< خروج 27 >
«مذبح را از چوب اقاقیا بساز، به شکل مربع که طول هر ضلع آن دو و نیم متر و بلندیش یک و نیم متر باشد. | 1 |
“बबूल की लकड़ी से एक वेदी बनवाना, तथा उसकी ऊंचाई एक मीटर पैंतीस सेंटीमीटर हो, वह वेदी चौकोर हो, सवा दो मीटर लंबी और सवा दो मीटर चौड़ी हो.
آن را طوری بساز که در چهار گوشهٔ آن چهار زائده به شکل شاخ باشد. تمام مذبح و شاخها، روکش مفرغین داشته باشند. | 2 |
उसके चारों कोनों पर सींग बनवाना, वेदी और सींग एक ही टुकड़े से बने हों और उसमें कांसा लगवाना.
لوازم آن که شامل سطلهایی برای برداشتن خاکستر، خاکاندازها، کاسهها، چنگکها و آتشدانها میباشد باید همگی از مفرغ باشند. | 3 |
वेदी से राख उठाने का बर्तन, फावड़े, कटोरे, कांटे और अंगीठियां कांसे से बनवाना.
برای مذبح یک منقل مشبک مفرغین بساز که در هر گوشهٔ آن یک حلقه مفرغین باشد، | 4 |
वेदी के लिए कांसे की जाली की एक झंझरी बनवाना और जाली के चारों कोनों पर कांसे के चार कड़े बनवाना.
این منقل را زیر لبۀ مذبح بگذار به طوری که در نیمۀ بلندی مذبح قرار گیرد. | 5 |
उसे वेदी के नीचे इस प्रकार लगवाना कि वह वेदी की आधी ऊंचाई तक आए.
دو چوب از درخت اقاقیا با روکش مفرغین برای مذبح درست کن | 6 |
वेदी के लिए डंडे बबूल की लकड़ी के ही बनवाना और उसमें कांसे लगवाना.
و چوبها را در حلقههایی که در دو طرف مذبح نصب شده فرو کن تا هنگام حمل مذبح، در دو طرف آن قرار بگیرند. | 7 |
वे डंडे कड़ों में डालें ताकि जब वेदी को उठाएं तब डंडे उसके दोनों ओर हों.
همانطور که در بالای کوه نشان دادم، مذبح باید درونش خالی باشد و از تخته درست شود. | 8 |
वेदी को तख्तों से इस प्रकार बनाना कि वह अंदर से खोखली रहे. जैसे तुमको पर्वत पर दिखाया गया था, ठीक वैसी ही बनाना.
«حیاطی برای خیمۀ عبادت درست کن. طول پردههای سمت جنوب پنجاه متر و از کتان ریزبافت تابیده باشد | 9 |
“फिर पवित्र स्थान के आंगन को बनवाना. आंगन के दक्षिण हिस्से में बंटी हुई बारिक सनी के कपड़े का पर्दा हो, जिनकी लंबाई पैंतालीस मीटर हो.
با بیست ستون و بیست پایۀ مفرغین، و بر ستونها قلابها و پشتبندهای نقرهای باشد. | 10 |
तथा बीस खंभे और कांसे की बीस कुर्सियां बनवाना. खंभों के कुण्डे और पट्टियां चांदी की हों.
برای سمت شمالی حیاط نیز همین کار را بکن. | 11 |
इसी प्रकार उत्तरी हिस्से के लिए भी पैंतालीस मीटर लंबे पर्दे बनवाना. उनके लिए बीस खंभे और कांसे की बीस कुर्सियां बनवाना. मीनारों के कड़े और पट्टियां चांदी की हों.
طول دیوار پردههای سمت غربی حیاط باید بیست و پنج متر باشد با ده ستون و ده پایه. | 12 |
“आंगन का पश्चिमी हिस्सा साढ़े बाईस मीटर लंबा हो तथा उसके लिए पर्दे, दस खंभे और दस कुर्सियां बनवाना.
طول دیوار پردههای سمت شرقی هم باید بیست و پنج متر باشد. | 13 |
आंगन का पूर्वी किनारा भी साढ़े बाईस मीटर का हो.
در یک طرف مدخل، پردههایی باشد به درازای هفت و نیم متر با سه ستون و سه پایه، | 14 |
द्वार के एक तरफ के पर्दे छः मीटर पचहत्तर सेंटीमीटर के हों, और तीन खंभे और तीन कुर्सियां हों,
و در طرف دیگر مدخل نیز پردههایی باشد به درازای هفت و نیم متر با سه ستون و سه پایه. | 15 |
दूसरी ओर के पर्दे छः मीटर पचहत्तर सेंटीमीटर के हों, तथा तीन खंभे और तीन कुर्सियां हों.
«برای مدخل حیاط یک پرده به طول ده متر از کتان ریزبافتِ تابیده تهیه کن و با نخهای آبی، ارغوانی و قرمز گلدوزی نما و آن را از چهار ستون که روی چهار پایه قرار دارند آویزان کن. | 16 |
“आंगन के द्वार के लिए नौ मीटर लंबा नीले, बैंगनी और लाल रंग का कपड़ा तथा बंटा हुआ मलमल का पर्दा बनवाना उसमें चार खंभे और चार कुर्सियां हों.
تمام ستونهای اطراف حیاط باید بهوسیلهٔ پشتبندها و قلابهای نقرهای به هم مربوط شوند. ستونها باید در پایههای مفرغین قرار گیرند. | 17 |
आंगन के चारों ओर के सब खंभे चांदी की पट्टियों से जुड़े हुए हों. उनके कुण्डे चांदी के और उनकी खानें कांसे की हों.
پس حیاط باید پنجاه متر طول و بیست و پنج متر عرض و دو و نیم متر بلندی داشته باشد. پردههای آن نیز از کتان ریزبافت تابیده و پایههای آن از مفرغ باشد. | 18 |
आंगन की लंबाई पैंतालीस मीटर तथा चौड़ाई साढ़े बाईस मीटर तथा ऊंचाई दो मीटर तीस सेंटीमीटर ऊंचे हों और उनकी कुर्सियां कांसे की हों.
«تمام وسایل دیگری که در خیمه به کار برده میشوند و تمام میخهای خیمه و حیاط آن باید از مفرغ باشند. | 19 |
पवित्र स्थान के उपयोग का सारा सामान, उसकी सब खूंटियां और आंगन की सब खूंटियां कांसे की हों.
«به بنیاسرائیل دستور بده روغن خالص از زیتون فشرده برای ریختن در چراغدان بیاورند تا چراغها همیشه روشن باشند. | 20 |
“इस्राएलियों को कहना कि वे दीये के लिए जैतून का निकाला हुआ शुद्ध तेल लायें, जिससे दिया हमेशा जलता रहे,
در خیمۀ ملاقات، بیرونِ پردهای که مقابل صندوق عهد قرار دارد، هارون و پسرانش این چراغدان را از شب تا صبح در حضور خداوند روشن نگاه دارند. این برای تمام نسلهای بنیاسرائیل یک قانون جاودانی است. | 21 |
जो मिलनवाले तंबू के बीचवाले पर्दे से बाहर जो साक्षी पर्दे के सामने हैं. अहरोन और उसके पुत्र, सुबह से शाम तक, उस दीये को याहवेह के सामने जलता हुआ रखें. यह इस्राएलियों के लिए पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहनेवाला आदेश है.