< کارهای رسولان 16 >

و به دربه و لستره آمد که اینک شاگردی تیموتاوس نام آنجا بود، پسر زن یهودیه مومنه لیکن پدرش یونانی بود. ۱ 1
वह दरबे और लुस्त्रा नगर भी गए. वहां तिमोथियॉस नामक एक शिष्य थे जिनकी माता यहूदी मसीही शिष्या; परंतु पिता यूनानी थे.
که برادران در لستره و ایقونیه بر او شهادت می‌دادند. ۲ 2
तिमोथियॉस इकोनियॉन और लुस्त्रा नगरों के शिष्यों में सम्मानित थे.
چون پولس خواست او همراه وی بیاید، او راگرفته مختون ساخت، به‌سبب یهودیانی که در آن نواحی بودند زیرا که همه پدرش را می‌شناختندکه یونانی بود. ۳ 3
पौलॉस की इच्छा तिमोथियॉस को अपने साथी के रूप में साथ रखने की थी, इसलिये पौलॉस ने उनका ख़तना किया क्योंकि वहां के यहूदी यह जानते थे कि तिमोथियॉस के पिता यूनानी हैं.
و در هر شهری که می‌گشتند، قانونها را که رسولان و کشیشان در اورشلیم حکم فرموده بودند، بدیشان می‌سپردند تا حفظ نمایند. ۴ 4
वे नगर-नगर यात्रा करते हुए शिष्यों को वे सभी आज्ञा सौंपते जाते थे, जो येरूशलेम में प्रेरितों और पुरनियों द्वारा ठहराई गयी थी.
پس کلیساها در ایمان استوار می‌شدند و روزبروز در شماره افزوده می‌گشتند. ۵ 5
इसलिये कलीसिया प्रतिदिन विश्वास में स्थिर होती गई तथा उनकी संख्या में प्रतिदिन बढ़ोतरी होती गई.
و چون از فریجیه و دیار غلاطیه عبورکردند، روح‌القدس ایشان را از رسانیدن کلام به آسیا منع نمود. ۶ 6
वे फ़्रिजिया तथा गलातिया क्षेत्रों में से होते हुए आगे बढ़ गए. पवित्र आत्मा की आज्ञा थी कि वे आसिया क्षेत्र में परमेश्वर के वचन का प्रचार न करें
پس به میسیا آمده، سعی نمودندکه به بطینیا بروند، لیکن روح عیسی ایشان رااجازت نداد. ۷ 7
मूसिया नगर पहुंचने पर उन्होंने बिथुनिया नगर जाने का विचार किया किंतु मसीह येशु के आत्मा ने उन्हें इसकी आज्ञा नहीं दी.
و از میسیا گذشته به ترواس رسیدند. ۸ 8
इसलिये मूसिया नगर से निकलकर वे त्रोऑस नगर पहुंचे.
شبی پولس را رویایی رخ نمود که شخصی از اهل مکادونیه ایستاده بود التماس نموده گفت: «به مکادونیه آمده، ما را امداد فرما.» ۹ 9
रात में पौलॉस ने एक दर्शन देखा: एक मकेदोनियावासी उनसे दुःखी शब्द में विनती कर रहा था, “मकेदोनिया क्षेत्र में आकर हमारी सहायता कीजिए!”
چون این‌رویا را دید، بی‌درنگ عازم سفرمکادونیه شدیم، زیرا به یقین دانستیم که خداوندما را خوانده است تا بشارت بدیشان رسانیم. ۱۰ 10
पौलॉस द्वारा इस दर्शन देखते ही यह जानकर कि परमेश्वर ने हमें उन्हें सुसमाचार प्रचार करने के लिए बुलाया है; हमने तुरंत मकेदोनिया क्षेत्र जाने की योजना बनाई.
پس از ترواس به کشتی نشسته، به راه مستقیم به ساموتراکی رفتیم و روز دیگر به نیاپولیس. ۱۱ 11
त्रोऑस नगर से हम सीधे जलमार्ग द्वारा सामोथ्रेसिया टापू पहुंचे और दूसरे दिन नियापोलिस नगर
و از آنجا به فیلپی رفتیم که شهر اول ازسرحد مکادونیه و کلونیه است و در آن شهر‌چندروز توقف نمودیم. ۱۲ 12
और वहां से फ़िलिप्पॉय नगर, जो मकेदोनिया प्रदेश का एक प्रधान नगर तथा रोमी बस्ती है. हम यहां कुछ दिन ठहर गए.
و در روز سبت از شهربیرون شده و به کنار رودخانه جایی که نماز می گذاردند، نشسته با زنانی که در آنجا جمع می‌شدند سخن راندیم. ۱۳ 13
शब्बाथ पर हम नगर द्वार से निकलकर प्रार्थना के लिए निर्धारित स्थान की खोज में नदी तट पर चले गए. हम वहां इकट्ठी हुई स्त्रियों से वार्तालाप करते हुए बैठ गए.
و زنی لیدیه نام، ارغوان فروش، که از شهر طیاتیرا و خداپرست بود، می‌شنید که خداوند دل او را گشود تا سخنان پولس را بشنود. ۱۴ 14
वहां थुआतेइरा नगर निवासी लुदिया नामक एक स्त्री थी, जो परमेश्वर की आराधक थी. वह बैंगनी रंग के वस्त्रों की व्यापारी थी. उसने हमारा वार्तालाप सुना और प्रभु ने पौलॉस द्वारा दी जा रही शिक्षा के प्रति उसका हृदय खोल दिया.
و چون او و اهل خانه‌اش تعمید یافتند، خواهش نموده، گفت: «اگر شما رایقین است که به خداوند ایمان آوردم، به خانه من درآمده، بمانید.» و ما را الحاح نمود. ۱۵ 15
जब उसने और उसके रिश्तेदारों ने बपतिस्मा ले लिया तब उसने हमको अपने यहां आमंत्रित करते हुए कहा, “यदि आप यह मानते हैं कि मैं प्रभु के प्रति विश्वासयोग्य हूं, तो आकर मेरे घर में रहिए.” उसने हमें विनती स्वीकार करने पर विवश कर दिया.
و واقع شد که چون ما به محل نمازمی رفتیم، کنیزی که روح تفال داشت و ازغیب گویی منافع بسیار برای آقایان خود پیدامی نمود، به ما برخورد. ۱۶ 16
एक दिन प्रार्थना स्थल की ओर जाते हुए मार्ग में हमारी भेंट एक युवा दासी से हुई, जिसमें एक ऐसी दुष्टात्मा थी, जिसकी सहायता से वह भविष्य प्रकट कर देती थी. वह अपने स्वामियों की बहुत आय का साधन बन गई थी.
و از عقب پولس و ماآمده، ندا کرده، می‌گفت که «این مردمان خدام خدای تعالی می‌باشند که شما را از طریق نجات اعلام می‌نمایند.» ۱۷ 17
यह दासी पौलॉस और हमारे पीछे-पीछे यह चिल्लाती हुए चलने लगी, “ये लोग परम प्रधान परमेश्वर के दास हैं, जो तुम पर उद्धार का मार्ग प्रकट कर रहे हैं.”
و چون این کار را روزهای بسیار می‌کرد، پولس دلتنگ شده، برگشت و به روح گفت: «تو را می‌فرمایم به نام عیسی مسیح ازاین دختر بیرون بیا.» که در ساعت از او بیرون شد. ۱۸ 18
अनेक दिनों तक वह यही करती रही. अंत में झुंझला कर पौलॉस पीछे मुड़े और उसके अंदर समाई दुष्टात्मा से बोले, “मसीह येशु के नाम में मैं तुझे आज्ञा देता हूं, निकल जा उसमें से!” तुरंत ही वह दुष्टात्मा उसे छोड़कर चली गई.
اما چون آقایانش دیدند که از کسب خودمایوس شدند، پولس و سیلاس را گرفته، در بازارنزد حکام کشیدند. ۱۹ 19
जब उसके स्वामियों को यह मालूम हुआ कि उनकी आय की आशा जाती रही, वे पौलॉस और सीलास को पकड़कर नगर चौक में प्रधान न्यायाधीशों के सामने ले गए
و ایشان را نزد والیان حاضرساخته، گفتند: «این دو شخص شهر ما را به شورش آورده‌اند و از یهود هستند، ۲۰ 20
और उनसे कहने लगे, “इन यहूदियों ने नगर में उत्पात मचा रखा है.
و رسومی را اعلام می‌نمایند که پذیرفتن و به‌جا آوردن آنهابر ما که رومیان هستیم، جایز نیست.» ۲۱ 21
ये लोग ऐसी प्रथाओं का प्रचार कर रहे हैं जिन्हें स्वीकार करना या पालन करना हम रोमी नागरिकों के नियमानुसार नहीं है.”
پس خلق بر ایشان هجوم آوردند و والیان جامه های ایشان را کنده، فرمودند ایشان را چوب بزنند. ۲۲ 22
इस पर सारी भीड़ उनके विरुद्ध हो गई और प्रधान हाकिमों ने उनके वस्त्र फाड़ डाले और उन्हें बेंत लगाने की आज्ञा दी.
و چون ایشان را چوب بسیار زدند، به زندان افکندند و داروغه زندان را تاکید فرمودند که ایشان را محکم نگاه دارد. ۲۳ 23
उन पर अनेक कठोर प्रहारों के बाद उन्हें कारागार में डाल दिया गया और कारागार-शासक को उन्हें कठोर सुरक्षा में रखने का निर्देश दिया.
و چون او بدینطورامر یافت، ایشان را به زندان درونی انداخت وپایهای ایشان را در کنده مضبوط کرد. ۲۴ 24
इस आदेश पर कारागार-शासक ने उन्हें भीतरी कक्ष में डालकर उनके पैरों को लकड़ी की बेड़ियों में जकड़ दिया.
اما قریب به نصف شب، پولس و سیلاس دعا کرده، خدا را تسبیح می‌خواندند و زندانیان ایشان را می‌شنیدند. ۲۵ 25
लगभग आधी रात के समय पौलॉस और सीलास प्रार्थना कर रहे थे तथा परमेश्वर की स्तुति में भजन गा रहे थे. उनके साथी कैदी उनकी सुन रहे थे.
که ناگاه زلزله‌ای عظیم حادث گشت بحدی که بیناد زندان به جنبش درآمد و دفعه همه درها باز شد و زنجیرها از همه فرو ریخت. ۲۶ 26
अचानक ऐसा बड़ा भूकंप आया कि कारागार की नींव हिल गई, तुरंत सभी द्वार खुल गए और सभी बंदियों की बेड़ियां टूट गईं.
اما داروغه بیدار شده، چون درهای زندان را گشوده دید، شمشیر خود راکشیده، خواست خود را بکشد زیرا گمان برد که زندانیان فرار کرده‌اند. ۲۷ 27
नींद से जागने पर कारागार-शासक ने सभी द्वार खुले पाए. यह सोचकर कि सारे कैदी भाग चुके हैं, वह तलवार से अपने प्राणों का अंत करने जा ही रहा था;
اما پولس به آواز بلندصدا زده، گفت: «خود را ضرری مرسان زیرا که ماهمه در اینجا هستیم.» ۲۸ 28
तब पौलॉस ने ऊंचे शब्द में उससे कहा, “स्वयं को कोई हानि न पहुंचाइए, हम सब यहीं हैं!”
پس چراغ طلب نموده، به اندرون جست و لرزان شده، نزد پولس وسیلاس افتاد. ۲۹ 29
कारागार-शासक रोशनी का इंतजाम करने के लिए आज्ञा देते हुए भीतर दौड़ गया और भय से कांपते हुए पौलॉस और सीलास के चरणों में गिर पड़ा.
و ایشان را بیرون آورده، گفت: «ای آقایان، مرا چه باید کرد تا نجات یابم؟» ۳۰ 30
इसके बाद उन्हें बाहर लाकर उसने उनसे प्रश्न किया, “श्रीमन, मुझे क्या करना चाहिए कि मुझे उद्धार प्राप्‍त हो?”
گفتند: «به خداوند عیسی مسیح ایمان آور که تو و اهل خانه ات نجات خواهید یافت.» ۳۱ 31
उन्होंने उत्तर दिया, “प्रभु येशु मसीह में विश्वास कीजिए, आपको उद्धार प्राप्‍त होगा—आपको तथा आपके परिवार को.”
آنگاه کلام خداوند را برای او وتمامی اهل بیتش بیان کردند. ۳۲ 32
तब उन्होंने कारागार-शासक और उसके सारे परिवार को प्रभु के वचन की शिक्षा दी.
پس ایشان را برداشته، در همان ساعت شب زخمهای ایشان را شست و خود و همه کسانش فی الفور تعمید یافتند. ۳۳ 33
कारागार-शासक ने रात में उसी समय उनके घावों को धोया. बिना देर किए उसने और उसके परिवार ने बपतिस्मा लिया.
و ایشان را به خانه خود درآورده، خوانی پیش ایشان نهاد و باتمامی عیال خود به خدا ایمان آورده، شادگردیدند. ۳۴ 34
इसके बाद वह उन्हें अपने घर ले आया और उन्हें भोजन कराया. परमेश्वर में सपरिवार विश्वास करके वे सभी बहुत आनंदित थे.
اما چون روز شد، والیان فراشان فرستاده، گفتند: «آن دو شخص را رها نما.» ۳۵ 35
अगले दिन प्रधान हाकिमों ने अपने अधिकारियों द्वारा यह आज्ञा भेजी, “उन व्यक्तियों को छोड़ दो.”
آنگاه داروغه پولس را از این سخنان آگاهانیدکه «والیان فرستاده‌اند تا رستگار شوید. پس الان بیرون آمده، به سلامتی روانه شوید.» ۳۶ 36
कारागार-शासक ने इस आज्ञा की सूचना पौलॉस को देते हुए कहा, “प्रधान न्यायाधीशों ने आपको छोड़ देने की आज्ञा दी है. इसलिये आप शांतिपूर्वक यहां से विदा हो सकते हैं.”
لیکن پولس بدیشان گفت: «ما را که مردمان رومی می‌باشیم، آشکارا و بی‌حجت زده، به زندان انداختند. آیا الان ما را به پنهانی بیرون می‌نمایند؟ نی بلکه خود آمده، ما را بیرون بیاورند. ۳۷ 37
पौलॉस ने उन्हें उत्तर दिया, “उन्होंने हमें बिना किसी मुकद्दमे के सबके सामने पिटवाया, जबकि हम रोमी नागरिक हैं, फिर हमें कारागार में भी डाल दिया और अब वे हमें चुपचाप बाहर भेजना चाह रहे हैं! बिलकुल नहीं! स्वयं उन्हीं को यहां आने दीजिए, वे ही हमें यहां से बाहर छोड़ देंगे.”
پس فراشان این سخنان را به والیان گفتند و چون شنیدند که رومی هستند بترسیدند ۳۸ 38
उन अधिकारियों ने यह सब प्रधान न्यायाधीशों को जा बताया. यह मालूम होने पर कि पौलॉस तथा सीलास रोमी नागरिक हैं वे बहुत ही डर गए.
و آمده، بدیشان التماس نموده، بیرون آوردندو خواهش کردند که از شهر بروند. ۳۹ 39
तब वे स्वयं आकर पौलॉस तथा सीलास को मनाने लगे और उन्हें कारागार से बाहर लाकर उनसे नगर से चले जाने की विनती करते रहे.
آنگاه اززندان بیرون آمده، به خانه لیدیه شتافتند و بابرادران ملاقات نموده و ایشان را نصیحت کرده، روانه شدند. ۴۰ 40
तब पौलॉस तथा सीलास कारागार से निकलकर लुदिया के घर गए. वहां भाई बहिनों से भेंट कर उन्हें प्रोत्साहित करते हुए वे वहां से विदा हो गए.

< کارهای رسولان 16 >