< حِزِقیال 22 >

پیغامی دیگر از جانب خداوند بر من نازل شد: 1
फिर ख़ुदा वन्द का कलाम मुझ पर नाजिल हुआ:
«ای پسر انسان، اهالی جنایتکار اورشلیم را محکوم کن! گناهان کثیفشان را آشکارا اعلام نما! 2
कि 'ऐ आदमज़ाद, क्या तू इल्ज़ाम न लगाएगा? क्या तू इस खू़नी शहर को मुल्ज़िम न ठहराएगा? तू इसके सब नफ़रती काम इसको दिखा,
بگو خداوند یهوه چنین می‌فرماید: «ای شهر جنایتکاران که محکوم و ملعون هستی، ای شهر بتها که نجس و آلوده‌ای، 3
और कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि ऐ शहर, तू अपने अन्दर खूँरेज़ी करता है ताकि तेरा वक़्त आजाए और तू अपने वास्ते बुतों को अपने नापाक करने के लिए बनाता है।
گناه تو آدمکشی و بت‌پرستی است! بنابراین، روز هلاکت تو نزدیک شده و پایان زندگی‌ات فرا رسیده است؛ تو را نزد قومهای جهان مسخره و رسوا خواهم نمود. 4
तू उस खू़न की वजह से जो तूने बहाया मुजरिम ठहरा, और तू बुतों के ज़रिए' जिनको तूने बनाया है नापाक हुआ; तू अपने वक़्त को नज़दीक लाता है और अपने दिनों के ख़ातिमे तक पहुँचा है इसलिए मैंने तुझे क़ौमों की मलामत का निशाना और मुल्कों का ठठ्ठा बनाया है।
ای شهر بدنام و سرکش، قومهای دور و نزدیک تو را به باد مسخره خواهند گرفت. 5
तुझ से दूर — ओ — नज़दीक के सब लोग तेरी हँसी उड़ायेंगे क्यूँकि तू झगड़ालू और बदनाम मशहूर है।
«تمام بزرگان اسرائیل در اورشلیم از قدرت خود برای آدمکشی استفاده می‌کنند. 6
देख, इस्राईल के हाकिम सब के सब जो तुझ में हैं, मक़दूर भर खू़ँरेज़ी पर मुसत'इद थे।
در این شهر، پدر و مادر احترامی ندارند؛ غریبان مظلوم می‌شوند و یتیمان و بیوه‌زنان مورد ظلم و ستم قرار می‌گیرند؛ 7
तेरे अन्दर उन्होंने माँ बाप को बेकार जाना है, तेरे अन्दर उन्होंने परदेसियों पर ज़ुल्म किया तेरे अन्दर उन्होंने यतीमों और बेवाओं पर सितम किया है।
اماکن مقدّس مرا خوار می‌شمارند و حرمت روزهای شَبّات را نگاه نمی‌دارند؛ 8
तूने मेरी पाक चीज़ों को नाचीज़ जाना, और मेरे सबतों को नापाक किया।
مردم را به ناحق زندانی و محکوم به مرگ می‌کنند! «بر هر کوهی، بتخانه‌ای دیده می‌شود؛ شهوت‌پرستی و ناپاکی در همه جا به چشم می‌خورد؛ 9
तेरे अन्दर वह लोग हैं जो चुगलखोरी करके खू़न करवाते हैं, और तेरे अन्दर वह हैं जो बुतों की क़ुर्बानी से खाते हैं; तेरे अन्दर वह हैं जो बुराई करते हैं।
عده‌ای با زن پدر خود زنا می‌کنند بعضی دیگر با زن خود در دوره قاعدگی‌اش همبستر می‌شوند! 10
तेरे अन्दर वह भी हैं जिन्होंने अपने बाप की लौंडी शिकनी की, तुझ में उन्होंने उस 'औरत से जो नापाकी की हालत में थी मुबाश्रत की।
زنا با زن همسایه، با عروس و با خواهر ناتنی، امری عادی و رایج گشته است. 11
किसी ने दूसरे की बीवी से बदकारी की, और किसी ने अपनी बहू से बदज़ाती की, और किसी ने अपनी बहन अपने बाप की बेटी को तेरे अन्दर रुस्वा किया।
این شهر پر است از آدم کشی‌های مزدور، رباخواران و آنانی که به زور مال مردم را غصب می‌کنند و می‌خورند. ایشان مرا کاملاً به فراموشی سپرده‌اند. 12
तेरे अन्दर उन्होंने खूँरेज़ी के लिए रिश्वत ख़्वारी की तूने ब्याज और सूद लिया और ज़ुल्म करके अपने पड़ोसी को लूटा और मुझे फ़रामोश किया ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
«پس اکنون، من به این سودهای نامشروع و خونریزیها پایان می‌دهم! 13
“देख, तेरे नारवा नफ़े' की वजह से जो तूने लिया, और तेरी खू़ँरेज़ी के ज़रिए' जो तेरे अन्दर हुई, मैंने ताली बजाई।
آیا تصور می‌کنید در روز داوری من، تاب و توانی در ایشان باقی بماند؟ من یهوه این سخنان را گفته‌ام و آنها را عملی خواهم ساخت! 14
क्या तेरा दिल बर्दाश्त करेगा और तेरे हाथों में ज़ोर होगा, जब मैं तेरा मु'आमिले का फ़ैसला करूँगा? मैं ख़ुदावन्द ने फ़रमाया, और मैं ही कर दिखाऊँगा।
ایشان را در سراسر جهان پراکنده خواهم کرد و شرارتها و گناهانی را که در میان ایشان است، از بین خواهم برد. 15
हाँ, मैं तुझ को क़ौमों में तितर बितर और मुल्कों में तितर — बितर करूँगा, और तेरी गन्दगी तुझ में से हलाक कर दूँगा।
آنها در میان قومها بی‌آبرو خواهند شد تا بدانند که من یهوه هستم.» 16
और तू क़ौमों के सामने अपने आप में नापाक ठहरेगा, और मा'लूम करेगा कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।”
سپس خداوند فرمود: 17
और ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
«ای پسر انسان، قوم اسرائیل مانند تفاله بی‌ارزشی هستند که پس از ذوب نقره باقی می‌ماند. آنان مس و روی، آهن و سرب هستند که در کوره از نقره جدا می‌شود. چون تفاله‌های بی‌ارزشی هستند، از این رو من ایشان را به کورهٔ زرگری خود در اورشلیم خواهم آورد تا با آتش خشم خود ذوبشان کنم. 18
कि ऐ आदमज़ाद, बनी इस्राईल मेरे लिए मैल हो गए हैं; वह सब के सब पीतल और रॉगा और लोहा और सीसा हैं जो भट्टी में हैं, वह चाँदी की मैल हैं।
19
इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि चूँकि तुम सब मैल हो गए हो, इसलिए देखो, मैं तुम को येरूशलेम में जमा' करूँगा।
20
जिस तरह लोग चाँदी और पीतल और लोहा और शीशा और राँगा भट्ठी में जमा' करते हैं और उनपर धौंकते हैं ताकि उनको पिघला डालें, उसी तरह मैं अपने क़हर और अपने ग़ज़ब में तुम को जमा' करूँगा, और तुम को वहाँ रखकर पिघलाऊँगा।
آتش خشم خود را بر آنان خواهم دمید، 21
हाँ, मैं तुम को इकट्ठा करूँगा और अपने ग़ज़ब की आग तुम पर धौंकूँगा, और तुम को उसमें पिघला डालूँगा।
و همچون نقره، در کورهٔ آتش گداخته خواهند شد تا بدانند که من یهوه خشم خود را بر ایشان افروخته‌ام.» 22
जिस तरह चाँदी भट्टी में पिघलाई जाती है, उसी तरह तुम उसमें पिघलाए जाओगे, और तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द ने अपना क़हर तुम पर नाज़िल किया है।
بار دیگر خداوند با من سخن گفت و فرمود: 23
और ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
«ای پسر انسان، به قوم اسرائیل بگو که سرزمینشان ناپاک است و از این رو من خشم خود را بر ایشان فرو خواهم ریخت. 24
कि 'ऐ आदमज़ाद, उससे कह, तू वह सरज़मीन है जो पाक नहीं की गई और जिस पर ग़ज़ब के दिन में बारिश नहीं हुई।
بزرگانشان توطئه می‌چینند و همچون شیری که غرش‌کنان شکار را می‌درد، بسیاری را می‌کشند، اموال مردم را غصب می‌کنند و از راه زور و تجاوز، ثروت می‌اندوزند و باعث افزایش شمار بیوه‌زنان می‌گردند. 25
जिसमें उसके नबियों ने साज़िश की है, शिकार को फाड़ते हुए गरजने वाले शेर — ए — बबर की तरह वह जानों को खा गए हैं; वह माल और क़ीमती चीज़ों को छीन लेते हैं; उन्होंने उसमें बहुत सी 'औरतों को बेवा बना दिया है।
کاهنانشان احکام و قوانین مرا می‌شکنند، خانه مقدّس مرا نجس می‌سازند؛ فرقی بین مقدّس و نامقدّس قائل نمی‌شوند؛ فرق میان نجس و طاهر را تعلیم نمی‌دهند و حرمت روز شَبّات را نگاه نمی‌دارند. به همین جهت، نام مقدّس من در میان آنها بی‌حرمت شده است. 26
उसके काहिनों ने मेरी शरी'अत को तोड़ा और मेरी पाक चीज़ों को नापाक किया है। उन्होंने पाक और 'आम में कुछ फ़र्क़ नहीं रख्खा और मैं उनमें बे'इज़्ज़त हुआ।
رهبرانشان مانند گرگ شکار خود را می‌درند و برای نفع خود دست به جنایت می‌زنند، 27
उसके हाकिम उसमें शिकार को फाड़ने वाले भेड़ियों की तरह हैं, जो नाजाएज़ नफ़ा' की ख़ातिर खूँरेज़ी करते हैं और जानों को हलाक करते हैं।
انبیایشان از فکر خود رؤیاهایی تعریف می‌کنند و به دروغ می‌گویند که پیامهایشان از جانب خداوند است؛ حال آنکه من حتی کلمه‌ای نیز با ایشان سخن نگفته‌ام. با این کار، گناهان را می‌پوشانند تا زشتی آن دیده نشود، همان‌گونه که دیوار را با گچ می‌پوشانند. 28
और उसके नबी उनके लिए कच्च गारा करते हैं; बातिल ख़्वाब देखते और झूटी फ़ालगीर करते हैं और कहते हैं कि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, हालाँकि ख़ुदावन्द ने नहीं फ़रमाया।
حتی مردم عادی نیز مال یکدیگر را می‌خورند، فقرا و نیازمندان را ظالمانه غارت می‌کنند و اموال اشخاص غریب و بیگانه را با بی‌انصافی از دستشان می‌گیرند. 29
इस मुल्क के लोगों ने सितमगरी और लूट मार की है, और ग़रीब और मोहताज को सताया है और परदेसियों पर नाहक सख़्ती की है।
«اما من کسی را جستجو می‌کردم که بار دیگر دیوار عدالت را در این سرزمین بنا کند؛ کسی را می‌جستم که بتواند در شکاف دیوار شهر بایستد تا به هنگام ریزش غضب من، از شهر دفاع کند. ولی کسی را نیافتم! 30
मैंने उनके बीच तलाश की, कि कोई ऐसा आदमी मिले जो फ़सील बनाए, और उस सरज़मीन के लिए उसके रखने में मेरे सामने खड़ा हो ताकि मैं उसे वीरान न करूँ, लेकिन कोई न मिला।
بنابراین، خشم خود را بر آنها خواهم ریخت و در آتش غضب خود هلاکشان خواهم ساخت، و آنها را به سزای همه گناهانشان خواهم رساند.» این را خداوند یهوه می‌گوید. 31
इसलिए मैंने अपना क़हर उन पर नाज़िल किया, और अपने ग़ज़ब की आग से उनको फ़ना कर दिया; और मैं उनके चाल चलन को उनके सिरों पर लाया, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।

< حِزِقیال 22 >