< پیدایش 9 >

خدا، نوح و پسرانش را برکت داد و به ایشان فرمود: «بارور و زیاد شوید و زمین را پُر سازید. 1
फिर परमेश्वर ने नूह और उसके पुत्रों को आशीष दी और उनसे कहा, “फूलो-फलो और बढ़ो और पृथ्वी में भर जाओ।
همهٔ حیوانات و خزندگان زمین، پرندگان هوا و ماهیان دریا از شما خواهند ترسید، زیرا همهٔ آنها را زیر سلطهٔ شما قرار داده‌ام. 2
तुम्हारा डर और भय पृथ्वी के सब पशुओं, और आकाश के सब पक्षियों, और भूमि पर के सब रेंगनेवाले जन्तुओं, और समुद्र की सब मछलियों पर बना रहेगा वे सब तुम्हारे वश में कर दिए जाते हैं।
من آنها را برای خوراک به شما داده‌ام، همان‌طور که گیاهان سبز را به شما بخشیدم. 3
सब चलनेवाले जन्तु तुम्हारा आहार होंगे; जैसे तुम को हरे-हरे छोटे पेड़ दिए थे, वैसे ही तुम्हें सब कुछ देता हूँ।
اما گوشت را با خونش که بدان حیات می‌بخشد نخورید. 4
पर माँस को प्राण समेत अर्थात् लहू समेत तुम न खाना।
و من تاوان خون شما را باز می‌ستانم. آن را از هر جانوری باز می‌ستانم. تاوان جان انسان را از دست همنوعش نیز باز می‌ستانم. 5
और निश्चय मैं तुम्हारा लहू अर्थात् प्राण का बदला लूँगा: सब पशुओं, और मनुष्यों, दोनों से मैं उसे लूँगा; मनुष्य के प्राण का बदला मैं एक-एक के भाई-बन्धु से लूँगा।
هر که خون انسانی را بریزد، خون او نیز به دست انسان ریخته خواهد شد؛ زیرا خدا انسان را به صورت خود آفرید. 6
जो कोई मनुष्य का लहू बहाएगा उसका लहू मनुष्य ही से बहाया जाएगा क्योंकि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने ही स्वरूप के अनुसार बनाया है।
و اما شما، فرزندان زیاد تولید کنید و زمین را پُر سازید.» 7
और तुम तो फूलो-फलो और बढ़ो और पृथ्वी पर बहुतायत से सन्तान उत्पन्न करके उसमें भर जाओ।”
سپس خدا به نوح و پسرانش فرمود: 8
फिर परमेश्वर ने नूह और उसके पुत्रों से कहा,
«من با شما و با نسلهای آیندهٔ شما عهد می‌بندم، 9
“सुनो, मैं तुम्हारे साथ और तुम्हारे पश्चात् जो तुम्हारा वंश होगा, उसके साथ भी वाचा बाँधता हूँ;
و نیز با تمام حیواناتی که با شما در کشتی بودند یعنی همۀ پرندگان، چارپایان و جانوران. 10
१०और सब जीवित प्राणियों से भी जो तुम्हारे संग हैं, क्या पक्षी क्या घरेलू पशु, क्या पृथ्वी के सब जंगली पशु, पृथ्वी के जितने जीवजन्तु जहाज से निकले हैं।
بله، من با شما عهد می‌بندم که بعد از این هرگز موجودات زنده را به‌وسیلۀ طوفان هلاک نکنم و زمین را نیز دیگر بر اثر طوفان خراب ننمایم. 11
११और मैं तुम्हारे साथ अपनी यह वाचा बाँधता हूँ कि सब प्राणी फिर जल-प्रलय से नाश न होंगे और पृथ्वी का नाश करने के लिये फिर जल-प्रलय न होगा।”
این است نشان عهد جاودانی من: 12
१२फिर परमेश्वर ने कहा, “जो वाचा मैं तुम्हारे साथ, और जितने जीवित प्राणी तुम्हारे संग हैं उन सब के साथ भी युग-युग की पीढ़ियों के लिये बाँधता हूँ; उसका यह चिन्ह है:
رنگین‌کمان خود را در ابرها می‌گذارم و این نشان عهدی خواهد بود که من با جهان بسته‌ام. 13
१३कि मैंने बादल में अपना धनुष रखा है, वह मेरे और पृथ्वी के बीच में वाचा का चिन्ह होगा।
وقتی ابرها را بالای زمین بگسترانم و رنگین‌کمان دیده شود، 14
१४और जब मैं पृथ्वी पर बादल फैलाऊं तब बादल में धनुष दिखाई देगा।
آنگاه قولی را که به شما و تمام جانداران داده‌ام به یاد خواهم آورد و دیگر هرگز تمام موجودات زنده به‌وسیلهٔ طوفان هلاک نخواهند شد. 15
१५तब मेरी जो वाचा तुम्हारे और सब जीवित शरीरधारी प्राणियों के साथ बंधी है; उसको मैं स्मरण करूँगा, तब ऐसा जल-प्रलय फिर न होगा जिससे सब प्राणियों का विनाश हो।
وقتی رنگین‌کمان را در ابرها ببینم، عهد جاودانی میان خدا و هر موجود زنده بر زمین را به یاد خواهم آورد.» 16
१६बादल में जो धनुष होगा मैं उसे देखकर यह सदा की वाचा स्मरण करूँगा, जो परमेश्वर के और पृथ्वी पर के सब जीवित शरीरधारी प्राणियों के बीच बंधी है।”
سپس خدا به نوح گفت: «این رنگین‌کمان نشان عهدی است که من با تمام موجودات زندهٔ روی زمین می‌بندم.» 17
१७फिर परमेश्वर ने नूह से कहा, “जो वाचा मैंने पृथ्वी भर के सब प्राणियों के साथ बाँधी है, उसका चिन्ह यही है।”
سه پسر نوح که از کشتی خارج شدند، سام و حام و یافث بودند. (حام پدر قوم کنعان است.) 18
१८नूह के जो पुत्र जहाज में से निकले, वे शेम, हाम और येपेत थे; और हाम कनान का पिता हुआ।
همه قومهای دنیا از سه پسر نوح به وجود آمدند. 19
१९नूह के तीन पुत्र ये ही हैं, और इनका वंश सारी पृथ्वी पर फैल गया।
نوح به کار کشاورزی مشغول شد و تاکستانی غرس نمود. 20
२०नूह किसानी करने लगा: और उसने दाख की बारी लगाई।
روزی که شراب زیاد نوشیده بود، در حالت مستی در خیمه‌اش برهنه خوابید. 21
२१और वह दाखमधु पीकर मतवाला हुआ; और अपने तम्बू के भीतर नंगा हो गया।
حام، پدر کنعان، برهنگی پدر خود را دید و بیرون رفته به دو برادرش خبر داد. 22
२२तब कनान के पिता हाम ने, अपने पिता को नंगा देखा, और बाहर आकर अपने दोनों भाइयों को बता दिया।
سام و یافث با شنیدن این خبر، ردایی روی شانه‌های خود انداخته عقب‌عقب به طرف پدرشان رفتند تا برهنگی او را نبینند. سپس او را با آن ردا پوشانیدند. 23
२३तब शेम और येपेत दोनों ने कपड़ा लेकर अपने कंधों पर रखा और पीछे की ओर उलटा चलकर अपने पिता के नंगे तन को ढाँप दिया और वे अपना मुख पीछे किए हुए थे इसलिए उन्होंने अपने पिता को नंगा न देखा।
وقتی نوح به حال عادی برگشت و فهمید که حام چه کرده است، 24
२४जब नूह का नशा उतर गया, तब उसने जान लिया कि उसके छोटे पुत्र ने उसके साथ क्या किया है।
گفت: «کنعان ملعون باد. برادران خود را بندهٔ بندگان باشد.» 25
२५इसलिए उसने कहा, “कनान श्रापित हो: वह अपने भाई-बन्धुओं के दासों का दास हो।”
و نیز گفت: «متبارک باد یهوه، خدای سام! کنعان بندهٔ او باشد. 26
२६फिर उसने कहा, “शेम का परमेश्वर यहोवा धन्य है, और कनान शेम का दास हो।
خدا زمین یافث را وسعت بخشد، و او را شریک سعادت سام گرداند، و کنعان بندهٔ او باشد.» 27
२७परमेश्वर येपेत के वंश को फैलाए; और वह शेम के तम्बुओं में बसे, और कनान उसका दास हो।”
پس از طوفان، نوح ۳۵۰ سال دیگر عمر کرد 28
२८जल-प्रलय के पश्चात् नूह साढ़े तीन सौ वर्ष जीवित रहा।
و در سن ۹۵۰ سالگی وفات یافت. 29
२९इस प्रकार नूह की कुल आयु साढ़े नौ सौ वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया।

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