< پیدایش 46 >
و اسرائیل با هرچه داشت، کوچ کرده، به بئرشبع آمد، و قربانیها برای خدای پدر خود، اسحاق، گذرانید. | ۱ 1 |
और इस्राईल अपना सब कुछ लेकर चला और बैरसबा' में आकर अपने बाप इस्हाक़ के ख़ुदा के लिए क़ुर्बानियाँ पेश कीं।
و خدا دررویاهای شب، به اسرائیل خطاب کرده، گفت: «ای یعقوب! ای یعقوب!» گفت: «لبیک.» | ۲ 2 |
और ख़ुदा ने रात को ख़्वाब में इस्राईल से बातें कीं और कहा, ऐ या'क़ूब, ऐ या'कूब! “उसने जवाब दिया, मैं हाज़िर हूँ।”
گفت: «من هستم الله، خدای پدرت، از فرود آمدن به مصر مترس، زیرا در آنجا امتی عظیم از تو به وجود خواهم آورد. | ۳ 3 |
उसने कहा, “मैं ख़ुदा, तेरे बाप का ख़ुदा हूँ! मिस्र में जाने से न डर, क्यूँकि मैं वहाँ तुझ से एक बड़ी क़ौम पैदा करूँगा।
من با تو به مصر خواهم آمد، و من نیز، تو را از آنجا البته باز خواهم آورد، و یوسف دست خود را بر چشمان تو خواهدگذاشت.» | ۴ 4 |
मैं तेरे साथ मिस्र को जाऊँगा और फिर तुझे ज़रूर लौटा भी लाऊँगा, और यूसुफ़ अपना हाथ तेरी आँखों पर लगाएगा।”
و یعقوب از بئرشبع روانه شد، وبنیاسرائیل پدر خود، یعقوب، و اطفال و زنان خویش را بر ارابه هایی که فرعون به جهت آوردن او فرستاده بود، برداشتند. | ۵ 5 |
तब या'क़ूब बैरसबा' से रवाना हुआ, और इस्राईल के बेटे अपने बाप या'क़ूब को और अपने बाल बच्चों और अपनी बीवियों को उन गाड़ियों पर ले गए जो फ़िर'औन ने उनके लाने को भेजीं थीं।
و مواشی و اموالی راکه در زمین کنعان اندوخته بودند، گرفتند. ویعقوب با تمامی ذریت خود به مصر آمدند. | ۶ 6 |
और वह अपने चौपायों और सारे माल — ओ — अस्बाब को जो उन्होंने मुल्क — ए — कना'न में जमा' किया था लेकर मिस्र में आए, और या'क़ूब के साथ उसकी सारी औलाद थी।
وپسران و پسران پسران خود را با خود، و دختران ودختران پسران خود را، و تمامی ذریت خویش رابه همراهی خود به مصر آورد. | ۷ 7 |
वह अपने बेटों और बेटियों और पोतों और पोतियों, और अपनी कुल नसल को अपने साथ मिस्र में ले आया।
و این است نامهای پسران اسرائیل که به مصرآمدند: یعقوب و پسرانش روبین نخست زاده یعقوب. | ۸ 8 |
और या'क़ूब के साथ जो इस्राईली या'नी उसके बेटे वग़ैरा मिस्र में आए उनके नाम यह हैं: रूबिन, या'क़ूब का पहलौठा।
و پسران روبین: حنوک و فلو و حصرون و کرمی. | ۹ 9 |
और बनी रूबिन यह हैं: हनूक और फ़ल्लू और हसरोन और करमी।
و پسران شمعون: یموئیل و یامین واوهد و یاکین و صوحر و شاول که پسرزن کنعانی بود. | ۱۰ 10 |
और बनी शमौन यह हैं: यमूएल और यमीन और उहद और यकीन और सुहर और साऊल, जो एक कना'नी 'औरत से पैदा हुआ था।
و پسران لاوی: جرشون و قهات و مراری. | ۱۱ 11 |
और बनी लावी यह हैं: जैरसोन और किहात और मिरारी।
و پسران یهودا: عیر و اونان و شیله و فارص وزارح. اما عیر و اونان در زمین کنعان مردند. وپسران فارص: حصرون و حامول بودند. | ۱۲ 12 |
और बनी यहूदाह यह हैं: 'एर और ओनान और सीला, और फ़ारस और ज़ारह — इनमें से 'एर और ओनान मुल्क — ए — कना'न में मर चुके थे। और फ़ारस के बेटे यह हैं: हसरोन और हमूल।
وپسران یساکار: تولاع و فوه و یوب و شمرون. | ۱۳ 13 |
और बनी इश्कार यह हैं: तोला' और फूवा और योब और सिमरोन।
وپسران زبولون: سارد و ایلون و یاحلئیل. | ۱۴ 14 |
और बनी ज़बूलून यह हैं: सरद और एलोन और यहलीएल।
اینانند پسران لیه، که آنها را با دختر خود دینه، در فدان ارام برای یعقوب زایید. همه نفوس پسران و دخترانش سی و سه نفر بودند. | ۱۵ 15 |
यह सब या'क़ूब के उन बेटों की औलाद हैं जो फ़द्दान अराम में लियाह से पैदा हुए, इसी के बत्न से उसकी बेटी दीना थी। यहाँ तक तो उसके सब बेटे बेटियों का शुमार तैंतीस हुआ।
وپسران جاد: صفیون و حجی و شونی و اصبون و عیری و ارودی و ارئیلی. | ۱۶ 16 |
बनी जद्द यह हैं: सफ़ियान और हज्जी और सूनी और असबान और 'एरी और अरूदी और अरेली।
و پسران اشیر: یمنه و یشوه و یشوی و بریعه، و خواهر ایشان ساره، وپسران بریعه حابر و ملکیئیل. | ۱۷ 17 |
और बनी आशर यह हैं: यिमना और इसवाह और इसवी और बरि'आह और सिर्राह उनकी बहन और बनी बरी'आह यह हैं: हिब्र और मलकीएल।
اینانند پسران زلفه که لابان به دختر خود لیه داد، و این شانزده رابرای یعقوب زایید. | ۱۸ 18 |
यह सब या'क़ूब के उन बेटों की औलाद हैं जो ज़िल्फ़ा लौंडी से पैदा हुए, जिसे लाबन ने अपनी बेटी लियाह को दिया था। उनका शुमार सोलह था।
و پسران راحیل زن یعقوب: یوسف و بنیامین. | ۱۹ 19 |
और या'क़ूब के बेटे यूसुफ़ और बिनयमीन राख़िल से पैदा हुए थे।
و برای یوسف درزمین مصر، منسی و افرایم زاییده شدند، که اسنات دختر فوطی فارع، کاهن اون برایش بزاد. | ۲۰ 20 |
और यूसुफ़ से मुल्क — ए — मिस्र में ओन के पुजारी फ़ोतीफ़िरा' की बेटी आसिनाथ के मनस्सी और इफ़्राईम पैदा हुए।
و پسران بنیامین: بالع و باکر و اشبیل و جیرا ونعمان و ایحی و رش و مفیم و حفیم و آرد. | ۲۱ 21 |
और बनी बिनयमीन यह हैं: बाला' और बक्र और अशबेल और जीरा और ना'मान, अख़ी और रोस, मुफ़्फ़ीम और हुफ़्फ़ीम और अरद।
اینانند پسران راحیل که برای یعقوب زاییده شدند، همه چهارده نفر. | ۲۲ 22 |
यह सब या'क़ूब के उन बेटों की औलाद हैं जो राख़िल से पैदा हुए। यह सब शुमार में चौदह थे।
و پسران دان: حوشیم. | ۲۳ 23 |
और दान के बेटे का नाम हशीम था।
و پسران نفتالی: یحصئیل و جونی و یصر وشلیم. | ۲۴ 24 |
और बनी नफ़्ताली यह हैं: यहसीएल और जूनी और यिस्र और सलीम।
اینانند پسران بلهه، که لابان به دخترخود راحیل داد، و ایشان را برای یعقوب زایید. همه هفت نفر بودند. | ۲۵ 25 |
यह सब या'क़ूब के उन बेटों की औलाद हैं जो बिल्हाह लौंडी से पैदा हुए, जिसे लाबन ने अपनी बेटी राख़िल को दिया था। इनका शुमार सात था।
همه نفوسی که با یعقوب به مصر آمدند، که از صلب وی پدید شدند، سوای زنان پسران یعقوب، جمیع شصت و شش نفر بودند. | ۲۶ 26 |
या'क़ूब के सुल्ब से जो लोग पैदा हुए और उसके साथ मिस्र में आए वह उसकी बहुओं को छोड़ कर शुमार में छियासठ थे।
وپسران یوسف که برایش در مصر زاییده شدند، دونفر بودند. پس جمیع نفوس خاندان یعقوب که به مصر آمدند هفتاد بودند. | ۲۷ 27 |
और यूसुफ़ के दो बेटे थे जो मिस्र में पैदा हुए, इसलिए या'क़ूब के घराने के जो लोग मिस्र में आए वह सब मिल कर सत्तर हुए।
و یهودا را پیش روی خود نزد یوسف فرستاد تا او را به جوشن راهنمایی کند، و به زمین جوشن آمدند. | ۲۸ 28 |
और उसने यहूदाह को अपने से आगे यूसुफ़ के पास भेजा ताकि वह उसे जशन का रास्ता दिखाए, और वह जशन के 'इलाक़े में आए।
و یوسف عرابه خود را حاضرساخت، تا به استقبال پدر خود اسرائیل به جوشن برود. و چون او را بدید به گردنش بیاویخت، ومدتی بر گردنش گریست. | ۲۹ 29 |
और यूसुफ़ अपना रथ तैयार करवा के अपने बाप इस्राईल के इस्तक़बाल के लिए जशन को गया, और उसके पास जाकर उसके गले से लिपट गया और वहीं लिपटा हुआ देर तक रोता रहा।
و اسرائیل به یوسف گفت: «اکنون بمیرم، چونکه روی تو را دیدم که تابحال زنده هستی.» | ۳۰ 30 |
तब इस्राईल ने यूसुफ़ से कहा, “अब चाहे मैं मर जाऊँ; क्यूँकि तेरा मुँह देख चुका कि तू अभी ज़िन्दा है।”
و یوسف برادران خود و اهل خانه پدر خویش را گفت: «میروم تا فرعون را خبر دهم و به وی گویم: “برادرانم و خانواده پدرم که در زمین کنعان بودند، نزد من آمدهاند. | ۳۱ 31 |
और यूसुफ़ ने अपने भाइयों से और अपने बाप के घराने से कहा, मैं अभी जाकर फ़िर'औन को ख़बर कर दूँगा और उससे कह दूँगा कि मेरे भाई और मेरे बाप के घराने के लोग, जो मुल्क — ए — कना'न में थे मेरे पास आ गए हैं।
و مردان شبانان هستند، زیرا اهل مواشیند، وگلهها و رمهها و کل مایملک خود را آوردهاند.” | ۳۲ 32 |
और वह चौपान हैं; क्यूँकि बराबर चौपायों को पालते आए हैं, और वह अपनी भेड़ बकरियाँ और गाय — बैल और जो कुछ उनका है सब ले आए हैं।
و چون فرعون شما را بطلبد و گوید: “کسب شما چیست؟” | ۳۳ 33 |
तब जब फ़िर'औन तुम को बुला कर पूछे कि तुम्हारा पेशा क्या है?
گویید: “غلامانت از طفولیت تابحال اهل مواشی هستیم، هم ما و هم اجداد ما، تادر زمین جوشن ساکن شوید، زیرا که هر شبان گوسفند مکروه مصریان است.» | ۳۴ 34 |
तो तुम यह कहना कि तेरे ख़ादिम, हम भी और हमारे बाप दादा भी, लड़कपन से लेकर आज तक चौपाये पालते आए हैं। तब तुम जशन के इलाक़े में रह सकोगे, इसलिए कि मिस्रियों को चौपानों से नफ़रत है।