< عِزرا 1 >
در سال اول سلطنت کوروش، پادشاه پارس، خداوند آنچه را که توسط ارمیای نبی فرموده بود، به انجام رساند. خداوند کوروش را بر آن داشت تا فرمانی صادر کند و آن را نوشته به سراسر سرزمین پهناورش بفرستد. این است متن آن فرمان: | 1 |
१फारस के राजा कुस्रू के राज्य के पहले वर्ष में यहोवा ने फारस के राजा कुस्रू का मन उभारा कि यहोवा का जो वचन यिर्मयाह के मुँह से निकला था वह पूरा हो जाए, इसलिए उसने अपने समस्त राज्य में यह प्रचार करवाया और लिखवा भी दिया:
«من، کوروش پادشاه پارس، اعلام میدارم که یهوه، خدای آسمانها، تمام ممالک جهان را به من بخشیده است و به من امر فرموده است که برای او در شهر اورشلیم که در یهوداست خانهای بسازم. | 2 |
२“फारस का राजा कुस्रू यह कहता है: स्वर्ग के परमेश्वर यहोवा ने पृथ्वी भर का राज्य मुझे दिया है, और उसने मुझे आज्ञा दी, कि यहूदा के यरूशलेम में मेरा एक भवन बनवा।
بنابراین، از تمام یهودیانی که در سرزمین من هستند، کسانی که بخواهند میتوانند به آنجا بازگردند و خانۀ یهوه، خدای اسرائیل را در اورشلیم بنا کنند. خدا همراه ایشان باشد! | 3 |
३उसकी समस्त प्रजा के लोगों में से तुम्हारे मध्य जो कोई हो, उसका परमेश्वर उसके साथ रहे, और वह यहूदा के यरूशलेम को जाकर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का भवन बनाए - जो यरूशलेम में है वही परमेश्वर है।
همسایگان این یهودیان باید به ایشان طلا و نقره، توشه راه و چارپایان بدهند و نیز هدایا برای خانهٔ خدا تقدیم کنند.» | 4 |
४और जो कोई किसी स्थान में रह गया हो, जहाँ वह रहता हो, उस स्थान के मनुष्य चाँदी, सोना, धन और पशु देकर उसकी सहायता करें और इससे अधिक यरूशलेम स्थित परमेश्वर के भवन के लिये अपनी-अपनी इच्छा से भी भेंट चढ़ाएँ।”
از طرف دیگر، خدا اشتیاق فراوان در دل رهبران طایفههای یهودا و بنیامین، و کاهنان و لاویان ایجاد کرد تا به اورشلیم بازگردند و خانهٔ خداوند را دوباره بنا کنند. | 5 |
५तब यहूदा और बिन्यामीन के जितने पितरों के घरानों के मुख्य पुरुषों और याजकों और लेवियों का मन परमेश्वर ने उभारा था कि जाकर यरूशलेम में यहोवा के भवन को बनाएँ, वे सब उठ खड़े हुए;
تمام همسایگان، علاوه بر هدایایی که برای خانهٔ خدا تقدیم نمودند، هدایایی نیز از طلا و نقره، توشه راه و چارپایان به مسافران دادند. | 6 |
६और उनके आस-पास सब रहनेवालों ने चाँदी के पात्र, सोना, धन, पशु और अनमोल वस्तुएँ देकर, उनकी सहायता की; यह उन सबसे अधिक था, जो लोगों ने अपनी-अपनी इच्छा से दिया।
کوروش نیز اشیاء قیمتی خانهٔ خداوند را که نِبوکَدنِصَّر آنها را از اورشلیم آورده و در معبد خدایان خود گذاشته بود، به یهودیان پس داد. | 7 |
७फिर यहोवा के भवन के जो पात्र नबूकदनेस्सर ने यरूशलेम से निकालकर अपने देवता के भवन में रखे थे,
کوروش به خزانهدار خود، «میتراداد»، دستور داد که تمام این اشیاء قیمتی را از خزانه بیرون بیاورد و به شِیشبَصَّر، سرپرست یهودیانی که به سرزمین یهودا بازمیگشتند، تحویل بدهد. | 8 |
८उनको कुस्रू राजा ने, मिथ्रदात खजांची से निकलवाकर, यहूदियों के शेशबस्सर नामक प्रधान को गिनकर सौंप दिया।
این اشیاء قیمتی عبارت بودند از: سینی طلا ۳۰ عدد سینی نقره ۱٬۰۰۰ عدد سینیهای دیگر ۲۹ عدد جام طلا ۳۰ عدد جام نقره ۴۱۰ عدد ظروف دیگر ۱٬۰۰۰ عدد | 9 |
९उनकी गिनती यह थी, अर्थात् सोने के तीस और चाँदी के एक हजार परात और उनतीस छुरी,
१०सोने के तीस कटोरे और मध्यम प्रकार की चाँदी के चार सौ दस कटोरे तथा अन्य प्रकार के पात्र एक हजार।
رویهمرفته ۵٬۴۰۰ ظروف قیمتی از طلا و نقره به شِیشبَصَّر سپرده شد و او آنها را با اسیرانی که از بابِل به اورشلیم میرفتند، برد. | 11 |
११सोने चाँदी के पात्र सब मिलाकर पाँच हजार चार सौ थे। इन सभी को शेशबस्सर उस समय ले आया जब बन्धुए बाबेल से यरूशलेम को आए।