< دوم سموئیل 7 >
داوود پادشاه در کاخ خود در امنیت ساکن شد، زیرا خداوند او را از شر تمام دشمنانش رهانیده بود. | 1 |
जब राजा अपने महल में बस गया और याहवेह ने उन्हें उनके सभी शत्रुओं से शांति प्रदान कर दी.
یک روز داوود به ناتان نبی گفت: «من در این کاخ زیبا که با چوب سرو ساخته شده است زندگی میکنم، در حالی که صندوق عهد خدا در یک خیمه نگهداری میشود!» | 2 |
राजा ने भविष्यद्वक्ता नाथान पर अपनी यह इच्छा प्रकट की: अब विचार कीजिए, “मैं तो देवदार से बने भव्य घर में निवास कर रहा हूं, जबकि परमेश्वर का संदूक तंबू और पर्दों में.”
ناتان در جواب وی گفت: «آنچه را که در نظر داری انجام بده، زیرا خداوند با توست.» | 3 |
नाथान ने राजा को उत्तर दिया, “आप वह सब कीजिए, जो आपने अपने मन में विचार किया है. क्योंकि याहवेह आपके साथ हैं.”
اما همان شب خداوند به ناتان فرمود | 4 |
उसी रात याहवेह का वचन नाथान को प्राप्त हुआ:
که برود و به خدمتگزار او داوود چنین بگوید: «تو نمیتوانی برای من خانهای بسازی. | 5 |
“मेरे सेवक दावीद से जाकर यह कहना, ‘याहवेह का कथन है: क्या तुम्हीं वह हो, जो मेरे रहने के लिए भवन बनाएगा?
من هرگز در یک ساختمان ساکن نبودهام. از آن زمانی که بنیاسرائیل را از مصر بیرون آوردم تا امروز، خانهٔ من یک خیمه بوده است، و از جایی به جای دیگر در حرکت بودهام. | 6 |
जब से मैंने इस्राएलियों को मिस्र से बाहर निकाला है, आज तक मैं किसी भवन में नहीं रहा हूं, हां, मैं तंबू मेरा निवास बनाकर रहता आया हूं,
در طول این مدت، هرگز به هیچکدام از رهبران اسرائیل که آنها را برای شبانی قوم خود تعیین نموده بودم، نگفتم که چرا برایم خانهای از چوب سرو نساختهاید؟ | 7 |
जिधर जिधर इस्राएल के साथ मैं फिरा, क्या मैंने इस्राएल के किसी शासक से, जिसे मैंने अपनी प्रजा के चरवाहा नियुक्त किया था, कभी कहा, “तुमने मेरे लिए देवदार की लकड़ी का घर क्यों नहीं बनाया?”’
«حال خداوند، خدای لشکرهای آسمان میفرماید که وقتی چوپان سادهای بیش نبودی و در چراگاهها از گوسفندان نگهداری میکردی، تو را به رهبری قوم اسرائیل برگزیدم. | 8 |
“तब तुम्हें अब मेरे सेवक दावीद से यह कहना होगा, ‘सेनाओं के याहवेह का वचन है, मैंने ही तुम्हें चरागाह से, भेड़ों के चरवाहे के पद पर इसलिये चुना कि तुम्हें अपनी प्रजा इस्राएल का शासक बनाऊं.
در همه جا با تو بودهام و دشمنانت را نابود کردهام. تو را از این نیز بزرگتر میکنم تا یکی از معروفترین مردان دنیا شوی! | 9 |
तुम जहां कहीं गए, मैं तुम्हारे साथ था. तुम्हारे सामने से तुम्हारे सारे शत्रुओं को मैंने मार गिराया. मैं तुम्हारे नाम को ऐसा बड़ा करूंगा, जैसा पृथ्वी पर महान लोगों का होता है.
برای قوم خود سرزمینی انتخاب کردم تا در آن سروسامان بگیرند. این وطن آنها خواهد بود و قومهای بتپرست، دیگر مثل سابق که قوم من تازه وارد این سرزمین شده بودند، بر آنها ظلم نخواهند کرد. تو را از شر تمام دشمنانت حفظ خواهم کرد. این منم که خانهٔ تو را میسازم. | 10 |
अपनी प्रजा इस्राएल के लिए मैं एक जगह तय करूंगा, मैं उन्हें वहां बसाऊंगा कि वे वहां अपने ही घरों में रह सकें, और उन्हें वहां से चलाया न जाए, और कोई भी दुष्ट व्यक्ति उन्हें पहले के समान परेशान न करे.
जैसे वे मेरे द्वारा उत्पीड़ित किए जाते थे. मैं तुम्हें तुम्हारे सभी शत्रुओं से शांति दूंगा. “‘इसके अलावा, तुम्हारे लिए याहवेह की यह घोषणा है कि याहवेह तुम्हारे वंशपरंपरा को स्थिर करेंगे.
وقتی تو بمیری و به اجدادت ملحق شوی، من یکی از پسرانت را وارث تاج و تخت تو میسازم و حکومت او را تثبیت میکنم. | 12 |
जब तुम्हारी आयु के निर्धारित दिन पूर्ण हो जाएंगे और तुम अपने पूर्वजों के साथ चिर-निद्रा में सो जाओगे, मैं तुम्हारी संतान को तुम्हारे बाद पल्लवित करूंगा, जो तुम्हारी ही देह से उत्पन्न होगा. मैं उसके साम्राज्य को प्रतिष्ठित करूंगा.
او همان کسی است که خانهای برای من خواهد ساخت و من سلطنت او را تا به ابد پایدار خواهم کرد. | 13 |
वही मेरी प्रतिष्ठा में भवन बनाएगा. मैं उसका राज सिंहासन चिरस्थायी करूंगा.
من پدر او خواهم بود، و او پسر من. اما اگر مرتکب گناه شود، او را سخت مجازات خواهم کرد. | 14 |
उसका पिता मैं बन जाऊंगा, और वह हो जाएगा मेरा पुत्र. जब उससे कोई अपराध होगा, मैं उसे मनुष्यों की रीति पर छड़ी से अनुशासित करूंगा, वैसे ही जैसे मनुष्य अपनी संतान को प्रताड़ित करते हैं.
ولی محبت من از او دور نخواهد شد، آن طور که از شائول دور شد و باعث گردید سلطنت او به تو منتقل شود. | 15 |
मगर उसके प्रति मेरा अपार प्रेम कभी कमजोर न होगा, जैसा शाऊल से मेरा प्रेम जाता रहा था, जिसे मैंने ही तुम्हारे पथ से हटा दिया.
بدان که خاندان تو تا به ابد باقی خواهد ماند و در حضور من سلطنت خواهد کرد.» | 16 |
तुम्हारा वंश और तुम्हारा साम्राज्य निश्चित, मेरे सामने सदा स्थायी रहेगा. तुम्हारा सिंहासन हमेशा प्रतिष्ठित बना रहेगा.’”
پس ناتان نزد داوود برگشته، آنچه را که خداوند فرموده بود به او بازگفت. | 17 |
नाथान ने अपने दर्शन और याहवेह के संदेश के अनुसार दावीद को सब कुछ बता दिया.
آنگاه داوود به خیمهٔ عبادت رفت. او در آنجا نشست و در حضور خداوند چنین دعا کرد: «ای خداوند، من کیستم و خاندان من چیست که مرا به این مقام رساندهای؟ | 18 |
तब राजा दावीद जाकर याहवेह के सामने बैठ गए. वहां उनके हृदय से निकले वचन ये थे: “प्रभु याहवेह, कौन हूं, मैं और क्या है मेरे परिवार का पद, कि आप मुझे इस जगह तक ले आए हैं?
ای خدا، به این هم اکتفا نکردی بلکه به نسل آیندهٔ من نیز وعدهها دادی. ای خداوند یهوه، آیا با همه اینچنین رفتار میکنی؟ | 19 |
और प्रभु याहवेह, मानो यह आपकी दृष्टि में पर्याप्त नहीं था, आपने मेरे वंशजों के दूर के भविष्य के विषय में भी प्रतिज्ञा कर दी है. प्रभु परमेश्वर, यह सब केवल मिट्टी मात्र मनुष्य के लिए!
دیگر داوود چه گوید که تو خدمتگزارت را خوب میشناسی! | 20 |
“दावीद इसके अलावा आपसे और क्या विनती कर सकता है? क्योंकि प्रभु याहवेह, आप अपने सेवक को जानते हैं.
این خواست تو بود که این کارهای بزرگ را بکنی و به این وسیله مرا تعلیم بدهی. | 21 |
अपनी प्रतिज्ञा के कारण और अपनी योजना के अनुसार, आपने मुझे इस ऊंचाई तक पहुंचा दिया है, कि आपके सेवक को आश्वासन मिल सके.
ای خداوند من، چقدر با عظمت هستی! هرگز نشنیدهایم که خدایی مثل تو وجود داشته باشد! تو خدای بینظیری هستی! | 22 |
“इसलिये, प्रभु याहवेह, आप ऐसे महान हैं! कोई भी नहीं है आपके तुल्य! हमने जो कुछ अपने कानों से सुना है, उसके अनुसार कोई भी परमेश्वर नहीं है आपके अलावा.
در سراسر دنیا، کدام قوم است که مثل قوم تو، بنیاسرائیل، چنین برکتی یافته باشد؟ تو بنیاسرائیل را رهانیدی تا از آنها برای خود قومی بسازی و نامت را پرآوازه کنی. با معجزات عظیم، مصر و خدایانش را نابود کردی. | 23 |
इसी प्रकार, कौन है आपकी प्रजा इस्राएल के तुल्य? पृथ्वी पर एक जनता, जिसे स्वयं परमेश्वर ने जाकर इसलिये छुड़ाया, कि वे उनकी प्रजा हो, कि इसमें आपकी प्रतिष्ठा हो. आपने अपनी प्रजा के सामने से अन्य राष्ट्रों को निकाल दिया—उसी प्रजा के सामने से, जिसे आपने मिस्र देश की बंधनों से विमुक्त किया है, कि वे इन राष्ट्रों और विदेशी देवताओं को छोड़ आपकी प्रजा हों.
بنیاسرائیل را تا به ابد قوم خود ساختی و تو ای خداوند، خدای ایشان شدی. | 24 |
आपने अपने ही लिए अपनी प्रजा इस्राएल को प्रतिष्ठित किया है कि वे सदा-सर्वदा के लिए आपकी प्रजा रहें. और, तब याहवेह, आप उनके परमेश्वर हो गए.
«ای خداوند، آنچه که دربارهٔ من و خاندانم وعده فرمودهای، انجام بده! | 25 |
“और अब, याहवेह परमेश्वर, अपने सेवक और उसके वंश के विषय में कहे गए वचन को हमेशा के लिए प्रतिष्ठित कर दीजिए, और जो कुछ आपने कहा है, उन्हें पूरा कीजिए.
اسم تو تا ابد ستوده شود و مردم بگویند: خداوند، خدای لشکرهای آسمان، خدای اسرائیل است. تو خاندان مرا تا ابد حفظ خواهی کرد. | 26 |
आपकी महिमा के लिए, यह हमेशा के लिए किया जाता रहेगा. आपके विषय में कहा जाएगा, सर्वशक्तिमान याहवेह ही इस्राएल के परमेश्वर है; आपके सामने आपके सेवक दावीद का राजवंश हमेशा स्थायी रहेगा.
ای خداوند لشکرهای آسمان، ای خدای اسرائیل! تو به من وعده دادی که خاندان من تا به ابد بر قوم تو سلطنت کند. به همین سبب است که جرأت کردهام چنین دعایی در حضورت بنمایم. | 27 |
“यह इसलिये कि सर्वशक्तिमान याहवेह, आपने, इस्राएल के परमेश्वर ही ने, अपने सेवक पर इन शब्दों में यह प्रकाशित किया है, ‘मैं तुम्हारे वंश को प्रतिष्ठित करूंगा.’ इसी बात के प्रकाश में आपके सेवक को इस प्रकार की प्रार्थना करने का साहस प्राप्त हुआ है.
ای خداوند، تو واقعا خدا هستی و قولهایت راست است و این وعدههای خوب از توست. | 28 |
प्रभु याहवेह, आप परमेश्वर हैं! आपके मुख से निकले शब्द सत्य हैं. आपने अपने सेवक से यह असाधारण प्रतिज्ञा की हैं.
پس خواهش میکنم چنانکه قول دادهای عمل کنی و خاندانم را برکت دهی، باشد که خاندان من همیشه در حضور تو پایدار بماند و برکت تو تا به ابد بر خاندان من باشد.» | 29 |
तब आपके सेवक के वंश पर आपकी कृपादृष्टि बनाए रखने में आप प्रभु याहवेह की संतुष्टि हो, कि यह वंश आपके सामने हमेशा आगे ही बढ़ता जाए; क्योंकि यह आपने ही कहा है. आपके आशीर्वाद से आपके सेवक का वंश हमेशा के लिए आशीषित हो जाए.”