< ارمیا 23 >
خداوند میفرماید: «وای بر شما ای شبانان گلهٔ من و ای رهبران قوم من که اینطور گوسفندان مرا پراکنده کرده و از بین بردهاید.» | 1 |
१“उन चरवाहों पर हाय जो मेरी चराई की भेड़-बकरियों को तितर-बितर करते और नाश करते हैं,” यहोवा यह कहता है।
پس یهوه خدای اسرائیل دربارۀ شبانانی که قوم او را میچرانند چنین میفرماید: «شما به جای اینکه گلۀ مرا بچرانید و از آن مراقبت نمایید، آن را به حال خود رها کرده و از خود رانده و پراکندهشان ساختهاید. حال، برای بدیهایی که به گوسفندان من کردهاید، شما را مجازات میکنم؛ | 2 |
२इसलिए इस्राएल का परमेश्वर यहोवा अपनी प्रजा के चरवाहों से यह कहता है, “तुम ने मेरी भेड़-बकरियों की सुधि नहीं ली, वरन् उनको तितर-बितर किया और जबरन निकाल दिया है, इस कारण यहोवा की यह वाणी है कि मैं तुम्हारे बुरे कामों का दण्ड दूँगा।
و من خود بقیهٔ گلهام را از همۀ سرزمینهایی که ایشان را به آنجا راندهام جمع خواهم کرد و به سرزمین خودشان باز خواهم آورد، و آنها صاحب فرزندان بسیار شده، تعدادشان زیاد خواهد گردید. | 3 |
३तब मेरी भेड़-बकरियाँ जो बची हैं, उनको मैं उन सब देशों में से जिनमें मैंने उन्हें जबरन भेज दिया है, स्वयं ही उन्हें लौटा लाकर उन्हीं की भेड़शाला में इकट्ठा करूँगा, और वे फिर फूलें-फलेंगी।
آنگاه شبانانی برای آنها تعیین خواهم نمود که از ایشان به خوبی مراقبت کنند؛ آنگاه دیگر از چیزی ترسان و هراسان نخواهند گشت و هیچیک گم نخواهند شد! | 4 |
४मैं उनके लिये ऐसे चरवाहे नियुक्त करूँगा जो उन्हें चराएँगे; और तब वे न तो फिर डरेंगी, न विस्मित होंगी और न उनमें से कोई खो जाएगी, यहोवा की यह वाणी है।
«اینک روزی فرا خواهد رسید که من شخص عادلی را از نسل داوود به پادشاهی منصوب خواهم نمود؛ او پادشاهی خواهد بود که با حکمت و عدالت حکومت کرده، در سراسر دنیا عدالت را اجرا خواهد نمود، و نام او”خداوند، عدالت ما“خواهد بود. در آن زمان، یهودا نجات خواهد یافت و اسرائیل در صلح و آرامش زندگی خواهد کرد. | 5 |
५“यहोवा की यह भी वाणी है, देख ऐसे दिन आते हैं जब मैं दाऊद के कुल में एक धर्मी अंकुर उगाऊँगा, और वह राजा बनकर बुद्धि से राज्य करेगा, और अपने देश में न्याय और धार्मिकता से प्रभुता करेगा।
६उसके दिनों में यहूदी लोग बचे रहेंगे, और इस्राएली लोग निडर बसे रहेंगे और यहोवा उसका नाम ‘यहोवा हमारी धार्मिकता’ रखेगा।
«در آن ایام، مردم هنگام سوگند یاد کردن، دیگر نخواهند گفت:”قسم به خدای زنده که بنیاسرائیل را از مصر رهایی داد“ | 7 |
७“इसलिए देख, यहोवा की यह वाणी है कि ऐसे दिन आएँगे जिनमें लोग फिर न कहेंगे, ‘यहोवा जो हम इस्राएलियों को मिस्र देश से छुड़ा ले आया, उसके जीवन की सौगन्ध,’
بلکه خواهند گفت:”قسم به خدای زنده که قوم اسرائیل را از سرزمینهایی که ایشان را به آنجا تبعید کرده بود، به سرزمین خودشان بازگرداند.“» | 8 |
८परन्तु वे यह कहेंगे, ‘यहोवा जो इस्राएल के घराने को उत्तर देश से और उन सब देशों से भी जहाँ उसने हमें जबरन निकाल दिया, छुड़ा ले आया, उसके जीवन की सौगन्ध।’ तब वे अपने ही देश में बसे रहेंगे।”
به سبب انبیای دروغین و حیلهگر دلم شکسته و تنم لرزان است! مانند کسی که مست شراب میباشد، گیج و حیرانم، به سبب خداوند و به سبب کلام مقدّسش. | 9 |
९भविष्यद्वक्ताओं के विषय मेरा हृदय भीतर ही भीतर फटा जाता है, मेरी सब हड्डियाँ थरथराती है; यहोवा ने जो पवित्र वचन कहे हैं, उन्हें सुनकर, मैं ऐसे मनुष्य के समान हो गया हूँ जो दाखमधु के नशे में चूर हो गया हो,
این سرزمین پر از اشخاص زناکار میباشد؛ انبیایش شرورند و نیرویشان را در راه نادرست به کار میبرند؛ بنابراین، زمین در اثر لعنت خدا خشک شده و چراگاهها نیز از بین رفتهاند. | 10 |
१०क्योंकि यह देश व्यभिचारियों से भरा है; इस पर ऐसा श्राप पड़ा है कि यह विलाप कर रहा है; वन की चराइयाँ भी सूख गई। लोग बड़ी दौड़ तो दौड़ते हैं, परन्तु बुराई ही की ओर; और वीरता तो करते हैं, परन्तु अन्याय ही के साथ।
خداوند میفرماید: «کاهنان هم مانند انبیا از من دور هستند؛ حتی در خانهٔ من نیز شرارت میورزند. | 11 |
११“क्योंकि भविष्यद्वक्ता और याजक दोनों भक्तिहीन हो गए हैं; अपने भवन में भी मैंने उनकी बुराई पाई है, यहोवा की यही वाणी है।
از این رو، راهی که میروند تاریک و لغزنده خواهد بود و در آن لغزیده، خواهند افتاد؛ پس در زمان معین بر آنها بلا نازل خواهم کرد و مجازاتشان خواهم نمود. | 12 |
१२इस कारण उनका मार्ग अंधेरा और फिसलन वाला होगा जिसमें वे ढकेलकर गिरा दिए जाएँगे; क्योंकि, यहोवा की यह वाणी है कि मैं उनके दण्ड के वर्ष में उन पर विपत्ति डालूँगा!
«انبیای سامره بسیار شرور بودند؛ آنها از سوی بت بعل پیام میآوردند و با این کار، قوم من، اسرائیل را به گناه میکشاندند؛ و من همهٔ اینها را میدیدم. | 13 |
१३सामरिया के भविष्यद्वक्ताओं में मैंने यह मूर्खता देखी थी कि वे बाल के नाम से भविष्यद्वाणी करते और मेरी प्रजा इस्राएल को भटका देते थे।
ولی اینک انبیای اورشلیم از آنها نیز شرورترند و کارهای هولناکی مرتکب میشوند، زنا میکنند و نادرستی را دوست میدارند، به جای آنکه بدکاران را از راههای گناهآلودشان برگردانند، ایشان را به انجام آنها تشویق و ترغیب میکنند. این افراد از مردم شهرهای سدوم و عموره نیز فاسدترند.» | 14 |
१४परन्तु यरूशलेम के नबियों में मैंने ऐसे काम देखे हैं, जिनसे रोंगटे खड़े हो जाते हैं, अर्थात् व्यभिचार और पाखण्ड; वे कुकर्मियों को ऐसा हियाव बँधाते हैं कि वे अपनी-अपनी बुराई से पश्चाताप भी नहीं करते; सब निवासी मेरी दृष्टि में सदोमियों और गमोरियों के समान हो गए हैं।”
بنابراین، خداوند لشکرهای آسمان میفرماید: «من به انبیای اورشلیم خوراک تلخ خواهم خورانید و زهر خواهم نوشانید، چون ایشان باعث شدهاند که خدانشناسی و گناه، در سراسر این سرزمین رواج یابند.» | 15 |
१५इस कारण सेनाओं का यहोवा यरूशलेम के भविष्यद्वक्ताओं के विषय में यह कहता है: “देख, मैं उनको कड़वी वस्तुएँ खिलाऊँगा और विष पिलाऊँगा; क्योंकि उनके कारण सारे देश में भक्तिहीनता फैल गई है।”
خداوند لشکرهای آسمان میفرماید: «به سخنان این انبیای دروغگو که به شما امیدهای بیهوده میدهند، گوش ندهید، چون سخنان ایشان از طرف من نیست بلکه ساخته و پرداختهٔ خودشان است! | 16 |
१६सेनाओं के यहोवा ने तुम से यह कहा है: “इन भविष्यद्वक्ताओं की बातों की ओर जो तुम से भविष्यद्वाणी करते हैं कान मत लगाओ, क्योंकि ये तुम को व्यर्थ बातें सिखाते हैं; ये दर्शन का दावा करके यहोवा के मुख की नहीं, अपने ही मन की बातें कहते हैं।
پیوسته به آنانی که به من بیاحترامی میکنند، میگویند: جای نگرانی نیست؛ همه چیز به خوبی پیش میرود؛ و به آنانی که در پی هوسهای خود هستند به دروغ میگویند:”خداوند گفته است که هیچ بلایی بر شما نازل نخواهد شد.“» | 17 |
१७जो लोग मेरा तिरस्कार करते हैं उनसे ये भविष्यद्वक्ता सदा कहते रहते हैं कि यहोवा कहता है, ‘तुम्हारा कल्याण होगा;’ और जितने लोग अपने हठ ही पर चलते हैं, उनसे ये कहते हैं, ‘तुम पर कोई विपत्ति न पड़ेगी।’”
ولی کدام یک از این انبیا آنقدر به خداوند نزدیک است تا افکار او را بداند و کلام او را بشنود؟ کدام یک از ایشان به سخنان او توجه کرده تا آن را درک نماید؟ | 18 |
१८भला कौन यहोवा की गुप्त सभा में खड़ा होकर उसका वचन सुनने और समझने पाया है? या किसने ध्यान देकर मेरा वचन सुना है?
اینک خداوند گردباد شدید غضب خود را میفرستد تا زمین را از وجود این اشخاص بدکار پاک سازد؛ | 19 |
१९देखो, यहोवा की जलजलाहट का प्रचण्ड बवण्डर और आँधी चलने लगी है; और उसका झोंका दुष्टों के सिर पर जोर से लगेगा।
آتش خشم و غضب خداوند خاموش نخواهد شد تا زمانی که ایشان را به مجازاتشان برساند. در آینده این را به خوبی درک خواهید کرد! | 20 |
२०जब तक यहोवा अपना काम और अपनी युक्तियों को पूरी न कर चुके, तब तक उसका क्रोध शान्त न होगा। अन्त के दिनों में तुम इस बात को भली भाँति समझ सकोगे।
خداوند میفرماید: «من این انبیا را نفرستادم، ولی ادعا میکنند که از جانب من سخن میگویند؛ هیچ پیغامی به ایشان ندادم، ولی میگویند که سخنان مرا بیان میدارند. | 21 |
२१“ये भविष्यद्वक्ता बिना मेरे भेजे दौड़ जाते और बिना मेरे कुछ कहे भविष्यद्वाणी करने लगते हैं।
اگر آنها از جانب من بودند میتوانستند پیغام مرا به مردم اعلام نمایند و ایشان را از راههای گناهآلودشان بازگردانند. | 22 |
२२यदि ये मेरी शिक्षा में स्थिर रहते, तो मेरी प्रजा के लोगों को मेरे वचन सुनाते; और वे अपनी बुरी चाल और कामों से फिर जाते।
من خدایی نیستم که فقط در یک جا باشم، بلکه در همه جا حاضر هستم؛ | 23 |
२३“यहोवा की यह वाणी है, क्या मैं ऐसा परमेश्वर हूँ, जो दूर नहीं, निकट ही रहता हूँ?
پس آیا کسی میتواند خود را از نظر من پنهان سازد؟ مگر نمیدانید که حضور من آسمان و زمین را فرا گرفته است؟ | 24 |
२४फिर यहोवा की यह वाणी है, क्या कोई ऐसे गुप्त स्थानों में छिप सकता है, कि मैं उसे न देख सकूँ? क्या स्वर्ग और पृथ्वी दोनों मुझसे परिपूर्ण नहीं हैं?
«من از سخنان این انبیا مطلع هستم؛ میدانم که به دروغ ادعا میکنند که من کلام خود را در خواب بر ایشان نازل کردهام! | 25 |
२५मैंने इन भविष्यद्वक्ताओं की बातें भी सुनीं हैं जो मेरे नाम से यह कहकर झूठी भविष्यद्वाणी करते हैं, ‘मैंने स्वप्न देखा है, स्वप्न!’
تا به کی این پیامآوران دروغین با حرفهای ساختگیشان قوم مرا فریب خواهند داد؟ | 26 |
२६जो भविष्यद्वक्ता झूठमूठ भविष्यद्वाणी करते और अपने मन ही के छल के भविष्यद्वक्ता हैं, यह बात कब तक उनके मन में समाई रहेगी?
آنها با بیان این خوابهای دروغین میکوشند قومم را وادارند تا مرا فراموش کنند، درست همانطور که پدرانشان مرا فراموش کردند و دنبال بت بعل رفتند. | 27 |
२७जैसे मेरी प्रजा के लोगों के पुरखा मेरा नाम भूलकर बाल का नाम लेने लगे थे, वैसे ही अब ये भविष्यद्वक्ता उन्हें अपने-अपने स्वप्न बता-बताकर मेरा नाम भुलाना चाहते हैं।
بگذارید این انبیای دروغگو خواب و خیالهای خودشان را بیان کنند و سخنگویان واقعی من نیز کلام مرا با امانت به گوش مردم برسانند، چون کاه و گندم به سادگی از یکدیگر قابل تشخیص هستند! | 28 |
२८यदि किसी भविष्यद्वक्ता ने स्वप्न देखा हो, तो वह उसे बताए, परन्तु जिस किसी ने मेरा वचन सुना हो तो वह मेरा वचन सच्चाई से सुनाए। यहोवा की यह वाणी है, कहाँ भूसा और कहाँ गेहूँ?
کلام من مثل آتش میسوزاند و مانند پُتک صخره را خرد میکند. | 29 |
२९यहोवा की यह भी वाणी है कि क्या मेरा वचन आग सा नहीं है? फिर क्या वह ऐसा हथौड़ा नहीं जो पत्थर को फोड़ डाले?
«بنابراین، من بر ضد این انبیایی هستم که سخنان یکدیگر را از هم میدزدند و آن را به عنوان کلام من اعلام میدارند! | 30 |
३०यहोवा की यह वाणी है, देखो, जो भविष्यद्वक्ता मेरे वचन दूसरों से चुरा-चुराकर बोलते हैं, मैं उनके विरुद्ध हूँ।
३१फिर यहोवा की यह भी वाणी है कि जो भविष्यद्वक्ता ‘उसकी यह वाणी है’, ऐसी झूठी वाणी कहकर अपनी-अपनी जीभ हिलाते हैं, मैं उनके भी विरुद्ध हूँ।
من بر ضد این پیامآوران دروغین هستم که با خوابهای ساختگی و دروغهای خود، قوم مرا به گمراهی میکشانند؛ من هرگز چنین افرادی را نفرستاده و مأمور نکردهام؛ برای همین هیچ نفعی از آنها به این قوم نخواهد رسید. من، خداوند این را میگویم. | 32 |
३२यहोवा की यह भी वाणी है कि जो बिना मेरे भेजे या बिना मेरी आज्ञा पाए स्वप्न देखने का झूठा दावा करके भविष्यद्वाणी करते हैं, और उसका वर्णन करके मेरी प्रजा को झूठे घमण्ड में आकर भरमाते हैं, उनके भी मैं विरुद्ध हूँ; और उनसे मेरी प्रजा के लोगों का कुछ लाभ न होगा।
«وقتی یکی از افراد قوم، یا یکی از انبیا یا کاهنان از تو بپرسند:”بارِ خداوند چیست؟“جواب بده:”بار شمایید. و خداوند میفرماید شما را ترک خواهد کرد!“ | 33 |
३३“यदि साधारण लोगों में से कोई जन या कोई भविष्यद्वक्ता या याजक तुम से पूछे, ‘यहोवा ने क्या प्रभावशाली वचन कहा है?’ तो उससे कहना, ‘क्या प्रभावशाली वचन? यहोवा की यह वाणी है, मैं तुम को त्याग दूँगा।’
و اگر کسی از قوم یا از انبیا یا از کاهنان دربارهٔ پیغام خداوند با تمسخر صحبت کند، او و خانوادهاش را مجازات خواهم نمود. | 34 |
३४और जो भविष्यद्वक्ता या याजक या साधारण मनुष्य ‘यहोवा का कहा हुआ भारी वचन’ ऐसा कहता रहे, उसको घराने समेत मैं दण्ड दूँगा।
میتوانید از یکدیگر این سؤال را بکنید:”خداوند چه جوابی داده است؟“و یا”خداوند چه گفته است؟“ | 35 |
३५तुम लोग एक दूसरे से और अपने-अपने भाई से यह पूछना, ‘यहोवा ने क्या उत्तर दिया?’ या ‘यहोवा ने क्या कहा है?’
ولی دیگر عبارت پیغام خداوند را به زبان نیاورید، چون هر یک از شما سخنان خود را به عنوان پیغام بیان میکنید و با این کار، کلام خداوند لشکرهای آسمان را تغییر میدهید. | 36 |
३६‘यहोवा का कहा हुआ भारी वचन’, इस प्रकार तुम भविष्य में न कहना नहीं तो तुम्हारा ऐसा कहना ही दण्ड का कारण हो जाएगा; क्योंकि हमारा परमेश्वर सेनाओं का यहोवा जो जीवित परमेश्वर है, तुम लोगों ने उसके वचन बिगाड़ दिए हैं।
میتوانید از نبی بپرسید:”خداوند چه جوابی داده است؟“و یا”خداوند چه گفته است؟“ | 37 |
३७तू भविष्यद्वक्ता से यह पूछ, ‘यहोवा ने तुझे क्या उत्तर दिया?’
ولی اگر صحبت از پیغام خداوند بکنید، در حالی که من گفتهام آن را با بیاحترامی بر زبان نیاورید، | 38 |
३८या ‘यहोवा ने क्या कहा है?’ यदि तुम ‘यहोवा का कहा हुआ प्रभावशाली वचन’ इसी प्रकार कहोगे, तो यहोवा का यह वचन सुनो, ‘मैंने तो तुम्हारे पास सन्देश भेजा है, भविष्य में ऐसा न कहना कि “यहोवा का कहा हुआ प्रभावशाली वचन।” परन्तु तुम यह कहते ही रहते हो, “यहोवा का कहा हुआ प्रभावशाली वचन।”’
آنگاه شما را مانند بار از دوش خود افکنده، شما را با شهری که به شما و به پدرانتان داده بودم، از حضور خود دور خواهم انداخت، | 39 |
३९इस कारण देखो, मैं तुम को बिलकुल भूल जाऊँगा और तुम को और इस नगर को जिसे मैंने तुम्हारे पुरखाओं को, और तुम को भी दिया है, त्याग कर अपने सामने से दूर कर दूँगा।
و شما را به عار و رسوایی جاودانی دچار خواهم نمود که هیچگاه فراموش نشود.» | 40 |
४०और मैं ऐसा करूँगा कि तुम्हारी नामधराई और अनादर सदा बना रहेगा; और कभी भूला न जाएगा।”