< دوم تواریخ 27 >
یوتام در سن بیست و پنج سالگی بر تخت سلطنت نشست و شانزده سال در اورشلیم سلطنت نمود. (مادرش یروشا نام داشت و دختر صادوق بود.) | 1 |
यूताम पच्चीस साल का था जब वह हुकूमत करने लगा, और उसने सोलह साल येरूशलेम में हुकूमत की। उसकी माँ का नाम यरूसा था जो सदोक़ की बेटी थी।
او مانند پدرش عزیا آنچه در نظر خداوند پسندیده بود انجام میداد اما مانند او با سوزاندن بخور در خانهٔ خداوند مرتکب گناه نشد. با این حال مردم هنوز به فساد ادامه میدادند. | 2 |
और उसने वही जो ख़ुदावन्द की नज़र में दुरुस्त है, ठीक ऐसा ही किया जैसा उसके बाप उज़्ज़ियाह ने किया था, मगर वह ख़ुदावन्द की हैकल में न घुसा, लेकिन लोग गुनाह करते ही रहे।
یوتام دروازهٔ بالایی خانهٔ خداوند را بازسازی کرد و آن قسمت از حصار اورشلیم را که عوفل نام داشت تعمیر اساسی نمود. | 3 |
और उसने ख़ुदावन्द के घर का बालाई दरवाज़ा बनाया, और ओफ़ल की दीवार पर उसने बहुत कुछ ता'मीर किया।
در کوهستان یهودا شهرها ساخت و در جنگلها، قلعهها و برجها درست کرد. | 4 |
और यहूदाह के पहाड़ी मुल्क में उसने शहर ता'मीर किए, और जंगलों में क़िले' और बुर्ज बनवाए।
او با عمونیها وارد جنگ شد و آنها را شکست داد و تا سه سال، سالیانه ۳٬۴۰۰ کیلوگرم نقره، ۱٬۰۰۰ تن گندم و ۱٬۰۰۰ تن جو از آنها باج گرفت. | 5 |
वह बनी 'अम्मून के बादशाह से भी लड़ा और उन पर ग़ालिब हुआ। और उसी साल बनी 'अम्मून ने एक सौ क़िन्तार चाँदी और दस हज़ार कुर गेहूँ और दस हज़ार कुर जौ उसे दिए, और उतना ही बनी 'अम्मून ने दूसरे और तीसरे साल भी उसे दिया।
یوتام، پادشاه قدرتمندی شد، زیرا از خداوند، خدای خود با وفاداری پیروی میکرد. | 6 |
इसलिए यूताम ज़बरदस्त हो गया, क्यूँकि उसने ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के आगे अपने रास्ते दुरुस्त किए थे।
شرح بقیهٔ رویدادهای دوران سلطنت یوتام، فتوحات و اعمالش در کتاب «تاریخ پادشاهان اسرائیل و یهودا» نوشته شده است. | 7 |
और यूताम के बाक़ी काम और उसकी सब लड़ाईयां और उसके तौर तरीक़े इस्राईल और यहूदाह के बादशाहों की किताब में लिखा हैं।
یوتام در سن بیست و پنج سالگی به سلطنت رسید و شانزده سال در اورشلیم پادشاهی کرد. | 8 |
वह पच्चीस साल का था जब हुकूमत करने लगा और उसने सोलह साल येरूशलेम में हुकूमत की।
وقتی مرد، او را در شهر داوود به خاک سپردند و پسرش آحاز به جای او پادشاه شد. | 9 |
और यूताम अपने बाप दादा के साथ सो गया, और उन्होंने उसे दाऊद के शहर में दफ़न किया; और उसका बेटा आख़ज़ उसकी जगह बादशाह हुआ।