< ଗୀତସଂହିତା 126 >
1 ଆରୋହଣ ଗୀତ। ସଦାପ୍ରଭୁ ସିୟୋନର ଦାସତ୍ୱାବସ୍ଥା ପରିବର୍ତ୍ତନ କରିବା ବେଳେ ଆମ୍ଭେମାନେ ସ୍ୱପ୍ନଦର୍ଶକମାନଙ୍କ ପରି ଥିଲୁ।
१सीयोनेतून धरून नेलेल्यांना परमेश्वराने माघारी आणले, तेव्हा आम्हास स्वप्नासारखे वाटले.
2 ସେତେବେଳେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ମୁଖ ହାସ୍ୟରେ ଓ ଜିହ୍ୱା ଗାୟନରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ ହେଲା; ସେତେବେଳେ ଗୋଷ୍ଠୀବର୍ଗ ମଧ୍ୟରେ ଲୋକମାନେ କହିଲେ, “ସଦାପ୍ରଭୁ ଏମାନଙ୍କ ପାଇଁ ମହତ କର୍ମ କରିଅଛନ୍ତି।”
२मग आमचे मुख हास्याने, आणि आमची जीभ गायनाने भरली. नंतर ते राष्ट्रांमध्ये म्हणू लागले; परमेश्वराने ह्यांच्यासाठी महान गोष्टी केल्या आहेत.
3 ସଦାପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପାଇଁ ମହତ କର୍ମ କରିଅଛନ୍ତି; ତହିଁ ସକାଶୁ ଆମ୍ଭେମାନେ ଆନନ୍ଦିତ ଅଛୁ।
३परमेश्वराने आमच्यासाठी महान गोष्टी केल्या आहेत; आम्ही किती हर्षित झालो आहोत!
4 ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ଦକ୍ଷିଣ ଦିଗର ସ୍ରୋତ ପରି ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ଦାସତ୍ୱାବସ୍ଥା ପରିବର୍ତ୍ତନ କର।
४परमेश्वरा, नेगेब येथील प्रवाहाप्रमाणे आम्हास बंदिवासातून परत आण.
5 ଯେଉଁମାନେ କାନ୍ଦି କାନ୍ଦି ବିହନ ବୁଣନ୍ତି, ସେମାନେ ଆନନ୍ଦ କରୁ କରୁ ଶସ୍ୟ କାଟିବେ।
५जे अश्रूपूर्ण नेत्रांनी पेरणी करतील ते हर्षाने आरोळी मारून कापणी करतील.
6 ଯଦ୍ୟପି ସେ ବିହନ ବହି କାନ୍ଦି କାନ୍ଦି ଆପଣା ପଥରେ ଯାଏ, ତଥାପି ସେ ବିଡ଼ା ଘେନି ଆନନ୍ଦ କରୁ କରୁ ନେଉଟି ଆସିବ।
६जो पेरणीसाठी बी घेऊन रडत बाहेर पडतो, तो पुन्हा हर्षाने आरोळी मारून आपल्या पेंढ्या आपल्याबरोबर घेऊन येईल.