< اول پادشاهان 2 >
زمان وفات داوود پادشاه نزدیک میشد، پس به پسرش سلیمان اینطور وصیت کرد: | 1 |
जब दावीद की मृत्यु का समय निकट आया, उन्होंने अपने पुत्र शलोमोन को ये आदेश दिए:
«چیزی از عمرم باقی نمانده است. تو قوی و شجاع باش | 2 |
“संसार की रीति के अनुसार मैं जा रहा हूं, तुम्हें मजबूत होना होगा और तुम्हें पुरुषार्थ दिखाना होगा.
و همواره از فرمانهای خداوند، خدایت پیروی کن و به تمام احکام و قوانینش که در شریعت موسی نوشته شدهاند عمل نما تا به هر کاری دست میزنی و به هر جایی که میروی کامیاب شوی. | 3 |
परमेश्वर के नियमों के पालन की जो जवाबदारी याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें सौंपी है—उनके नियमों का पालन करने का, उनकी विधियों का पालन करने का, उनकी आज्ञा, चितौनियों और गवाहियों का पालन करने का, जैसा कि मोशेह की व्यवस्था में लिखा है; कि तुम्हारा हर एक काम जिसमें तुम लगे होते हो, चाहे वह कैसा भी काम हो; करते हो, समृद्ध हो जाओ;
اگر چنین کنی، آنگاه خداوند به وعدهای که به من داده وفا خواهد کرد. خداوند فرموده است: اگر نسل تو با تمام وجود احکام مرا حفظ کنند و نسبت به من وفادار بمانند، همیشه یکی از ایشان بر مملکت اسرائیل سلطنت خواهد کرد. | 4 |
जिससे याहवेह मेरे बारे में ली गई अपनी इस शपथ को पूरा कर सकें: ‘यदि तुम्हारे पुत्रों का व्यवहार मेरे सामने उनके पूरे हृदय और प्राण से सच्चा रहेगा, इस्राएल के सिंहासन पर बैठने के लिए तुम्हें कभी कमी न होगी.’
«در ضمن تو میدانی که یوآب چه بر سر من آورد و چطور دو سردار مرا یعنی ابنیر پسر نیر و عماسا پسر یِتِر را کشت. یوآب وانمود کرد که آنها را در جنگ کشته ولی حقیقت این است که در زمان صلح ایشان را کشت و کمربندی را که به کمر بسته بود و کفشهایی را که به پا داشت، به خون آلوده بود. | 5 |
“इसके अलावा तुम्हें यह भी मालूम है कि ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब ने मेरे साथ कैसा गलत व्यवहार किया था—उसने इस्राएल की सेना के दो सेनापतियों—नेर के पुत्र अबनेर और येथेर के पुत्र अमासा की किस प्रकार हत्या की थी. उसने मेल के समय में भी युद्ध के समान लहू बहाया था. ऐसा करके उसने अपने कमरबंध को और अपने जूतों को लहू से भिगो दिया.
تو مردی حکیم هستی و میدانی چه باید کرد. اجازه نده او با موی سفید در آرامش به گور فرو رود. (Sheol ) | 6 |
अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल करो और ध्यान रहे कि उसके लिए वह इस बुढ़ापे में पहुंचकर शांति से अधोलोक में प्रवेश न कर सके. (Sheol )
اما با پسران برزلائی جلعادی با محبت رفتار کن و بگذار همیشه از سفرهٔ شاهانهٔ تو نان بخورند. چون وقتی از ترس برادرت ابشالوم فرار میکردم، آنها از من پذیرایی کردند. | 7 |
“मगर गिलआदवासी बारज़िल्लई की संतान पर विशेष दया दिखाते रहना. ऐसा करना कि वे भोजन के लिए तुम्हारे साथ बैठा करें; क्योंकि जब मैं तुम्हारे भाई अबशालोम से छिपता हुआ भाग रहा था, उन्होंने मेरी बड़ी सहायता की थी.
شِمعی پسر جیرای بنیامینی را هم که از اهالی بحوریم است به یاد داشته باش. وقتی من به محنایم میرفتم او به من اهانت کرد و ناسزا گفت. اما وقتی او برای استقبال از من به کنار رود اردن آمد، من برای او به خداوند قسم خوردم که او را نکشم؛ | 8 |
“यह न भूलना कि इस समय तुम्हें बहुरीम के रहनेवाले बिन्यामिन वंशज गेरा के पुत्र शिमेई के बारे में भी निर्णय लेना है. जब मैं माहानाईम की ओर बढ़ रहा था, उसने मुझे कड़े शाप दिए थे. मगर जब मैं लौट रहा था, वह मुझसे मिलने यरदन नदी के किनारे तक आया था. मैंने जीवित याहवेह की शपथ लेकर उसे आश्वासन दिया, ‘मेरी तलवार उस पर कभी न उठेगी.’
ولی تو او را بیگناه نشمار. تو مردی حکیم هستی و میدانی با او چه باید کرد. موی سفیدش را خونآلود به گور بفرست.» (Sheol ) | 9 |
अब उसे दंड देने में ढिलाई न करना. तुम बुद्धिमान व्यक्ति हो, तुम्हें पता है कि सही क्या होगा. उसके बूढ़े शरीर को बिना लहू बहाए अधोलोक में उतरने न देना.” (Sheol )
وقتی داوود درگذشت او را در شهر اورشلیم به خاک سپردند. | 10 |
इसके बाद दावीद अपने पूर्वजों में जा मिले. उन्हें उन्हीं के नगर की कब्र में रख दिया गया.
داوود چهل سال بر اسرائیل سلطنت نمود. از این چهل سال، هفت سال در شهر حبرون سلطنت کرد و سی و سه سال در اورشلیم. | 11 |
इस्राएल पर दावीद के शासन की अवधि चालीस साल थी. उन्होंने हेब्रोन में सात साल और येरूशलेम में तैंतीस साल शासन किया.
سپس سلیمان به جای پدر خود داوود بر تخت نشست و پایههای سلطنت خود را استوار کرد. | 12 |
शलोमोन अपने पिता दावीद के राज सिंहासन पर बैठे. उनका शासन इस समय बहुत बढ़िया तरीके से दृढ़ हो चुका था.
یک روز ادونیا پسر حَجّیت به دیدن بَتشِبَع مادر سلیمان رفت. بَتشِبَع از او پرسید: «آیا به قصد صلح و صفا به اینجا آمدهای؟» ادونیا گفت: «بله، به قصد صلح و صفا آمدهام. | 13 |
एक दिन हेग्गीथ का पुत्र अदोनियाह शलोमोन की माता बैथशेबा से मिलने आया. बथशेबा ने उससे पूछा, “सब कुशल तो है न?” “जी हां, जी हां, सब कुशल है.” उसने उत्तर दिया.
آمدهام تا از تو درخواستی بکنم.» بَتشِبَع پرسید: «چه میخواهی؟» | 14 |
उसने आगे कहना शुरू किया, “मुझे आपसे एक विनती करनी है.” बैथशेबा ने उत्तर दिया, “हां, कहो.”
ادونیا گفت: «تو میدانی که سلطنت مال من شده بود و تمام مردم هم انتظار داشتند که بعد از پدرم، من به پادشاهی برسم؛ ولی وضع دگرگون شد و برادرم سلیمان به پادشاهی رسید، چون این خواست خداوند بود. | 15 |
तब उसने कहा, “आपको तो इस बात का पता है ही कि वास्तव में यह राज्य मेरा था—पूरे इस्राएल की उम्मीद मुझसे ही थी. फिर पासा पलट गया और राज्य मेरे भाई का हो गया; क्योंकि यह याहवेह द्वारा उसी के लिए पहले से तय किया गया था.
اکنون خواهشی دارم و امیدوارم که این خواهش مرا رد نکنی.» بَتشِبَع پرسید: «چه میخواهی؟» | 16 |
अब मैं आपसे सिर्फ एक विनती कर रहा हूं: कृपया मना न कीजिएगा.” बैथशेबा ने उससे कहा, “हां, कहो.”
ادونیا گفت: «از طرف من با برادرم سلیمانِ پادشاه، گفتگو کن چون میدانم هر چه تو از او بخواهی انجام میدهد. به او بگو که ابیشگ شونَمی را به من به زنی بدهد.» | 17 |
अदोनियाह ने कहना शुरू किया, “आप कृपया राजा शलोमोन से विनती करें कि वह मुझे शूनामी अबीशाग से विवाह करने की अनुमति दे दें; वह आपका कहना नहीं टालेंगे.”
بَتشِبَع گفت: «بسیار خوب، من این خواهش را از او خواهم کرد.» | 18 |
“ठीक है!” बैथशेबा ने उत्तर दिया, “तुम्हारी यह विनती मैं महाराज तक ज़रूर पहुंचा दूंगी.”
پس بَتشِبَع به همین منظور نزد سلیمان پادشاه رفت. وقتی او داخل شد، پادشاه به پیشوازش برخاست و به او تعظیم کرد و دستور داد تا برای مادرش یک صندلی مخصوص بیاورند و کنار تخت او بگذارند. پس بَتشِبَع در طرف راست سلیمان پادشاه نشست. | 19 |
तब बैथशेबा अदोनियाह के इस विषय को लेकर राजा शलोमोन के सामने गई. उन्हें देखकर राजा उठ खड़े हुए, और उनसे मिलने के पहले झुककर उन्हें नमस्कार किया. फिर वह अपने सिंहासन पर बैठ गए, उन्होंने आदेश दिया कि एक आसन उनकी माता के लिए लाया जाए. बैथशेबा उनके दाईं ओर उस आसन पर बैठ गईं.
آنگاه بَتشِبَع گفت: «من یک خواهش کوچک از تو دارم؛ امیدوارم آن را رد نکنی.» سلیمان گفت: «مادر، خواهش تو چیست؟ میدانی که من هرگز خواست تو را رد نمیکنم.» | 20 |
बैथशेबा ने अपनी बात कहनी शुरू की, “मैं तुमसे एक छोटी सी विनती कर रही हूं; कृपया मना न करना.” “मेरी माता, आप कहिए तो! मैं मना नहीं करूंगा.” राजा ने उन्हें आश्वासन दिया.
بَتشِبَع گفت: «خواهش من این است که بگذاری برادرت ادونیا با ابیشَگِ شونَمی ازدواج کند.» | 21 |
तब बैथशेबा ने आगे कहा, “अपने भाई अदोनियाह को शूनामी अबीशाग से विवाह करने की अनुमति दे दो.”
سلیمان در جواب بَتشِبَع گفت: «چطور است همراه اَبیشَگ، سلطنت را هم به او بدهم، چون او برادر بزرگ من است! تا او با یوآب پسر صِرویه و اَبیّاتار کاهن روی کار بیایند و قدرت فرمانروایی را به دست بگیرند!» | 22 |
राजा शलोमोन ने अपनी माता को उत्तर दिया, “मां, आप अदोनियाह के लिए सिर्फ शूनामी अबीशाग की ही विनती क्यों कर रही हैं? आप तो उसके लिए पूरा राज्य ही मांग सकती थी; वह तो मेरा बड़ा भाई है. ऐसी ही विनती आप पुरोहित अबीयाथर और ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब के लिए भी कर सकती हैं!”
سپس سلیمان به خداوند قسم خورد و گفت: «خدا مرا نابود کند اگر همین امروز ادونیا را به سبب این توطئه که علیه من چیده است نابود نکنم! به خداوند زنده که تخت و تاج پدرم را به من بخشیده و طبق وعدهاش این سلطنت را نصیب من کرده است قسم، که او را زنده نخواهم گذاشت.» | 23 |
तब राजा शलोमोन ने याहवेह की शपथ लेते हुए कहा, “परमेश्वर मेरे साथ ऐसा ही, बल्कि इससे भी कहीं अधिक करें, यदि अदोनियाह अपनी इस बात का मूल्य अपने प्राणों से न चुकाए.
क्योंकि जीवित याहवेह ने ही मुझे मेरे पिता दावीद के सिंहासन पर बैठाया है, उन्हीं ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार मुझे राजवंश दिया है. यह तय है कि आज ही अदोनियाह को प्राण-दंड दिया जाएगा.”
پس سلیمان پادشاه به بنایا پسر یهویاداع دستور داد که ادونیا را بکشد، و او نیز چنین کرد. | 25 |
राजा शलोमोन ने यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को यह जवाबदारी सौंपी, और उसके वार से अदोनियाह की मृत्यु हो गई.
سپس پادشاه به اَبیّاتار کاهن گفت: «به خانهٔ خود در عناتوت برگرد. سزای تو نیز مرگ است، ولی من اکنون تو را نمیکشم، زیرا در زمان پدرم مسئولیت نگهداری صندوق عهد خداوند با تو بود و تو در تمام زحمات پدرم با او شریک بودی.» | 26 |
इसके बाद राजा ने पुरोहित अबीयाथर से कहा, “आप अनाथोथ चले जाइए, जहां आपकी पैतृक संपत्ति है. सही तो यह था कि आपको मृत्यु दंड दिया जाता, मगर इस समय मैं आपकी हत्या नहीं करूंगा, क्योंकि आपने मेरे पिता दावीद के सामने प्रभु याहवेह की वाचा के संदूक को उठाया था, साथ ही आप मेरे पिता के बुरे समय में उनके साथ बने रहे.”
پس سلیمان پادشاه، اَبیّاتار را از مقام کاهنی برکنار نموده و بدین وسیله هر چه خداوند در شهر شیلوه دربارهٔ فرزندان عیلی فرموده بود، عملی شد. | 27 |
यह कहते हुए शलोमोन ने अबीयाथर को याहवेह के पुरोहित के पद से हटा दिया, कि याहवेह का वह कहा हुआ वचन पूरा हो जाए, जो उन्होंने शीलो में एली के वंश के संबंध में कहा था.
وقتی خبر این وقایع به گوش یوآب رسید، او به خیمهٔ عبادت پناه برد و شاخهای مذبح را به دست گرفت. (یوآب هر چند در توطئهٔ ابشالوم دست نداشت اما در توطئهٔ ادونیا شرکت کرده بود.) | 28 |
जब योआब को इसकी ख़बर मिली, वह दौड़कर याहवेह के मिलनवाले तंबू में जा पहुंचा, और उसने जाकर वेदी के सींग पकड़ लिए. ज़ाहिर है कि योआब अदोनियाह के पक्ष में था; हालांकि अबशालोम के पक्ष में नहीं.
وقتی به سلیمان پادشاه خبر رسید که یوآب به خیمهٔ عبادت پناه برده است، بنایا را فرستاد تا او را بکشد. | 29 |
जब राजा शलोमोन को यह बताया गया, योआब याहवेह के मिलनवाले तंबू को भाग गया है, और वह इस समय वेदी पर है, तो शलोमोन ने यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को आदेश दिया, “जाओ, उसे वहीं खत्म कर दो!”
بنایا به خیمهٔ عبادت داخل شد و به یوآب گفت: «پادشاه دستور میدهد که از اینجا بیرون بیایی.» یوآب گفت: «بیرون نمیآیم و همین جا میمیرم.» بنایا نزد پادشاه برگشت و آنچه یوآب گفته بود به او اطلاع داد. | 30 |
बेनाइयाह ने याहवेह के मिलनवाले तंबू के पास जाकर योआब से कहा, “यह महाराज का आदेश है, ‘आप मिलनवाले तंबू से बाहर आइए!’” किंतु योआब ने उत्तर दिया, “नहीं, मैं यहीं अपने प्राण दे दूंगा.” बेनायाह ने इसकी सूचना राजा को दे दी, “योआब ऐसा कर रहे हैं, और उन्होंने मुझे यह उत्तर दिया है.”
پادشاه گفت: «همانطور که میگوید، عمل کن. او را بکش و دفن کن. کشتن او، لکههای خون اشخاص بیگناهی را که او ریخته است از دامن من و خاندان پدرم پاک میکند. | 31 |
राजा ने बेनायाह को उत्तर दिया, “वही करो, जैसा वह चाह रहा है. उसे खत्म करो, और उसका अंतिम संस्कार भी कर देना. यह करने के द्वारा तुम मेरे पिता के वंश और मुझ पर उस सारे बहाए गए लहू का दोष दूर कर दोगे, जो योआब द्वारा बेकार ही बहाया गया था.
او بدون اطلاع پدرم، ابنیر فرماندهٔ سپاه اسرائیل و عماسا پسر یِتِر فرماندهٔ سپاه یهودا را که بهتر از وی بودند کشت. پس خداوند هم انتقام این دو بیگناه را از او خواهد گرفت | 32 |
याहवेह ही उन सभी कुकर्मों को उसके सिर पर ला छोड़ेंगे; क्योंकि उसने बिना मेरे पिता के जाने, अपने से कहीं अधिक भले और सुयोग्य व्यक्तियों की तलवार से हत्या की, नेर के पुत्र अबनेर की, जो इस्राएल की सेना के सेनापति थे, और येथेर के पुत्र अमासा की, जो यहूदिया की सेना के सेनापति थे.
و خون ایشان تا به ابد بر گردن یوآب و فرزندان او خواهد بود. اما خداوند نسل داوود را که بر تخت او مینشینند تا به ابد سلامتی خواهد داد.» | 33 |
तब उन दोनों की हत्या का दोष लौटकर योआब और उनके वंशजों पर हमेशा के लिए आता रहेगा; मगर दावीद, उनके वंशजों, उनके परिवार और सिंहासन पर याहवेह के द्वारा दी गई शांति हमेशा बनी रहे.”
پس بنایا پسر یهویاداع به خیمهٔ عبادت برگشت و یوآب را کشت. بعد او را در خانهاش که در صحرا بود دفن کردند. | 34 |
तब यहोयादा का पुत्र बेनाइयाह भीतर गया, और योआब पर वार कर उसका वध कर दिया, और उसे बंजर भूमि के पास उसके घर पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया.
آنگاه پادشاه، بنایا را به جای یوآب به فرماندهی سپاه منصوب کرد و صادوق را به جای اَبیّاتار به مقام کاهنی گماشت. | 35 |
राजा ने यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को योआब की जगह पर सेनापति और अबीयाथर के स्थान पर सादोक को पुरोहित बना दिया.
سپس پادشاه، شِمعی را احضار کرد. وقتی شِمعی آمد، پادشاه به او گفت: «خانهای برای خود در اورشلیم بساز و از اورشلیم خارج نشو. | 36 |
इसके बाद राजा ने शिमेई को बुलवाया और उसे आदेश दिया, “येरूशलेम में अपने लिए घर बनाइए और उसी में रहिए. ध्यान रहे कि आप यहां से और कहीं न जाएं,
اگر شهر را ترک کنی و از رود قدرون بگذری، بدان که کشته خواهی شد و خونت به گردن خودت خواهد بود.» | 37 |
क्योंकि जिस दिन आप बाहर निकलेंगे, और किद्रोन घाटी पार करेंगे यह समझ लीजिए कि उस दिन आपकी मृत्यु तय होगी, और इसका दोष आपके ही सिर पर होगा.”
شِمعی عرض کرد: «هر چه بگویید اطاعت میکنم.» پس در اورشلیم ماند و مدتها از شهر بیرون نرفت. | 38 |
शिमेई ने राजा को उत्तर दिया, “महाराज, मेरे स्वामी द्वारा दिए गए निर्देश सही ही हैं. जो कुछ महाराज, मेरे स्वामी ने कहा है, आपका सेवक उसका पालन ज़रूर करेगा.” तब शिमेई येरूशलेम में लंबे समय तक रहता रहा.
ولی بعد از سه سال، دو نفر از غلامان شمعی پیش اخیش پسر مَعَکاه، پادشاه جَت فرار کردند. وقتی به شمعی خبر دادند که غلامانش در جت هستند، | 39 |
तीन साल खत्म होते-होते शिमेई के दो सेवक भागकर गाथ के राजा माकाह के पुत्र आकीश के पास चले गए. शिमेई को यह सूचना दी गई: “सुनिए, आपके सेवक इस समय गाथ में हैं.”
او الاغ خود را آماده کرده، به جت نزد اخیش رفت. او غلامانش را در آنجا یافت و آنها را به اورشلیم باز آورد. | 40 |
यह सुन शिमेई ने अपने गधे पर काठी कसी और गाथ के लिए निकल गया, कि आकीश के यहां जाकर अपने सेवकों को खोज सके. शिमेई वहां से अपने सेवकों को लेकर येरूशलेम लौट आया.
سلیمان پادشاه وقتی شنید که شمعی از اورشلیم به جت رفته و برگشته است، | 41 |
शलोमोन को इस बात की सूचना दे दी गई कि शिमेई येरूशलेम से गाथ गया था और अब वह लौट चुका है.
او را احضار کرد و گفت: «مگر تو را به خداوند قسم ندادم و به تأکید نگفتم که اگر از اورشلیم بیرون بروی تو را میکشم؟ مگر تو نگفتی هر چه بگویید اطاعت میکنم؟ | 42 |
यह सुनकर राजा शिमेई को बुलाने का आदेश दिया. राजा ने शिमेई से प्रश्न किया, “क्या मैंने बड़ी गंभीरता से आपसे याहवेह की शपथ लेकर यह चेतावनी न दी थी, ‘जिस दिन आप येरूशलेम से बाहर निकलें, यह समझ लीजिए कि आपकी मृत्यु तय होगी’? जिसके उत्तर में आपने ही कहा था, ‘महाराज, मेरे स्वामी द्वारा दिए गए निर्देश सही ही हैं.’
پس چرا سوگند خود را به خداوند نگاه نداشتی و دستور مرا اطاعت نکردی؟ | 43 |
इतना होने पर भी आपने याहवेह के सामने ली गई शपथ का सम्मान और मेरे आदेश का पालन क्यों नहीं किया?”
تو خوب میدانی چه بدیهایی در حق پدرم داوود پادشاه کردی. پس امروز خداوند تو را به سزای اعمالت رسانده است. | 44 |
राजा ने शिमेई से यह भी कहा, “आपको उन सारे बुरे व्यवहारों और गलतियों का अहसास है, जो आपने मेरे पिता दावीद के साथ की थी; इसलिये याहवेह आपके द्वारा किए गए इन दुरव्यवहारों को आपके ही ऊपर लौटा ले आएंगे.
اما من، سلیمان پادشاه، مبارک خواهم بود و سلطنت داوود در حضور خداوند تا ابد پایدار خواهد ماند.» | 45 |
मगर राजा शलोमोन धन्य रहेंगे और दावीद का सिंहासन याहवेह के सामने हमेशा के लिए बना रहेगा.”
آنگاه به فرمان پادشاه، بنایا شمعی را بیرون برد و او را کشت. به این ترتیب، سلطنت سلیمان برقرار ماند. | 46 |
राजा ने यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को आदेश दिया, और उसने बाहर जाकर शिमाई पर ऐसा वार किया कि उसके प्राणपखेरु उड़ गए. इस प्रकार शलोमोन के हाथों में आया राज्य दृढ़ हो गया.