< اول پادشاهان 22 >
در آن زمان، میان سوریه و اسرائیل سه سال تمام صلح برقرار بود. | 1 |
तीन साल तक इस्राएल और अराम के बीच युद्ध न हुआ.
اما در سال سوم، یهوشافاط، پادشاه یهودا به دیدار اَخاب، پادشاه اسرائیل رفت. | 2 |
तीसरे साल यहूदिया का राजा यहोशाफ़ात इस्राएल के राजा अहाब से भेंटकरने आया.
اَخاب به درباریان خود گفت: «ما تا به حال برای پس گرفتن شهر راموت جلعاد از دست سوریها غافل ماندهایم. این شهر به ما تعلق دارد.» | 3 |
इस्राएल के राजा ने अपने सेवकों से कहा, “क्या तुम्हें मालूम है कि रामोथ-गिलआद हमारे अधिकार क्षेत्र में है और हम इसे अराम के राजा से दोबारा पाने के लिए कुछ भी नहीं कर रहे हैं?”
آنگاه اَخاب از یهوشافاط خواست که در حمله به راموت جلعاد به او کمک کند. یهوشافاط گفت: «هر چه دارم مال توست. قوم من قوم توست. همهٔ سوارانم در خدمت تو میباشند. | 4 |
तब उसने यहोशाफ़ात से प्रश्न किया, “क्या आप रामोथ-गिलआद में युद्ध करने मेरे साथ चलेंगे?” यहोशाफ़ात ने इस्राएल के राजा को उत्तर दिया, “मैं आपके ही जैसा हूं, मेरी प्रजा आपकी प्रजा के समान और घोड़े आपके घोड़ों के समान.”
ولی بگذار اول با خداوند مشورت کنیم.» | 5 |
यहोशाफ़ात ने इस्राएल के राजा से कहा, “सबसे पहले याहवेह की इच्छा मालूम कर लें.”
پس اَخاب پادشاه، چهارصد نفر از انبیا را احضار کرد و از ایشان پرسید: «آیا برای تسخیر راموت جلعاد به جنگ بروم یا نه؟» همهٔ آنها یکصدا گفتند: «برو، چون خداوند به تو پیروزی خواهد بخشید.» | 6 |
तब इस्राएल के राजा ने भविष्यवक्ताओं को इकट्ठा किया. ये लगभग चार सौ व्यक्ति थे. उसने भविष्यवक्ताओं से प्रश्न किया, “मैं रामोथ-गिलआद से युद्ध करने जाऊं, या यह विचार छोड़ दूं?” उन्होंने उत्तर दिया, “आप जाइए, क्योंकि याहवेह उसे राजा के अधीन कर देंगे.”
آنگاه یهوشافاط پرسید: «آیا غیر از اینها نبی دیگری در اینجا نیست تا نظر خداوند را به ما بگوید؟» | 7 |
मगर यहोशाफ़ात ने प्रश्न किया, “क्या यहां याहवेह का कोई भविष्यद्वक्ता नहीं, जिससे हम यह मालूम कर सकें?”
اَخاب جواب داد: «چرا، یک نفر به اسم میکایا پسر یمله هست، که من از او نفرت دارم، چون همیشه برای من چیزهای بد پیشگویی میکند.» یهوشافاط گفت: «اینطور سخن نگویید!» | 8 |
इस्राएल के राजा ने यहोशाफ़ात को उत्तर दिया, “हां, यहां एक और व्यक्ति है, जिससे हम याहवेह की इच्छा जान सकते है; इमलाह का पुत्र मीकायाह; मगर मुझे उससे घृणा है; क्योंकि उसकी भविष्यवाणी में मेरे लिए कुछ भी भला नहीं, बल्कि बुरा ही हुआ करता है.” इस पर यहोशाफ़ात ने कहा, “राजा का ऐसा कहना अच्छा नहीं है.”
پس اَخاب پادشاه یکی از افراد دربار خود را صدا زد و به او گفت: «برو و میکایا را هر چه زودتر به اینجا بیاور.» | 9 |
तब इस्राएल के राजा ने अपने एक अधिकारी को बुलाकर आदेश दिया, “जल्दी ही इमलाह के पुत्र मीकायाह को ले आओ.”
در این هنگام هر دو پادشاه در میدان خرمنگاه، نزدیک دروازهٔ شهر سامره با لباسهای شاهانه بر تختهای سلطنتی خود نشسته بودند و تمام انبیا در حضور ایشان پیشگویی میکردند. | 10 |
इस्राएल का राजा और यहूदिया के राजा यहोशाफ़ात शमरिया के फाटक के सामने खुले खलिहान में राजसी वस्त्रों में अपने-अपने सिंहासनों पर बैठे थे. उनके सामने सारे भविष्यद्वक्ता भविष्यवाणी कर रहे थे.
یکی از این انبیا به نام صدقیا، پسر کنعنه، که شاخهای آهنین برای خود درست کرده بود گفت: «خداوند میفرماید که شما با این شاخها، سوریها را تار و مار خواهید کرد!» | 11 |
तभी केनानाह का पुत्र सीदकियाहू, जिसने अपने लिए लोहे के सींग बनाए थे, कहने लगा, “यह संदेश याहवेह की ओर से है, ‘इन सींगों के द्वारा आप अरामियों पर इस रीति से वार करेंगे, कि वे खत्म हो जाएंगे.’”
سایر انبیا هم با او همصدا شده، گفتند: «به راموت جلعاد حمله کن، چون خداوند به تو پیروزی خواهد بخشید.» | 12 |
सारे भविष्यद्वक्ता यही भविष्यवाणी कर रहे थे, “रामोथ-गिलआद पर हमला कीजिए और विजयी हो जाइए. याहवेह इसे राजा के अधीन कर देंगे.”
در ضمن قاصدی که به دنبال میکایا رفته بود، به او گفت: «تمام انبیا پیشگویی میکنند که پادشاه پیروز خواهد شد. پس تو با آنها یکصدا شو و وعدۀ پیروزی بده.» | 13 |
उस दूत ने, जो मीकायाह को लाने के लिए भेजा गया था, मीकायाह से कहा, “देख लो, सारे भविष्यद्वक्ता राजा के लिए अनुसार और भलाई में ही भविष्यवाणी कर रहे हैं. तुम्हारी भविष्यवाणी भी इन्हीं में से एक के समान हो. तुम भी भली भविष्यवाणी ही करना.”
ولی میکایا به او گفت: «به خداوند زنده قسم، هر چه خداوند بفرماید، همان را خواهم گفت!» | 14 |
मगर मीकायाह ने कहा, “जीवित याहवेह की शपथ, मैं सिर्फ वही कहूंगा, जिसके लिए याहवेह मुझे भेजेंगे.”
وقتی میکایا به حضور پادشاه رسید، اَخاب از او پرسید: «ای میکایا، آیا ما به راموت جلعاد حمله کنیم یا نه؟» میکایا جواب داد: «البته! چرا حمله نکنی! خداوند تو را پیروز خواهد کرد!» | 15 |
जब मीकायाह राजा के सामने पहुंचा, राजा ने उससे प्रश्न किया, “मीकायाह, क्या हम रामोथ-गिलआद से युद्ध करें या इसका विचार ही छोड़ दें?” मीकायाह ने राजा को उत्तर दिया, “आप जाइए और सफलता प्राप्त कीजिए. याहवेह इसे राजा के अधीन कर देंगे.”
پادشاه به او گفت: «چند بار تو را قسم دهم که هر چه خداوند میگوید، همان را به من بگو؟» | 16 |
राजा ने मीकायाह से कहा, “मीकायाह, मुझे तुम्हें कितनी बार इसकी शपथ दिलानी होगी कि तुम्हें मुझसे याहवेह के नाम में सच के सिवाय और कुछ भी नहीं कहना है?”
آنگاه میکایا به او گفت: «تمام قوم اسرائیل را دیدم که مثل گوسفندان بیشبان، روی تپهها سرگردانند. خداوند فرمود: اینها صاحب ندارند. به ایشان بگو که به خانههای خود برگردند.» | 17 |
तब मीकायाह ने उत्तर दिया, “मैंने सारे इस्राएल को बिन चरवाहे की भेड़ों के समान पहाड़ों पर तितर-बितर देखा. तभी याहवेह ने कहा, ‘इनका तो कोई स्वामी ही नहीं है. हर एक को शांतिपूर्वक अपने-अपने घर लौट जाने दो.’”
اَخاب به یهوشافاط گفت: «به تو نگفتم؟ من هرگز حرف خوب از زبان این مرد نشنیدهام!» | 18 |
इस्राएल के राजा ने यहोशाफ़ात से कहा, “मैंने कहा था न, कि यह मेरे बारे में बुरी भविष्यवाणी ही करेगा, भली नहीं?”
بعد میکایا گفت: «به این پیغام خداوند نیز گوش بده! خداوند را دیدم که بر تخت خود نشسته بود و تمامی لشکر آسمان در چپ و راستش ایستاده بودند. | 19 |
इस पर मीकायाह ने उत्तर दिया, “बहुत बढ़िया! तो फिर याहवेह का संदेश भी सुन लीजिए: मैंने याहवेह को उनके सिंहासन पर बैठे देखा. उनके दाईं और बाईं ओर में सारी स्वर्गिक सेना खड़ी हुई थी.
آنگاه خداوند فرمود: چه کسی میتواند اَخاب را فریب دهد تا به راموت جلعاد حمله کند و همان جا کشته شود؟ هر یک از فرشتگان نظری دادند. | 20 |
याहवेह ने वहां प्रश्न किया, ‘यहां कौन है, जो अहाब को ऐसे लुभाएगा कि वह रामोथ-गिलआद जाए और वहां जाकर मारा जाए?’ “किसी ने वहां कुछ उत्तर दिया और किसी ने कुछ और.
سرانجام روحی جلو آمد و به خداوند گفت: من این کار را میکنم! | 21 |
तब वहां एक आत्मा आकर याहवेह के सामने खड़े होकर यह कहने लगा, ‘मैं उसे लुभाऊंगा.’
خداوند پرسید: چگونه؟ روح گفت: من حرفهای دروغ در دهان انبیا میگذارم و اَخاب را گمراه میکنم. خداوند فرمود: تو میتوانی او را فریب دهی، پس برو و چنین کن.» | 22 |
“‘कैसे?’ याहवेह ने उससे प्रश्न किया. “उसने उत्तर दिया, ‘मैं जाकर राजा के सभी भविष्यवक्ताओं के मुख में झूठी आत्मा बन जाऊंगी.’” इस पर याहवेह ने कहा, “‘तुम्हें इसमें सफल भी होना होगा. जाओ और यही करो.’
سپس میکایای نبی گفت: «خداوند روح گمراه کننده در دهان انبیای تو گذاشته است تا به تو دروغ بگویند ولی حقیقت امر این است که خداوند میخواهد تو را به مصیبت گرفتار سازد.» | 23 |
“इसलिये देख लीजिए, याहवेह ने इन सारे भविष्यवक्ताओं के मुंह में छल का एक आत्मा डाल रखा है. आपके लिए याहवेह ने सर्वनाश की घोषणा कर दी है.”
در همین موقع صدقیا پسر کنعنه، جلو رفت و سیلی محکمی به صورت میکایا زد و گفت: «روح خداوند کی مرا ترک کرد تا به سوی تو آید و با تو سخن گوید؟» | 24 |
यह सुन केनानाह का पुत्र सीदकियाहू सामने आया और मीकायाह के गाल पर मारते हुए कहने लगा, “याहवेह का आत्मा मुझमें से निकलकर तुमसे बातचीत करने किस प्रकार जा पहुंचा?”
میکایا به او گفت: «آن روز که در اتاقت مخفی شوی، جواب این سؤال را خواهی یافت!» | 25 |
मीकायाह ने उसे उत्तर दिया, “तुम यह देख लेना, जब उस दिन तुम छिपने के लिए भीतर के कमरे में शरण लोगे.”
آنگاه اَخاب پادشاه گفت: «میکایا را بگیرید و پیش آمون، فرماندار شهر و یوآش پسرم ببرید. | 26 |
इस्राएल के राजा ने कहा, “पकड़ लो, मीकायाह को! उसे हाकिम अमोन और राजकुमार योआश के पास ले जाओ.
از قول من به ایشان بگویید که میکایا را به زندان بیندازند و جز آب و نان چیزی به او ندهند تا من پیروز بازگردم.» | 27 |
उनसे कहना, ‘यह राजा का आदेश है: इस व्यक्ति को जेल में डाल दो और उसे उस समय तक ज़रा सा ही भोजन और पानी देना, जब तक मैं सुरक्षित न लौट आऊं.’”
میکایا به او گفت: «اگر تو زنده بازگشتی، معلوم میشود من هر چه به تو گفتم، از جانب خداوند نبوده است.» بعد رو به حاضران کرد و گفت: «همهٔ شما شاهد باشید که من به پادشاه چه گفتم.» | 28 |
इस पर मीकायाह ने कहा, “यदि आप सच में सकुशल लौट आएं, तो यह समझ लीजिए कि याहवेह ने मेरे द्वारा यह सब प्रकट किया ही नहीं है.” और फिर भीड़ से उसने कहा, “आप सब भी यह सुन लीजिए.”
با وجود این هشدارها، اَخاب، پادشاه اسرائیل و یهوشافاط، پادشاه یهودا به راموت جلعاد لشکرکشی کردند. | 29 |
फिर भी इस्राएल के राजा और यहूदिया के राजा यहोशाफ़ात ने रामोथ-गिलआद पर हमला कर दिया.
اَخاب به یهوشافاط گفت: «تو لباس شاهانهٔ خود را بپوش، ولی من لباس دیگری میپوشم تا کسی مرا نشناسد.» پس اَخاب با لباس مبدل به میدان جنگ رفت. | 30 |
इस्राएल के राजा ने यहोशाफ़ात से कहा, “मैं भेष बदलकर युद्ध-भूमि में जाऊंगा, मगर आप अपनी राजसी वेशभूषा ही पहने रहिए.” इस्राएल का राजा भेष बदलकर युद्ध-भूमि में गया.
پادشاه سوریه به سی و دو سردار ارابههایش دستور داده بود که به دیگران زیاد توجه نکنند بلکه فقط با خود اَخاب بجنگند. | 31 |
अराम के राजा ने अपनी रथ सेना के बत्तीस प्रधानों को आदेश दे रखा था, “युद्ध न तो साधारण सैनिकों से करना और न मुख्य अधिकारियों से, सिर्फ इस्राएल के राजा को निशाना बनाना.”
به محض اینکه سرداران ارابهها یهوشافاط را دیدند گفتند: «بدون شک این پادشاه اسرائیل است.» پس رفتند تا با او بجنگند، اما وقتی یهوشافاط فریاد برآورد | 32 |
जैसे ही इन अधिकारियों ने यहोशाफ़ात को देखा, उन्होंने समझा, “ज़रूर यही इस्राएल का राजा है.” तब वे यहोशाफ़ात की ओर लपके. इस पर यहोशाफ़ात चिल्ला उठा.
سرداران ارابهها متوجه شدند که او پادشاه اسرائیل نیست و از تعقیب وی دست برداشتند. | 33 |
जब प्रधानों ने देखा कि वह इस्राएल का राजा नहीं था, उन्होंने उसका पीछा करना छोड़ दिया.
اما تیر یکی از سربازان به طور تصادفی از میان شکاف زرهٔ اَخاب، به او اصابت کرد. اَخاب به ارابهران خود گفت: «مجروح شدهام. ارابه را برگردان و مرا از میدان بیرون ببر.» | 34 |
इसी समय किसी एक सैनिक ने बिना कोई निशाना साधे ही अपना बाण छोड़ दिया. वह बाण जाकर इस्राएल के राजा के कवच के जोड़ पर जा लगा. तब राजा ने सारथी को आदेश दिया, “रथ मोड़ो और मुझे युद्ध-भूमि से बाहर ले चलो, मैं बुरी तरह से ज़ख्मी हो गया हूं.”
جنگ به اوج شدت خود رسیده بود و اَخاب نیمه جان به کمک ارابهران خود رو به سوریها در ارابهٔ خود ایستاده بود و خون از زخم او به کف ارابه میریخت تا سرانجام هنگام غروب جان سپرد. | 35 |
युद्ध तेज होता चला गया. अरामियों के सामने राजा को रथ में खड़ा हुआ पेश किया गया. शाम को राजा के प्राणपखेरु उड़ गए. उसका खून बहता हुआ रथ के पेंदे में जमा होता रहा.
آنگاه ندا در داده، گفتند: «ای سربازان اسرائیلی به وطن خود برگردید. پادشاه مرده است!» پس جنازهٔ اَخاب را به شهر سامره بردند و در آنجا به خاک سپردند. | 36 |
शाम को सारी सेना में यह घोषणा की गई: “हर एक व्यक्ति अपने-अपने नगर को और हर एक सैनिक अपने-अपने देश को लौट जाए.”
राजा के शव को शमरिया लाया गया और उसे शमरिया में गाड़ दिया गया.
وقتی ارابه و اسلحهٔ او را در برکهٔ سامره میشستند، سگها آمدند و خون او را لیسیدند، درست همانطور که خداوند فرموده بود. | 38 |
रथ को शमरिया के तालाब के तट पर धोया गया, और उस खून को कुत्ते चाटते रहे. इस समय वह जगह वेश्याओं के नहाने के लिए ठहराया हुआ घाट था. यह ठीक वैसा ही हुआ जैसी याहवेह की भविष्यवाणी थी.
شرح بقیهٔ رویدادهای سلطنت اَخاب و بنای قصر عاج و شهرهایی که ساخت در کتاب تاریخ پادشاهان اسرائیل نوشته شده است. | 39 |
अहाब द्वारा किए गए बाकी काम और वह सब, जो उसके द्वारा किया गया, उसके द्वारा बनाया गया हाथी-दांत का भवन और उसके द्वारा बनाए नगरों का ब्यौरा इस्राएल के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है.
به این ترتیب اَخاب مرد و پسرش اخزیا به جای او در اسرائیل به سلطنت رسید. | 40 |
अहाब अपने पूर्वजों के साथ हमेशा के लिए जा मिला, और उसकी जगह पर उसका पुत्र अहज़्याह राजा बना.
یهوشافاط پسر آسا در سال چهارم سلطنت اَخاب، پادشاه یهودا شد. | 41 |
इस्राएल के राजा अहाब के शासनकाल के चौथे साल में आसा के पुत्र यहोशाफ़ात ने यहूदिया पर शासन करना शुरू किया.
یهوشافاط در سن سی و پنج سالگی بر تخت نشست و بیست و پنج سال در اورشلیم سلطنت کرد. مادرش عزوبه نام داشت و دختر شلحی بود. | 42 |
जब उसने शासन की बागडोर संभाली, उसकी उम्र पैंतीस साल की थी. उन्होंने येरूशलेम में पच्चीस साल शासन किया. उसकी माता का नाम अत्सूबा था, वह शिल्ही की पुत्री थी.
او هم مثل پدر خود آسا مطابق میل خداوند عمل میکرد، بهجز در یک مورد و آن اینکه بتخانههای روی تپهها را از بین نبرد. پس بنیاسرائیل همچنان در آنجا قربانی میکردند و بخور میسوزاندند. | 43 |
यहोशाफ़ात का व्यवहार सभी बातों में उनके पिता आसा के समान था. वह कभी उस तरह के जीवन से अलग न हुआ. उसके काम वे ही थे, जो याहवेह की दृष्टि में सही थे. फिर भी, पूजा स्थलों की वेदियां तोड़ी नहीं गई थी. लोग पूजा स्थलों की वेदियों पर धूप जलाते और बलि चढ़ाते रहे.
از این گذشته یهوشافاط با اَخاب، پادشاه اسرائیل صلح کرد. | 44 |
इनके अलावा यहोशाफ़ात ने इस्राएल के राजा के साथ शांति की वाचा बांधी.
شرح بقیهٔ رویدادهای سلطنت یهوشافاط و جنگها و فتوحات او در کتاب تاریخ پادشاهان یهودا نوشته شده است. | 45 |
यहोशाफ़ात की बाकी उपलब्धियां, उसके द्वारा किए गए वीरता के काम, और उसके युद्ध कौशल का ब्यौरा यहूदिया के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में किया गया है.
او همچنین لواطان بتخانهها را که از زمان پدرش آسا هنوز باقی مانده بودند، از سرزمینش بیرون کرد. | 46 |
उसने अपने पिता आसा के शासनकाल से बाकी रह गए अन्य देवताओं के मंदिर में काम कर रहे पुरुष वेश्याओं को निकाल दिया.
در آن زمان در ادوم پادشاهی نبود، بلکه فرمانداری که از طرف یهوشافاط معین میشد در آنجا حکمرانی میکرد. | 47 |
एदोम देश में कोई राजा न था; वहां सिर्फ राजा द्वारा एक दूत चुना गया था.
یهوشافاط کشتیهای بزرگ ساخت تا برای آوردن طلا به اوفیر بروند. ولی این کشتیها هرگز به مقصد نرسیدند، چون همهٔ آنها در عصیون جابر شکسته شدند. | 48 |
यहोशाफ़ात ने दोबारा ओफीर से सोना आयात करने के लिए तरशीश के समान जहाज़ बनाए; मगर वे यात्रा पर जा ही न सके, क्योंकि वे एज़िओन-गेबेर नामक स्थान पर ही टूट गए.
آنگاه اخزیای پادشاه، پسر اَخاب به یهوشافاط پیشنهاد کرد تا دریانوردان او در کشتیها با کارکنان یهوشافاط همکاری کنند، ولی یهوشافاط قبول نکرد. | 49 |
अहाब के पुत्र अहज़्याह ने यहोशाफ़ात के सामने प्रस्ताव रखा, “जहाजों में अपने सेवकों के साथ मेरे सेवकों को भी ले लीजिए,” मगर यहोशाफ़ात इसके लिए राज़ी न हुआ.
وقتی یهوشافاط مرد، او را در آرامگاه سلطنتی در اورشلیم، شهر جدش داوود، دفن کردند و پسر او یهورام به جای او به سلطنت رسید. | 50 |
यहोशाफ़ात हमेशा के लिए अपने पूर्वजों में मिल गया. उसे उसके पूर्वज दावीद के नगर में उसके पूर्वजों के साथ गाड़ा दिया. उसके स्थान पर उसका पुत्र यहोराम राजा हुआ.
در سال هفدهم سلطنت یهوشافاط پادشاه یهودا، اخزیا پسر اَخاب در سامره پادشاه اسرائیل شد و دو سال سلطنت کرد. | 51 |
यहूदिया के राजा यहोशाफ़ात के शासनकाल के सत्रहवें साल में अहाब के पुत्र अहज़्याह ने शासन करना शुरू किया.
ولی او نیز مثل یربعام و پدر و مادر خود نسبت به خداوند گناه ورزید و بنیاسرائیل را به گناه کشاند. | 52 |
उसने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में गलत है. उसका स्वभाव अपने पिता और माता और नेबाथ के पुत्र यरोबोअम के समान था, जिन्होंने इस्राएल को पाप के लिए उकसाया था.
او مانند پدرش به عبادت بت بعل پرداخت و به این وسیله خداوند، خدای اسرائیل را خشمگین نمود. | 53 |
वह बाल की सेवा-उपासना करता था, जिसके द्वारा उसने याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर के क्रोध को भड़काया, ठीक वही सब, जैसा उसके पिता ने किया था.