< جامعه 5 >

وقتی وارد خانهٔ خدا می‌شوی، مراقب رفتارت باش. مثل اشخاص نادان نباش که در آنجا قربانی تقدیم می‌کنند بدون اینکه متوجه اعمال بد خود باشند. وقتی به آنجا می‌روی گوشهای خود را باز کن تا چیزی یاد بگیری. 1
जब तू परमेश्वर के भवन में जाए, तब सावधानी से चलना; सुनने के लिये समीप जाना मूर्खों के बलिदान चढ़ाने से अच्छा है; क्योंकि वे नहीं जानते कि बुरा करते हैं।
برای حرف زدن عجله نکن و سخنان نسنجیده در حضور خداوند بر زبان نیاور، زیرا او در آسمان است و تو بر زمین، پس سخنان تو کم و سنجیده باشند. 2
बातें करने में उतावली न करना, और न अपने मन से कोई बात उतावली से परमेश्वर के सामने निकालना, क्योंकि परमेश्वर स्वर्ग में हैं और तू पृथ्वी पर है; इसलिए तेरे वचन थोड़े ही हों।
همان‌طور که نگرانی زیاد باعث می‌شود خوابهای بد ببینی، همچنان حرف زدن زیاد موجب می‌شود سخنان احمقانه بگویی. 3
क्योंकि जैसे कार्य की अधिकता के कारण स्वप्न देखा जाता है, वैसे ही बहुत सी बातों का बोलनेवाला मूर्ख ठहरता है।
وقتی به خداوند قول می‌دهی که کاری انجام بدهی، در وفای آن تأخیر نکن، زیرا خداوند از احمقان خشنود نیست. به قولی که به او می‌دهی وفا کن. 4
जब तू परमेश्वर के लिये मन्नत माने, तब उसके पूरा करने में विलम्ब न करना; क्योंकि वह मूर्खों से प्रसन्न नहीं होता। जो मन्नत तूने मानी हो उसे पूरी करना।
بهتر است قول ندهی تا اینکه قول بدهی و انجام ندهی. 5
मन्नत मानकर पूरी न करने से मन्नत का न मानना ही अच्छा है।
نگذار سخنانت تو را به گناه بکشانند و سعی نکن به خادم خدا بگویی که ندانسته به خداوند قول داده‌ای؛ چرا با چنین سخنانی خداوند را خشمگین سازی، تا او دسترنج تو را از بین ببرد؟ 6
कोई वचन कहकर अपने को पाप में न फँसाना, और न परमेश्वर के दूत के सामने कहना कि यह भूल से हुआ; परमेश्वर क्यों तेरा बोल सुनकर क्रोधित हो, और तेरे हाथ के कार्यों को नष्ट करे?
خیالات بسیار و سخنان زیاد بیهودگی است؛ پس تو با ترس و احترام به حضور خداوند بیا. 7
क्योंकि स्वप्नों की अधिकता से व्यर्थ बातों की बहुतायत होती है: परन्तु तू परमेश्वर का भय मानना।
هرگاه ببینی در سرزمینی، فقرا مورد ظلم واقع می‌شوند و عدالت و انصاف اجرا نمی‌گردد، تعجب نکن؛ زیرا یک مأمور اجرای عدالت، تابع مأمور بالاتری است که او نیز زیر دست مأمور بالاتری قرار دارد. این سلسله مراتب، باعث می‌شود اجرای عدالت مختل شود. 8
यदि तू किसी प्रान्त में निर्धनों पर अंधेर और न्याय और धर्म को बिगड़ता देखे, तो इससे चकित न होना; क्योंकि एक अधिकारी से बड़ा दूसरा रहता है जिसे इन बातों की सुधि रहती है, और उनसे भी और अधिक बड़े रहते हैं।
حتی پادشاه نیز از مزارع بهره می‌کشد. 9
भूमि की उपज सब के लिये है, वरन् खेती से राजा का भी काम निकलता है।
آدم پولدوست هرگز قانع نمی‌شود و دائم به فکر جمع کردن ثروت است. این نیز بیهودگی است. 10
१०जो रुपये से प्रीति रखता है वह रुपये से तृप्त न होगा; और न जो बहुत धन से प्रीति रखता है, लाभ से यह भी व्यर्थ है।
هر چه ثروت بیشتر شود، مخارج نیز بیشتر می‌شود؛ پس آدم ثروتمند که با چشمانش خرج شدن ثروتش را می‌بیند، چه سودی از ثروتش می‌برد؟ 11
११जब सम्पत्ति बढ़ती है, तो उसके खानेवाले भी बढ़ते हैं, तब उसके स्वामी को इसे छोड़ और क्या लाभ होता है कि उस सम्पत्ति को अपनी आँखों से देखे?
خواب کارگر شیرین است، چه کم بخورد چه زیاد؛ اما دارایی شخص ثروتمند نمی‌گذارد او راحت بخوابد. 12
१२परिश्रम करनेवाला चाहे थोड़ा खाए, या बहुत, तो भी उसकी नींद सुखदाई होती है; परन्तु धनी के धन बढ़ने के कारण उसको नींद नहीं आती।
مصیبت دیگری در زیر آسمان دیده‌ام: شخصی که برای آینده ثروت جمع می‌کند، 13
१३मैंने सूर्य के नीचे एक बड़ी बुरी बला देखी है; अर्थात् वह धन जिसे उसके मालिक ने अपनी ही हानि के लिये रखा हो,
ولی در اثر حادثهٔ بدی ثروتش بر باد می‌رود و چیزی برای فرزندانش باقی نمی‌ماند. 14
१४और वह धन किसी बुरे काम में उड़ जाता है; और उसके घर में बेटा उत्पन्न होता है परन्तु उसके हाथ में कुछ नहीं रहता।
برهنه به دنیا می‌آید و برهنه از دنیا می‌رود و از دسترنج خود چیزی با خود نمی‌برد. 15
१५जैसा वह माँ के पेट से निकला वैसा ही लौट जाएगा; नंगा ही, जैसा आया था, और अपने परिश्रम के बदले कुछ भी न पाएगा जिसे वह अपने हाथ में ले जा सके।
چه مصیبتی! انسان می‌آید و می‌رود و نفعی نمی‌برد، زیرا زحماتش مانند دویدن به دنبال باد است. 16
१६यह भी एक बड़ी बला है कि जैसा वह आया, ठीक वैसा ही वह जाएगा; उसे उस व्यर्थ परिश्रम से और क्या लाभ है?
او تمام عمر را در تاریکی و نومیدی و درد و خشم می‌گذراند. 17
१७केवल इसके कि उसने जीवन भर अंधकार में भोजन किया, और बहुत ही दुःखित और रोगी रहा और क्रोध भी करता रहा?
من این را فهمیدم که بهترین چیزی که انسان در تمام زندگی می‌تواند انجام دهد این است که بخورد و بنوشد و از دسترنجی که در زیر آسمان حاصل نموده، لذت ببرد، زیرا نصیبش همین است. 18
१८सुन, जो भली बात मैंने देखी है, वरन् जो उचित है, वह यह कि मनुष्य खाए और पीए और अपने परिश्रम से जो वह सूर्य के नीचे करता है, अपनी सारी आयु भर जो परमेश्वर ने उसे दी है, सुखी रहे क्योंकि उसका भाग यही है।
اگر خداوند به کسی مال و ثروت بدهد و توانایی عطا کند تا از آن استفاده نماید، او باید این بخشش خدا را که نصیبش شده بپذیرد و از کار خود لذت ببرد. 19
१९वरन् हर एक मनुष्य जिसे परमेश्वर ने धन-सम्पत्ति दी हो, और उनसे आनन्द भोगने और उसमें से अपना भाग लेने और परिश्रम करते हुए आनन्द करने को शक्ति भी दी हो यह परमेश्वर का वरदान है।
چنین شخصی در مورد کوتاه بودن عمر غصه نخواهد خورد، زیرا خداوند دل او را از شادی پر کرده است. 20
२०इस जीवन के दिन उसे बहुत स्मरण न रहेंगे, क्योंकि परमेश्वर उसकी सुन सुनकर उसके मन को आनन्दमय रखता है।

< جامعه 5 >