< اول سموئیل 17 >
فلسطینیها لشکر خود را برای جنگ آماده کرده، در سوکوه که در یهودا است جمع شدند و در میان سوکوه و عزیقه، در اَفَس دمیم اردو زدند. | 1 |
इस समय फिलिस्तीनियों ने युद्ध के लिए अपनी सेना इकट्ठी की हुई थी. वे यहूदिया के सोकोह नामक स्थान पर एकत्र थे. उन्होंने सोकोह तथा अज़ेका के मध्यवर्ती क्षेत्र में अपने शिविर खड़े किए थे.
شائول و مردان اسرائیل نیز در درهٔ ایلاه جمع شده، در مقابل فلسطینیها صفآرایی کردند. | 2 |
शाऊल और उनकी सेना एलाह घाटी में एकत्र थी, जहां उन्होंने अपने शिविर खड़े किए थे. फिलिस्तीनियों से युद्ध के लिए उन्होंने यहीं अपनी सेना संयोजित की थी.
به این ترتیب، نیروهای فلسطینی و اسرائیلی در دو طرف دره در مقابل هم قرار گرفتند. | 3 |
फिलिस्तीनी सेना एक पहाड़ी पर तथा इस्राएली सेना अन्य पहाड़ी पर मोर्चा बांधे खड़ी थी, और उनके मध्य घाटी थी.
از اردوی فلسطینیها، پهلوانی از اهالی جَت به نام جُلیات برای مبارزه با اسرائیلیها بیرون آمد. قد او به سه متر میرسید و کلاهخودی مفرغین بر سر و زرهای مفرغین بر تن داشت. وزن زرهاش در حدود پنجاه و هفت کیلو بود. پاهایش با ساق بندهای مفرغین پوشیده شده و زوبین مفرغین بر پشتش آویزان بود. چوب نیزهاش به کلفتی چوب نساجان بود. سر نیزهٔ آهنی او حدود هفت کیلو وزن داشت. یک سرباز جلوی او راه میرفت و سپر او را حمل میکرد. | 4 |
इसी समय फिलिस्तीनियों के शिविर से एक योद्धा बाहर आया. उसका नाम था गोलियथ, जो गाथ प्रदेश का वासी था. कद में वह लगभग तीन मीटर ऊंचा था.
उसने अपने सिर पर कांसे का टोप पहन रखा था. उसके शरीर पर पीतल का कवच था, जिसका भार सत्तावन किलो था.
उसके पैरों पर भी पीतल का कवच था. उसके कंधों के मध्य कांसे की बर्छी लटकी हुई थी
उसके भाले का दंड करघे के दंड समान था. भाले के लोहे का फल लगभग सात किलो था. उसके आगे-आगे उसका ढाल संवाहक चल रहा था.
جُلیات ایستاد و اسرائیلیها را صدا زده، گفت: «چرا برای جنگ صفآرایی کردهاید؟ ای نوکران شائول، من از طرف فلسطینیها آمدهام. پس یک نفر را از طرف خود انتخاب کنید و به میدان بفرستید تا با هم مبارزه کنیم. | 8 |
इस्राएल की सेना पंक्ति के सामने खड़े हो उसने उन्हें संबोधित कर उच्च स्वर में कहना शुरू किया, “क्या कर रहे हो तुम यहां युद्ध संरचना में संयोजित होकर? शाऊल के दासों, मैं फिलिस्तीनी हूं. अपने मध्य से एक योद्धा चुनो कि वह मेरे पास आए.
اگر او توانست مرا شکست داده بکشد، آنگاه سربازان ما تسلیم میشوند. اما اگر من او را کشتم، شما باید تسلیم شوید. | 9 |
यदि वह मुझसे युद्ध कर सके और मेरा वध कर सके, तो हम तुम्हारे सेवक बन जाएंगे; मगर यदि मैं उसे पराजित करूं और उसका वध करूं, तो तुम्हें हमारे दास बनकर हमारी सेवा करनी होगी.”
من امروز نیروهای اسرائیل را به مبارزه میطلبم! یک مرد به میدان بفرستید تا با من بجنگد!» | 10 |
वह फिलिस्तीनी यह भी कह रहा था, “आज मैं इस्राएली सेना को चुनौती देता हूं! मुझसे युद्ध करने के लिए एक योद्धा भेजो.”
وقتی شائول و سپاهیان اسرائیل این را شنیدند، بسیار ترسیدند. | 11 |
जब शाऊल तथा इस्राएली सेना ने यह सब सुना तो वे सभी निराश हो गए, और उनमें भय समा गया.
داوود هفت برادر بزرگتر از خود داشت. یَسا، پدر داوود که اینک پیر و سالخورده شده بود، از اهالی افراته واقع در بیتلحم یهودا بود. | 12 |
दावीद यहूदिया प्रदेश में इफ्ऱथ क्षेत्र के बेथलेहेम नगर के यिशै नामक व्यक्ति के पुत्र थे. यिशै के आठ पुत्र थे. शाऊल के शासनकाल में यिशै वयोवृद्ध हो चुके थे.
سه برادر بزرگتر داوود الیاب، ابیناداب و شماه بودند که همراه شائول به جنگ رفته بودند. | 13 |
उनके तीन बड़े पुत्र शाऊल की सेना में शामिल थे: एलियाब उनका जेठा पुत्र, अबीनादाब दूसरा, तथा तीसरा पुत्र शम्माह.
داوود کوچکترین پسر یَسا بود و گاهی از نزد شائول به بیتلحم میرفت تا گوسفندان پدرش را بچراند. | 14 |
दावीद इन सबसे छोटे थे. तीन बड़े भाई ही शाऊल की सेना में शामिल हुए थे.
दावीद शाऊल की उपस्थिति से बेथलेहेम जा-जाकर अपने पिता की भेड़ों की देखभाल किया करते थे.
آن فلسطینی، هر روز صبح و عصر به مدت چهل روز به میدان میآمد و در مقابل اسرائیلیها رجزخوانی میکرد. | 16 |
वह फिलिस्तीनी चालीस दिन तक हर सुबह तथा शाम इस्राएली सेना के सामने आकर खड़ा हो जाया करता था.
روزی یَسا به داوود گفت: «این ده کیلو غله برشته و ده نان را بگیر و برای برادرانت به اردوگاه ببر. | 17 |
यिशै ने अपने पुत्र दावीद से कहा, “अपने भाइयों के लिए शीघ्र यह एफाह भर भुने अन्न, तथा दस रोटियों की टोकरी ले जाओ.
این ده تکه پنیر را هم به فرمانده شان بده و بپرس که حال برادرانت چطور است و خبر سلامتی ایشان را برای ما بیاور. | 18 |
इसके अतिरिक्त उनके सैन्य अधिकारी के लिए ये दस पनीर टिकियां भी ले जाओ. अपने भाइयों का हाल भी मालूम कर आना, और मुझे आकर सारी ख़बर देना.
آنها همراه شائول و جنگجویان اسرائیل در درهٔ ایلاه علیه فلسطینیها میجنگند.» | 19 |
शाऊल और उनकी सारी सेना फिलिस्तीनियों से युद्ध करने के लक्ष्य से एलाह की घाटी में एकत्र हैं.”
داوود صبح زود برخاست و گوسفندان پدرش را به دست چوپانی دیگر سپرد و خود آذوقه را برداشته، عازم اردوگاه اسرائیل شد. او درست همان موقعی که سپاه اسرائیل با فریاد و شعار جنگی عازم میدان نبرد بودند به کنار اردوگاه رسید. | 20 |
दावीद प्रातः जल्दी उठे और अपनी भेड़ें एक कर्मी की सुरक्षा में छोड़कर पिता के आदेश के अनुरूप सारा प्रावधान लेकर प्रस्थान किया. वह शिविर ठीक उस मौके पर पहुंचे, जब सेना युद्ध क्षेत्र के लिए बाहर आ ही रही थी. इसी समय वे सब युद्ध घोष नारा भी लगा रहे थे.
طولی نکشید که نیروهای متخاصم در مقابل یکدیگر قرار گرفتند. | 21 |
इस्राएली सेना और फिलिस्तीनी सेना आमने-सामने खड़ी हो गई.
داوود آنچه را که با خود داشت به افسر تدارکات تحویل داد و به میان سپاهیان آمد و برادرانش را پیدا کرده، از احوال آنها جویا شد. | 22 |
दावीद अपने साथ लाई हुई सामग्री सामान के रखवाले को सौंपकर रणभूमि की ओर दौड़ गए, कि अपने भाइयों से उनके कुशल क्षेम के बारे में पूछताछ की.
داوود در حالی که با برادرانش صحبت میکرد، چشمش به آن پهلوان فلسطینیِ جَتی که نامش جُلیات بود، افتاد. او از لشکر فلسطینیها بیرون آمده، مثل دفعات پیش مشغول رجزخوانی بود. | 23 |
जब वह उनसे संवाद कर ही रहे थे, गाथ प्रदेश से आया वह गोलियथ नामक फिलिस्तीनी योद्धा, फिलिस्तीनी सेना का पड़ाव से बाहर आ रहा था. आज भी उसने वही शब्द दोहराए, जो वह अब तक दोहराता आया था, और दावीद ने आज वे शब्द सुने.
اسرائیلیها چون او را دیدند از ترس پا به فرار گذاشتند. | 24 |
उसे देखते ही संपूर्ण इस्राएली सेना बहुत ही भयभीत होकर उसकी उपस्थिति से दूर भागने लगी.
آنها به یکدیگر میگفتند: «ببینید این مرد چطور ما را به عذاب آورده است! پادشاه به کسی که او را بکشد پاداش بزرگی خواهد داد. دخترش را هم به عقد او در خواهد آورد و خانوادهاش را نیز از پرداخت مالیات معاف خواهد کرد.» | 25 |
कुछ सैनिकों ने दावीद से बातचीत करते हुए पूछा, “देख रहे हो न इस व्यक्ति को, जो हमारी ओर बढ़ा चला आ रहा है? वह इस्राएल को तुच्छ साबित करने के उद्देश्य से रोज-रोज यही कर रहा है. जो कोई उसे धराशायी कर देगा, राजा उसे समृद्ध सम्पन्न कर देंगे, उससे अपनी बेटी का विवाह कर देंगे तथा उसके पिता के संपूर्ण परिवार को कर मुक्त भी कर देंगे.”
داوود به کسانی که در آنجا ایستاده بودند، گفت: «این فلسطینی بتپرست کیست که اینچنین به سپاهیان خدای زنده توهین میکند! به کسی که این پهلوان را بکشد و اسرائیل را از این رسوایی برهاند چه پاداشی داده میشود؟» | 26 |
दावीद ने बातें कर रहे उन सैनिकों से प्रश्न किया, “उस व्यक्ति को क्या प्रतिफल दिया जाएगा, जो इस फिलिस्तीनी का संहार कर इस्राएल के उस अपमान को मिटा देगा? क्योंकि यह अख़तनित फिलिस्तीनी होता कौन है, जो जीवन्त परमेश्वर की सेनाओं की ऐसी उपेक्षा करे?”
آنها به او گفتند که چه پاداشی داده خواهد شد. | 27 |
उन सैनिकों ने दावीद को उत्तर देते हुए वही कहा, जो वे उसके पूर्व उन्हें बता चुके थे, “जो कोई इसका वध करेगा, उसे वही प्रतिफल दिया जाएगा, जैसा हम बता चुके हैं.”
اما چون الیاب، برادر بزرگ داوود گفتگوی او را با آن مردان شنید، خشمگین شد و به داوود گفت: «تو در اینجا چه میکنی؟ چه کسی از آن چند گوسفند در صحرا مراقبت میکند؟ من از گستاخی و شرارت تو خبر دارم؛ تو به بهانهٔ تماشای میدان جنگ به اینجا آمدهای!» | 28 |
दावीद के बड़े भाई एलियाब ने दावीद को सैनिकों से बातें करते सुना. एलियाब ने दावीद पर क्रोधित हुआ. एलियाब दावीद से पूछा, “तुम यहां क्यों आये? मरुभूमि में उन थोड़ी सी भेड़ों को किसके पास छोड़कर आये हो? मैं जानता हूं कि तुम यहां क्यों आये हो! मुझे पता है कि तू कितना अभिमानी है! मैं तेरे दुष्ट हृदय को जानता! तुम केवल यहां युद्ध देखने के लिये आना चाहते थे!”
داوود در جواب برادرش گفت: «مگر چه کردهام؟ آیا حق حرف زدن هم ندارم؟» | 29 |
दावीद ने उत्तर दिया, “अरे! मैंने किया ही क्या है? क्या मुझे पूछताछ करने का भी अधिकार नहीं?”
بعد نزد عدهای دیگر رفت و از آنان نیز همان سؤال را کرد و همان پاسخ را شنید. | 30 |
यह कहकर दावीद वहां से चले गए, और किसी अन्य सैनिक से उन्होंने वही प्रश्न पूछा, जिसका उन्हें वही उत्तर प्राप्त हुआ, जो उन्हें इसके पहले दिया गया था.
وقتی صحبتهای داوود به گوش شائول رسید، او را به نزد خود احضار نمود. | 31 |
किसी ने दावीद का वक्तव्य शाऊल के सामने जा दोहराया. शाऊल ने उन्हें अपने पास लाए जाने का आदेश दिया.
داوود به شائول گفت: «هیچ نگران نباشید، این غلامتان میرود و با آن فلسطینی میجنگد.» | 32 |
दावीद ने शाऊल से कहा, “किसी को भी निराश होने की आवश्यकता नहीं है. मैं, आपका सेवक, जाकर उस फिलिस्तीनी से युद्ध करूंगा.”
شائول گفت: «چگونه میتوانی با او بجنگی؟ تو جوان و بیتجربه هستی، ولی او از زمان جوانیاش مرد جنگی بوده است.» | 33 |
शाऊल ने दावीद को सलाह देते हुए कहा, “यह असंभव है कि तुम जाकर इस फिलिस्तीनी से युद्ध करो; तुम सिर्फ एक बालक हो और वह जवानी से एक योद्धा.”
اما داوود گفت: «وقتی من گلهٔ پدرم را میچرانم و شیری یا خرسی میآید تا برهای از گله ببرد، | 34 |
दावीद ने शाऊल को उत्तर दिया, “मैं, आपका सेवक, अपने पिता की भेड़ों की रखवाली करता रहा हूं. जब कभी सिंह या भालू भेड़ों के झुंड में से किसी भेड़ को उठाकर ले जाता है,
دنبالش میکنم و بره را از دهانش میگیرم و اگر به من حمله کند، گلویش را میگیرم و آنقدر میزنم تا بمیرد. | 35 |
मैं उसका पीछा कर, उस पर प्रहार कर उसके मुख से भेड़ को निकाल लाता हूं, यदि वह मुझ पर हमला करता है, मैं उसका जबड़ा पकड़, उस पर वार कर उसे मार डालता हूं.
غلامت هم شیر کشته است هم خرس. این فلسطینی بتپرست را هم که به سپاهیان خدای زنده توهین میکند مثل آنها خواهم کشت. | 36 |
आपके सेवक ने सिंह तथा भालू दोनों ही का संहार किया है. इस अख़तनित फिलिस्तीनी की भी वही नियति होने पर है, जो उनकी हुई है, क्योंकि उसने जीवन्त परमेश्वर की सेनाओं को तुच्छ समझा है.
خداوند که مرا از دهان شیر و از چنگ خرس رهانید، از دست این مرد نیز نجات خواهد داد!» سرانجام شائول راضی شد و گفت: «بسیار خوب، برو. خداوند با تو باشد!» | 37 |
याहवेह, जिन्होंने मेरी रक्षा सिंह तथा रीछ से की है मेरी रक्षा इस फिलिस्तीनी से भी करेंगे.” इस पर शाऊल ने दावीद से कहा, “बहुत बढ़िया! जाओ, याहवेह की उपस्थिति तुम्हारे साथ बनी रहे.”
پس شائول لباس جنگی خود را به او داد. داوود کلاهخود مفرغین را بر سر گذاشت و زره را بر تن کرد. سپس شمشیر را به کمر بست و چند قدم راه رفت تا آنها را امتحان کند، ولی دید به زحمت میتواند حرکت کند. او به شائول گفت: «به این لباسها عادت ندارم. با اینها نمیتوانم راه بروم!» پس آنها را از تن خود بیرون آورد. | 38 |
यह कहते हुए शाऊल ने दावीद को अपने हथियारों से सुसज्जित करना शुरू कर दिया.
दावीद ने इनके ऊपर शाऊल की तलवार भी कस ली और फिर इन सबके साथ चलने की कोशिश करने लगे, क्योंकि इसके पहले उन्होंने इनका प्रयोग कभी न किया था. उन्होंने शाऊल से कहा, “इन्हें पहनकर तो मेरे लिए चलना फिरना मुश्किल हो रहा है; क्योंकि मैंने इनका प्रयोग पहले कभी नहीं किया है.” यह कहते हुए दावीद ने वे सब उतार दिए.
آنگاه پنج سنگ صاف از کنار رودخانه برداشت و در کیسهٔ چوپانی خود گذاشت و چوبدستی و فلاخن را به دست گرفته، به سراغ آن فلسطینی رفت. | 40 |
फिर दावीद ने अपनी लाठी ली, नदी के तट से पांच चिकने-सुडौल पत्थर उठाए, उन्हें अपनी चरवाहे की झोली में डाला, अपने हाथ में अपनी गोफन लिए हुए फिलिस्तीनी की ओर बढ़ चला.
جُلیات در حالی که سربازی سپر او را پیشاپیش وی حمل میکرد به داوود نزدیک شد. وقتی از نزدیک، داوود را برانداز کرد و دید که پسر ظریفی بیش نیست، او را مسخره کرد | 41 |
वह फिलिस्तीनी भी बढ़ते हुए दावीद के निकट आ पहुंचा. उसके आगे-आगे उसका ढाल उठानेवाला चल रहा था.
जब उस फिलिस्तीनी ने ध्यानपूर्वक दावीद की ओर देखा, तो उसके मन में दावीद के प्रति घृणा के भाव उत्पन्न हो गए, क्योंकि दावीद सिर्फ एक बालक ही थे—कोमल गुलाबी त्वचा और बहुत ही सुंदर.
و گفت: «مگر من سگم که با چوبدستی پیش من آمدهای؟» بعد به نام خدایان خود، داوود را نفرین کرد. | 43 |
उस फिलिस्तीनी ने दावीद को संबोधित करते हुए कहा, “मैं कोई कुत्ता हूं, जो मेरी ओर यह लाठी लिए हुए बढ़े चले आ रहे हो?” और वह अपने देवताओं के नाम लेकर दावीद का शाप देने लगा.
سپس به داوود گفت: «جلو بیا تا گوشت بدنت را خوراک پرندگان و درندگان صحرا بکنم.» | 44 |
दावीद को संबोधित कर वह कहने लगा, “आ जा! आज मैं तेरा मांस पशु पक्षियों का आहार बना छोड़ूंगा.”
داوود گفت: «تو با شمشیر و نیزه و زوبین به جنگ من میآیی، اما من به نام خداوند لشکرهای آسمان یعنی خدای اسرائیل که تو به او توهین کردهای با تو میجنگم. | 45 |
तब दावीद ने उस फिलिस्तीनी से कहा, “तुम मेरी ओर यह भाला, यह तलवार, बरछा तथा शूल लिए हुए बढ़ रहे हो, मगर मैं तुम्हारा सामना सेनाओं के याहवेह के नाम में कर रहा हूं, जो इस्राएल की सेनाओं के परमेश्वर हैं, तुमने जिनकी प्रतिष्ठा को भ्रष्ट किया है.
امروز خداوند تو را به دست من خواهد داد و من سرت را خواهم برید، و لاشهٔ سپاهیانت را خوراک پرندگان و درندگان صحرا خواهم کرد. به این وسیله تمام مردم جهان خواهند دانست که در اسرائیل خدایی هست | 46 |
आज ही याहवेह तुम्हें मेरे अधीन कर देंगे. मैं तुम्हारा संहार करूंगा और तुम्हारा सिर काटकर देह से अलग कर दूंगा. और मैं आज फिलिस्तीनी सेना के शव पक्षियों और वन्य पशुओं के लिए छोड़ दूंगा कि सारी पृथ्वी को यह मालूम हो जाए कि परमेश्वर इस्राएल राष्ट्र में हैं,
و همهٔ کسانی که در اینجا هستند خواهند دید که خداوند برای پیروز شدن، نیازی به شمشیر و نیزه ندارد. زیرا جنگ از آنِ خداوند است و او شما را به دست ما تسلیم خواهد نمود!» | 47 |
तथा यहां उपस्थित हर एक व्यक्ति को यह अहसास हो जाएगा कि याहवेह के लिए छुड़ौती के साधन तलवार और बर्छी नहीं हैं. यह युद्ध याहवेह का है और वही तुम्हें हमारे अधीन कर देंगे.”
داوود وقتی دید جُلیات نزدیک میشود، به سرعت به طرف او دوید و دست به داخل کیسهاش برد و سنگی برداشته، در فلاخن گذاشت و به طرف جلیات نشانه رفت. سنگ درست به پیشانی جلیات فرو رفت و او را نقش زمین ساخت. | 48 |
यह सुनकर वह फिलिस्तीनी दावीद पर प्रहार करने के लक्ष्य से आगे बढ़ा. वहां दावीद भी फिलिस्तीनी पर हमला करने युद्ध रेखा की ओर दौड़े.
दावीद ने अपने झोले से एक पत्थर निकाला, गोफन में रख उसे फेंका और वह पत्थर जाकर फिलिस्तीनी के माथे पर जा लगा, और भीतर गहरा चला गया और वह भूमि पर मुख के बल गिर पड़ा.
بدین ترتیب داوود با یک فلاخن و یک سنگ، آن فلسطینی را کشت و چون شمشیری در دست نداشت، دویده، شمشیر او را از غلافش بیرون کشید و با آن سرش را از تن جدا کرد. فلسطینیها چون پهلوان خود را کشته دیدند، برگشته پا به فرار گذاشتند. | 50 |
इस प्रकार दावीद सिर्फ गोफन और पत्थर के द्वारा उस फिलिस्तीनी पर विजयी हो गए. उन्होंने इनके द्वारा उस फिलिस्तीनी पर वार किया और उसकी मृत्यु हो गई. दावीद के पास तलवार तो थी नहीं.
तब वह दौड़कर उस फिलिस्तीनी की देह पर चढ़ गए, उसकी म्यान में से तलवार खींची, उसकी हत्या करने के लिए उसका सिर उस तलवार द्वारा अलग कर दिया. जब फिलिस्ती सेना ने यह देखा कि उनका शूर योद्धा मारा जा चुका है, वे भागने लगे.
مردان اسرائیل و یهودا وقتی وضع را چنین دیدند، بر فلسطینیها یورش بردند و تا جت و دروازههای عقرون آنها را تعقیب کرده، کشتند به طوری که سراسر جادهای که به شعریم میرود از لاشههای فلسطینیها پر شد. | 52 |
यह देख इस्राएल तथा यहूदिया के सैनिकों ने युद्धनाद करते हुए उनका पीछा करना शुरू कर दिया. वे उन्हें खदेड़ते हुए गाथ तथा एक्रोन के प्रवेश द्वार तक जा पहुंचे. घायल फिलिस्तीनी सैनिक शअरयिम से गाथ और एक्रोन के मार्ग पर पड़े रहे.
بعد اسرائیلیها برگشته، اردوگاه فلسطینیها را غارت کردند. | 53 |
इस्राएली सैनिक उनका पीछा करना छोड़कर लौटे और फिलिस्तीनी शिविर को लूट लिया.
داوود هم سرِ بریدهٔ جُلیات را به اورشلیم برد، ولی اسلحهٔ او را در خیمهٔ خود نگاه داشت. | 54 |
दावीद उस फिलिस्तीनी का सिर उठाकर येरूशलेम ले गए और उसके सारे हथियार अपने तंबू में रख लिए.
وقتی داوود به جنگ جُلیات میرفت، شائول از ابنیر، فرماندهٔ سپاه خود پرسید: «این جوان کیست؟» ابنیر پاسخ داد: «به جان تو قسم نمیدانم.» | 55 |
जब दावीद फिलिस्तीनी से युद्ध करने जा रहे थे, शाऊल उनकी हर एक गतिविधि को ध्यानपूर्वक देख रहे थे. उन्होंने अपनी सेना के सेनापति अबनेर से पूछा, “अबनेर, यह युवक किसका पुत्र है?” अबनेर ने उत्तर दिया, “महाराज, आप जीवित रहें, यह मैं नहीं जानता.”
شائول گفت: «پس برو و ببین این پسر کیست.» | 56 |
राजा ने आदेश दिया, “यह पता लगाया जाए यह किशोर किसका पुत्र है.”
بعد از آنکه داوود، جُلیات را کشت، ابنیر او را، در حالی که سر جُلیات در دستش بود، نزد شائول آورد. | 57 |
उस फिलिस्तीनी का संहार कर लौटते ही सेनापति अबनेर दावीद को राजा शाऊल की उपस्थिति में ले गए. इस समय दावीद के हाथ में उस फिलिस्तीनी का सिर था.
شائول از او پرسید: «ای جوان، تو پسر کیستی؟» داوود پاسخ داد: «پسر غلامت یَسای بیتلحمی.» | 58 |
शाऊल ने दावीद से पूछा. “युवक, कौन हैं तुम्हारे पिता?” दावीद ने उन्हें उत्तर दिया, “आपके सेवक बेथलेहेम के यिशै.”