों को लेकर उससे लड़ने को गए और जिबा'ऊन के बड़े तालाब पर उसे जा लिया।
اشخاصی که در اسارت اسماعیل بودند، وقتی یوحانان و همراهان او را دیدند، از خوشحالی فریاد برآوردند و به سوی آنها دویدند. 13
और यूँ हुआ कि जब उन सब लोगों ने जो इस्माईल के साथ थे यूहनान — बिन — क़रीह को और उसके साथ सब फ़ौजी सरदारों को देखा, तो वह ख़ुश हुए।
14
तब वह सब लोग जिनको इस्माईल मिस्फ़ाह से पकड़ ले गया था, पलटे और यूहनान — बिनक़रीह के पास वापस आए।
در این گیرودار اسماعیل با هشت نفر از همدستانش موفق شد به سرزمین عمونی‌ها بگریزد. 15
लेकिन इस्माईल — बिन — नतनियाह आठ आदमियों के साथ यूहनान के सामने से भाग निकला और बनी 'अमोन की तरफ़ चला गया।
یوحانان و افرادش بی‌درنگ همهٔ سربازان، زنان، بچه‌ها و خواجه‌سرایانی را که نجات داده بودند، برداشتند و از جبعون به دهکدهٔ جیروت کمهام در نزدیکی بیت‌لحم رفتند، تا از آنجا از ترس بابِلی‌ها به مصر بگریزند، زیرا جدلیا، فرماندار پادشاه بابِل، به دست اسماعیل کشته شده بود. 16
तब यूहनान — बिन क़रीह और वह फ़ौजी सरदार जो उसके हमराह थे, सब बाक़ी मान्दा लोगों को वापस लाए, जिनको इस्माईल बिन नतनियाह जिदलियाह बिन — अख़ीक़ाम को क़त्ल करने के बाद मिस्फ़ाह से ले गया था या'नी जंगी मर्दों और 'औरतों और लड़कों और ख़्वाजासराओं को, जिनको वह जिबा'ऊन से वापस लाया था।
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और वह रवाना हुए और सराय — ए — किमहाम में जो बैतलहम के नज़दीक है, आ रहे ताकि मिस्र को जाएँ।
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क्यूँकि वह कसदियों से डरे; इसलिए कि इस्माईल — बिन — नतनियाह ने जिदलियाह — बिन — अख़ीक़ाम को, जिसे शाहए — बाबुल ने उस मुल्क पर हाकिम मुक़र्रर किया था, क़त्ल कर डाला।

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