< حزقیال 31 >
و در روز اول ماه سوم از سال یازدهم، کلام خداوند بر من نازل شده، گفت: | ۱ 1 |
१ग्यारहवें वर्ष के तीसरे महीने के पहले दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
«ای پسر انسان به فرعون پادشاه مصر و به جمعیت او بگو: کیست که در بزرگیت به اوشباهت داری؟ | ۲ 2 |
२“हे मनुष्य के सन्तान, मिस्र के राजा फ़िरौन और उसकी भीड़ से कह, अपनी बड़ाई में तू किसके समान है।
اینک آشور سرو آزاد لبنان باشاخه های جمیل و برگهای سایهگستر و قد بلندمی بود و سر او به ابرها میبود. | ۳ 3 |
३देख, अश्शूर तो लबानोन का एक देवदार था जिसकी सुन्दर-सुन्दर शाखें, घनी छाया देतीं और बड़ी ऊँची थीं, और उसकी फुनगी बादलों तक पहुँचती थी।
آبها او را نمو داد. و لجه او را بلند ساخت که نهرهای آنها بهر طرف بوستان آن جاری میشد و جویهای خویش رابطرف همه درختان صحرا روان میساخت. | ۴ 4 |
४जल ने उसे बढ़ाया, उस गहरे जल के कारण वह ऊँचा हुआ, जिससे नदियाँ उसके स्थान के चारों ओर बहती थीं, और उसकी नालियाँ निकलकर मैदान के सारे वृक्षों के पास पहुँचती थीं।
ازاین جهت قد او از جمیع درختان صحرا بلندترشده، شاخه هایش زیاده گردید و اغصان خود رانمو داده، آنها از کثرت آبها بلند شد. | ۵ 5 |
५इस कारण उसकी ऊँचाई मैदान के सब वृक्षों से अधिक हुई; उसकी टहनियाँ बहुत हुईं, और उसकी शाखाएँ लम्बी हो गई, क्योंकि जब वे निकलीं, तब उनको बहुत जल मिला।
و همه مرغان هوا در شاخه هایش آشیانه ساختند. وتمامی حیوانات صحرا زیر اغصانش بچه آوردند. و جمیع امت های عظیم در سایهاش سکنی گرفتند. | ۶ 6 |
६उसकी टहनियों में आकाश के सब प्रकार के पक्षी बसेरा करते थे, और उसकी शाखाओं के नीचे मैदान के सब भाँति के जीवजन्तु जन्म लेते थे; और उसकी छाया में सब बड़ी जातियाँ रहती थीं।
پس در بزرگی خود و در درازی شاخه های خویش خوشنما شد چونکه ریشهاش نزد آبهای بسیار بود. | ۷ 7 |
७वह अपनी बड़ाई और अपनी डालियों की लम्बाई के कारण सुन्दर हुआ; क्योंकि उसकी जड़ बहुत जल के निकट थी।
سروهای آزاد باغ خدا آن را نتوانست پنهان کرد. و صنوبرها به شاخه هایش مشابهت نداشت. و چنارها مثل اغصانش نبودبلکه هیچ درخت در باغ خدا به زیبایی او مشابه نبود. | ۸ 8 |
८परमेश्वर की बारी के देवदार भी उसको न छिपा सकते थे, सनोवर उसकी टहनियों के समान भी न थे, और न अर्मोन वृक्ष उसकी शाखाओं के तुल्य थे; परमेश्वर की बारी का भी कोई वृक्ष सुन्दरता में उसके बराबर न था।
من او را به کثرت شاخه هایش به حدی زیبایی دادم که همه درختان عدن که در باغ خدابود بر او حسد بردند.» | ۹ 9 |
९मैंने उसे डालियों की बहुतायत से सुन्दर बनाया था, यहाँ तक कि अदन के सब वृक्ष जो परमेश्वर की बारी में थे, उससे डाह करते थे।
بنابراین خداوند یهوه چنین میفرماید: «چونکه قد تو بلند شده است، و او سر خود را درمیان ابرها برافراشته و دلش از بلندیش مغرورگردیده است، | ۱۰ 10 |
१०“इस कारण परमेश्वर यहोवा ने यह कहा है, उसकी ऊँचाई जो बढ़ गई, और उसकी फुनगी जो बादलों तक पहुँची है, और अपनी ऊँचाई के कारण उसका मन जो फूल उठा है,
از این جهت من او را بهدست قوی ترین (پادشاه ) امتها تسلیم خواهم نمود واو آنچه را که میباید به وی خواهد کرد. و من او رابهسبب شرارتش بیرون خواهمانداخت. | ۱۱ 11 |
११इसलिए जातियों में जो सामर्थी है, मैं उसी के हाथ उसको कर दूँगा, और वह निश्चय उससे बुरा व्यवहार करेगा। उसकी दुष्टता के कारण मैंने उसको निकाल दिया है।
وغریبان یعنی ستمکیشان امتها او را منقطع ساخته، ترک خواهند نمود. و شاخه هایش برکوهها و در جمیع درهها خواهد افتاد و اغصان اونزد همه وادیهای زمین شکسته خواهد شد. وجمیع قوم های زمین از زیر سایه او فرود آمده، اورا ترک خواهند نمود. | ۱۲ 12 |
१२परदेशी, जो जातियों में भयानक लोग हैं, वे उसको काटकर छोड़ देंगे, उसकी डालियाँ पहाड़ों पर, और सब तराइयों में गिराई जाएँगी, और उसकी शाखाएँ देश के सब नालों में टूटी पड़ी रहेंगी, और जाति-जाति के सब लोग उसकी छाया को छोड़कर चले जाएँगे।
و همه مرغان هوا بر تنه افتاده او آشیانه گرفته، تمامی حیوانات صحرا برشاخه هایش ساکن خواهند شد. | ۱۳ 13 |
१३उस गिरे हुए वृक्ष पर आकाश के सब पक्षी बसेरा करते हैं, और उसकी शाखाओं के ऊपर मैदान के सब जीवजन्तु चढ़ने पाते हैं।
تا آنکه هیچکدام از درختانی که نزد آبها میباشند قدخود را بلند نکنند و سرهای خود را در میان ابرهابرنیفرازند. و زورآوران آنها از همگانی که سیراب میباشند، در بلندی خود نایستند. زیرا که جمیع آنها در اسفلهای زمین در میان پسران انسانی که به هاویه فرود میروند به مرگ تسلیم شدهاند.» | ۱۴ 14 |
१४यह इसलिए हुआ है कि जल के पास के सब वृक्षों में से कोई अपनी ऊँचाई न बढ़ाए, न अपनी फुनगी को बादलों तक पहुँचाए, और उनमें से जितने जल पाकर दृढ़ हो गए हैं वे ऊँचे होने के कारण सिर न उठाए; क्योंकि वे भी सब के सब कब्र में गड़े हुए मनुष्यों के समान मृत्यु के वश करके अधोलोक में डाल दिए जाएँगे।
و خداوند یهوه چنین میگوید: «در روزی که او به عالم اموات فرود میرود، من ماتمی برپامی نمایم و لجه را برای وی پوشانیده، نهرهایش را باز خواهم داشت. و آبهای عظیم باز داشته خواهد شد و لبنان را برای وی سوگوار خواهم کرد. و جمیع درختان صحرا برایش ماتم خواهندگرفت. (Sheol ) | ۱۵ 15 |
१५“परमेश्वर यहोवा यह कहता है: जिस दिन वह अधोलोक में उतर गया, उस दिन मैंने विलाप कराया और गहरे समुद्र को ढाँप दिया, और नदियों का बहुत जल रुक गया; और उसके कारण मैंने लबानोन पर उदासी छा दी, और मैदान के सब वृक्ष मूर्छित हुए। (Sheol )
و چون او را با آنانی که به هاویه فرودمی روند به عالم اموات فرود آورم، آنگاه امت هارا از صدای انهدامش متزلزل خواهم ساخت. وجمیع درختان عدن یعنی برگزیده و نیکوترین لبنان از همگانی که سیراب میشوند، در اسفلهای زمین تسلی خواهند یافت. (Sheol ) | ۱۶ 16 |
१६जब मैंने उसको कब्र में गड़े हुओं के पास अधोलोक में फेंक दिया, तब उसके गिरने के शब्द से जाति-जाति थरथरा गई, और अदन के सब वृक्ष अर्थात् लबानोन के उत्तम-उत्तम वृक्षों ने, जितने उससे जल पाते हैं, उन सभी ने अधोलोक में शान्ति पाई। (Sheol )
و ایشان نیز بامقتولان شمشیر و انصارش که در میان امتها زیرسایه او ساکن میبودند، همراه وی به عالم اموات فرود خواهند رفت. (Sheol ) | ۱۷ 17 |
१७वे भी उसके संग तलवार से मारे हुओं के पास अधोलोक में उतर गए; अर्थात् वे जो उसकी भुजा थे, और जाति-जाति के बीच उसकी छाया में रहते थे। (Sheol )
به کدامیک از درختان عدن در جلال و عظمت چنین شباهت داشتی؟ اما با درختان عدن به اسفلهای زمین تو را فرودخواهندآورد و در میان نامختونان با مقتولان شمشیر خواهی خوابید. خداوند یهوه میگویدکه فرعون و تمامی جماعتش این است.» | ۱۸ 18 |
१८“इसलिए महिमा और बड़ाई के विषय में अदन के वृक्षों में से तू किसके समान है? तू तो अदन के और वृक्षों के साथ अधोलोक में उतारा जाएगा, और खतनारहित लोगों के बीच तलवार से मारे हुओं के संग पड़ा रहेगा। फ़िरौन अपनी सारी भीड़-भाड़ समेत ऐसे ही होगा, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।”