< اول سموئیل 17 >
و فلسطینیان لشکر خود را برای جنگ جمع نموده، در سوکوه که در یهودیه است، جمع شدند، و در میان سوکوه و عزیقه درافس دمیم اردو زدند. | ۱ 1 |
इस समय फिलिस्तीनियों ने युद्ध के लिए अपनी सेना इकट्ठी की हुई थी. वे यहूदिया के सोकोह नामक स्थान पर एकत्र थे. उन्होंने सोकोह तथा अज़ेका के मध्यवर्ती क्षेत्र में अपने शिविर खड़े किए थे.
و شاول و مردان اسرائیل جمع شده، در دره ایلاه اردو زده، به مقابله فلسطینیان صف آرایی کردند. | ۲ 2 |
शाऊल और उनकी सेना एलाह घाटी में एकत्र थी, जहां उन्होंने अपने शिविर खड़े किए थे. फिलिस्तीनियों से युद्ध के लिए उन्होंने यहीं अपनी सेना संयोजित की थी.
و فلسطینیان برکوه از یک طرف ایستادند، و اسرائیلیان بر کوه به طرف دیگر ایستادند، و دره در میان ایشان بود. | ۳ 3 |
फिलिस्तीनी सेना एक पहाड़ी पर तथा इस्राएली सेना अन्य पहाड़ी पर मोर्चा बांधे खड़ी थी, और उनके मध्य घाटी थी.
و از اردوی فلسطینیان مرد مبارزی مسمی به جلیات که از شهر جت بود بیرون آمد، و قدش شش ذراع و یک وجب بود. | ۴ 4 |
इसी समय फिलिस्तीनियों के शिविर से एक योद्धा बाहर आया. उसका नाम था गोलियथ, जो गाथ प्रदेश का वासी था. कद में वह लगभग तीन मीटर ऊंचा था.
و بر سر خود، خودبرنجینی داشت و به زره فلسی ملبس بود، و وزن زرهاش پنج هزار مثقال برنج بود. | ۵ 5 |
उसने अपने सिर पर कांसे का टोप पहन रखा था. उसके शरीर पर पीतल का कवच था, जिसका भार सत्तावन किलो था.
و بر ساقهایش ساق بندهای برنجین و در میان کتفهایش مزراق برنجین بود. | ۶ 6 |
उसके पैरों पर भी पीतल का कवच था. उसके कंधों के मध्य कांसे की बर्छी लटकी हुई थी
و چوب نیزهاش مثل نوردجولاهگان و سرنیزهاش ششصد مثقال آهن بود، و سپردارش پیش او میرفت. | ۷ 7 |
उसके भाले का दंड करघे के दंड समान था. भाले के लोहे का फल लगभग सात किलो था. उसके आगे-आगे उसका ढाल संवाहक चल रहा था.
و او ایستاده، افواج اسرائیل را صدا زد و به ایشان گفت: «چرابیرون آمده، صف آرایی نمودید؟ آیا من فلسطینی نیستم و شما بندگان شاول؟ برای خودشخصی برگزینید تا نزد من درآید. | ۸ 8 |
इस्राएल की सेना पंक्ति के सामने खड़े हो उसने उन्हें संबोधित कर उच्च स्वर में कहना शुरू किया, “क्या कर रहे हो तुम यहां युद्ध संरचना में संयोजित होकर? शाऊल के दासों, मैं फिलिस्तीनी हूं. अपने मध्य से एक योद्धा चुनो कि वह मेरे पास आए.
اگر او بتواندبا من جنگ کرده، مرا بکشد، ما بندگان شماخواهیم شد، و اگر من بر او غالب آمده، او رابکشم شما بندگان ما شده، ما را بندگی خواهیدنمود.» | ۹ 9 |
यदि वह मुझसे युद्ध कर सके और मेरा वध कर सके, तो हम तुम्हारे सेवक बन जाएंगे; मगर यदि मैं उसे पराजित करूं और उसका वध करूं, तो तुम्हें हमारे दास बनकर हमारी सेवा करनी होगी.”
و فلسطینی گفت: «من امروز فوجهای اسرائیل را به ننگ میآورم، شخصی به من بدهیدتا با هم جنگ نماییم.» | ۱۰ 10 |
वह फिलिस्तीनी यह भी कह रहा था, “आज मैं इस्राएली सेना को चुनौती देता हूं! मुझसे युद्ध करने के लिए एक योद्धा भेजो.”
و چون شاول و جمیع اسرائیلیان این سخنان فلسطینی را شنیدندهراسان شده، بسیار بترسیدند. | ۱۱ 11 |
जब शाऊल तथा इस्राएली सेना ने यह सब सुना तो वे सभी निराश हो गए, और उनमें भय समा गया.
و داود پسر آن مرد افراتی بیت لحم یهودابود که یسا نام داشت، و او را هشت پسر بود، و آن مرد در ایام شاول در میان مردمان پیر و سالخورده بود. | ۱۲ 12 |
दावीद यहूदिया प्रदेश में इफ्ऱथ क्षेत्र के बेथलेहेम नगर के यिशै नामक व्यक्ति के पुत्र थे. यिशै के आठ पुत्र थे. शाऊल के शासनकाल में यिशै वयोवृद्ध हो चुके थे.
و سه پسر بزرگ یسا روانه شده، در عقب شاول به جنگ رفتند و اسم سه پسرش که به جنگ رفته بودند: نخست زادهاش الیاب و دومش ابیناداب و سوم شماه بود. | ۱۳ 13 |
उनके तीन बड़े पुत्र शाऊल की सेना में शामिल थे: एलियाब उनका जेठा पुत्र, अबीनादाब दूसरा, तथा तीसरा पुत्र शम्माह.
و داود کوچکتر بودو آن سه بزرگ در عقب شاول رفته بودند. | ۱۴ 14 |
दावीद इन सबसे छोटे थे. तीन बड़े भाई ही शाऊल की सेना में शामिल हुए थे.
و داود از نزد شاول آمد و رفت میکرد تا گوسفندان پدر خود را در بیت لحم بچراند. | ۱۵ 15 |
दावीद शाऊल की उपस्थिति से बेथलेहेम जा-जाकर अपने पिता की भेड़ों की देखभाल किया करते थे.
و آن فلسطینی صبح و شام میآمد و چهل روز خود راظاهر میساخت. | ۱۶ 16 |
वह फिलिस्तीनी चालीस दिन तक हर सुबह तथा शाम इस्राएली सेना के सामने आकर खड़ा हो जाया करता था.
و یسا به پسر خود داود گفت: «الان به جهت برادرانت یک ایفه از این غله برشته و این ده قرص نان را بگیر و به اردو نزد برادرانت بشتاب. | ۱۷ 17 |
यिशै ने अपने पुत्र दावीद से कहा, “अपने भाइयों के लिए शीघ्र यह एफाह भर भुने अन्न, तथा दस रोटियों की टोकरी ले जाओ.
و این ده قطعه پنیر را برای سردار هزاره ایشان ببر و از سلامتی برادرانت بپرس و از ایشان نشانیای بگیر.» | ۱۸ 18 |
इसके अतिरिक्त उनके सैन्य अधिकारी के लिए ये दस पनीर टिकियां भी ले जाओ. अपने भाइयों का हाल भी मालूम कर आना, और मुझे आकर सारी ख़बर देना.
و شاول و آنها و جمیع مردان اسرائیل دردره ایلاه بودند و با فلسطینیان جنگ میکردند. | ۱۹ 19 |
शाऊल और उनकी सारी सेना फिलिस्तीनियों से युद्ध करने के लक्ष्य से एलाह की घाटी में एकत्र हैं.”
پس داود بامدادان برخاسته، گله را بهدست چوپان واگذاشت و برداشته، چنانکه یسا او را امرفرموده بود برفت، و به سنگر اردو رسید وقتی که لشکر به میدان بیرون رفته، برای جنگ نعره میزدند. | ۲۰ 20 |
दावीद प्रातः जल्दी उठे और अपनी भेड़ें एक कर्मी की सुरक्षा में छोड़कर पिता के आदेश के अनुरूप सारा प्रावधान लेकर प्रस्थान किया. वह शिविर ठीक उस मौके पर पहुंचे, जब सेना युद्ध क्षेत्र के लिए बाहर आ ही रही थी. इसी समय वे सब युद्ध घोष नारा भी लगा रहे थे.
و اسرائیلیان و فلسطینیان لشکر به مقابل لشکر صف آرایی کردند. | ۲۱ 21 |
इस्राएली सेना और फिलिस्तीनी सेना आमने-सामने खड़ी हो गई.
و داود اسبابی را که داشت بهدست نگاهبان اسباب سپرد و به سوی لشکر دویده، آمد و سلامتی برادران خودرا بپرسید. | ۲۲ 22 |
दावीद अपने साथ लाई हुई सामग्री सामान के रखवाले को सौंपकर रणभूमि की ओर दौड़ गए, कि अपने भाइयों से उनके कुशल क्षेम के बारे में पूछताछ की.
و چون با ایشان گفتگو میکرد اینک آن مرد مبارز فلسطینی جتی که اسمش جلیات بود از لشکر فلسطینیان برآمده، مثل پیش سخن گفت و داود شنید. | ۲۳ 23 |
जब वह उनसे संवाद कर ही रहे थे, गाथ प्रदेश से आया वह गोलियथ नामक फिलिस्तीनी योद्धा, फिलिस्तीनी सेना का पड़ाव से बाहर आ रहा था. आज भी उसने वही शब्द दोहराए, जो वह अब तक दोहराता आया था, और दावीद ने आज वे शब्द सुने.
و جمیع مردان اسرائیل چون آن مرد رادیدند، از حضورش فرار کرده، بسیار ترسیدند. | ۲۴ 24 |
उसे देखते ही संपूर्ण इस्राएली सेना बहुत ही भयभीत होकर उसकी उपस्थिति से दूर भागने लगी.
و مردان اسرائیل گفتند: «آیا این مرد را که برمی آید، دیدید؟ یقین برای به ننگآوردن اسرائیل برمی آید و هرکه او را بکشد، پادشاه اورا از مال فراوان دولتمند سازد، و دختر خود را به او دهد، و خانه پدرش را در اسرائیل آزاد خواهدساخت.» | ۲۵ 25 |
कुछ सैनिकों ने दावीद से बातचीत करते हुए पूछा, “देख रहे हो न इस व्यक्ति को, जो हमारी ओर बढ़ा चला आ रहा है? वह इस्राएल को तुच्छ साबित करने के उद्देश्य से रोज-रोज यही कर रहा है. जो कोई उसे धराशायी कर देगा, राजा उसे समृद्ध सम्पन्न कर देंगे, उससे अपनी बेटी का विवाह कर देंगे तथा उसके पिता के संपूर्ण परिवार को कर मुक्त भी कर देंगे.”
و داود کسانی را که نزد او ایستاده بودند خطاب کرده، گفت: «به شخصی که این فلسطینی را بکشد و این ننگ را از اسرائیل برداردچه خواهد شد؟ زیرا که این فلسطینی نامختون کیست که لشکرهای خدای حی را به ننگآورد؟» | ۲۶ 26 |
दावीद ने बातें कर रहे उन सैनिकों से प्रश्न किया, “उस व्यक्ति को क्या प्रतिफल दिया जाएगा, जो इस फिलिस्तीनी का संहार कर इस्राएल के उस अपमान को मिटा देगा? क्योंकि यह अख़तनित फिलिस्तीनी होता कौन है, जो जीवन्त परमेश्वर की सेनाओं की ऐसी उपेक्षा करे?”
و قوم او را به همین سخنان خطاب کرده، گفتند: «به شخصی که او را بکشد، چنین خواهد شد.» | ۲۷ 27 |
उन सैनिकों ने दावीद को उत्तर देते हुए वही कहा, जो वे उसके पूर्व उन्हें बता चुके थे, “जो कोई इसका वध करेगा, उसे वही प्रतिफल दिया जाएगा, जैसा हम बता चुके हैं.”
و چون با مردمان سخن میگفتند برادربزرگش الیاب شنید و خشم الیاب بر داودافروخته شده، گفت: «برای چه اینجا آمدی و آن گله قلیل را در بیابان نزد که گذاشتی؟ من تکبر وشرارت دل تو را میدانم زیرا برای دیدن جنگ آمدهای.» | ۲۸ 28 |
दावीद के बड़े भाई एलियाब ने दावीद को सैनिकों से बातें करते सुना. एलियाब ने दावीद पर क्रोधित हुआ. एलियाब दावीद से पूछा, “तुम यहां क्यों आये? मरुभूमि में उन थोड़ी सी भेड़ों को किसके पास छोड़कर आये हो? मैं जानता हूं कि तुम यहां क्यों आये हो! मुझे पता है कि तू कितना अभिमानी है! मैं तेरे दुष्ट हृदय को जानता! तुम केवल यहां युद्ध देखने के लिये आना चाहते थे!”
داود گفت: «الان چه کردم آیا سببی نیست؟» | ۲۹ 29 |
दावीद ने उत्तर दिया, “अरे! मैंने किया ही क्या है? क्या मुझे पूछताछ करने का भी अधिकार नहीं?”
پس از وی به طرف دیگری روگردانیده، به همین طور گفت و مردمان او را مثل پیشتر جواب دادند. | ۳۰ 30 |
यह कहकर दावीद वहां से चले गए, और किसी अन्य सैनिक से उन्होंने वही प्रश्न पूछा, जिसका उन्हें वही उत्तर प्राप्त हुआ, जो उन्हें इसके पहले दिया गया था.
و چون سخنانی که داود گفت، مسموع شد، شاول را مخبر ساختند و او وی را طلبید. | ۳۱ 31 |
किसी ने दावीद का वक्तव्य शाऊल के सामने जा दोहराया. शाऊल ने उन्हें अपने पास लाए जाने का आदेश दिया.
و داود به شاول گفت: «دل کسی بهسبب اونیفتد. بنده ات میرود و با این فلسطینی جنگ میکند.» | ۳۲ 32 |
दावीद ने शाऊल से कहा, “किसी को भी निराश होने की आवश्यकता नहीं है. मैं, आपका सेवक, जाकर उस फिलिस्तीनी से युद्ध करूंगा.”
شاول به داود گفت: «تو نمی توانی به مقابل این فلسطینی بروی تا با وی جنگ نمایی زیرا که تو جوان هستی و او از جوانیش مردجنگی بوده است.» | ۳۳ 33 |
शाऊल ने दावीद को सलाह देते हुए कहा, “यह असंभव है कि तुम जाकर इस फिलिस्तीनी से युद्ध करो; तुम सिर्फ एक बालक हो और वह जवानी से एक योद्धा.”
داود به شاول گفت: «بنده ات گله پدر خود را میچراند که شیر وخرسی آمده، برهای از گله ربودند. | ۳۴ 34 |
दावीद ने शाऊल को उत्तर दिया, “मैं, आपका सेवक, अपने पिता की भेड़ों की रखवाली करता रहा हूं. जब कभी सिंह या भालू भेड़ों के झुंड में से किसी भेड़ को उठाकर ले जाता है,
و من آن راتعاقب نموده، کشتم و از دهانش رهانیدم و چون به طرف من بلند شد، ریش او را گرفته، او را زدم وکشتم. | ۳۵ 35 |
मैं उसका पीछा कर, उस पर प्रहार कर उसके मुख से भेड़ को निकाल लाता हूं, यदि वह मुझ पर हमला करता है, मैं उसका जबड़ा पकड़, उस पर वार कर उसे मार डालता हूं.
بنده ات هم شیر و هم خرس را کشت، واین فلسطینی نامختون مثل یکی از آنها خواهدبود، چونکه لشکرهای خدای حی را به تنگ آورده است. | ۳۶ 36 |
आपके सेवक ने सिंह तथा भालू दोनों ही का संहार किया है. इस अख़तनित फिलिस्तीनी की भी वही नियति होने पर है, जो उनकी हुई है, क्योंकि उसने जीवन्त परमेश्वर की सेनाओं को तुच्छ समझा है.
و داود گفت: خداوند که مرا از چنگ شیر و از چنگ خرس رهانید، مرا از دست این فلسطینی خواهد رهانید.» و شاول به داودگفت: «برو و خداوند با تو باد.» | ۳۷ 37 |
याहवेह, जिन्होंने मेरी रक्षा सिंह तथा रीछ से की है मेरी रक्षा इस फिलिस्तीनी से भी करेंगे.” इस पर शाऊल ने दावीद से कहा, “बहुत बढ़िया! जाओ, याहवेह की उपस्थिति तुम्हारे साथ बनी रहे.”
و شاول لباس خود را به داود پوشانید وخود برنجینی بر سرش نهاد و زرهای به اوپوشانید. | ۳۸ 38 |
यह कहते हुए शाऊल ने दावीद को अपने हथियारों से सुसज्जित करना शुरू कर दिया.
و داود شمشیرش را بر لباس خودبست و میخواست که برود زیرا که آنها رانیازموده بود و داود به شاول گفت: «با اینهانمی توانم رفت چونکه نیازمودهام.» پس داود آنهارا از بر خود بیرون آورد. | ۳۹ 39 |
दावीद ने इनके ऊपर शाऊल की तलवार भी कस ली और फिर इन सबके साथ चलने की कोशिश करने लगे, क्योंकि इसके पहले उन्होंने इनका प्रयोग कभी न किया था. उन्होंने शाऊल से कहा, “इन्हें पहनकर तो मेरे लिए चलना फिरना मुश्किल हो रहा है; क्योंकि मैंने इनका प्रयोग पहले कभी नहीं किया है.” यह कहते हुए दावीद ने वे सब उतार दिए.
و چوب دستی خودرا بهدست گرفته، پنج سنگ مالیده، از نهر سواکرد، و آنها را در کیسه شبانی که داشت، یعنی درانبان خود گذاشت و فلاخنش را بهدست گرفته، به آن فلسطینی نزدیک شد. | ۴۰ 40 |
फिर दावीद ने अपनी लाठी ली, नदी के तट से पांच चिकने-सुडौल पत्थर उठाए, उन्हें अपनी चरवाहे की झोली में डाला, अपने हाथ में अपनी गोफन लिए हुए फिलिस्तीनी की ओर बढ़ चला.
و آن فلسطینی همی آمد تا به داود نزدیک شد و مردی که سپرش را برمی داشت پیش رویش میآمد. | ۴۱ 41 |
वह फिलिस्तीनी भी बढ़ते हुए दावीद के निकट आ पहुंचा. उसके आगे-आगे उसका ढाल उठानेवाला चल रहा था.
و فلسطینی نظر افکنده، داودرا دید و او را حقیر شمرد زیرا جوانی خوشرو ونیکومنظر بود. | ۴۲ 42 |
जब उस फिलिस्तीनी ने ध्यानपूर्वक दावीद की ओर देखा, तो उसके मन में दावीद के प्रति घृणा के भाव उत्पन्न हो गए, क्योंकि दावीद सिर्फ एक बालक ही थे—कोमल गुलाबी त्वचा और बहुत ही सुंदर.
و فلسطینی به داود گفت: «آیامن سگ هستم که با چوب دستی نزد من میآیی؟» و فلسطینی داود را به خدایان خود لعنت کرد. | ۴۳ 43 |
उस फिलिस्तीनी ने दावीद को संबोधित करते हुए कहा, “मैं कोई कुत्ता हूं, जो मेरी ओर यह लाठी लिए हुए बढ़े चले आ रहे हो?” और वह अपने देवताओं के नाम लेकर दावीद का शाप देने लगा.
و فلسطینی به داود گفت: «نزد من بیا تا گوشت تو را به مرغان هوا و درندگان صحرا بدهم.» | ۴۴ 44 |
दावीद को संबोधित कर वह कहने लगा, “आ जा! आज मैं तेरा मांस पशु पक्षियों का आहार बना छोड़ूंगा.”
داود به فلسطینی گفت: «تو با شمشیر و نیزه و مزراق نزد من میآیی اما من به اسم یهوه صبایوت، خدای لشکرهای اسرائیل که او را به ننگآوردهای نزد تو میآیم. | ۴۵ 45 |
तब दावीद ने उस फिलिस्तीनी से कहा, “तुम मेरी ओर यह भाला, यह तलवार, बरछा तथा शूल लिए हुए बढ़ रहे हो, मगर मैं तुम्हारा सामना सेनाओं के याहवेह के नाम में कर रहा हूं, जो इस्राएल की सेनाओं के परमेश्वर हैं, तुमने जिनकी प्रतिष्ठा को भ्रष्ट किया है.
و خداوند امروزتو را بهدست من تسلیم خواهد کرد و تو را زده، سر تو را از تنت جدا خواهم کرد، و لاشه های لشکر فلسطینیان را امروز به مرغان هوا و درندگان زمین خواهم داد تا تمامی زمین بدانند که دراسرائیل خدایی هست. | ۴۶ 46 |
आज ही याहवेह तुम्हें मेरे अधीन कर देंगे. मैं तुम्हारा संहार करूंगा और तुम्हारा सिर काटकर देह से अलग कर दूंगा. और मैं आज फिलिस्तीनी सेना के शव पक्षियों और वन्य पशुओं के लिए छोड़ दूंगा कि सारी पृथ्वी को यह मालूम हो जाए कि परमेश्वर इस्राएल राष्ट्र में हैं,
و تمامی این جماعت خواهند دانست که خداوند به شمشیر و نیزه خلاصی نمی دهد زیرا که جنگ از آن خداونداست و او شما را بهدست ما خواهد داد.» | ۴۷ 47 |
तथा यहां उपस्थित हर एक व्यक्ति को यह अहसास हो जाएगा कि याहवेह के लिए छुड़ौती के साधन तलवार और बर्छी नहीं हैं. यह युद्ध याहवेह का है और वही तुम्हें हमारे अधीन कर देंगे.”
و چون فلسطینی برخاسته، پیش آمد و به مقابله داود نزدیک شد، داود شتافته، به مقابله فلسطینی به سوی لشکر دوید. | ۴۸ 48 |
यह सुनकर वह फिलिस्तीनी दावीद पर प्रहार करने के लक्ष्य से आगे बढ़ा. वहां दावीद भी फिलिस्तीनी पर हमला करने युद्ध रेखा की ओर दौड़े.
و داود دست خود را به کیسهاش برد و سنگی از آن گرفته، ازفلاخن انداخت و به پیشانی فلسطینی زد، و سنگ به پیشانی او فرو رفت که بر روی خود بر زمین افتاد. | ۴۹ 49 |
दावीद ने अपने झोले से एक पत्थर निकाला, गोफन में रख उसे फेंका और वह पत्थर जाकर फिलिस्तीनी के माथे पर जा लगा, और भीतर गहरा चला गया और वह भूमि पर मुख के बल गिर पड़ा.
پس داود بر فلسطینی با فلاخن و سنگ غالب آمده، فلسطینی را زد و کشت و در دست داود شمشیری نبود. | ۵۰ 50 |
इस प्रकार दावीद सिर्फ गोफन और पत्थर के द्वारा उस फिलिस्तीनी पर विजयी हो गए. उन्होंने इनके द्वारा उस फिलिस्तीनी पर वार किया और उसकी मृत्यु हो गई. दावीद के पास तलवार तो थी नहीं.
و داود دویده، بر آن فلسطینیایستاد، و شمشیر او را گرفته، ازغلافش کشید و او را کشته، سرش را با آن از تنش جدا کرد، و چون فلسطینیان، مبارز خود را کشته دیدند، گریختند. | ۵۱ 51 |
तब वह दौड़कर उस फिलिस्तीनी की देह पर चढ़ गए, उसकी म्यान में से तलवार खींची, उसकी हत्या करने के लिए उसका सिर उस तलवार द्वारा अलग कर दिया. जब फिलिस्ती सेना ने यह देखा कि उनका शूर योद्धा मारा जा चुका है, वे भागने लगे.
و مردان اسرائیل و یهودابرخاستند و نعره زده، فلسطینیان را تا جت و تادروازه های عقرون تعاقب نمودند و مجروحان فلسطینیان به راه شعریم تا به جت و عقرون افتادند. | ۵۲ 52 |
यह देख इस्राएल तथा यहूदिया के सैनिकों ने युद्धनाद करते हुए उनका पीछा करना शुरू कर दिया. वे उन्हें खदेड़ते हुए गाथ तथा एक्रोन के प्रवेश द्वार तक जा पहुंचे. घायल फिलिस्तीनी सैनिक शअरयिम से गाथ और एक्रोन के मार्ग पर पड़े रहे.
و بنیاسرائیل از تعاقب نمودن فلسطینیان برگشتند و اردوی ایشان را غارت نمودند. | ۵۳ 53 |
इस्राएली सैनिक उनका पीछा करना छोड़कर लौटे और फिलिस्तीनी शिविर को लूट लिया.
و داود سر فلسطینی را گرفته، به اورشلیم آورد اما اسلحه او را در خیمه خودگذاشت. | ۵۴ 54 |
दावीद उस फिलिस्तीनी का सिर उठाकर येरूशलेम ले गए और उसके सारे हथियार अपने तंबू में रख लिए.
و چون شاول داود را دید که به مقابله فلسطینی بیرون میرود، بهسردار لشکرش ابنیرگفت: «ای ابنیر، این جوان پسر کیست؟» ابنیر گفت: «ای پادشاه بهجان تو قسم که نمی دانم.» | ۵۵ 55 |
जब दावीद फिलिस्तीनी से युद्ध करने जा रहे थे, शाऊल उनकी हर एक गतिविधि को ध्यानपूर्वक देख रहे थे. उन्होंने अपनी सेना के सेनापति अबनेर से पूछा, “अबनेर, यह युवक किसका पुत्र है?” अबनेर ने उत्तर दिया, “महाराज, आप जीवित रहें, यह मैं नहीं जानता.”
پادشاه گفت: «بپرس که این جوان پسر کیست.» | ۵۶ 56 |
राजा ने आदेश दिया, “यह पता लगाया जाए यह किशोर किसका पुत्र है.”
و چون داود از کشتن فلسطینی برگشت، ابنیراو را گرفته، به حضور شاول آورد، و سر آن فلسطینی در دستش بود. | ۵۷ 57 |
उस फिलिस्तीनी का संहार कर लौटते ही सेनापति अबनेर दावीद को राजा शाऊल की उपस्थिति में ले गए. इस समय दावीद के हाथ में उस फिलिस्तीनी का सिर था.
و شاول وی را گفت: «ای جوان تو پسر کیستی؟» داود گفت: «پسربنده ات، یسای بیت لحمی، هستم.» | ۵۸ 58 |
शाऊल ने दावीद से पूछा. “युवक, कौन हैं तुम्हारे पिता?” दावीद ने उन्हें उत्तर दिया, “आपके सेवक बेथलेहेम के यिशै.”