< امثال 26 >

چنانکه برف در تابستان و باران درحصاد، همچنین حرمت برای احمق شایسته نیست. ۱ 1
मूर्ख को सम्मानित करना वैसा ही असंगत है, जैसा ग्रीष्मऋतु में हिमपात तथा कटनी के समय वृष्टि.
لعنت، بی‌سبب نمی آید، چنانکه گنجشک در طیران و پرستوک در پریدن. ۲ 2
निर्दोष को दिया गया शाप वैसे ही प्रभावी नहीं हो पाता, जैसे गौरेया का फुदकना और अबाबील की उड़ान.
شلاق به جهت اسب و لگام برای الاغ، وچوب از برای پشت احمقان است. ۳ 3
जैसे घोड़े के लिए चाबुक और गधे के लिए लगाम, वैसे ही मूर्ख की पीठ के लिए छड़ी निर्धारित है.
احمق را موافق حماقتش جواب مده، مباداتو نیز مانند او بشوی. ۴ 4
मूर्ख को उसकी मूर्खता के अनुरूप उत्तर न दो, कहीं तुम स्वयं मूर्ख सिद्ध न हो जाओ.
احمق را موافق حماقتش جواب بده، مباداخویشتن را حکیم بشمارد. ۵ 5
मूर्खों को उनकी मूर्खता के उपयुक्त उत्तर दो, अन्यथा वे अपनी दृष्टि में विद्वान हो जाएंगे.
هر‌که پیغامی به‌دست احمق بفرستد، پایهای خود را می‌برد و ضرر خود را می‌نوشد. ۶ 6
किसी मूर्ख के द्वारा संदेश भेजना वैसा ही होता है, जैसा अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार लेना अथवा विषपान कर लेना.
ساقهای شخص لنگ بی‌تمکین است، ومثلی که از دهان احمق برآید همچنان است. ۷ 7
मूर्ख के मुख द्वारा निकला नीति सूत्र वैसा ही होता है, जैसा अपंग के लटकते निर्जीव पैर.
هر‌که احمق را حرمت کند، مثل کیسه جواهر در توده سنگها است. ۸ 8
किसी मूर्ख को सम्मानित करना वैसा ही होगा, जैसे पत्थर को गोफन में बांध देना.
مثلی که از دهان احمق برآید، مثل خاری است که در دست شخص مست رفته باشد. ۹ 9
मूर्ख व्यक्ति द्वारा कहा गया नीतिवचन वैसा ही लगता है, जैसे मद्यपि के हाथों में चुभा हुआ कांटा.
تیرانداز همه را مجروح می‌کند، همچنان است هر‌که احمق را به مزد گیرد و خطاکاران رااجیر نماید. ۱۰ 10
जो अनजान मूर्ख यात्री अथवा मदोन्मत्त व्यक्ति को काम पर लगाता है, वह उस धनुर्धारी के समान है, जो बिना किसी लक्ष्य के, लोगों को घायल करता है.
چنانکه سگ به قی خود برمی گردد، همچنان احمق حماقت خود را تکرار می‌کند. ۱۱ 11
अपनी मूर्खता को दोहराता हुआ व्यक्ति उस कुत्ते के समान है, जो बार-बार अपने उल्टी की ओर लौटता है.
آیا شخصی را می‌بینی که در نظر خودحکیم است، امید داشتن بر احمق از امید بر اوبیشتر است. ۱۲ 12
क्या तुमने किसी ऐसे व्यक्ति को देखा है, जो स्वयं को बुद्धिमान समझता है? उसकी अपेक्षा एक मूर्ख से कहीं अधिक अपेक्षा संभव है.
کاهل می‌گوید که شیر در راه است، و اسددر میان کوچه‌ها است. ۱۳ 13
आलसी कहता है, “मार्ग में सिंह है, सिंह गलियों में छुपा हुआ है!”
چنانکه در بر پاشنه‌اش می‌گردد، همچنان کاهل بر بستر خویش. ۱۴ 14
आलसी अपने बिछौने पर वैसे ही करवटें बदलते रहता है, जैसे चूल पर द्वार.
کاهل دست خود را در قاب فرو می‌برد و ازبرآوردن آن به دهانش خسته می‌شود. ۱۵ 15
आलसी अपना हाथ भोजन की थाली में डाल तो देता है; किंतु आलस्यवश वह अपना हाथ मुख तक नहीं ले जाता.
کاهل در نظر خود حکیمتر است از هفت مرد که جواب عاقلانه می‌دهند. ۱۶ 16
अपने विचार में आलसी उन सात व्यक्तियों से अधिक बुद्धिमान होता है, जिनमें सुसंगत उत्तर देने की क्षमता होती है.
کسی‌که برود و در نزاعی که به او تعلق ندارد متعرض شود، مثل کسی است که گوشهای سگ را بگیرد. ۱۷ 17
मार्ग में चलते हुए अपरिचितों के मध्य चल रहे विवाद में हस्तक्षेप करते हुए व्यक्ति की स्थिति वैसी ही होती है, मानो उसने वन्य कुत्ते को उसके कानों से पकड़ लिया हो.
آدم دیوانه‌ای که مشعلها و تیرها و موت رامی اندازد، ۱۸ 18
उस उन्मादी सा जो मशाल उछालता है या मनुष्य जो घातक तीर फेंकता है
مثل کسی است که همسایه خود را فریب دهد، و می‌گوید آیا شوخی نمی کردم؟ ۱۹ 19
वैसे ही वह भी होता है जो अपने पड़ोसी की छलता है और कहता है, “मैं तो बस ऐसे ही मजाक कर रहा था!”
از نبودن هیزم آتش خاموش می‌شود، و ازنبودن نمام منازعه ساکت می‌گردد. ۲۰ 20
लकड़ी समाप्‍त होते ही आग बुझ जाती है; वैसे ही जहां कानाफूसी नहीं की जाती, वहां कलह भी नहीं होता.
زغال برای اخگرها و هیزم برای آتش است، و مرد فتنه انگیز به جهت برانگیختن نزاع. ۲۱ 21
जैसे प्रज्वलित अंगारों के लिए कोयला और अग्नि के लिए लकड़ी, वैसे ही कलह उत्पन्‍न करने के लिए होता है विवादी प्रवृत्ति का व्यक्ति.
سخنان نمام مثل خوراک لذیذ است، که به عمقهای دل فرو می‌رود. ۲۲ 22
फुसफुसाहट में उच्चारे गए शब्द स्वादिष्ट भोजन-समान होते हैं; ये शब्द मनुष्य के पेट में समा जाते हैं.
لبهای پرمحبت با دل شریر، مثل نقره‌ای پردرد است که بر ظرف سفالین اندوده شود. ۲۳ 23
कुटिल हृदय के व्यक्ति के चिकने-चुपड़े शब्द वैसे ही होते हैं, जैसे मिट्टी के पात्र पर चढ़ाई गई चांदी का कीट.
هر‌که بغض دارد با لبهای خود نیرنگ می‌نماید، و در دل خود فریب را ذخیره می‌کند. ۲۴ 24
घृणापूर्ण हृदय के व्यक्ति के मुख से मधुर वाक्य टपकते रहते हैं, जबकि उसके हृदय में छिपा रहता है छल और कपट.
هنگامی که سخن نیکو گوید، او را باور مکن زیرا که در قلبش هفت چیز مکروه است. ۲۵ 25
जब वह मनभावन विचार व्यक्त करने लगे, तो उसका विश्वास न करना, क्योंकि उसके हृदय में सात घिनौनी बातें छिपी हुई हैं.
هر‌چند بغض او به حیله مخفی شود، اماخباثت او در میان جماعت ظاهر خواهد گشت. ۲۶ 26
यद्यपि इस समय उसने अपने छल को छुपा रखा है, उसकी कुटिलता का प्रकाशन भरी सभा में कर दिया जाएगा.
هر‌که حفره‌ای بکند در آن خواهد افتاد، وهر‌که سنگی بغلطاند بر او خواهد برگشت. ۲۷ 27
जो कोई गड्ढा खोदता है, उसी में जा गिरता है; जो कोई पत्थर को लुढ़का देता है, उसी के नीचे आ जाता है.
زبان دروغگو از مجروح شدگان خود نفرت دارد، و دهان چاپلوس هلاکت را ایجاد می‌کند. ۲۸ 28
झूठ बोलने वाली जीभ जिससे बातें करती है, वह उसके घृणा का पात्र होता है, तथा विनाश का कारण होते हैं चापलूस के शब्द.

< امثال 26 >