< ارمیا 40 >
اسیران اورشلیم و یهودا که به بابِل برده میشدند، در راه به رامه رسیدند. من نیز در میان ایشان بودم؛ ولی در آنجا نبوزرادان فرماندهٔ سپاه بابِل زنجیرهای مرا گشود و آزادم کرد. | 1 |
१जब अंगरक्षकों के प्रधान नबूजरदान ने यिर्मयाह को रामाह में उन सब यरूशलेमी और यहूदी बन्दियों के बीच हथकड़ियों से बन्धा हुआ पाकर जो बाबेल जाने को थे छुड़ा लिया, उसके बाद यहोवा का वचन उसके पास पहुँचा।
او مرا فرا خواند و گفت: «خداوند، خدای تو گفته بود که این سرزمین را ویران خواهد نمود؛ | 2 |
२अंगरक्षकों के प्रधान नबूजरदान ने यिर्मयाह को उस समय अपने पास बुला लिया, और कहा, “इस स्थान पर यह जो विपत्ति पड़ी है वह तेरे परमेश्वर यहोवा की कही हुई थी।
و اکنون او قول خود را عملی کرده است. تمام این بلایا بدین سبب است که شما نسبت به او گناه کردهاید و او را اطاعت ننمودهاید. | 3 |
३जैसा यहोवा ने कहा था वैसा ही उसने पूरा भी किया है। तुम लोगों ने जो यहोवा के विरुद्ध पाप किया और उसकी आज्ञा नहीं मानी, इस कारण तुम्हारी यह दशा हुई है।
حال، من زنجیرهایت را میگشایم و آزادت میکنم. اگر میخواهی با من به بابِل بیایی، ترتیبی میدهم که از تو به خوبی مراقبت به عمل آید؛ ولی اگر نمیخواهی بیایی، اشکالی ندارد؛ تمام این سرزمین پیش روی توست، به هر جایی که دوست داری، برو. | 4 |
४अब मैं तेरी इन हथकड़ियों को काट देता हूँ, और यदि मेरे संग बाबेल में जाना तुझे अच्छा लगे तो चल, वहाँ मैं तुझ पर कृपादृष्टि रखूँगा; और यदि मेरे संग बाबेल जाना तुझे न भाए, तो यहीं रह जा। देख, सारा देश तेरे सामने पड़ा है, जिधर जाना तुझे अच्छा और ठीक लगे उधर ही चला जा।”
اما اگر قصد داری بمانی، نزد جدلیا (پسر اخیقام، نوهٔ شافان)، که پادشاه بابِل او را حاکم یهودا ساخته است، برو و در میان بقیهٔ قوم که جدلیا بر ایشان حکومت میکند، بمان. به هر حال، مختار هستی. در هر جا که میخواهی، ساکن شو!» سپس مقداری خوراک و پول به من داد و مرا آزاد کرد. | 5 |
५वह वहीं था कि नबूजरदान ने फिर उससे कहा, “गदल्याह जो अहीकाम का पुत्र और शापान का पोता है, जिसको बाबेल के राजा ने यहूदा के नगरों पर अधिकारी ठहराया है, उसके पास लौट जा और उसके संग लोगों के बीच रह, या जहाँ कहीं तुझे जाना ठीक जान पड़े वहीं चला जा।” अतः अंगरक्षकों के प्रधान ने उसको भोजन-सामग्री और कुछ उपहार भी देकर विदा किया।
پس به شهر مصفه نزد جدلیا آمدم و در میان بقیهٔ قوم که در یهودا باقی مانده بودند، ساکن شدم. | 6 |
६तब यिर्मयाह अहीकाम के पुत्र गदल्याह के पास मिस्पा को गया, और वहाँ उन लोगों के बीच जो देश में रह गए थे, रहने लगा।
در این میان، بعضی از سرداران لشکر و سربازانشان هنوز تسلیم بابِلیها نشده بودند و در صحرا به سر میبردند. ولی وقتی شنیدند که جدلیا از طرف پادشاه بابِل، سرپرست بازماندگان و فقرای سرزمین شده است، | 7 |
७योद्धाओं के जो दल दिहात में थे, जब उनके सब प्रधानों ने अपने जनों समेत सुना कि बाबेल के राजा ने अहीकाम के पुत्र गदल्याह को देश का अधिकारी ठहराया है, और देश के जिन कंगाल लोगों को वह बाबेल को नहीं ले गया, क्या पुरुष, क्या स्त्री, क्या बाल-बच्चे, उन सभी को उसे सौंप दिया है,
برای دیدن جدلیا به مصفه آمدند. این افراد عبارت بودند از: اسماعیل (پسر نتنیا)، یوحانان و یوناتان (پسران قاریح)، سرایا (پسر تنحومت)، پسران عیفای (اهل نطوفات)، یزنیا (پسر معکاتی)، و سربازان ایشان. | 8 |
८तब नतन्याह का पुत्र इश्माएल, कारेह के पुत्र योहानान, योनातान और तन्हूमेत का पुत्र सरायाह, एपै नतोपावासी के पुत्र और किसी माकावासी का पुत्र याजन्याह अपने जनों समेत गदल्याह के पास मिस्पा में आए।
جدلیا آنها را مطمئن ساخته، گفت: «اگر تسلیم بابِلیها بشوید، در امن و امان خواهید ماند. همینجا بمانید، به پادشاه بابِل خدمت کنید تا همه چیز به خیر و صلاحتان شود. | 9 |
९गदल्याह जो अहीकाम का पुत्र और शापान का पोता था, उसने उनसे और उनके जनों से शपथ खाकर कहा, “कसदियों के अधीन रहने से मत डरो। इसी देश में रहते हुए बाबेल के राजा के अधीन रहो तब तुम्हारा भला होगा।
من در مصفه میمانم تا به بابِلیها که برای رسیدگی به امور این سرزمین میآیند، پاسخگو باشم؛ ولی شما در هر شهری که میخواهید، میتوانید ساکن شوید و زمین را آباد کنید و به جمعآوری و ذخیره کردن میوه، شراب و روغن مشغول شوید.» | 10 |
१०मैं तो इसलिए मिस्पा में रहता हूँ कि जो कसदी लोग हमारे यहाँ आएँ, उनके सामने हाजिर हुआ करूँ; परन्तु तुम दाखमधु और धूपकाल के फल और तेल को बटोरके अपने बरतनों में रखो और अपने लिए हुए नगरों में बसे रहो।”
یهودیانی نیز که به موآب، عمون، ادوم و آبادیهای اطراف گریخته بودند، شنیدند که پادشاه بابِل عدهای را در یهودا باقی گذاشته، و نیز جدلیا فرماندار سرزمین شده است. | 11 |
११फिर जब मोआबियों, अम्मोनियों, एदोमियों और अन्य सब जातियों के बीच रहनेवाले सब यहूदियों ने सुना कि बाबेल के राजा ने यहूदियों में से कुछ लोगों को बचा लिया और उन पर गदल्याह को जो अहीकाम का पुत्र और शापान का पोता है अधिकारी नियुक्त किया है,
بنابراین از تمام این سرزمینها به یهودا بازگشتند و در مصفه نزد جدلیا سکونت گزیدند و به کشت و زرع پرداختند و محصول فراوان جمع کردند. | 12 |
१२तब सब यहूदी जिन-जिन स्थानों में तितर-बितर हो गए थे, वहाँ से लौटकर यहूदा देश के मिस्पा नगर में गदल्याह के पास, और बहुत दाखमधु और धूपकाल के फल बटोरने लगे।
پس از مدتی، یوحانان (پسر قاریح) و سایر سرداران لشکر که تسلیم بابِلیها نشده بودند، به مصفه آمدند و به جدلیا اطلاع دادند که بعلیس، پادشاه عمونیها، اسماعیل (پسر نتنیا) را مأمور کرده تا او را بکشد. ولی جدلیا گفتهٔ آنها را باور نکرد. | 13 |
१३तब कारेह का पुत्र योहानान और मैदान में रहनेवाले योद्धाओं के सब दलों के प्रधान मिस्पा में गदल्याह के पास आकर कहने लगे,
१४“क्या तू जानता है कि अम्मोनियों के राजा बालीस ने नतन्याह के पुत्र इश्माएल को तुझे जान से मारने के लिये भेजा है?” परन्तु अहीकाम के पुत्र गदल्याह ने उन पर विश्वास न किया।
یوحانان در مصفه محرمانه به جدلیا گفت: «اجازه بده که بروم و اسماعیل را بکشم. هیچکس هم از ماجرا باخبر نخواهد شد. چرا بگذاریم او تو را بکشد؟ هیچ فکر کردهای در آن صورت بر سر یهودیانی که به اینجا بازگشتهاند، چه خواهد آمد؟ همه پراکنده خواهند شد و از بین خواهند رفت.» | 15 |
१५फिर कारेह के पुत्र योहानान ने गदल्याह से मिस्पा में छिपकर कहा, “मुझे जाकर नतन्याह के पुत्र इश्माएल को मार डालने दे और कोई इसे न जानेगा। वह क्यों तुझे मार डाले, और जितने यहूदी लोग तेरे पास इकट्ठे हुए हैं वे क्यों तितर-बितर हो जाएँ और बचे हुए यहूदी क्यों नाश हों?”
ولی جدلیا گفت: «من به تو اجازه نمیدهم چنین کاری بکنی؛ آنچه دربارهٔ اسماعیل میگویی حقیقت ندارد.» | 16 |
१६अहीकाम के पुत्र गदल्याह ने कारेह के पुत्र योहानान से कहा, “ऐसा काम मत कर, तू इश्माएल के विषय में झूठ बोलता है।”