< ହିତୋପଦେଶ 13 >
1 ଜ୍ଞାନବାନ ପୁତ୍ର ଆପଣା ପିତାର ଉପଦେଶ ଶୁଣେ; ମାତ୍ର ନିନ୍ଦକ ଅନୁଯୋଗ ଶୁଣେ ନାହିଁ।
१सुज्ञ मुलगा आपल्या पित्याचे शिक्षण ऐकतो, परंतु निंदक निषेध ऐकत नाही.
2 ମନୁଷ୍ୟ ଆପଣା ମୁଖର ଫଳ ଦ୍ୱାରା ମଙ୍ଗଳ ଭୋଗ କରେ; ମାତ୍ର ବିଶ୍ୱାସଘାତକର ପ୍ରାଣ ଦୌରାତ୍ମ୍ୟ ଭୋଗ କରେ।
२आपल्या तोंडच्या फळांनी मनुष्य चांगल्या गोष्टींचा आनंद घेतो, पण अविश्वासणाऱ्याची भूक जुलूम आहे.
3 ଯେଉଁ ଲୋକ ଆପଣା ମୁଖରେ ପ୍ରହରୀ ରଖେ, ସେ ଆପଣା ପ୍ରାଣ ରକ୍ଷା କରେ; ମାତ୍ର ଯେକେହି ଚିନ୍ତା ନ କରି କଥା କହେ, ତାହାର ବିନାଶ ହେବ।
३जो आपले तोंड सांभाळतो तो आपल्या जीवाचे रक्षण करतो, परंतु जो आपले तोंड उघडतो तो स्वतःचा नाश करून घेतो.
4 ଅଳସୁଆ ମନରେ ବାଞ୍ଛା କଲେ ହେଁ କିଛି ପାଏ ନାହିଁ, ମାତ୍ର କର୍ମଶୀଳ ପ୍ରାଣ ହୃଷ୍ଟପୁଷ୍ଟ ହେବ।
४आळशाची भूक हाव धरते पण त्यास काही मिळत नाही, पण उद्योग्याची भूक पूर्णपणे तृप्त होते.
5 ଧାର୍ମିକ ଲୋକ ମିଥ୍ୟାକୁ ଘୃଣା କରେ; ମାତ୍ର ଦୁଷ୍ଟ ଲୋକ ଦୁର୍ଗନ୍ଧ ସ୍ୱରୂପ, ଆଉ ସେ ଲଜ୍ଜା ଭୋଗ କରେ।
५नीतिमान लबाडीचा तिरस्कार करतो, पण दुर्जन जे लाजिरवाणे आहे ते करतो, आणि स्वतःला किळसवाणे करतो.
6 ଧାର୍ମିକତା ସରଳ-ପଥଗାମୀକୁ ରକ୍ଷା କରେ; ମାତ୍ର ଦୁଷ୍ଟତା ପାପୀକୁ ଓଲଟାଇ ପକାଏ।
६नीतिमत्ता सात्विक मार्गाने चालणाऱ्यांचे रक्षण करते, पण पाप्याला त्याचे पाप उलथून टाकते.
7 କେହି ଆପଣାକୁ ଧନୀ ଦେଖାଏ, କିନ୍ତୁ ତାହାର କିଛି ହିଁ ନାହିଁ; କେହି ବା ଆପଣାକୁ ଦରିଦ୍ର ଦେଖାଏ, କିନ୍ତୁ ତାହାର ମହାଧନ ଅଛି।
७जो कोणी आपणाला संपन्न करतो, पण त्यांच्याजवळ मात्र काहीच नसते, आणि जो कोणी सर्वकाही देऊन टाकतो, खरोखर तो अजून श्रीमंत आहे.
8 ମନୁଷ୍ୟର ଧନ ତାହାର ପ୍ରାଣର ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ ସ୍ୱରୂପ; ମାତ୍ର ଦରିଦ୍ର ଲୋକ ଧମକ ଶୁଣେ ନାହିଁ।
८श्रीमंत मनुष्यास जिवाची खंडणी त्याची संपत्ती आहे, पण गरीब मनुष्यास अशा प्रकारच्या धमक्या कधीच मिळत नाहीत.
9 ଧାର୍ମିକର ଦୀପ୍ତି ଆନନ୍ଦ କରେ; ମାତ୍ର ଦୁଷ୍ଟମାନଙ୍କର ପ୍ରଦୀପ ନିଭାଯିବ।
९नीतिमानाचा प्रकाश आनंदाने प्रकाशतो, पण दुष्टाचा दीप मालवला जाईल.
10 ଅହଙ୍କାରରୁ କେବଳ କଳି ଉତ୍ପନ୍ନ ହୁଏ; ମାତ୍ର ସୁପରାମର୍ଶ-ଗ୍ରାହକଠାରେ ଜ୍ଞାନ ଅଛି।
१०गर्वामुळे भांडण मात्र उत्पन्न होतात, पण जो चांगला सल्ला ऐकतो त्याच्याजवळ ज्ञान असते.
11 ମିଥ୍ୟାରେ ପ୍ରାପ୍ତ ଧନ କ୍ଷୟ ପାଇବ, ମାତ୍ର ହସ୍ତରେ ଅର୍ଜିତ ଧନ ବଢ଼ିଯିବ।
११वाईट मार्गाने मिळवलेले धन कमी होत जाते, पण जो आपल्या हाताने काम करून पैसा कमावतो, त्याचा पैसा वाढत जातो.
12 ଆଶାସିଦ୍ଧିର ବିଳମ୍ବ ମନର ପୀଡ଼ାଜନକ; ମାତ୍ର ବାଞ୍ଛାର ସିଦ୍ଧି ଜୀବନ-ବୃକ୍ଷ ସ୍ୱରୂପ।
१२जेव्हा आशा लांबणीवर पडते तेव्हा अंतःकरण तुटते, परंतु इच्छा पूर्ण होते तेव्हा ते जीवनाचे झाड आहे.
13 ଯେଉଁ ଲୋକ ଉପଦେଶ ତୁଚ୍ଛ କରେ, ସେ ଆପଣା ଉପରକୁ ବିନାଶ ଆଣେ; ମାତ୍ର ଯେ ଆଜ୍ଞାକୁ ଭୟ କରେ, ସେ ପୁରସ୍କାର ପ୍ରାପ୍ତ ହେବ।
१३जो कोणी शिक्षणाचा तिरस्कार करतो तो स्वतःवर अनर्थ आणतो, पण जो कोणी आज्ञेचा आदर करतो त्यास प्रतिफळ मिळेल.
14 ମୃତ୍ୟୁର ଫାନ୍ଦରୁ ଫେରାଇବା ପାଇଁ ଜ୍ଞାନବାନର ବ୍ୟବସ୍ଥା ଜୀବନ-ଝର ସ୍ୱରୂପ ଅଟେ।
१४सुज्ञाची शिकवण जीवनाचा झरा आहे, ते तुम्हास मृत्युपाशापासून दूर वळविल.
15 ସୁବୁଦ୍ଧିର ଫଳ ଅନୁଗ୍ରହ, ମାତ୍ର ବିଶ୍ୱାସଘାତକର ପଥ କଠିନ ଅଟେ।
१५सुबोध अनुग्रह मिळवून देतो, पण विश्वासघातक्याचा मार्ग कधी न संपणारा आहे.
16 ପ୍ରତ୍ୟେକ ଚତୁର ଲୋକ ବୁଦ୍ଧିରେ କର୍ମ କରେ; ମାତ୍ର ମୂର୍ଖ ଅଜ୍ଞାନତା ବିସ୍ତାର କରେ।
१६शहाणा मनुष्य कृती करण्याआधी विचार करतो. परंतु मूर्ख मनुष्य त्याच्या कृतीने तो मूर्ख आहे हे दर्शवितो.
17 ଦୁଷ୍ଟ ବାର୍ତ୍ତାବାହକ ଆପଦରେ ପଡ଼େ; ମାତ୍ର ବିଶ୍ୱସ୍ତ ଦୂତ ସ୍ୱାସ୍ଥ୍ୟଜନକ।
१७दुष्ट निरोप्या संकटात पडतो, पण विश्वासू वकील समेट घडवून आणतो.
18 ଯେଉଁ ଜନ ଶାସନ ଅଗ୍ରାହ୍ୟ କରେ, ସେ ଦରିଦ୍ରତା ଓ ଲଜ୍ଜା ପାଏ; ମାତ୍ର ଯେ ଅନୁଯୋଗ ଘେନେ, ସେ ମର୍ଯ୍ୟାଦା ପାଇବ।
१८जर एखाद्याने शिकायला नकार दिला तर त्यास गरीबी आणि लाज प्राप्त होईल, पण जर एखादा त्याच्या शासनातून शिकला तर त्याचा सन्मान होईल.
19 ବାଞ୍ଛାସିଦ୍ଧି ପ୍ରାଣକୁ ମିଷ୍ଟ ଲାଗେ; ପୁଣି, ମନ୍ଦ ତ୍ୟାଗ କରିବାର ମୂର୍ଖ ଲୋକର ଘୃଣା ବିଷୟ।
१९इच्छातृप्ती जिवाला गोड लागते, पण वाईटापासून दूर होणे याचा मूर्खांना द्वेष वाटतो.
20 ଜ୍ଞାନୀ ସଙ୍ଗରେ ଗମନାଗମନ କର, ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭେ ଜ୍ଞାନୀ ହେବ; ମାତ୍ର ମୂର୍ଖମାନଙ୍କର ସଙ୍ଗୀ କ୍ଳେଶ ପାଇବ।
२०शहाण्या लोकांबरोबर चाला म्हणजे तुम्ही शहाणे व्हाल, पण जर तुम्ही मूर्खांशी संगत केली तर तुम्ही संकटात पडाल.
21 ପାପୀମାନଙ୍କ ପଛେ ମନ୍ଦ ଗୋଡ଼ାଏ; ମାତ୍ର ଧାର୍ମିକମାନଙ୍କୁ ମଙ୍ଗଳରୂପ ପୁରସ୍କାର ଦତ୍ତ ହେବ।
२१आपत्ती पाप्याच्या पाठीस लागते, पण जे कोणी चांगले करतो त्यास प्रतिफळ मिळते.
22 ଉତ୍ତମ ଲୋକ ଆପଣା ପୌତ୍ରମାନଙ୍କ ପାଇଁ ଅଧିକାର ଛାଡ଼ିଯାଏ; ମାତ୍ର ପାପୀର ଧନ ଧାର୍ମିକମାନଙ୍କ ପାଇଁ ସଞ୍ଚିତ ହୁଏ।
२२चांगला मनुष्य आपल्या नातवंडांना वतन देऊन ठेवतो, पण पाप्यांची संपत्ती नीतिमानासाठी साठवलेली असते.
23 ଦରିଦ୍ରର ଚାଷ ଦ୍ୱାରା ଖାଦ୍ୟର ବାହୁଲ୍ୟ ହୁଏ; ମାତ୍ର ଅନ୍ୟାୟ ସକାଶୁ କାହାର କାହାର ବିନାଶ ହୁଏ।
२३गरीबांचे नांगरलेले शेत विपुल अन्न देते, पण अन्यायामुळे अनेकांचा नाश होतो.
24 ଯେ ବାଡ଼ି ବ୍ୟବହାର କରିବାକୁ ତ୍ରୁଟି କରେ, ସେ ଆପଣା ପୁତ୍ରକୁ ଘୃଣା କରେ; ପୁଣି ଯେ ତାହାକୁ ପ୍ରେମ କରେ, ସେ ଯଥାକାଳରେ ଶାସ୍ତି ଦିଏ।
२४जर कोणी आपल्या मुलांना शिक्षा करत नाही तो त्यांचा द्वेष करतो, पण जो कोणी आपल्या मुलांवर प्रेम करतो तो काळजीपूर्वक त्यांना शिस्त लावतो.
25 ଧାର୍ମିକ ଆପଣା ପ୍ରାଣର ତୃପ୍ତି ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଖାଏ, ମାତ୍ର ପାପୀର ଉଦର ଅତୃପ୍ତ ଥାଏ।
२५जो चांगले करतो तो त्याची भूक तृप्त होईपर्यंत जेवतो, पण दुष्टांचे पोट रिकामेच राहते.