< خروج 26 >
«خیمۀ عبادت را با ده پرده از کتان ریزبافتِ تابیده و نخهای آبی، ارغوانی و قرمز درست کن. روی آنها نقش کروبیان با دقت گلدوزی شود. | 1 |
“और तू घर के लिए दस पर्दे बनाना; यह बटे हुए बारीक कतान और आसमानी क़िरमिज़ी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों के हों और इनमें किसी माहिर उस्ताद से करूबियों की सूरत कढ़वाना।
همه پردهها به یک اندازه باشند، چهارده متر درازا و دو متر پهنا داشته باشند. | 2 |
हर पर्दे की लम्बाई अट्ठाईस हाथ और चौड़ाई चार हाथ हो और सब पर्दे एक ही नाप के हों।
ده پرده را پنج پنج به هم بدوز به طوری که دو قطعهٔ جداگانه تشکیل دهند. | 3 |
और पाँच पर्दे एक दूसरे से जोड़े जाएँ और बाक़ी पाँच पर्दे भी एक दूसरे से जोड़े जाएँ।
بر لبۀ آخرین پرده از دستۀ اول، حلقههایی از پارچۀ آبی بساز و بر لبۀ آخرین پرده از دستۀ دوم نیز چنین کن. | 4 |
और तू एक बड़े पर्दे के हाशिये में बटे हुए किनारे की तरफ़ जो जोड़ा जाएगा आसमानी रंग के तुकमे बनाना और ऐसे ही दूसरे बड़े पर्दे के हाशिये में जो इसके साथ मिलाया जाएगा तुकमे बनाना।
پنجاه حلقه بر یک پرده و پنجاه حلقه بر آخرین پرده از دستۀ دیگر بساز، به گونهای که حلقهها در برابر هم قرار داشته باشند. | 5 |
पचास तुकमे एक बड़े पर्दे में बनाना और पचास ही दूसरे बड़े पर्दे के हाशिये में जो इसके साथ मिलाया जाएगा बनाना, और सब तुकमे एक दूसरे के आमने सामने हों।
سپس پنجاه گیره از طلا بساز و پردهها را با آنها به هم متصل کن تا پردههای دور خیمۀ عبادت به صورت یکپارچه درآیند. | 6 |
और सोने की पचास घुन्डियाँ बना कर इन पर्दों को इन्हीं घुन्डियों से एक दूसरे के साथ जोड़ देना, तब वह घर एक हो जाएगा।
«پوشش سقف خیمۀ عبادت را از پشم بز به شکل چادر بباف. بر روی هم یازده قطعه پارچه. | 7 |
'और तू बकरी के बाल के पर्दे बनाना ताकि घर के ऊपर ख़ेमा का काम दें, ऐसे पर्दे ग्यारह हों।
این یازده قطعه پارچه به یک اندازه باشند، هر کدام به درازای پانزده متر و به عرض دو متر. | 8 |
और हर पर्दे की लम्बाई तीस हाथ और चौड़ाई चार हाथ हो, वह ग्यारह हों, पर्दे एक ही नाप के हों।
پنج تا از آن قطعهها را به هم بدوز تا یک قطعهٔ بزرگ تشکیل شود. شش قطعهٔ دیگر را نیز به همین ترتیب به هم بدوز. (قطعهٔ ششم از قسمت بالای جلوی خیمهٔ مقدّس آویزان خواهد شد.) | 9 |
और तू पाँच पर्दे एक जगह और छ: पर्दे एक जगह आपस में जोड़ देना, और छटे पर्दे को खे़मे के सामने मोड़ कर दोहरा कर देना।
در حاشیهٔ آخرین پرده از یک دسته، پنجاه حلقه درست کن و در حاشیۀ آخرین پرده از دستۀ دیگر نیز پنجاه حلقه بساز. | 10 |
और तू पचास तुकमे उस पर्दे के हाशिये में, जो बाहर से मिलाया जाएगा और पचास ही तुकमे दूसरी तरफ़ के पर्दे के हाशिये में जो बाहर से मिलाया जाएगा बनाना।
سپس پنجاه گیرۀ مفرغین بساز و آنها را در حلقهها قرار بده تا پوشش خیمه به هم وصل شده، یکپارچه گردد. | 11 |
और पीतल की पचास घुन्डियाँ बना कर इन घुन्डियों को तुकमों में पहना देना और खे़मे को जोड़ देना ताकि वह एक हो जाए।
قسمت اضافۀ پردههای پوشش، یعنی نیم پردهای که اضافه است، در پشت خیمه آویخته شود. | 12 |
और खे़मे के पर्दों का लटका हुआ हिस्सा, या'नी आधा पर्दा जो बचा रहेगा वह घर की पिछली तरफ़ लटका रहे।
پردههای پوشش خیمه در دو طرف نیم متر بلندتر خواهد بود؛ این قسمت اضافه از دو طرف خیمه آویزان خواهد بود تا آن را بپوشاند. | 13 |
और ख़ेमे के पर्दों की लम्बाई के बाक़ी हिस्से में से एक हाथ पर्दा इधर से और एक हाथ पर्दा उधर से घर की दोनों तरफ़ इधर और उधर लटका रहे ताकि उसे ढाँक ले।
دو پوشش دیگر درست کن یکی از پوست قوچ که رنگش سرخ شده باشد و دیگری از پوست خز، و آنها را به ترتیب روی پوشش اولی بینداز. بدین ترتیب سقف خیمۀ عبادت تکمیل میشود. | 14 |
और तू इस खे़मे के लिए मेंढों की सुर्ख़ रंगी हुई खालों का ग़िलाफ़ और उसके ऊपर तुख़्सों की खालों का ग़िलाफ़ बनाना।
«چوببست خیمهٔ عبادت را از تختههای چوب اقاقیا بساز. | 15 |
“और तू घर के लिए कीकर की लकड़ी के तख़्ते बनाना कि खड़े किए जाएँ।
درازای هر تخته پنج متر و پهنای آن ۷۵ سانتی متر باشد. | 16 |
हर तख़्ते की लम्बाई दस हाथ और चौड़ाई डेढ़ हाथ हो।
در هر طرف تخته، زبانهای باشد تا با تختهٔ پهلویی جفت شود. تمام تختههای خیمۀ عبادت را اینطور درست کن. | 17 |
और हर तख़्ते में दो — दो चूलें हों जो एक दूसरे से मिली हुई हों, घर के सब तख़्ते इसी तरह के बनाना।
برای طرف جنوبی خیمۀ عبادت بیست تخته بساز | 18 |
और घर के लिए जो तख़्ते तू बनाएगा उनमें से बीस तख़्ते दाख्खिनी रुख़ के लिए हों।
و برای زیر آنها چهل پایهٔ نقرهای، یعنی دو پایه برای دو زبانۀ هر تخته. | 19 |
और इन बीसों तख़्तों के नीचे चाँदी के चालीस ख़ाने बनाना या'नी हर एक तख़्ते के नीचे उसकी दोनों चूलों के लिए दो — दो ख़ाने।
برای طرف دیگر خیمۀ عبادت، یعنی طرف شمال بیست تخته بساز | 20 |
और घर की दूसरी तरफ़ या'नी उत्तरी रुख़ के लिए बीस तख़्ते हों।
و چهل پایهٔ نقرهای برای زیر آنها، یعنی دو پایه برای هر تخته. | 21 |
और उनके लिए भी चाँदी के चालीस ही ख़ाने हों, या'नी एक — एक तख़्ते के नीचे दो — दो ख़ाने।
برای قسمت آخر خیمۀ عبادت، یعنی آخر بخش غربی، شش تخته بساز | 22 |
और घर के पिछले हिस्से के लिए पश्चिमी रुख़ में छ: तख़्ते बनाना।
و برای هر یک از گوشههای قسمت آخر خیمه، دو تخته. | 23 |
और उसी पिछले हिस्से में घर के कोनों के लिए दो तख़्ते बनाना।
این دو تخته باید از بالا و پایین بهوسیلۀ حلقهها به تختهها وصل شوند. | 24 |
यह नीचे से दोहरे हों और इसी तरह ऊपर के सिरे तक आकर एक हल्के़ में मिलाए जाएँ, दोनों तख़्ते इसी ढब के हों, यह तख़्ते दोनों कोनों के लिए होंगे।
پس جمعاً در انتهای خیمۀ عبادت باید هشت تخته با شانزده پایهٔ نقرهای باشد، زیر هر تخته دو پایه. | 25 |
तब आठ तख़्ते और चाँदी के सोलह ख़ाने होंगे, या'नी एक एक तख़्ते के लिए दो दो ख़ाने।
«پشتبندهایی از چوب اقاقیا بساز تا به طور افقی تختهها را نگه دارند: پنج تیر پشتبند برای تختههایی که در سمت شمال قرار دارند، | 26 |
“और तू कीकर की लकड़ी के बेन्डे बनाना, पाँच बेन्डे घर के एक पहलू के तख़्तों के लिए,
پنج تیر برای تختههای سمت جنوب و پنج تیر برای تختههایی که در طرف غربی انتهای خیمه قرار دارند. | 27 |
और पाँच बेन्डे घर के दूसरे पहलू के तख़्तों के लिए, और पाँच बेन्डे घर के पिछले हिस्से या'नी पश्चिमी रुख़ के तख़्तों के लिए,
تیر وسطی باید به طور سراسری از وسط تختهها بگذرد. | 28 |
और वस्ती बेन्डा जो तख़्तों के बीच में हो, वह ख़ेमे की एक हद से दूसरी हद तक पहुँचे।
«روکش تمام تختهها از طلا باشد. برای نگه داشتن تیرها، حلقههایی از طلا بساز. تیرها را نیز با روکش طلا بپوشان. | 29 |
और तू तख़्तों को सोने से मंढ़ना और बेन्डों के घरों के लिए सोने के कड़े बनाना और बेन्डों को भी सोने से मंढ़ना।
میخواهم این خیمه را درست همانطور بسازی که طرح و نمونهٔ آن را در بالای کوه به تو نشان دادهام. | 30 |
और तू घर को उसी नमूने के मुताबिक़ बनाना जो पहाड़ पर दिखाया गया है।
«در داخل خیمه، یک پرده از کتان ریزبافت تابیده و نخهای آبی، ارغوانی و قرمز درست کن و نقش کروبیان را با دقت روی آن گلدوزی نما. | 31 |
“और तू आसमानी — अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान का एक पर्दा बनाना, और उसमें किसी माहिर उस्ताद से करूबियों की सूरत कढ़वाना।
چهار ستون از چوب اقاقیا با روکش طلا که چهار قلاب طلا هم داشته باشد بر پا کن. ستونها باید در چهار پایهٔ نقرهای قرار گیرند. پرده را به قلابها آویزان کن. | 32 |
और उसे सोने से मंढ़े हुए कीकर के चार सुतूनों पर लटकाना, इनके कुन्डे सोने के हों और चाँदी के चार ख़ानों पर खड़े किए जाएँ,
این پرده باید بین”قدس“و”قدسالاقداس“آویزان شود تا آن دو را از هم جدا کند. صندوق عهد را که دو لوح سنگی در آن است در پشت این پرده قرار بده. | 33 |
और पर्दे को घुन्डियों के नीचे लटकाना और शहादत के सन्दूक को वहीं पर्दे के अन्दर ले जाना और यह पर्दा तुम्हारे लिए पाक मक़ाम को पाकतरीन मक़ाम से अलग करेगा।
«صندوق عهد را با تخت رحمت که روی آن قرار دارد در قدسالاقداس بگذار. | 34 |
और तू सरपोश को पाकतरीन मक़ाम में शहादत के सन्दूक़ पर रखना।
میز و چراغدان را در مقابل هم بیرون پرده قرار بده، به طوری که چراغدان در سمت جنوبی و میز در سمت شمالی قدس باشد. | 35 |
और मेज़ को पर्दे के बाहर रख कर शमा'दान को उसके सामने घर की दाख्खिनी रुख़ में रखना या'नी मेज़ उत्तरी रुख़ में रखना।
«یک پرده دیگر برای مدخل خیمۀ عبادت از کتان ریزبافت تابیده که با نخهای آبی، ارغوانی و قرمز گلدوزی شده باشد، تهیه کن. | 36 |
और तू एक पर्दा खे़मे के दरवाज़े के लिए आसमानी अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान का बनाना और उस पर बेल बूटे कढ़े हुए हों।
برای این پرده، پنج ستون از چوب اقاقیا با روکش طلا درست کن. قلابهایشان نیز از طلا باشد. برای آنها پنج پایهٔ مفرغین هم بساز. | 37 |
और इस पर्दे के लिए कीकर की लकड़ी के पाँच सुतून बनाना और उनको सोने से मंढ़ना और उनके कुन्डे सोने के हों, जिनके लिए तू पीतल के पाँच ख़ाने ढाल कर बनाना।