< اول یوحنا 3 >

ملاحظه کنید چه نوع محبت پدر به ما داده است تا فرزندان خدا خوانده شویم؛ وچنین هستیم و از این جهت دنیا ما را نمی شناسدزیرا که او را نشناخت. ۱ 1
विचार तो करो कि कैसा अथाह है हमारे प्रति परमेश्वर पिता का प्रेम, कि हम परमेश्वर की संतान कहलाएं; जो वास्तव में हम हैं. संसार ने परमेश्वर को नहीं पहचाना इसलिये वह हमें भी नहीं पहचानता.
‌ای حبیبان، الان فرزندان خدا هستیم و هنوز ظاهر نشده است آنچه خواهیم بود؛ لکن می‌دانیم که چون او ظاهر شود، مانند او خواهیم بود زیرا او را چنانکه هست خواهیم دید. ۲ 2
प्रिय भाई बहनो, अब हम परमेश्वर की संतान हैं और अब तक यह प्रकट नहीं किया गया है कि भविष्य में हम क्या बन जाएंगे किंतु हम यह अवश्य जानते हैं कि जब वह प्रकट होंगे तो हम उनके समान होंगे तथा उन्हें वैसा ही देखेंगे ठीक जैसे वह हैं.
و هرکس که این امید را بر وی دارد، خود را پاک می‌سازد چنانکه او پاک است. ۳ 3
हर एक व्यक्ति, जिसने उनसे यह आशा रखी है, स्वयं को वैसा ही पवित्र रखता है, जैसे वह पवित्र हैं.
و هرکه گناه را بعمل می‌آورد، برخلاف شریعت عمل می‌کند زیرا گناه مخالف شریعت است. ۴ 4
पाप में लीन प्रत्येक व्यक्ति व्यवस्था भंग करने का दोषी है—वास्तव में व्यवस्था भंग करना ही पाप है.
و می‌دانید که او ظاهر شد تا گناهان رابردارد و در وی هیچ گناه نیست. ۵ 5
तुम जानते हो कि मसीह येशु का प्रकट होना इसलिये हुआ कि वह पापों को हर ले जाएं. उनमें पाप ज़रा सा भी नहीं.
هرکه در وی ثابت است گناه نمی کند و هرکه گناه می‌کند او راندیده است و نمی شناسد. ۶ 6
कोई भी व्यक्ति, जो उनमें बना रहता है, पाप नहीं करता रहता; पाप में लीन व्यक्ति ने न तो उन्हें देखा है और न ही उन्हें जाना है.
‌ای فرزندان، کسی شما را گمراه نکند؛ کسی‌که عدالت را به‌جا می‌آورد، عادل است چنانکه اوعادل است. ۷ 7
प्रिय भाई बहनो, कोई तुम्हें मार्ग से भटकाने न पाए. जो सही है वही जो करता है; धर्मी वही है जैसे मसीह येशु धर्मी हैं.
و کسی‌که گناه می‌کند از ابلیس است زیرا که ابلیس از ابتدا گناهکار بوده است. واز این جهت پسر خدا ظاهر شد تا اعمال ابلیس راباطل سازد. ۸ 8
पाप में लीन हर एक व्यक्ति शैतान से है क्योंकि शैतान प्रारंभ ही से पाप करता रहा है. परमेश्वर-पुत्र का प्रकट होना इसलिये हुआ कि वह शैतान के कामों का नाश कर दें.
هر‌که از خدا مولود شده است، گناه نمی کند زیرا تخم او در وی می‌ماند و اونمی تواند گناهکار بوده باشد زیرا که از خدا تولدیافته است. ۹ 9
परमेश्वर से उत्पन्‍न कोई भी व्यक्ति पाप में लीन नहीं रहता क्योंकि परमेश्वर का मूल तत्व उसमें बना रहता है. उसमें पाप करते रहने की क्षमता नहीं रह जाती क्योंकि वह परमेश्वर से उत्पन्‍न हुआ है.
فرزندان خدا و فرزندان ابلیس ازاین ظاهر می‌گردند. هر‌که عدالت را به‌جانمی آورد از خدا نیست و همچنین هر‌که برادرخود را محبت نمی نماید. ۱۰ 10
परमेश्वर की संतान व शैतान की संतान की पहचान इसी से हो जाती है: कोई भी व्यक्ति, जिसका जीवन धर्मी नहीं है, परमेश्वर से नहीं है और न ही वह, जिसे अपने भाई से प्रेम नहीं है.
زیرا همین است آن پیغامی که از اول شنیدید که یکدیگر را محبت نماییم. ۱۱ 11
तुमने आरंभ ही से यह संदेश सुना है कि हममें आपस में प्रेम हो.
نه مثل قائن که از آن شریر بود و برادر خود را کشت؛ و ازچه سبب او را کشت؟ از این سبب که اعمال خودش قبیح بود و اعمال برادرش نیکو. ۱۲ 12
हम काइन जैसे न हों, जो उस दुष्ट से था और जिसने अपने भाई की हत्या कर दी. उसने अपने भाई की हत्या किस लिए की? इसलिये कि उसके काम बुरे तथा उसके भाई के काम धार्मिकता के थे.
‌ای برادران من، تعجب مکنید اگر دنیا از شما نفرت گیرد. ۱۳ 13
यदि संसार तुमसे घृणा करता है, तो, प्रिय भाई बहनो, चकित न हो.
ما می‌دانیم که از موت گذشته، داخل حیات گشته‌ایم از اینکه برادران را محبت می نماییم. هرکه برادر خود را محبت نمی نمایددر موت ساکن است. ۱۴ 14
हम जानते हैं कि हम मृत्यु के अधिकार से निकलकर जीवन में प्रवेश कर चुके हैं, क्योंकि हममें आपस में प्रेम है; वह, जिसमें प्रेम नहीं, मृत्यु के अधिकार में ही है.
هر‌که از برادر خود نفرت نماید، قاتل است و می‌دانید که هیچ قاتل حیات جاودانی در خود ثابت ندارد. (aiōnios g166) ۱۵ 15
हर एक, जो साथी विश्वासी से घृणा करता है, हत्यारा है. तुम्हें यह मालूम है कि किसी भी हत्यारे में अनंत जीवन मौजूद नहीं रहता. (aiōnios g166)
از این امر محبت را دانسته‌ایم که او جان خود را در راه ما نهاد و ما باید جان خود را در راه برادران بنهیم. ۱۶ 16
प्रेम क्या है यह हमने इस प्रकार जाना: मसीह येशु ने हमारे लिए प्राणों का त्याग कर दिया. इसलिये हमारा भी एक दूसरे भाई बहनों के लिए अपने प्राणों का त्याग करना सही है.
لکن کسی‌که معیشت دنیوی دارد و برادر خود را محتاج بیند و رحمت خود رااز او باز‌دارد، چگونه محبت خدا در او ساکن است؟ ۱۷ 17
जो कोई संसार की संपत्ति के होते हुए भी साथी विश्वासी की ज़रूरत की अनदेखी करता है, तो कैसे कहा जा सकता है कि उसमें परमेश्वर का प्रेम मौजूद है?
‌ای فرزندان، محبت را به‌جا آریم نه درکلام و زبان بلکه در عمل و راستی. ۱۸ 18
प्रिय भाई बहनो, हमारे प्रेम की अभिव्यक्ति वचन व मौखिक नहीं परंतु कामों और सच्चाई में हो.
و از این خواهیم دانست که از حق هستیم و دلهای خود رادر حضور او مطمئن خواهیم ساخت، ۱۹ 19
इसी के द्वारा हमें ढाढस मिलता है कि हम उसी सत्य के हैं. इसी के द्वारा हम परमेश्वर के सामने उन सभी विषयों में आश्वस्त हो सकेंगे.
یعنی درهرچه دل ما، ما را مذمت می‌کند، زیرا خدا از دل ما بزرگتر است و هرچیز را می‌داند. ۲۰ 20
जब कभी हमारा अंतर्मन हम पर आरोप लगाता रहता है; क्योंकि परमेश्वर हमारे हृदय से बड़े हैं, वह सर्वज्ञानी हैं.
‌ای حبیبان، هرگاه دل ما ما را مذمت نکند، در حضور خدا اعتماد داریم. ۲۱ 21
इसलिये प्रिय भाई बहनो, यदि हमारा मन हम पर आरोप न लगाए तो हम परमेश्वर के सामने निडर बने रहते हैं
و هرچه سوآل کنیم، از او می‌پاییم، از آنجهت که احکام او رانگاه می‌داریم و به آنچه پسندیده اوست، عمل می‌نماییم. و این است حکم او که به اسم پسر اوعیسی مسیح ایمان آوریم و یکدیگر را محبت نماییم، چنانکه به ما امر فرمود. ۲۲ 22
तथा हम उनसे जो भी विनती करते हैं, उनसे प्राप्‍त करते हैं क्योंकि हम उनके आदेशों का पालन करते हैं तथा उनकी इच्छा के अनुसार स्वभाव करते हैं.
۲۳ 23
यह परमेश्वर की आज्ञा है: कि हम उनके पुत्र मसीह येशु में विश्वास करें तथा हममें आपस में प्रेम हो जैसा उन्होंने हमें आज्ञा दी है.
و هرکه احکام او را نگاه دارد، در او ساکن است و او در وی؛ و ازاین می‌شناسیم که در ما ساکن است، یعنی از آن روح که به ما داده است. ۲۴ 24
वह, जो उनके आदेशों का पालन करता है, उनमें स्थिर है और उसके भीतर उनका वास है. इसका अहसास हमें उन्हीं पवित्र आत्मा द्वारा होता है, जिन्हें परमेश्वर ने हमें दिया है.

< اول یوحنا 3 >