< مزامیر 106 >
هللویاه! خداوند را حمد بگوییدزیرا که او نیکو است و رحمت او تاابدالاباد! | ۱ 1 |
ख़ुदावन्द की हम्द करो, ख़ुदावन्द का शुक्र करो, क्यूँकि वह भला है; और उसकी शफ़क़त हमेशा की है!
کیست که اعمال عظیم خداوند رابگوید و همه تسبیحات او را بشنواند؟ | ۲ 2 |
कौन ख़ुदावन्द की कु़दरत के कामों काबयान कर सकता है, या उसकी पूरी सिताइश सुना सकता है?
خوشابحال آنانی که انصاف را نگاه دارند و آن که عدالت را در همه وقت به عمل آورد. | ۳ 3 |
मुबारक हैं वह जो 'अद्ल करते हैं, और वह जो हर वक़्त सदाक़त के काम करता है।
ای خداوند مرا یاد کن به رضامندیی که با قوم خودمی داری و به نجات خود از من تفقد نما. | ۴ 4 |
ऐ ख़ुदावन्द, उस करम से जो तू अपने लोगों पर करता है मुझे याद कर, अपनी नजात मुझे इनायत फ़रमा,
تاسعادت برگزیدگان تو را ببینم و به شادمانی قوم تو مسرور شوم و با میراث تو فخر نمایم. | ۵ 5 |
ताकि मैं तेरे बरगुज़ीदों की इक़बालमंदी देखें और तेरी क़ौम की ख़ुशी में ख़ुश रहूँ। और तेरी मीरास के लोगों के साथ फ़ख़्र करूँ।
با پدران خود گناه نمودهایم و عصیان ورزیده، شرارت کردهایم. | ۶ 6 |
हम ने और हमारे बाप दादा ने गुनाह किया; हम ने बदकारी की, हम ने शरारत के काम किए!
پدران ما کارهای عجیب تو را در مصر نفهمیدند و کثرت رحمت تو را به یاد نیاوردند بلکه نزد دریا یعنی بحر قلزم فتنه انگیختند. | ۷ 7 |
हमारे बाप — दादा मिस्र में तेरे 'अजायब न समझे; उन्होंने तेरी शफ़क़त की कसरत को याद न किया; बल्कि समन्दर पर या'नी बहर — ए — कु़लजु़म पर बाग़ी हुए।
لیکن بهخاطر اسم خود ایشان رانجات داد تا توانایی خود را اعلان نماید. | ۸ 8 |
तोभी उसने उनको अपने नाम की ख़ातिर बचाया, ताकि अपनी कु़दरत ज़ाहिर करे
و بحرقلزم را عتاب کرد که خشک گردید. پس ایشان رادر لجهها مثل بیابان رهبری فرمود. | ۹ 9 |
उसने बहर — ए — कु़लजु़म को डाँटा और वह सूख गया। वह उनकी गहराव में से ऐसे निकाल ले गया जैसे वीरान में से,
و ایشان رااز دست دشمن نجات داد و از دست خصم رهایی بخشید. | ۱۰ 10 |
और उसने उनको 'अदावत रखने वाले के हाथ से बचाया, और दुश्मन के हाथ से छुड़ाया।
و آب، دشمنان ایشان را پوشانید که یکی از ایشان باقی نماند. | ۱۱ 11 |
समन्दर ने उनके मुख़ालिफ़ों को छिपा लियाः उनमें से एक भी न बचा।
آنگاه به کلام اوایمان آوردند و حمد او را سراییدند. | ۱۲ 12 |
तब उन्होंने उसके क़ौल का यक़ीन किया; और उसकी मदहसराई करने लगे।
لیکن اعمال او را به زودی فراموش کردند و مشورت اورا انتظار نکشیدند. | ۱۳ 13 |
फिर वह जल्द उसके कामों को भूल गए, और उसकी मश्वरत का इन्तिज़ार न किया।
بلکه شهوتپرستی نمودنددر بادیه؛ و خدا را امتحان کردند در هامون. | ۱۴ 14 |
बल्कि वीरान में बड़ी हिर्स की, और सेहरा में ख़ुदा को आज़माया।
ومسالت ایشان را بدیشان داد. لیکن لاغری درجانهای ایشان فرستاد. | ۱۵ 15 |
फिर उसने उनकी मुराद तो पूरी कर दी, लेकिन उनकी जान को सुखा दिया।
پس به موسی در اردو حسد بردند و به هارون، مقدس یهوه. | ۱۶ 16 |
उन्होंने ख़ेमागाह में मूसा पर, और ख़ुदावन्द के पाक मर्द हारून पर हसद किया।
و زمین شکافته شده، داتان را فرو برد و جماعت ابیرام را پوشانید. | ۱۷ 17 |
फिर ज़मीन फटी और दातन को निगल गई, और अबीराम की जमा'अत को खा गई,
وآتش، در جماعت ایشان افروخته شده، شعله آتش شریران را سوزانید. | ۱۸ 18 |
और उनके जत्थे में आग भड़क उठी, और शो'लों ने शरीरों को भसम कर दिया।
گوسالهای درحوریب ساختند و بتی ریخته شده را پرستش نمودند. | ۱۹ 19 |
उन्होंने होरिब में एक बछड़ा बनाया, और ढाली हुई मूरत को सिज्दा किया।
و جلال خود را تبدیل نمودند به مثال گاوی که علف میخورد. | ۲۰ 20 |
यूँ उन्होंने ख़ुदा के जलाल को, घास खाने वाले बैल की शक्ल से बदल दिया।
و خدای نجاتدهنده خود را فراموش کردند که کارهای عظیم در مصر کرده بود. | ۲۱ 21 |
वह अपने मुनज्जी ख़ुदा को भूल गए, जिसने मिस्र में बड़े बड़े काम किए,
و اعمال عجیبه را در زمین حام و کارهای ترسناک را در بحر قلزم. | ۲۲ 22 |
और हाम की सरज़मीन में 'अजायब, और बहर — ए — कु़लजु़म पर दहशत अंगेज़ काम किए।
آنگاه گفت که ایشان را هلاک بکند. اگر برگزیده اوموسی در شکاف به حضور وی نمی ایستاد، تاغضب او را از هلاکت ایشان برگرداند. | ۲۳ 23 |
इसलिए उसने फ़रमाया, मैं उनको हलाक कर डालता, अगर मेरा बरगुज़ीदा मूसा मेरे सामने बीच में न आता कि मेरे क़हर को टाल दे, ऐसा न हो कि मैं उनको हलाक करूँ।
و زمین مرغوب را خوار شمردند و به کلام وی ایمان نیاوردند. | ۲۴ 24 |
और उन्होंने उस सुहाने मुल्क को हक़ीर जाना, और उसके क़ौल का यक़ीन न किया।
و در خیمه های خود همهمه کردندو قول خداوند را استماع ننمودند. | ۲۵ 25 |
बल्कि वह अपने डेरों में बड़बड़ाए, और ख़ुदावन्द की बात न मानी।
لهذا دست خود را برایشان برافراشت، که ایشان را در صحرااز پا درآورد. | ۲۶ 26 |
तब उसने उनके ख़िलाफ़ क़सम खाई कि मैं उनको वीरान में पस्त करूँगा,
و ذریت ایشان را در میان امتهابیندازد و ایشان را در زمینها پراکنده کند. | ۲۷ 27 |
और उनकी नसल की क़ौमों के बीच और उनको मुल्क मुल्क में तितर बितर करूँगा।
پس به بعل فغور پیوستند و قربانی های مردگان راخوردند. | ۲۸ 28 |
वह बा'ल फ़गू़र को पूजने लगे, और बुतों की कु़र्बानियाँ खाने लगे।
و بهکارهای خود خشم او را به هیجان آوردند و وبا بر ایشان سخت آمد. | ۲۹ 29 |
यूँ उन्होंने अपने आ'माल से उसको ना ख़ुश किया, और वबा उनमें फूट निकली।
آنگاه فینحاس بر پا ایستاده، داوری نمود ووبا برداشته شد. | ۳۰ 30 |
तब फ़ीन्हास उठा और बीच में आया, और वबा रुक गई।
و این برای او به عدالت محسوب گردید، نسلا بعد نسل تا ابدالاباد. | ۳۱ 31 |
और यह काम उसके हक़ में नसल दर नसल, हमेशा के लिए रास्तबाज़ी गिना गया।
واو را نزد آب مریبه غضبناک نمودند. حتی موسی را بهخاطر ایشان آزاری عارض گردید. | ۳۲ 32 |
उन्होंने उसकी मरीबा के चश्मे पर भी नाख़ुश किया, और उनकी ख़ातिर मूसा को नुक़सान पहुँचा;
زیراکه روح او را تلخ ساختند، تا از لبهای خود ناسزاگفت. | ۳۳ 33 |
इसलिए कि उन्होंने उसकी रूह से सरकशी की, और मूसा बे सोचे बोल उठा।
و آن قومها را هلاک نکردند، که درباره ایشان خداوند امر فرموده بود. | ۳۴ 34 |
उन्होंने उन क़ौमों को हलाक न किया, जैसा ख़ुदावन्द ने उनको हुक्म दिया था,
بلکه خویشتن را با امتها آمیختند و کارهای ایشان را آموختند. | ۳۵ 35 |
बल्कि उन कौमों के साथ मिल गए, और उनके से काम सीख गए;
و بتهای ایشان را پرستش نمودند تا آنکه برای ایشان دام گردید. | ۳۶ 36 |
और उनके बुतों की परस्तिश करने लगे, जो उनके लिए फंदा बन गए।
و پسران و دختران خویش رابرای دیوها قربانی گذرانیدند. | ۳۷ 37 |
बल्कि उन्होंने अपने बेटे बेटियों को, शयातीन के लिए कु़र्बान किया:
و خون بیگناه راریختند یعنی خون پسران و دختران خود را که آن را برای بتهای کنعان ذبح کردند و زمین از خون ملوث گردید. | ۳۸ 38 |
और मासूमों का या'नी अपने बेटे बेटियों का खू़न बहाया, जिनको उन्होंने कनान के बुतों के लिए कु़र्बान कर दियाः और मुल्क खू़न से नापाक हो गया।
و از کارهای خود نجس شدند ودر افعال خویش زناکار گردیدند. | ۳۹ 39 |
यूँ वह अपने ही कामों से आलूदा हो गए, और अपने फ़े'लों से बेवफ़ा बने।
لهذا خشم خداوند بر قوم خود افروخته شد و میراث خویش را مکروه داشت. | ۴۰ 40 |
इसलिए ख़ुदावन्द का क़हर अपने लोगों पर भड़का, और उसे अपनी मीरास से नफ़रत हो गई;
و ایشان را بهدست امتها تسلیم نمود تا آنانی که از ایشان نفرت داشتند، بر ایشان حکمرانی کردند. | ۴۱ 41 |
और उसने उनकी क़ौमों के क़ब्ज़े में कर दिया, और उनसे 'अदावत रखने वाले उन पर हुक्मरान हो गए।
و دشمنان ایشان بر ایشان ظلم نمودند و زیر دست ایشان ذلیل گردیدند. | ۴۲ 42 |
उनके दुशमनों ने उन पर ज़ुल्म किया, और वह उनके महकूम हो गए।
بارهای بسیار ایشان راخلاصی داد. لیکن به مشورتهای خویش براو فتنه کردند و بهسبب گناه خویش خوار گردیدند. | ۴۳ 43 |
उसने तो बारहा उनको छुड़ाया, लेकिन उनका मश्वरा बग़ावत वाला ही रहा और वह अपनी बदकारी के वजह से पस्त हो गए।
با وجود این، بر تنگی ایشان نظر کرد، وقتی که فریاد ایشان را شنید. | ۴۴ 44 |
तोभी जब उसने उनकी फ़रियाद सुनी, तो उनके दुख पर नज़र की।
و بهخاطر ایشان، عهدخود را به یاد آورد و در کثرت رحمت خویش بازگشت نمود. | ۴۵ 45 |
और उसने उनके हक़ में अपने 'अहद को याद किया, और अपनी शफ़क़त की कसरत के मुताबिक़ तरस खाया।
و ایشان را حرمت داد، در نظرجمیع اسیرکنندگان ایشان. | ۴۶ 46 |
उसने उनकी ग़ुलाम करने वालों के दिलमें उनके लिए रहम डाला।
ای یهوه خدای ما، ما را نجات ده! و ما را از میان امتها جمع کن! تا نام قدوس تو را حمد گوییم و در تسبیح تو فخرنماییم. | ۴۷ 47 |
ऐ ख़ुदावन्द, हमारे ख़ुदा! हम को बचा ले, और हम को क़ौमों में से इकट्ठा कर ले, ताकि हम तेरे पाक नाम का शुक्र करें, और ललकारते हुए तेरी सिताइश करें।
یهوه خدای اسرائیل متبارک باد از ازل تا ابدالاباد. و تمامی قوم بگویند آمین. هللویاه! | ۴۸ 48 |
ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा, इब्तिदा से हमेशा तक मुबारक हो! ख़ुदावन्द की हम्द करो।