< اشعیا 64 >
ای کاش آسمانها را میشکافتی و پایین میآمدی! حضور تو کوهها را میجنبانید | 1 |
१भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे सामने काँप उठे।
و آنها را مانند آبی که بر روی آتش بجوش میآید، میلرزانید. ای کاش میآمدی و قدرت خود را به دشمنانت نشان میدادی و حضور تو آنها را به لرزه میانداخت. | 2 |
२जैसे आग झाड़-झँखाड़ को जला देती या जल को उबालती है, उसी रीति से तू अपने शत्रुओं पर अपना नाम ऐसा प्रगट कर कि जाति-जाति के लोग तेरे प्रताप से काँप उठें!
زمانی تو این کار را کردی؛ هنگامی که انتظار آن را نداشتیم تو آمدی و با حضور خود کوهها را لرزاندی. | 3 |
३जब तूने ऐसे भयानक काम किए जो हमारी आशा से भी बढ़कर थे, तब तू उतर आया, पहाड़ तेरे प्रताप से काँप उठे।
از آغاز جهان تا به حال، نه کسی دیده و نه کسی شنیده که خدای دیگری غیر از تو برای پرستندگانش چنین کارهایی بکند. | 4 |
४क्योंकि प्राचीनकाल ही से तुझे छोड़ कोई और ऐसा परमेश्वर न तो कभी देखा गया और न कान से उसकी चर्चा सुनी गई जो अपनी बाट जोहनेवालों के लिये काम करे।
تو کسانی را نزد خود میپذیری که با خوشحالی آنچه را که راست است انجام میدهند. ولی ما آنچه را که راست است انجام ندادیم و تو بر ما غضبناک شدی. آیا برای ما که مدت زیادی در گناه غوطهور بودهایم امیدی هست؟ | 5 |
५तू तो उन्हीं से मिलता है जो धर्म के काम हर्ष के साथ करते, और तेरे मार्गों पर चलते हुए तुझे स्मरण करते हैं। देख, तू क्रोधित हुआ था, क्योंकि हमने पाप किया; हमारी यह दशा तो बहुत समय से है, क्या हमारा उद्धार हो सकता है?
همهٔ ما گناهکاریم؛ حتی کارهای خوب ما نیز تمام به گناه آلوده است. گناهانمان ما را مانند برگهای پاییزی خشک کرده، و خطایای ما همچون باد ما را با خود میبرد و پراکنده میکند. | 6 |
६हम तो सब के सब अशुद्ध मनुष्य के से हैं, और हमारे धार्मिकता के काम सब के सब मैले चिथड़ों के समान हैं। हम सब के सब पत्ते के समान मुर्झा जाते हैं, और हमारे अधर्म के कामों ने हमें वायु के समान उड़ा दिया है।
کسی نیست که دست دعا به سوی تو دراز کند و از تو یاری خواهد. تو روی خود را از ما برگردانیدهای و به سبب گناهانمان، ما را ترک کردهای. | 7 |
७कोई भी तुझ से प्रार्थना नहीं करता, न कोई तुझ से सहायता लेने के लिये चौकसी करता है कि तुझ से लिपटा रहे; क्योंकि हमारे अधर्म के कामों के कारण तूने हम से अपना मुँह छिपा लिया है, और हमें हमारी बुराइयों के वश में छोड़ दिया है।
اما ای خداوند، تو پدر ما هستی. ما گل هستیم و تو کوزهگر. همهٔ ما ساختهٔ دست تو هستیم. | 8 |
८तो भी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो मिट्टी है, और तू हमारा कुम्हार है; हम सब के सब तेरे हाथ के काम हैं।
پس، ای خداوند، تا این حد بر ما خشمگین نباش و گناهان ما را تا به ابد به خاطر نسپار. بر ما نظر لطف بیفکن، زیرا ما قوم تو هستیم. | 9 |
९इसलिए हे यहोवा, अत्यन्त क्रोधित न हो, और अनन्तकाल तक हमारे अधर्म को स्मरण न रख। विचार करके देख, हम तेरी विनती करते हैं, हम सब तेरी प्रजा हैं।
شهرهای مقدّس تو ویران شدهاند. اورشلیم مانند بیابان متروک شده است. | 10 |
१०देख, तेरे पवित्र नगर जंगल हो गए, सिय्योन सुनसान हो गया है, यरूशलेम उजड़ गया है।
عبادتگاه مقدّس و زیبای ما که اجدادمان در آن تو را عبادت میکردند، سوخته و تمام گنجینههای ما از بین رفته است. | 11 |
११हमारा पवित्र और शोभायमान मन्दिर, जिसमें हमारे पूर्वज तेरी स्तुति करते थे, आग से जलाया गया, और हमारी मनभावनी वस्तुएँ सब नष्ट हो गई हैं।
ای خداوند، آیا پس از این همه مصیبت باز ساکت میمانی و میگذاری بیش از طاقت خود رنج بکشیم؟ | 12 |
१२हे यहोवा, क्या इन बातों के होते हुए भी तू अपने को रोके रहेगा? क्या तू हम लोगों को इस अत्यन्त दुर्दशा में रहने देगा?