< پیدایش 22 >
مدتی گذشت و خدا خواست ایمان ابراهیم را امتحان کند. پس او را ندا داد: «ای ابراهیم!» ابراهیم جواب داد: «بله، خداوندا!» | 1 |
इन बातों के बाद यूँ हुआ कि ख़ुदा ने अब्रहाम को आज़माया और उसे कहा, ऐ अब्रहाम! “उसने कहा, मैं हाज़िर हूँ।”
خدا فرمود: «یگانه پسرت یعنی اسحاق را که بسیار دوستش میداری برداشته، به سرزمین موریا برو و در آنجا وی را بر یکی از کوههایی که به تو نشان خواهم داد به عنوان هدیهٔ سوختنی، قربانی کن!» | 2 |
तब उसने कहा कि तू अपने बेटे इस्हाक़ को जो तेरा इकलौता है और जिसे तू प्यार करता है, साथ लेकर मोरियाह के मुल्क में जा और वहाँ उसे पहाड़ों में से एक पहाड़ पर जो मैं तुझे बताऊँगा, सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर चढ़ा।
ابراهیم صبح زود برخاست و مقداری هیزم جهت آتش قربانی تهیه نمود، الاغ خود را پالان کرد و پسرش اسحاق و دو نفر از نوکرانش را برداشته، به سوی مکانی که خدا به او فرموده بود، روانه شد. | 3 |
तब अब्रहाम ने सुबह सवेरे उठ कर अपने गधे पर चार जामा कसा और अपने साथ दो जवानों और अपने बेटे इस्हाक़ को लिया, और सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए लकड़ियाँ चीरी और उठ कर उस जगह को जो ख़ुदा ने उसे बताई थी रवाना हुआ।
پس از سه روز راه، ابراهیم آن مکان را از دور دید. | 4 |
तीसरे दिन अब्रहाम ने निगाह की और उस जगह को दूर से देखा।
پس به نوکران خود گفت: «شما در اینجا پیش الاغ بمانید تا من و پسرم به آن مکان رفته، عبادت کنیم و نزد شما برگردیم.» | 5 |
तब अब्रहाम ने अपने जवानों से कहा, “तुम यहीं गधे के पास ठहरो, मैं और यह लड़का दोनों ज़रा वहाँ तक जाते हैं, और सिज्दा करके फिर तुम्हारे पास लौट आएँगे।”
ابراهیم هیزمی را که برای قربانی سوختنی آورده بود، بر دوش اسحاق گذاشت و خودش کارد و وسیلهای را که با آن آتش روشن میکردند برداشت و با هم روانه شدند. | 6 |
और अब्रहाम ने सोख्त़नी क़ुर्बानी की लकड़ियाँ लेकर अपने बेटें इस्हाक़ पर रख्खीं, और आग और छुरी अपने हाथ में ली और दोनों इकट्ठे रवाना हुए।
اسحاق پرسید: «پدر، ما هیزم و آتش با خود داریم، اما برهٔ قربانی کجاست؟» | 7 |
तब इस्हाक़ ने अपने बाप अब्रहाम से कहा, ऐ बाप! “उसने जवाब दिया कि ऐ मेरे बेटे, मैं हाज़िर हूँ। उसने कहा, देख, आग और लकड़ियाँ तो हैं, लेकिन सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए बर्रा कहाँ है?”
ابراهیم در جواب گفت: «پسرم، خدا برهٔ قربانی را مهیا خواهد ساخت.» و هر دو به راه خود ادامه دادند. | 8 |
अब्रहाम ने कहा, “ऐ मेरे बेटे ख़ुदा ख़ुद ही अपने लिए सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए बर्रा मुहय्या कर लेगा।” तब वह दोनों आगे चलते गए।
وقتی به مکانی که خدا به ابراهیم فرموده بود رسیدند، ابراهیم مذبحی بنا کرده، هیزم را بر آن نهاد و اسحاق را بسته او را بر هیزم گذاشت. | 9 |
और उस जगह पहुँचे जो ख़ुदा ने बताई थी; वहाँ अब्रहाम ने क़ुर्बान गाह बनाई और उस पर लकड़ियाँ चुनीं और अपने बेटे इस्हाक़ को बाँधा और उसे क़ुर्बानगाह पर लकड़ियों के ऊपर रख्खा।
سپس او کارد را بالا برد تا اسحاق را قربانی کند. | 10 |
और अब्रहाम ने हाथ बढ़ाकर छुरी ली कि अपने बेटे को ज़बह करे।
در همان لحظه، فرشتهٔ خداوند از آسمان ابراهیم را صدا زده گفت: «ابراهیم! ابراهیم!» او جواب داد: «بله خداوندا!» | 11 |
तब ख़ुदावन्द के फ़रिश्ता ने उसे आसमान से पुकारा, कि ऐ अब्रहाम, ऐ अब्रहाम! उसने कहा, “मैं हाज़िर हूँ।”
فرشته گفت: «کارد را بر زمین بگذار و به پسرت آسیبی نرسان. اکنون دانستم که تو بسیار خداترس هستی، زیرا یگانه پسرت را از او دریغ نداشتی.» | 12 |
फिर उसने कहा कि तू अपना हाथ लड़के पर न चला और न उससे कुछ कर; क्यूँकि मैं अब जान गया कि तू ख़ुदा से डरता है, इसलिए कि तूने अपने बेटे को भी जो तेरा इकलौता है मुझ से दरेग न किया।
آنگاه ابراهیم قوچی را دید که شاخهایش در بوتهای گیر کرده است. پس رفته قوچ را گرفت و آن را در عوض پسر خود به عنوان هدیهٔ سوختنی قربانی کرد. | 13 |
और अब्रहाम ने निगाह की और अपने पीछे एक मेंढा देखा जिसके सींग झाड़ी में अटके थे; तब अब्रहाम ने जाकर उस मेंढे को पकड़ा और अपने बेटे के बदले सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर चढ़ाया।
ابراهیم آن مکان را «یهوه یری» (یعنی «خداوند تدارک میبیند») نامید که تا به امروز به همین نام معروف است. | 14 |
और अब्रहाम ने उस मक़म का नाम यहोवा यरी रख्खा। चुनाँचे आज तक यह कहावत है कि ख़ुदावन्द के पहाड़ पर मुहय्या किया जाएगा।
بار دیگر فرشتهٔ خداوند از آسمان ابراهیم را ندا داده، به او گفت: | 15 |
और ख़ुदावन्द के फ़रिश्ते ने आसमान से दोबारा अब्रहाम को पुकारा और कहा कि।
«خداوند میفرماید به ذات خود قسم خوردهام که چون مرا اطاعت کردی و حتی یگانه پسرت را از من دریغ نداشتی، | 16 |
“ख़ुदावन्द फ़रमाता है, चूँकि तूने यह काम किया कि अपने बेटे की भी जो तेरा इकलौता है दरेग न रख्खा; इसलिए मैंने भी अपनी ज़ात की क़सम खाई है कि
بهیقین تو را برکت خواهم داد و نسل تو را مانند ستارگان آسمان و شنهای دریا کثیر خواهم ساخت. آنها بر دشمنان خود پیروز شده، | 17 |
मैं तुझे बरकत पर बरकत दूँगा, और तेरी नसल को बढ़ाते — बढ़ाते आसमान के तारों और समुन्दर के किनारे की रेत की तरह कर दूँगा, और तेरी औलाद अपने दुश्मनों के फाटक की मालिक होगी।
موجب برکت همهٔ قومهای جهان خواهند گشت، زیرا تو مرا اطاعت کردهای.» | 18 |
और तेरी नसल के वसीले से ज़मीन की सब क़ौमें बरकत पाएँगी, क्यूँकि तूने मेरी बात मानी।”
پس ایشان نزد نوکران باز آمده، به سوی منزل خود در بئرشِبَع حرکت کردند. | 19 |
तब अब्रहाम अपने जवानों के पास लौट गया, और वह उठे और इकट्ठे बैरसबा' को गए; और अब्रहाम बैरसबा' में रहा।
بعد از این واقعه، به ابراهیم خبر رسید که مِلْکَه همسر ناحور برادر ابراهیم، هشت پسر به دنیا آورده است. | 20 |
इन बातों के बाद यूँ हुआ कि अब्रहाम को यह ख़बर मिली, कि मिल्काह के भी तेरे भाई नहूर से बेटे हुए हैं।
اسامی آنها از این قرار بود: پسر ارشدش عوص، و بعد بوز، قموئیل (جد ارامیان)، | 21 |
या'नी ऊज़ जो उसका पहलौठा है, और उसका भाई बूज़ और क्रमूएल, अराम का बाप,
کاسد، حزو، فلداش، یدلاف و بتوئیل. | 22 |
और कसद और हजू और फ़िल्दास और इद्लाफ़ और बैतूएल।
(بتوئیل پدر ربکا بود). علاوه بر این هشت پسر که از مِلکه به دنیا آمده بودند، | 23 |
और बैतूएल से रिब्क़ा पैदा हुई। यह आठों अब्रहाम के भाई नहूर से मिल्काह के पैदा हुए।
ناحور همچنین از کنیز خود به اسم رئومه، چهار فرزند دیگر داشت به نامهای طابح، جاحم، تاحش و معکه. | 24 |
और उसकी बाँदी से भी जिसका नाम रूमा था, तिबख़ और जाहम और तख़स और मा'का पैदा हुए।