< ଗୀତସଂହିତା 78 >
1 ଆସଫର ମସ୍କୀଲ୍। ହେ ମୋହର ଲୋକମାନେ, ମୋହର ବ୍ୟବସ୍ଥା ଶୁଣ; ମୋʼ ମୁଖର ବାକ୍ୟରେ କର୍ଣ୍ଣପାତ କର।
१आसाफाचे स्तोत्र अहो माझ्या लोकांनो, माझी शिकवण ऐका, माझ्या तोंडच्या वचनाकडे लक्ष द्या.
2 ମୁଁ ଦୃଷ୍ଟାନ୍ତ-କଥାରେ ଆପଣା ମୁଖ ଫିଟାଇବି; ମୁଁ ପୂର୍ବକାଳର ଗୂଢ଼ ବାକ୍ୟସବୁ ପ୍ରକାଶ କରିବି;
२मी शहाणपणाचे गीत गाईन; मी पूर्वकाळच्या गुप्त गोष्टीबद्दल सांगेन.
3 ଆମ୍ଭେମାନେ ତାହାସବୁ ଶୁଣି ଜାଣିଅଛୁ ଓ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପିତୃଗଣ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଜଣାଇ ଅଛନ୍ତି।
३ज्या आम्ही ऐकल्या आणि ज्या आम्हास समजल्या, त्या आमच्या वाडवडिलांनी आम्हास सांगितल्या.
4 ଆମ୍ଭେମାନେ ତାହାସବୁ ସେମାନଙ୍କ ସନ୍ତାନଗଣଠାରୁ ଗୁପ୍ତ ରଖିବା ନାହିଁ, ଆସନ୍ତା ପିଢ଼ି ନିକଟରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ପ୍ରଶଂସା ଓ ତାହାଙ୍କର ପରାକ୍ରମ ଓ ତାହାଙ୍କ କୃତ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ-କର୍ମସକଳ ବର୍ଣ୍ଣନା କରିବା।
४त्या आम्ही त्यांच्या वंशजापासून गुप्त ठेवणार नाही. त्या आम्ही पुढील पिढीला परमेश्वराची स्तुत्य कृत्ये, त्याचे सामर्थ्य आणि त्याने केलेले आश्चर्ये कृत्ये सांगू.
5 କାରଣ ସେ ଯାକୁବ ମଧ୍ୟରେ ଏକ ସାକ୍ଷ୍ୟ ସ୍ଥାପନ କଲେ ଓ ଇସ୍ରାଏଲର ମଧ୍ୟରେ ଏକ ବ୍ୟବସ୍ଥା ନିରୂପଣ କଲେ, ଆପଣା ସନ୍ତାନଗଣକୁ ତାହା ଜଣାଇବା ନିମନ୍ତେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପିତୃଗଣକୁ ଆଜ୍ଞା କଲେ;
५कारण त्याने याकोबात निर्बंध स्थापले आणि इस्राएलासाठी नियमशास्त्र नेमले. त्याने आमच्या पूर्वजांना आज्ञा दिल्या की, त्यांनी त्या आपल्या मुलांना शिकवाव्या.
6 ଯେପରି ଆସନ୍ତା ପୁରୁଷ, ଅର୍ଥାତ୍, ଯେଉଁ ସନ୍ତାନଗଣ ଜାତ ହେବେ, ସେମାନେ ଜାଣିବେ ଓ ଉଠି ଆପଣା ଆପଣା ସନ୍ତାନଗଣକୁ ତାହା ଜଣାଇବେ;
६त्याने ही आज्ञा यासाठी दिली की, पुढच्या पिढीने म्हणजे जी मुले जन्माला येतील, त्यांनी त्या आज्ञा जाणाव्या, त्या आपल्या स्वतःच्या मुलांना सांगाव्या.
7 ତହିଁରେ ସେମାନେ ଯେପରି ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କଠାରେ ଭରସା ରଖି ପାରିବେ ଓ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ କ୍ରିୟାସକଳ ପାସୋରି ନ ଯିବେ, ମାତ୍ର ତାହାଙ୍କ ଆଜ୍ଞାସବୁ ପାଳନ କରିବେ;
७मग ते आपली आशा देवावर ठेवतील आणि त्याची कृत्ये विसरणार नाहीत परंतु त्याच्या आज्ञा पाळतील.
8 ପୁଣି, ଆପଣା ପିତୃଗଣ ତୁଲ୍ୟ ଅବାଧ୍ୟ ଓ ବିଦ୍ରୋହୀ ବଂଶ ହେବେ ନାହିଁ; ସେହି ବଂଶ ଆପଣା ଆପଣା ଅନ୍ତଃକରଣ ଯଥାର୍ଥ ରୂପେ ସୁସ୍ଥିର କଲେ ନାହିଁ; ଓ ସେମାନଙ୍କ ଆତ୍ମା ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ପ୍ରତି ବିଶ୍ୱସ୍ତ ନ ଥିଲା।
८तर त्यांनी आपल्या पूर्वजासारखे हट्टी आणि बंडखोर पिढी होऊ नये, त्यांनी आपले अंतःकरण योग्य राखले नाही, आणि जिचा आत्मा देवाला समर्पित व प्रामाणिक नव्हता.
9 ଇଫ୍ରୟିମର ସନ୍ତାନଗଣ ସସଜ୍ଜ ଓ ଧନୁର୍ଦ୍ଧର ହୋଇ ସଂଗ୍ରାମ ଦିନରେ ହଟିଗଲେ।
९एफ्राइमाचे वंशज धनुष्यासह सशस्र होती, परंतु त्यांनी युद्धाच्यादिवशी पाठ फिरवली.
10 ସେମାନେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ନିୟମ ପାଳନ କଲେ ନାହିଁ ଓ ତାହାଙ୍କ ବ୍ୟବସ୍ଥାନୁସାରେ ଚାଲିବା ପାଇଁ ଅସ୍ୱୀକାର କଲେ;
१०त्यांनी देवाबरोबर करार पाळला नाही, आणि त्यांनी त्याचे नियमशास्त्र पाळण्याचे नाकारले.
11 ସେମାନେ ତାହାଙ୍କ କାର୍ଯ୍ୟସକଳ, ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ପ୍ରକାଶିତ ତାହାଙ୍କ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ କ୍ରିୟାସକଳ ଭୁଲିଗଲେ।
११ते त्याची कृत्ये व त्याने दाखवलेली विस्मयकारक गोष्टी ते विसरले.
12 ସେ ସେମାନଙ୍କ ପିତୃଗଣ ସାକ୍ଷାତରେ ମିସର ଦେଶରେ, ସୋୟନ-ପଦାରେ ନାନା ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟକର୍ମ କଲେ।
१२मिसर देशातल्या सोअन प्रांतात त्यांच्या वडिलांच्या दृष्टीसमोर त्याने आश्चर्यकारक गोष्टी केल्या.
13 ସେ ସମୁଦ୍ରକୁ ବିଭକ୍ତ କରି ସେମାନଙ୍କୁ ପାର କରାଇଲେ; ପୁଣି, ସେ ଜଳସମୂହକୁ ରାଶୀ ରୂପେ ଠିଆ କରାଇଲେ।
१३त्याने समुद्र दुभागला आणि त्यांना पलिकडे नेले, त्याने पाणी भिंतीसारखे उभे केले.
14 ଦିବସରେ ସେ ମେଘ ଦ୍ୱାରା ଓ ରାତ୍ରିରେ ଅଗ୍ନିତେଜ ଦ୍ୱାରା ସେମାନଙ୍କୁ ପଥ କଢ଼ାଇ ନେଲେ।
१४तो त्यांना दिवसा मेघ व रात्रभर अग्नीच्या प्रकाशात मार्ग दाखवित घेऊन जात असे.
15 ପ୍ରାନ୍ତରରେ ସେ ଶୈଳମାନଙ୍କୁ ବିଦୀର୍ଣ୍ଣ କଲେ, ପୁଣି, ଯେପରି ଅଗାଧସ୍ଥଳରୁ, ସେପରି ସେମାନଙ୍କୁ ପ୍ରଚୁର ଜଳ ପାନ କରାଇଲେ।
१५त्याने रानात खडक फोडला, आणि समुद्राची खोली पुरे भरण्यापर्यंत त्यांना विपुल पाणी दिले.
16 ସେ ଶୈଳରୁ ସ୍ରୋତ ବାହାର କଲେ ଓ ନଦୀ ତୁଲ୍ୟ ଜଳ ବହାଇଲେ।
१६त्याने खडकातून पाण्याचे प्रवाह आणि नदीसारखे पाणी बाहेर वाहविले.
17 ତଥାପି ସେମାନେ ତାହାଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପାପ କରିବାକୁ ଓ ମରୁଭୂମିରେ ସର୍ବୋପରିସ୍ଥଙ୍କ ପ୍ରତିକୂଳରେ ବିଦ୍ରୋହାଚରଣ କରିବାକୁ ନିରସ୍ତ ନୋହିଲେ।
१७तरी ते त्याच्याविरुध्द पाप करितच राहिले. रानात परात्पराविरूद्ध बंड केले.
18 ପୁଣି, ସେମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କ ଅଭିଳାଷ ପୂରଣାର୍ଥେ ଭକ୍ଷ୍ୟ ମାଗି ଆପଣା ଆପଣା ମନରେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କର ପରୀକ୍ଷା କଲେ।
१८नंतर त्यांनी आपली भूक तृप्त करण्यासाठी, अन्न मागून आपल्या मनात देवाला आव्हान दिले.
19 ହଁ, ସେମାନେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ପ୍ରତିକୂଳରେ କଥା କହିଲେ; ସେମାନେ କହିଲେ, “ପରମେଶ୍ୱର କି ପ୍ରାନ୍ତରରେ ମେଜ ସଜାଇ ପାରିବେ?
१९ते देवाविरूद्ध बोलले, ते म्हणाले, “देव खरोखर आम्हास रानात भोजन देऊ शकेल का?
20 ଦେଖ, ସେ ଶୈଳକୁ ଆଘାତ କରନ୍ତେ, ଜଳ ନିର୍ଗତ ହେଲା ଓ ସ୍ରୋତ ପ୍ରବାହିତ ହେଲା; ସେ କି ଅନ୍ନ ମଧ୍ୟଦେଇ ପାରନ୍ତି? ସେ କି ଆପଣା ଲୋକମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ମାଂସ ଯୋଗାଇବେ?”
२०पहा, त्याने खडकावर प्रहार केला तेव्हा पाणी उसळून बाहेर पडले, आणि पाण्याचे प्रवाह भरून वाहू लागले. पण भाकरही देऊ शकेल काय? तो आपल्या लोकांसाठी मांसाचा पुरवठा करील काय?”
21 ଏହେତୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ଶୁଣି କୋପାନ୍ୱିତ ହେଲେ ଓ ଯାକୁବ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଅଗ୍ନି ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହେଲା ଓ ଇସ୍ରାଏଲ ବିରୁଦ୍ଧରେ ମଧ୍ୟ କ୍ରୋଧ ଉଠିଲା;
२१जेव्हा परमेश्वराने हे ऐकले, तेव्हा तो रागावला; म्हणून याकोबावर त्याचा अग्नि भडकला, आणि त्याच्या रागाने इस्राएलवर हल्ला केला,
22 କାରଣ ସେମାନେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କଠାରେ ବିଶ୍ୱାସ କଲେ ନାହିଁ ଓ ତାହାଙ୍କ ପରିତ୍ରାଣରେ ନିର୍ଭର ରଖିଲେ ନାହିଁ।
२२कारण त्यांनी देवावर विश्वास ठेवला नाही, आणि त्याच्या तारणावर भरवसा ठेवला नाही.
23 ତଥାପି ସେ ଉପରିସ୍ଥ ମେଘମାଳକୁ ଆଜ୍ଞା କଲେ ଓ ଆକାଶର ଦ୍ୱାର ମୁକ୍ତ କଲେ।
२३तरी त्याने वर आभाळाला आज्ञा दिली, आणि आभाळाचे दरवाजे उघडले.
24 ଆଉ, ସେ ଭୋଜନାର୍ଥେ ସେମାନଙ୍କ ଉପରେ ମାନ୍ନା ବର୍ଷାଇଲେ ଓ ସେମାନଙ୍କୁ ସ୍ୱର୍ଗର ଶସ୍ୟ ପ୍ରଦାନ କଲେ।
२४खाण्यासाठी त्याने त्यांच्यावर मान्नाचा वर्षाव केला, आणि त्यांना आकाशातून धान्य दिले.
25 ପରାକ୍ରମୀଗଣର ଆହାର ମନୁଷ୍ୟ ଭୋଜନ କଲା; ସେ ସେମାନଙ୍କ ତୃପ୍ତି ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଭକ୍ଷ୍ୟ ପଠାଇଲେ।
२५देवदूतांची भाकर लोकांनी खाल्ली. त्याने त्यांना भरपूर अन्न पाठवून दिले.
26 ସେ ଆକାଶରେ ପୂର୍ବୀୟ ବାୟୁ ବହାଇଲେ ଓ ନିଜ ପରାକ୍ରମ ଦ୍ୱାରା ଦକ୍ଷିଣ ବାୟୁ ଚଳାଇଲେ।
२६त्याने आकाशात पूर्वेचा वारा वाहविला, आणि त्याच्या सामर्थ्याने त्याने दक्षिणेच्या वाऱ्याला मार्ग दाखवला.
27 ମଧ୍ୟ ସେ ଧୂଳି ପରି ସେମାନଙ୍କ ଉପରେ ମାଂସ ବର୍ଷାଇଲେ, ପୁଣି, ସମୁଦ୍ରର ବାଲି ପରି ପକ୍ଷୀମାନଙ୍କୁ ବର୍ଷାଇଲେ;
२७त्याने त्यांच्यावर धुळीप्रमाणे मांसाचा आणि समुद्रातील वाळूप्रमाणे असंख्य पक्षांचा वर्षाव केला.
28 ସେ ସେମାନଙ୍କ ଛାଉଣି ମଧ୍ୟରେ, ସେମାନଙ୍କ ଆବାସର ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ତାହା ବର୍ଷାଇଲେ।
२८ते त्यांच्या छावणीच्यामध्ये पडले, त्यांच्या तंबूच्या सर्व सभोवती पडले.
29 ତହିଁରେ ସେମାନେ ଭୋଜନ କରି ପରିତୃପ୍ତ ହେଲେ ଓ ସେ ସେମାନଙ୍କ ଅଭିଳାଷିତ ବିଷୟ ସେମାନଙ୍କୁ ପ୍ରଦାନ କଲେ।
२९मग त्यांनी ते खाल्ले आणि तृप्त झाले. त्यांच्या हावेप्रमाणे त्याने त्यांना दिले.
30 ଅଭିଳାଷିତ ବିଷୟରୁ ସେମାନଙ୍କ ସ୍ନେହ ଭଙ୍ଗ ନୋହୁଣୁ, ଖାଦ୍ୟ ସେମାନଙ୍କ ମୁଖରେ ଥାଉ ଥାଉ
३०पण अजून त्यांची तृप्ती झाली नव्हती; त्यांचे अन्न त्यांच्या तोडांतच होते.
31 ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ କ୍ରୋଧ ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରତିକୂଳରେ ଉଠିଲା ଓ ସେମାନଙ୍କ ହୃଷ୍ଟପୁଷ୍ଟ ଲୋକଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ବଧ କଲା, ପୁଣି, ଇସ୍ରାଏଲର ଯୁବାଗଣକୁ ସଂହାର କଲା।
३१त्याच क्षणाला, देवाच्या कोपाने त्याच्यावर हल्ला केला, आणि त्यांच्यातील बलवानास मारून टाकले. त्याने इस्राएलाच्या तरुणास हाणून पाडले.
32 ଏସବୁ ହେଲେ ହେଁ ସେମାନେ ପୁନର୍ବାର ପାପ କଲେ ଓ ତାହାଙ୍କ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ କ୍ରିୟାରେ ବିଶ୍ୱାସ କଲେ ନାହିଁ।
३२इतके झाले तरी ते पाप करितच राहीले, आणि त्यांनी त्याच्या आश्चर्यकारक कृत्यांवर विश्वास ठेवला नाही.
33 ଏହେତୁ ସେ ଅସାରତାରେ ସେମାନଙ୍କ ଦିନ ଓ ଆତଙ୍କରେ ସେମାନଙ୍କ ବର୍ଷସବୁ କ୍ଷେପଣ କରାଇଲେ,
३३म्हणून देवाने त्यांचे दिवस थोडके केले; त्यांचे आयुष्य भयानक भयात संपवले.
34 ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ବଧ କଲା ବେଳେ, ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ଖୋଜିଲେ; ଆଉ, ଫେରି ଶୀଘ୍ର ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଅନ୍ୱେଷଣ କଲେ।
३४जेव्हा कधी देवाने त्यांना पीडिले, तेव्हा त्यांनी त्याचा शोध घेण्यास सुरवात केली. उत्सुकतेने ते त्याच्याकडे वळले.
35 ପରମେଶ୍ୱର ଯେ ସେମାନଙ୍କର ଶୈଳ ଓ ସର୍ବୋପରିସ୍ଥ ପରମେଶ୍ୱର ଯେ ସେମାନଙ୍କର ମୁକ୍ତିକର୍ତ୍ତା, ଏହା ସ୍ମରଣ କଲେ।
३५देव आमचा खडक आहे, आणि परात्पर देव आमचा सोडवणारा याची आठवण त्यांना झाली.
36 ମାତ୍ର ସେମାନେ ମୁଖରେ ତାହାଙ୍କର ଚାଟୁବାଦ କଲେ ଓ ଜିହ୍ୱାରେ ତାହାଙ୍କ ନିକଟରେ ମିଥ୍ୟା କହିଲେ।
३६पण त्यांनी आपल्या मुखाने त्याची खोटी स्तुती केली आणि आपल्या जीभेने त्याच्याजवळ लबाडी केली.
37 କାରଣ ସେମାନଙ୍କ ଅନ୍ତଃକରଣ ତାହାଙ୍କ ପ୍ରତି ସ୍ଥିର ନ ଥିଲା, କିଅବା ସେମାନେ ତାହାଙ୍କ ନିୟମରେ ବିଶ୍ୱସ୍ତ ନ ଥିଲେ।
३७कारण त्यांचे मन त्यांच्याठायी स्थिर नव्हते, आणि ते त्याच्या कराराशी एकनिष्ठ नव्हते.
38 ମାତ୍ର ସେ ସ୍ନେହଶୀଳ ହେବାରୁ ସେମାନଙ୍କ ଅପରାଧ କ୍ଷମା କରି ସେମାନଙ୍କୁ ଧ୍ୱଂସ କଲେ ନାହିଁ; ପୁଣି, ସେ ଅନେକ ଥର ଆପଣା କ୍ରୋଧ ସମ୍ବରଣ କରି ଆପଣା କୋପ ଉତ୍ତେଜ କଲେ ନାହିଁ।
३८परंतु तो दयाळू असल्यामुळे त्यांच्या अपराधांची क्षमा करतो आणि त्याने त्यांचा नाश केला नाही. होय, तो अनेक वेळा आपला राग आवरून धरतो, आणि आपला सर्व राग भडकू देत नाही.
39 ଆଉ, ସେମାନେ ଯେ ମାଂସ ମାତ୍ର ଓ ବହିଯାଇ ଫେରି ନ ଆସିବା ବାୟୁ ସ୍ୱରୂପ, ଏହା ସେ ସ୍ମରଣ କଲେ।
३९ती केवळ देह आहेत, वारा वाहून निघून जातो आणि तो परत येत नाही याची त्याने आठवण केली.
40 ସେମାନେ ପ୍ରାନ୍ତର ମଧ୍ୟରେ କେତେ ଥର ତାହାଙ୍କର ବିଦ୍ରୋହୀ ହେଲେ ଓ ମରୁଭୂମିରେ ତାହାଙ୍କୁ ଅସନ୍ତୁଷ୍ଟ କଲେ।
४०त्यांनी किती वेळा रानात त्याच्याविरुध्द बंडखोरी केली, आणि पडिक प्रदेशात त्यांनी त्यास दु: खी केले.
41 ସେମାନେ ପୁନର୍ବାର ବିମୁଖ ହୋଇ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ ପରୀକ୍ଷା କଲେ ଓ ଇସ୍ରାଏଲର ଧର୍ମସ୍ୱରୂପଙ୍କୁ ବିରକ୍ତ କଲେ।
४१पुन्हा आणि पुन्हा देवाला आव्हान केले, आणि इस्राएलाच्या पवित्र प्रभूला खूप दु: खविले.
42 ସେମାନେ ତାହାଙ୍କର ହସ୍ତ ଓ ଯେଉଁ ଦିନ ସେ ବିପକ୍ଷଠାରୁ ସେମାନଙ୍କୁ ମୁକ୍ତ କଲେ, ସେହି ଦିନ
४२त्यांनी त्याच्या सामर्थ्याविषयी विचार केला नाही, त्याने त्यांना शत्रूपासून कसे सोडवले होते.
43 ଆଉ, ସେ କିରୂପେ ମିସରରେ ଆପଣା ଚିହ୍ନ ଓ ସୋୟନ-ପଦାରେ ଆପଣାର ଅଦ୍ଭୁତ ଲକ୍ଷଣ ସ୍ଥାପନ କଲେ;
४३मिसरात जेव्हा त्याने आपली घाबरून सोडणारी चिन्हे आणि सोअनाच्या प्रांतात आपले चमत्कारही दाखविले ते विसरले.
44 ପୁଣି, ସେମାନଙ୍କର ନଦୀ ଓ ସ୍ରୋତସବୁ ରକ୍ତମୟ କରିବାରୁ ସେମାନେ ପାନ କରି ପାରିଲେ ନାହିଁ, ଏହାସବୁ ସ୍ମରଣ କଲେ ନାହିଁ।
४४त्याने मिसऱ्यांच्या नद्यांचे रक्तात रुपांतर केले. म्हणून त्याच्या प्रवाहातील पाणी त्यांच्याने पिववेना.
45 ସେ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟକୁ ଦଂଶକ ଝିଙ୍କ ପଠାଇଲେ, ସେସବୁ ସେମାନଙ୍କୁ ଗ୍ରାସ କଲେ ଓ ବେଙ୍ଗ ପଠାଇଲେ, ସେସବୁ ସେମାନଙ୍କୁ ବିନାଶ କଲେ।
४५त्याने चावणाऱ्या माशांचे थवे पाठवले त्यांनी त्यांना खाऊन टाकले, आणि बेडकांनी त्यांचा देश आच्छादला.
46 ମଧ୍ୟ ସେ କୀଟକୁ ସେମାନଙ୍କ ଭୂମିର ଫଳ ଓ ପଙ୍ଗପାଳକୁ ସେମାନଙ୍କ ପରିଶ୍ରମର ଫଳ ଦେଲେ।
४६त्याने त्यांची पिके नाकतोड्यांच्या हवाली आणि त्यांच्या श्रमाचे फळ टोळाला दिले.
47 ସେ ଶିଳା ଦ୍ୱାରା ସେମାନଙ୍କ ଦ୍ରାକ୍ଷାଲତା ଓ ହିମ ଦ୍ୱାରା ସେମାନଙ୍କ ଡିମ୍ବିରିବୃକ୍ଷ ନଷ୍ଟ କଲେ।
४७त्याने गारांनी त्यांच्या द्राक्षवेलींचा आणि त्यांच्या उंबराच्या झाडांचा नाश बर्फाने केला.
48 ଆହୁରି, ସେ ସେମାନଙ୍କ ପଶୁଗଣକୁ ଶିଳାରେ ଓ ସେମାନଙ୍କ ପଲସବୁକୁ ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ବଜ୍ରାଘାତରେ ସମର୍ପଣ କଲେ।
४८त्याने त्यांची गुरेढोरे गारांच्या व त्यांचे कळप विजांच्या हवाली केली.
49 ସେ ଆପଣା କ୍ରୋଧର ପ୍ରଚଣ୍ଡତା, କୋପ ଓ ରୋଷ ଓ ସଙ୍କଟରୂପ ଅନିଷ୍ଟର ଦୂତଦଳ ସେମାନଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପଠାଇଲେ।
४९त्यांने आपल्या भयंकर रागाने त्यांच्याविरुद्ध तडाखे दिले. त्याने अरिष्ट आणणाऱ्या प्रतिनीधीप्रमाणे आपला क्रोध, प्रकोप आणि संकट पाठवले.
50 ସେ ନିଜ କ୍ରୋଧ ପାଇଁ ପଥ ପ୍ରସ୍ତୁତ କଲେ, ସେ ମୃତ୍ୟୁୁରୁ ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରାଣ ରକ୍ଷା କଲେ ନାହିଁ, ମାତ୍ର ମହାମାରୀରେ ସେମାନଙ୍କ ଜୀବନ ସମର୍ପଣ କଲେ;
५०त्याने आपल्या रागासाठी मार्ग सपाट केला; त्याने त्यांना मरणापासून वाचविले नाही पण त्याने त्यांना मरीच्या हवाली केले.
51 ସେ ମିସରରେ ପ୍ରଥମଜାତ ସମସ୍ତଙ୍କୁ, ହାମ୍ର ତମ୍ବୁରେ ସେମାନଙ୍କ ଶକ୍ତିର ପ୍ରଥମ ଫଳକୁ ଆଘାତ କଲେ;
५१त्याने मिसरमध्ये प्रथम जन्मलेले सर्व, हामाच्या तंबूतील त्यांच्या शक्तीचे प्रथम जन्मलेले मारून टाकले.
52 ମାତ୍ର ସେ ଆପଣା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ମେଷଗଣ ତୁଲ୍ୟ ଚଳାଇଲେ ଓ ପ୍ରାନ୍ତରରେ ସେମାନଙ୍କୁ ପଲ ପରି କଢ଼ାଇ ନେଲେ।
५२त्याने आपल्या लोकांस मेंढरांसारखे बाहेर नेले आणि त्याने त्याच्या कळपाप्रमाणे रानातून नेले.
53 ପୁଣି, ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ନିରାପଦରେ ଚଳାଇଲେ, ତେଣୁ ସେମାନେ ଉଦ୍ବିଗ୍ନ ନୋହିଲେ, ମାତ୍ର ସମୁଦ୍ର ସେମାନଙ୍କ ଶତ୍ରୁଗଣକୁ ମଗ୍ନ କଲା।
५३त्याने त्यांना सुखरुप आणि न भीता मार्गदर्शन केले, पण समुद्राने त्यांच्या शत्रूंना बुडवून टाकले.
54 ଆଉ, ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ଆପଣା ପବିତ୍ର ସୀମାକୁ ଓ ଆପଣା ଦକ୍ଷିଣ ହସ୍ତ ଦ୍ୱାରା ଲବ୍ଧ ଏହି ପର୍ବତକୁ ଆଣିଲେ।
५४आणि त्याने त्यास आपल्या पवित्र देशात, हा जो पर्वत आपल्या उजव्या हाताने मिळवला त्याकडे आणले.
55 ଆହୁରି, ସେ ସେମାନଙ୍କ ଆଗରୁ ଗୋଷ୍ଠୀୟବର୍ଗଙ୍କୁ ତଡ଼ିଦେଲେ ଓ ଅଧିକାରାର୍ଥେ ପରିମାପକ ରଜ୍ଜୁ ଦ୍ୱାରା ସେମାନଙ୍କୁ ବିଭାଗ କରିଦେଲେ ଓ ଇସ୍ରାଏଲ ଗୋଷ୍ଠୀବର୍ଗକୁ ସେମାନଙ୍କ ତମ୍ବୁରେ ବାସ କରାଇଲେ।
५५त्याने त्यांच्यापुढून राष्ट्रांना हाकलून लावली, आणि त्यांना त्यांची वतने सूत्राने मापून नेमून दिली; आणि त्यांच्या तंबूत इस्राएलाचे वंश वसविले.
56 ତଥାପି ସେମାନେ ସର୍ବୋପରିସ୍ଥ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ ପରୀକ୍ଷା କରି ତାହାଙ୍କର ବିଦ୍ରୋହୀ ହେଲେ ଓ ତାହାଙ୍କର ପ୍ରମାଣ-ବାକ୍ୟସବୁ ପାଳନ କଲେ ନାହିଁ;
५६तरी त्यांनी परात्पर देवाला आव्हान दिले आणि त्याच्याविरुध्द बंडखोरी केली, आणि त्यांनी त्याच्या आज्ञा पाळल्या नाहीत.
57 ମାତ୍ର ବିମୁଖ ହୋଇ ଆପଣା ପୂର୍ବପୁରୁଷଗଣ ତୁଲ୍ୟ ବିଶ୍ୱାସଘାତକତା କଲେ; ସେମାନେ ପ୍ରବଞ୍ଚକ ଧନୁ ତୁଲ୍ୟ ଲକ୍ଷ୍ୟ ହୁଡ଼ିଲେ।
५७ते आपल्या पूर्वजाप्रमाणे अविश्वासू होते आणि त्यांनी विश्वासघातकी कृत्ये केली; फसव्या धनुष्याप्रमाणे ते स्वतंत्रपणे वळणारे होते.
58 କାରଣ ସେମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କ ଉଚ୍ଚସ୍ଥଳୀ ଦ୍ୱାରା ତାହାଙ୍କୁ ବିରକ୍ତ କଲେ। ଓ ଆପଣାମାନଙ୍କ ଖୋଦିତ ପ୍ରତିମା ଦ୍ୱାରା ତାହାଙ୍କର ଅନ୍ତର୍ଜ୍ୱାଳା ଜନ୍ମାଇଲେ।
५८कारण त्यांनी आपल्या उंच जागा बांधल्या आणि देवाला क्रोधित केले आणि आपल्या कोरीव मूर्तींमुळे त्यास आवेशाने कोपविले.
59 ପରମେଶ୍ୱର ଏହା ଶୁଣି କୋପାନ୍ୱିତ ହେଲେ ଓ ଇସ୍ରାଏଲକୁ ଅତିଶୟ ଘୃଣା କଲେ;
५९जेव्हा देवाने हे ऐकले, तो रागावला, आणि त्याने इस्राएलाला पूर्णपणे झिडकारले.
60 ଏପରିକି, ସେ ଶୀଲୋସ୍ଥିତ ଆବାସ ଓ ମନୁଷ୍ୟମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଆପଣାର ସ୍ଥାପିତ ତମ୍ବୁ ପରିତ୍ୟାଗ କଲେ।
६०त्याने शिलोतले पवित्रस्थान सोडून दिले, ज्या तंबूत लोकांच्यामध्ये तो राहत होता.
61 ପୁଣି, ସେ ବନ୍ଦୀତ୍ୱରେ ଆପଣା ପରାକ୍ରମ ଓ ବିପକ୍ଷ ହସ୍ତରେ ଆପଣା ଗୌରବ ସମର୍ପଣ କଲେ।
६१त्याने आपल्या सामर्थ्याचा कोश बंदिवासात जाण्याची परवानगी दिली, आणि आपले गौरव शत्रूच्या हातात दिले.
62 ସେ ଆପଣା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ମଧ୍ୟ ଖଡ୍ଗରେ ସମର୍ପି ଦେଲେ ଓ ଆପଣା ଅଧିକାର ପ୍ରତି କ୍ରୋଧ ହେଲେ।
६२त्याने आपले लोक तलवारीच्या स्वाधीन केले, आणि आपल्या वतनावर तो रागावला.
63 ଅଗ୍ନି ସେମାନଙ୍କ ଯୁବାଗଣକୁ ଗ୍ରାସ କଲା ଓ ସେମାନଙ୍କ କନ୍ୟାଗଣର ବିବାହ-ଗୀତ ହେଲା ନାହିଁ।
६३अग्नीने त्यांच्या तरुण मनुष्यास खाऊन टाकले, आणि त्यांच्या तरुण स्रीयांना लग्नगीते लाभली नाहीत.
64 ସେମାନଙ୍କ ଯାଜକଗଣ ଖଡ୍ଗରେ ପତିତ ହେଲେ ଓ ସେମାନଙ୍କ ବିଧବାଗଣ କିଛି ବିଳାପ କଲେ ନାହିଁ।
६४त्यांचे याजक तलवारीने पडले, आणि त्यांच्या विधवा त्यांच्यासाठी रडल्या नाहीत.
65 ସେତେବେଳେ ପ୍ରଭୁ ନିଦ୍ରାରୁ ଜାଗ୍ରତ ଲୋକ ପରି, ମଦିରା ହେତୁ ହର୍ଷନାଦକାରୀ ବୀର ପରି ଉଠିଲେ।
६५मग प्रभू झोपेतून जागा झालेल्या मनुष्यासारखा उठला, द्राक्षरसामुळे आरोळी मारणाऱ्या सैनिकासारखा तो उठला.
66 ଆଉ, ସେ ଆପଣା ବିପକ୍ଷଗଣକୁ ପ୍ରହାର କରି ହଟାଇ ଦେଲେ; ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ଚିରକାଳ ନିନ୍ଦାପାତ୍ର କଲେ।
६६त्याने आपल्या शत्रूंना मारून मागे हाकलले; त्याने त्यांची कायमची नामुष्की केली.
67 ଆହୁରି, ସେ ଯୋଷେଫର ବଂଶକୁ ଅଗ୍ରାହ୍ୟ କଲେ ଓ ଇଫ୍ରୟିମ ଗୋଷ୍ଠୀକୁ ମନୋନୀତ କଲେ ନାହିଁ।
६७त्याने योसेफाचा तंबू नाकारला, आणि त्याने एफ्राईमाच्या वंशाचा स्वीकार केला नाही.
68 ମାତ୍ର ଯିହୁଦା ଗୋଷ୍ଠୀକୁ, ଆପଣାର ପ୍ରିୟ ସିୟୋନ ପର୍ବତକୁ ମନୋନୀତ କଲେ।
६८त्याने यहूदाच्या वंशाला निवडले, आणि आपला आवडता सियोन पर्वत निवडला.
69 ଆଉ, ସେ ଉଚ୍ଚ ଗଗନ ତୁଲ୍ୟ ଓ ଅନନ୍ତକାଳ ନିମନ୍ତେ ଆପଣା ସ୍ଥାପିତ ପୃଥିବୀ ତୁଲ୍ୟ ଆପଣା ଧର୍ମଧାମ ନିର୍ମାଣ କଲେ।
६९उंच आकाशासारखे व आपण सर्वकाळ स्थापिलेल्या पृथ्वीसारखे त्याने आपले पवित्रस्थान बांधले.
70 ଆହୁରି, ସେ ଆପଣା ଦାସ ଦାଉଦଙ୍କୁ ମନୋନୀତ କଲେ ଓ ମେଷଖୁଆଡ଼ରୁ ତାଙ୍କୁ ଗ୍ରହଣ କଲେ।
७०त्याने आपला सेवक दावीदाला निवडले, आणि त्यास त्याने मेंढरांच्या कोंडवाड्यांतून घेतले.
71 ସେ ଆପଣା ଲୋକ ଯାକୁବକୁ ଓ ଆପଣା ଅଧିକାର ଇସ୍ରାଏଲକୁ ପ୍ରତିପାଳନ କରିବା ନିମନ୍ତେ ସ୍ତନ୍ୟଦାୟିନୀ ମେଷୀଗଣ ପଛରୁ ତାଙ୍କୁ ଆଣିଲେ।
७१आपले लोक याकोब व आपले वतन इस्राएल यांचे पालन करण्यास त्याने त्यास दुभत्या मेंढ्याच्या मागून काढून आणले.
72 ତହିଁରେ ସେ ଆପଣା ଅନ୍ତଃକରଣର ସରଳତାନୁସାରେ ସେମାନଙ୍କୁ ପ୍ରତିପାଳନ କଲେ ଓ ଆପଣା ହସ୍ତର ନିପୁଣତାରେ ସେମାନଙ୍କୁ ଚଳାଇଲେ।
७२दावीदाने आपल्या मनाच्या सरळतेने त्याचे पालन केले, आणि आपल्या हातच्या कौशल्याने त्यास मार्ग दाखविला.