< دانیال 2 >

نِبوکَدنِصَّر در سال دوم سلطنتش خوابی دید. این خواب چنان او را مضطرب کرد که سراسیمه بیدار شد و نتوانست دوباره به خواب رود. 1
नबूकदनेज्ज़र ने अपने शासनकाल के दूसरे साल में स्वप्न देखे; जिससे उसका मन व्याकुल हो गया और वह सो न सका.
پس همهٔ منجمان، جادوگران، طالع‌بینان و رمالان خود را احضار کرد تا خوابش را تعبیر کنند. وقتی همه در حضورش ایستادند 2
इसलिये राजा ने आदेश दिया कि जादूगरों, टोन्हों, तांत्रिकों और ज्योतिषियों को बुलाया जाए कि वे राजा को उसका स्वप्न बताएं. जब वे आकर राजा के सामने खड़े हुए,
گفت: «خوابی دیده‌ام که مرا مضطرب کرده، از شما می‌خواهم آن را برای من تعبیر کنید.» 3
तो राजा ने उनसे कहा, “मैंने एक स्वप्न देखा है जो मुझे व्याकुल कर रहा है और मैं जानना चाहता हूं कि इसका मतलब क्या है.”
آنها به زبان ارامی به پادشاه گفتند: «پادشاه تا به ابد زنده بماند! خوابتان را بگویید تا تعبیرش کنیم.» 4
तब ज्योतिषियों ने राजा को उत्तर दिया, “राजा चिरंजीवी हों! आप अपना स्वप्न अपने सेवकों को बताईये, और हम उसका अर्थ बताएंगे.”
ولی پادشاه جواب داد: «حکم من این است: اگر شما به من نگویید چه خوابی دیده‌ام و تعبیرش چیست، دستور می‌دهم شما را تکه‌تکه کنند و خانه‌هایتان را خراب نمایند! 5
राजा ने ज्योतिषियों को उत्तर दिया, “मैंने यह दृढ़ निश्चय किया है: यदि तुम लोग मुझे स्वप्न सहित उसका अर्थ नहीं बताओगे, तो मैं तुम्हें टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा और तुम्हारे घरों को कचरे के ढेर में बदल दूंगा.
ولی اگر بگویید چه خوابی دیده‌ام و تعبیرش چیست، به شما پاداش و انعام می‌دهم و عزت و افتخار می‌بخشم. حال، بگویید چه خوابی دیده‌ام و تعبیرش چیست؟» 6
पर यदि तुम स्वप्न को बताकर उसका अर्थ भी बताते हो, तो तुमको उपहार और ईनाम और बहुत आदरमान दिया जाएगा. इसलिये तुम मुझे स्वप्न बताओ और उसका अर्थ भी बताओ.”
ایشان باز گفتند: «اگر شما خوابتان را برای ما تعریف نکنید چطور می‌توانیم تعبیرش کنیم؟» 7
एक बार फिर उन्होंने उत्तर दिया, “राजा अपना स्वप्न अपने सेवकों को बताएं, और हम उसका अर्थ बताएंगे.”
پادشاه جواب داد: «مطمئنم دنبال فرصت می‌گردید که از حکم من جان به در ببرید؛ 8
राजा ने उत्तर दिया, “मुझे पूरा निश्चय हो गया है कि तुम लोग समय को टालने की कोशिश कर रहे हो, क्योंकि तुम समझ चुके हो कि मैंने यह दृढ़ निश्चय कर लिया है:
ولی بدانید اگر خواب را نگویید حکم من در مورد شما اجرا خواهد شد. شما با هم تبانی کرده‌اید که به من دروغ بگویید به امید اینکه باگذشت زمان این موضوع فراموش شود. خواب مرا بگویید تا من هم مطمئن شوم تعبیری که می‌کنید درست است.» 9
यदि तुम मुझे स्वप्न नहीं बताते हो, तो तुम्हारे लिये सिर्फ एक ही दंड है. यह आशा करते हुए कि परिस्थिति बदलेगी, तुम लोगों ने मुझसे झूठी और बुरी बातें कहने का षड़्‍यंत्र रचा है. इसलिये अब, तुम मुझे मेरा स्वप्न बताओ, और तब मैं जान लूंगा कि तुम मुझे उस स्वप्न का अर्थ भी बता सकते हो.”
حکیمان در جواب پادشاه گفتند: «در تمام دنیا کسی پیدا نمی‌شود که بتواند این خواستهٔ پادشاه را انجام دهد. تا به حال هیچ پادشاه یا حاکمی، از منجمان و جادوگران و طالع‌بینان خود چنین چیزی نخواسته است. 10
ज्योतिषियों ने राजा को उत्तर दिया, “पृथ्वी पर ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जो राजा के इस पूछे गये प्रश्न का उत्तर दे सके! पर तो भी न तो किसी बड़े और शक्तिशाली राजा ने किसी जादूगर या टोन्हा या ज्योतिषी से कभी इस प्रकार की कोई बात पूछी है.
آنچه که پادشاه می‌خواهند ناممکن است. هیچ‌کس جز خدایان نمی‌تواند به شما بگوید چه خوابی دیده‌اید. خدایان هم با انسانها زندگی نمی‌کنند تا از ایشان کمک بگیریم.» 11
राजा जो बात पूछ रहे हैं, वह बहुत कठिन है. देवताओं को छोड़, और कोई राजा को यह बात नहीं बता सकता, और देवता मानव प्राणी के बीच नहीं रहते.”
پادشاه وقتی این را شنید چنان خشمگین شد که فرمان قتل تمام حکیمان بابِل را صادر کرد. 12
यह सुनकर राजा इतना क्रोधित और आग बबूला हो गया कि उसने बाबेल के सब बुद्धिमान लोगों को मार डालने की आज्ञा दे दी.
دانیال و یارانش جزو کسانی بودند که می‌بایست کشته شوند. 13
इसलिये सब बुद्धिमान लोगों को मार डालने का आदेश निकाला गया, और लोगों को दानिएल तथा उसके मित्रों के खोज में भेजा गया कि वे भी मार डाले जाएं.
اما دانیال نزد اریوک رئیس جلادان که مأمور اجرای فرمان بود، رفت و با حکمت و بصیرت در این باره با او سخن گفت. دانیال پرسید: «چرا پادشاه چنین فرمانی صادر کرده است؟» آنگاه اریوک تمام ماجرا را برای دانیال تعریف کرد. 14
जब राजा के अंगरक्षकों का प्रधान आरिओख, बाबेल के बुद्धिमान लोगों को मार डालने के लिये निकला था, तो दानिएल ने उससे बुद्धिमानी और व्यवहार कुशलता से बात की.
15
उसने राजा के अधिकारी से पूछा, “राजा ने ऐसा कठोर आदेश क्यों निकाला है?” तब आरिओख ने दानिएल को वह बात बताई.
پس دانیال به حضور پادشاه رفت و از او مهلت خواست تا خواب او را تعبیر کند. 16
यह जानकर दानिएल राजा के पास गया और कुछ समय देने की मांग की, ताकि वह राजा को उसके स्वप्न का अर्थ बता सके.
سپس به خانه رفت و موضوع را با یاران خود حننیا، میشائیل و عزریا در میان نهاد. 17
तब दानिएल अपने घर लौटा और उसने अपने मित्रों हननियाह, मिषाएल तथा अज़रियाह को इस विषय में बताया.
او از ایشان خواست که از خدای آسمانها درخواست نمایند تا بر ایشان رحم کند و نشان دهد که پادشاه چه خوابی دیده و تعبیرش چیست، مبادا با سایر حکیمان کشته شوند. 18
उसने उनको उत्साहित किया कि वे स्वर्ग के परमेश्वर से इस रहस्य के बारे में कृपा करने की बिनती करें, ताकि वह और उसके मित्र बाबेल के बाकी बुद्धिमान लोगों के साथ न मार डाले जाएं.
همان شب در رؤیا آن راز بر دانیال آشکار شد و او خدای آسمانها را ستایش نموده، 19
रात के समय वह रहस्य एक दर्शन के रूप में दानिएल पर प्रगट हुआ. तब दानिएल ने स्वर्ग के परमेश्वर की महिमा की
گفت: «بر نام خدا تا ابد سپاس باد! زیرا حکمت و توانایی از آن اوست، 20
और कहा: “परमेश्वर के नाम की महिमा सदा-सर्वदा होती रहे; क्योंकि बुद्धि और शक्ति उसकी है.
وقتها و زمانها در دست اوست و اوست که پادشاهان را عزل و نصب می‌کند. اوست که به حکیمان، حکمت و به دانایان، دانایی می‌بخشد. 21
वही हैं, जो समय एवं ऋतुओं को बदलते हैं; वे राजाओं को गद्दी से हटाते और दूसरों को गद्दी पर बैठाते हैं. वे बुद्धिमान को बुद्धि और समझदार को ज्ञान देते हैं.
اوست که اسرار عمیق و نهان را آشکار می‌سازد. او نور است و آنچه را که در تاریکی مخفی است، می‌داند. 22
वे गूढ़ और छिपी बातों को प्रगट करते हैं; वे जानते हैं कि अंधेरे में क्या रखा है, और उनके साथ प्रकाश बना रहता है.
ای خدای اجدادم، از تو سپاسگزارم، زیرا به من حکمت و توانایی بخشیده‌ای و دعای ما را اجابت کرده، مرا از خواب پادشاه و معنی آن آگاه ساخته‌ای.» 23
हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं आपको धन्यवाद देता और आपकी प्रशंसा करता हूं: क्योंकि आपने मुझे बुद्धि एवं शक्ति दी है, आपने मुझे वह बात बताई है जो हमने आपसे पूछी, आपने हम पर राजा के स्वप्न को प्रगट किया है.”
آنگاه دانیال نزد اریوک که از طرف پادشاه دستور داشت حکیمان بابِل را بکشد، رفت و گفت: «حکیمان بابِل را نکش. مرا نزد پادشاه ببر تا آنچه را می‌خواهد بداند به او بگویم.» 24
तब दानिएल, आरिओख के पास गया जिसे राजा ने बाबेल के बुद्धिमान लोगों को मार डालने के लिये नियुक्त किया था, और उसने आरिओख से कहा, “बाबेल के बुद्धिमान लोगों को मार डालने का काम रोक दीजिए. मुझे राजा के पास ले चलिए, और मैं राजा को उनके स्वप्न का अर्थ बताऊंगा.”
پس اریوک با عجله دانیال را به حضور پادشاه برد و گفت: «من یکی از اسیران یهودی را پیدا کرده‌ام که می‌تواند خواب پادشاه را بگوید.» 25
आरिओख तुरंत दानिएल को राजा के पास ले गया और उसने राजा से कहा, “यहूदिया से बंधुआई में आये लोगों के बीच मुझे एक ऐसा व्यक्ति मिला है, जो राजा को उसके स्वप्न का अर्थ बता सकता है.”
پادشاه به دانیال گفت: «آیا تو می‌توانی بگویی چه خوابی دیده‌ام و تعبیرش چیست؟» 26
राजा ने दानिएल से पूछा (जिसे बैलशत्सर भी कहा जाता था), “क्या तुम इस योग्य हो कि मैंने स्वप्न में जो देखा है उसे और उसका अर्थ बता सको?”
دانیال جواب داد: «هیچ حکیم، منجم، جادوگر و طالع‌بینی نمی‌تواند این خواستهٔ پادشاه را به جا آورد. 27
दानिएल ने उत्तर दिया, “राजा जिस रहस्य के बारे में पूछ रहे हैं, उसके बारे में कोई भी बुद्धिमान व्यक्ति, ज्योतिषी, जादूगर या भविष्य बतानेवाला राजा को कुछ नहीं बता सकता,
ولی خدایی در آسمان هست که رازها را آشکار می‌سازد. او آنچه را که در آینده می‌باید اتفاق بیفتد، از پیش به پادشاه خبر داده است. خوابی که پادشاه دیده، این است: 28
लेकिन स्वर्ग में एक परमेश्वर हैं, जो रहस्यों को प्रगट करते हैं. उन्होंने ने ही राजा नबूकदनेज्ज़र को दिखाया है कि आनेवाले दिनों में क्या होनेवाला है. जब आप अपने पलंग पर लेटे हुए थे, तब आपने जो स्वप्न और दर्शन देखे, वे ये हैं:
«ای پادشاه، وقتی در خواب بودید، خدایی که رازها را آشکار می‌سازد شما را از آنچه که در آینده اتفاق خواهد افتاد آگاه ساخت. 29
“महाराज, जब आप अपने पलंग पर लेटे थे, तब आपका मन भविष्य में होनेवाली घटनाओं की ओर हो गया, और रहस्यों के प्रगट करनेवाले ने आपको दिखाया कि भविष्य में क्या होनेवाला है.
اما این خواب از آن جهت که از دیگران داناترم بر من آشکار نشد، بلکه از این نظر بر من آشکار شد تا پادشاه از تعبیر آن آگاه شوند. 30
जहां तक मेरी बात है, तो यह रहस्य मुझ पर इसलिये प्रकट नहीं किया गया कि मेरे पास किसी और जीवित व्यक्ति से ज्यादा बुद्धि है, पर इसलिये कि महाराज को रहस्य का अर्थ मालूम हो जाए और आप समझ जाएं कि आपके मन में क्या आया था.
«ای پادشاه، در خواب مجسمهٔ بزرگی را دیدید که بسیار درخشان و ترسناک بود. 31
“महाराज, आपने देखा कि आपके सामने एक बड़ी मूर्ति खड़ी थी—एक बहुत बड़ी, चौंधियानेवाली मूर्ति, दिखने में अद्भुत.
سر این مجسمه از طلای خالص، سینه و بازوهایش از نقره، شکم و رانهایش از مفرغ، 32
उस मूर्ति का सिर शुद्ध सोने से बना था, उसकी छाती और भुजाएं चांदी की, उसका पेट और जांघें कांसे की,
ساقهایش از آهن، پاهایش قسمتی از آهن و قسمتی از گل بود. 33
उसके टांगे लोहे की और उसके पांव कुछ लोहे के और कुछ सेंके गये मिट्टी के थे.
در همان حالی که به آن خیره شده بودید، سنگی بدون دخالت دست انسان از کوه جدا شد و به پاهای آهنی و گلی آن مجسمه اصابت کرد و آنها را خرد نمود. 34
जब आप देख रहे थे, तो एक चट्टान बिना किसी मानवीय प्रयास के अपने आप कटकर आई और उस मूर्ति के लोहे और मिट्टी के पांव को ऐसी ठोकर मारी कि वे चूर-चूर हो गए.
سپس مجسمه، که از طلا و نقره و مفرغ و گل و آهن بود، فرو ریخت و به شکل ذرات ریز درآمد و باد آنها را مانند کاه پراکنده کرد، به طوری که اثری از آن باقی نماند. اما سنگی که آن مجسمه را خرد کرده بود کوه بزرگی شد و تمام دنیا را در برگرفت. 35
तब लोहा, मिट्टी, कांसा, चांदी और सोना सब टूटकर टुकड़े-टुकड़े हो गए और ग्रीष्मकाल में खलिहान के भूंसे के समान हो गये. हवा उनको ऐसे उड़ा ले गई कि उनका कोई छोटा टुकड़ा भी न बचा. पर जिस चट्टान ने मूर्ति को ठोकर मारी थी, वह चट्टान एकाएक बहुत बड़ा पहाड़ बन गई और सारी पृथ्वी में फैल गई.
«خواب این بود، اما حال تعبیر آن: 36
“यही था आपका स्वप्न, और अब हम राजा को उसका अर्थ बताएंगे.
«ای پادشاه، شما شاه شاهان هستید، زیرا خدای آسمانها به شما سلطنت و قدرت و توانایی و شکوه بخشیده است. 37
हे महाराज, आप तो राजाओं के राजा हैं. स्वर्ग के परमेश्वर ने आपको राज्य और अधिकार और शक्ति और महिमा दी है;
او شما را بر تمام مردم جهان و حیوانات و پرندگان مسلط گردانیده است. سر طلایی آن مجسمه شما هستید. 38
आपके अधीन, उन्होंने सब मानव प्राणी और भूमि के जानवर और आकाश के पक्षियों को कर दिया है. वे जहां कहीं भी रहते हैं, परमेश्वर ने आपको उनके ऊपर शासक ठहराया है. मूर्ति के सोने का वह सिर आप ही हैं.
اما وقتی سلطنت شما به پایان رسد، سلطنت دیگری روی کار خواهد آمد که ضعیفتر از سلطنت شما خواهد بود. پس از آن، سلطنت سومی که همان شکم مفرغین آن مجسمه باشد روی کار خواهد آمد و بر تمام دنیا سلطنت خواهد کرد. 39
“आपके बाद एक दूसरे राज्य का उदय होगा जो आपके राज्य से निचले स्तर का होगा. उसके बाद, एक तीसरे राज्य का उदय होगा, जो कांसे का प्रतिरूप होगा, जिसका शासन संपूर्ण पृथ्वी पर होगा.
پس از آن، سلطنت چهارم به ظهور خواهد رسید و همچون آهن قوی خواهد بود و همه چیز را در هم کوبیده خرد خواهد کرد. 40
आखिरी में, एक चौथा राज्य होगा जो लोहे की तरह मजबूत होगा—क्योंकि लोहा सब चीज़ों को तोड़ता और चूर-चूर कर देता है—और जैसे कि लोहा चीज़ों को तोड़कर टुकड़े-टुकड़े कर देता है, वैसे ही यह राज्य भी दूसरे सभी राज्यों को कुचलकर टुकड़े कर देगा.
همان‌طور که دیدید پاها و انگشتهای مجسمه قسمتی از آهن و قسمتی از گل بود. این نشان می‌دهد که این سلطنت تقسیم خواهد شد و بعضی از قسمتهای آن مثل آهن قوی و بعضی مثل گل ضعیف خواهد بود. 41
जैसा कि आपने देखा कि पांव और उंगलियां कुछ सेंके गये मिट्टी और कुछ लोहे की थीं, इसलिये यह एक विभाजित राज्य होगा; फिर भी इसमें कुछ लोहे का बल होगा, जैसा कि आपने लोहे को मिट्टी के साथ मिला हुआ देखा.
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जैसे कि पांव की उंगलियां कुछ लोहा और कुछ मिट्टी की थी, इसलिये यह राज्य कुछ तो मजबूत और कुछ निर्बल होगा.
مخلوط آهن و گل نشان می‌دهد که خانواده‌های سلطنتی سعی خواهند کرد از راه وصلت، با یکدیگر متحد شوند، ولی همان‌طور که آهن با گل مخلوط نمی‌شود، آنها نیز متحد نخواهند شد. 43
और जैसा कि आपने लोहे को सेंके गये मिट्टी के साथ मिला हुआ देखा, वैसे ही लोगों का मिश्रण होगा और उनमें एकता न होगी, क्योंकि लोहा मिट्टी के साथ मेल नहीं खाता.
«در دوران سلطنت آن پادشاهان، خدای آسمانها سلطنتی برقرار خواهد ساخت که هرگز از بین نخواهد رفت و کسی بر آن پیروز نخواهد شد، بلکه همهٔ آن سلطنتها را در هم کوبیده مغلوب خواهد ساخت و خودش تا ابد پایدار خواهد ماند. 44
“उन राजाओं के समय में, स्वर्ग के परमेश्वर एक ऐसे राज्य को स्थापित करेंगे, जो कभी नष्ट न होगा और न ही इस पर किसी अन्य का शासन होगा. यह राज्य उन सब राज्यों को चूर-चूर कर देगा और उनका अंत कर देगा, पर यह स्वयं सदाकाल तक बना रहेगा.
این است معنی آن سنگی که بدون دخالت دست انسان از کوه جدا شد و تمام آهن، مفرغ، گل، نقره و طلا را خرد کرد. به این وسیله خدای بزرگ آنچه را که در آینده اتفاق خواهد افتاد، به پادشاه نشان داده است. تعبیر خواب عین همین است که گفتم.» 45
यह उस चट्टान के दर्शन का अर्थ है जो मनुष्य के हाथों नहीं, किंतु अपने आप एक पहाड़ से टूटकर अलग हुई थी और जिसने लोहा, कांसा, मिट्टी, चांदी और सोना को टुकड़े-टुकड़े कर दिया था. “महान परमेश्वर ने राजा को दिखाया है कि भविष्य में क्या होनेवाला है. यह स्वप्न सत्य है तथा इसका अर्थ विश्वासयोग्य है.”
آنگاه نِبوکَدنِصَّر در برابر دانیال خم شده او را تعظیم کرد و دستور داد برای او قربانی کنند و بخور بسوزانند. 46
तब राजा नबूकदनेज्ज़र ने दानिएल को साष्टांग दंडवत किया और उसे आदर दिया और आज्ञा दी कि दानिएल को भेंट चढ़ाई जाय और उसके सामने सुगंधित धूप जलाया जाय.
پادشاه به دانیال گفت: «براستی خدای شما خدای خدایان و خداوند پادشاهان و آشکار کنندهٔ اسرار است، چون او این راز را بر تو آشکار کرده است.» 47
राजा ने दानिएल से कहा, “निश्चित रूप से तुम्हारे परमेश्वर देवताओं के परमेश्वर और राजाओं के प्रभु और रहस्यों के प्रगटकर्ता हैं, क्योंकि तुम इस रहस्य का अर्थ बताने में योग्य ठहरे.”
سپس، پادشاه به دانیال مقام والایی داد و هدایای ارزندهٔ فراوانی به او بخشید و او را حاکم تمام بابِل و رئیس همهٔ حکیمان خود ساخت. 48
तब राजा ने दानिएल को एक ऊंचे पद पर ठहराया और उसे बहुत सारे कीमती उपहार दिये. राजा ने उसे सारे बाबेल प्रदेश का शासक बनाया और बाबेल के सब बुद्धिमान लोगों के ऊपर उसे अधिकारी ठहराया.
آنگاه پادشاه در پی درخواست دانیال، شدرک و میشک و عبدنغو را بر ادارهٔ امور مملکتی گماشت، اما خود دانیال در دربار نِبوکَدنِصَّر ماند. 49
और दानिएल के अनुरोध पर राजा ने शद्रख, मेशेख तथा अबेद-नगो को बाबेल प्रदेश पर प्रशासक नियुक्त कर दिया, परंतु दानिएल स्वयं राज-दरबार में बना रहा.

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