< ମାଥିଉ 23 >

1 ସେହି ସମୟରେ ଯୀଶୁ ଲୋକସମୂହ ଓ ଆପଣା ଶିଷ୍ୟମାନଙ୍କୁ କହିଲେ,
येशू लोकांशी व त्याच्या शिष्यांशी बोलला,
2 “ଶାସ୍ତ୍ରୀ ଓ ଫାରୂଶୀମାନେ ମୋଶାଙ୍କ ବ୍ୟବସ୍ଥାକୁ ବ୍ୟାଖ୍ୟା କରିବାର ଅଧିକାର ପାଇଅଛନ୍ତି।
तो म्हणाला, “नियमशास्त्राचे शिक्षक व परूशी हे मोशेच्या आसनावर बसले आहेत.
3 ଅତଏବ ସେମାନେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଯାହା କିଛି କହନ୍ତି, ତାହା ମାନ ଓ ପାଳନ କର, ମାତ୍ର ସେମାନଙ୍କ କର୍ମ ଅନୁସାରେ କର୍ମ କର ନାହିଁ, କାରଣ ସେମାନେ କହନ୍ତି, କିନ୍ତୁ କରନ୍ତି ନାହିଁ।
म्हणून ते जसे सांगतात तसे तुम्ही करा आणि पाळा. पण तुम्ही त्यांच्या कृतीप्रमाणे तसे करू नका. याचे कारण ते सांगतात पण त्याप्रमाणे करत नाहीत.
4 ସେମାନେ ଗୁରୁ ଭାର ବହନ କରି ମନୁଷ୍ୟମାନଙ୍କ କାନ୍ଧରେ ଥୋଇଦିଅନ୍ତି, କିନ୍ତୁ ନିଜେ ଅଙ୍ଗୁଳି ଦେଇ ତାହା ଟେକିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରନ୍ତି ନାହିଁ।
वाहावयास अवघड असे ओझे ते बांधतात व लोकांच्या खांद्यांवर देतात पण स्वतः ते ओझे उचलायला एक बोटदेखील लावत नाहीत.
5 ସେମାନେ ଲୋକ ଦେଖାଇବା ପାଇଁ ଆପଣା ଆପଣାର ସମସ୍ତ କ୍ରିୟାକର୍ମ କରନ୍ତି, କାରଣ ସେମାନେ ନିଜ ନିଜର କବଚ ପ୍ରଶସ୍ତ କରନ୍ତି ଓ ବସ୍ତ୍ରର ଝୁମ୍ପା ବଡ଼ କରନ୍ତି,
ते त्यांचे सर्व कामे लोकांनी पाहावे म्हणून करतात कारण ते आपली स्मरणपत्रे रूंद करतात आणि आपल्या झग्यांचे काठ मोठे करतात.
6 ଆଉ ଭୋଜନରେ ପ୍ରଧାନ ସ୍ଥାନ ଓ ସମାଜଗୃହରେ ପ୍ରଧାନ ଆସନ,
मेजवानीच्या ठिकाणी आपल्याला विशेष मानाची जागा मिळावी असे त्यांना वाटते. तसेच यहूद्यांच्या सभास्थानात मोक्याच्या जागी बसायला त्यांना फार आवडते.
7 ପୁଣି, ହାଟବଜାରରେ ନମସ୍କାର ପାଇବାକୁ ଓ ଲୋକଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ଗୁରୁ ବୋଲି ସମ୍ବୋଧିତ ହେବାକୁ ଭଲ ପାଆନ୍ତି।
बाजारातील मुख्य रस्त्याने जाता येता लोकांनी आपल्याला मान द्यावा याची त्यांना फार आवड असते आणि लोकांनी त्यांना ‘रब्बी’ म्हणावे असे त्यांना वाटते.
8 କିନ୍ତୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଗୁରୁ ବୋଲି ସମ୍ବୋଧିତ ହୁଅ ନାହିଁ, କାରଣ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ଗୁରୁ ଜଣେ, ପୁଣି, ତୁମ୍ଭେମାନେ ସମସ୍ତେ ଭାଇ।
परंतु तुम्ही स्वतःला ‘रब्बी’ म्हणवून घेऊ नका. तुम्ही सर्व एकमेकांचे भाऊ आहात, तुमचा गुरू एकच आहे.
9 ଆଉ ପୃଥିବୀରେ କାହାକୁ ହିଁ ପିତା ବୋଲି ଡାକ ନାହିଁ, କାରଣ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ପିତା ଜଣେ, ସେ ସ୍ୱର୍ଗରେ ଅଛନ୍ତି।
आणि जगातील कोणालाही पिता म्हणू नका कारण तुमचा पिता एकच आहे व तो स्वर्गात आहे.
10 ଆଉ ତୁମ୍ଭେମାନେ ନେତା ବୋଲି ସମ୍ବୋଧିତ ହୁଅ ନାହିଁ, କାରଣ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ନେତା ଜଣେ, ସେ ଖ୍ରୀଷ୍ଟ।
१०तुम्ही स्वतःला मालक म्हणून घेऊ नका. तुमचा मालक ख्रिस्त आहे.
11 କିନ୍ତୁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଯେଉଁ ଲୋକ ଶ୍ରେଷ୍ଠ, ସେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ସେବକ ହେବ।
११तुमच्यातील जो सेवक बनून तुमची सेवा करतो तो तुमच्यात सर्वात मोठा होय.
12 ଆଉ ଯେ କେହି ଆପଣାକୁ ଉନ୍ନତ ବୋଲି ଦେଖାଏ, ତାହାକୁ ନତ କରାଯିବ, ପୁଣି, ଯେ କେହି ଆପଣାକୁ ନତ କରେ ତାହାକୁ ଉନ୍ନତ କରାଯିବ।”
१२जो स्वतःला मोठा समजेल त्यास कमी लेखले जाईल. स्वतःला लहान समजणारा प्रत्येकजण मोठा गणला जाईल.
13 “କିନ୍ତୁ ହାୟ, ଦଣ୍ଡର ପାତ୍ର କପଟୀ ଶାସ୍ତ୍ରୀ ଓ ଫାରୂଶୀମାନେ, କାରଣ ତୁମ୍ଭେମାନେ ମନୁଷ୍ୟମାନଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ସ୍ୱର୍ଗରାଜ୍ୟ ବନ୍ଦ କରୁଥାଅ; ତୁମ୍ଭେମାନେ ତ ନିଜେ ପ୍ରବେଶ କରୁ ନାହଁ, ପୁଣି, ପ୍ରବେଶ କରିବାକୁ ଇଚ୍ଛୁକ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ସୁଦ୍ଧା ପ୍ରବେଶ କରାଇ ଦେଉ ନାହଁ।
१३अहो, परूश्यांनो आणि नियमशास्त्राच्या शिक्षकांनो, तुम्हास हाय, तुम्ही ढोंगी आहात! तुम्ही स्वर्गाच्या राज्याचा रस्ता लोकांसाठी बंद करता, तुम्ही स्वतः तर आत जात नाहीच, पण जे आत जाण्याचा प्रयत्न करतात त्यांनाही आत जाऊ देत नाहीत.
14 [ହାୟ, ଦଣ୍ଡର ପାତ୍ର କପଟୀ ଶାସ୍ତ୍ରୀ ଓ ଫାରୂଶୀମାନେ, କାରଣ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଛଳରେ ଦୀର୍ଘ ପ୍ରାର୍ଥନା କରିବା ସଙ୍ଗେ ସଙ୍ଗେ ବିଧବାମାନଙ୍କର ଗୃହସବୁ ଗ୍ରାସ କରୁଥାଅ; ଏଣୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଗୁରୁତର ଦଣ୍ଡ ପାଇବ।]
१४अहो परूश्यांनो व नियमशास्त्राच्या शिक्षकांनो, ढोंग्यांनो तुमची केवढी दुर्दशा होणार कारण तुम्ही विधवांची घरे खाऊन टाकता व ढोंगाने लांब लांब प्रार्थना करता; यामुळे तुम्हास अधिक शिक्षा होइल.
15 ହାୟ, ଦଣ୍ଡର ପାତ୍ର କପଟୀ ଶାସ୍ତ୍ରୀ ଓ ଫାରୂଶୀମାନେ, କାରଣ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଜଣକୁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ଧର୍ମାବଲମ୍ବୀ କରିବା ପାଇଁ ଜଳସ୍ଥଳ ଭ୍ରମଣ କରୁଥାଅ, ପୁଣି, ଯେତେବେଳେ ସେ ହୁଏ, ସେତେବେଳେ ତାହାକୁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ଅପେକ୍ଷା ଦୁଇ ଗୁଣ ନର୍କର ପାତ୍ର କରୁଥାଅ। (Geenna g1067)
१५परूश्यांनो व नियमशास्त्राच्या शिक्षकांनो, तुम्ही दुःखी व्हाल. तुम्ही ढोंगी आहात कारण तुम्ही एक मतानुसारी करण्यासाठी समुद्र व भूमी पालथी घालता आणि तुम्हास तो मिळाला म्हणजे तुम्ही त्यास आपल्याहून दुप्पट नरकपुत्रासारखे करून टाकता. (Geenna g1067)
16 ହାୟ, ଦଣ୍ଡର ପାତ୍ର ଅନ୍ଧ ପଥପ୍ରଦର୍ଶକମାନେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ କହୁଥାଅ, କେହି ମନ୍ଦିରର ଶପଥ କଲେ ତାହା କିଛି ନୁହେଁ, ମାତ୍ର ଯେ କେହି ମନ୍ଦିରସ୍ଥ ସ୍ୱର୍ଣ୍ଣର ଶପଥ କରେ, ସେ ତଦ୍ୱାରା ଆବଦ୍ଧ।
१६तुम्हास दुःख होईल. आंधळ्या वाटाड्यांनो, जे तुम्ही म्हणता, जर कोणी परमेश्वराच्या भवनाची शपथ घेतो तर काही नाही; पण जर एखादा त्या भवनातील सोन्याची शपथ घेऊन बोलतो, तर तो बांधलेला आहे.
17 ରେ ମୂଢ଼ ଓ ଅନ୍ଧମାନେ, ସ୍ୱର୍ଣ୍ଣ କିମ୍ବା ସେହି ସ୍ୱର୍ଣ୍ଣକୁ ପବିତ୍ର କରିଅଛି ଯେଉଁ ମନ୍ଦିର, ଏହି ଦୁଇ ମଧ୍ୟରେ କଅଣ ଶ୍ରେଷ୍ଠ?
१७तुम्ही मूर्ख आंधळे आहात. सोने आणि परमेश्वराचे भवन यांपैकी कोणते अधिक महत्त्वाचे आहे? ते सोने किंवा भवन, जे त्या सोन्याला पवित्र बनवते.
18 ଆହୁରି କହୁଥାଅ, କେହି ବେଦିର ଶପଥ କଲେ ତାହା କିଛି ନୁହେଁ, ମାତ୍ର ଯେ କେହି ତାହା ଉପରେ ଥିବା ନୈବେଦ୍ୟର ଶପଥ କରେ, ସେ ତଦ୍ୱାରା ଆବଦ୍ଧ।
१८आणि तुम्ही असे म्हणता. जर एखादा वेदीची शपथ घेतो तर त्यामध्ये काही वावगे नाही. पण जर एखादा वेदीवरील अर्पणाची शपथ घेतो तर तो बांधलेला आहे.
19 ରେ ଅନ୍ଧମାନେ, ନୈବେଦ୍ୟ କିମ୍ବା ସେହି ନୈବେଦ୍ୟକୁ ପବିତ୍ର କରେ ଯେଉଁ ବେଦି, ଏହି ଦୁଇ ମଧ୍ୟରେ କେଉଁଟା ଶ୍ରେଷ୍ଠ?
१९तुम्ही आंधळे आहात कारण मोठे काय आहे? ते अर्पण की अर्पणाला पवित्र करणारी वेदी?
20 ଅତଏବ ଯେଉଁ ଲୋକ ବେଦିର ଶପଥ କରେ, ସେ ତ ତାହା ଓ ତାହା ଉପରେ ଥିବା ପଦାର୍ଥର ଶପଥ କରେ;
२०म्हणून जो वेदीची शपथ घेतो तो त्या वेदीबरोबर त्यावरच्या सर्वांची शपथ घेतो.
21 ଆଉ ଯେ ମନ୍ଦିରର ଶପଥ କରେ, ସେ ମନ୍ଦିର ଓ ତନ୍ନିବାସୀଙ୍କର ଶପଥ କରେ;
२१तसेच जो परमेश्वराच्या भवनाची शपथ घेतो तो भवन व त्यामध्ये राहणाऱ्या देवाची देखील शपथ घेतो.
22 ପୁଣି, ଯେ ସ୍ୱର୍ଗର ଶପଥ କରେ, ସେ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ସିଂହାସନ ଓ ତଦୁପବିଷ୍ଟଙ୍କର ଶପଥ କରେ।
२२जो स्वर्गाची शपथ घेतो तो देवाच्या आसनाची व त्यावर बसणाऱ्याचीही शपथ घेतो.
23 ହାୟ, ଦଣ୍ଡର ପାତ୍ର କପଟୀ ଶାସ୍ତ୍ରୀ ଓ ଫାରୂଶୀମାନେ, କାରଣ ତୁମ୍ଭେମାନେ ପୋଦିନା, ପାନମହୁରୀ ଓ ଜୀରାର ଦଶମାଂଶ ଦେଉଥାଅ, ଆଉ ମୋଶାଙ୍କ ବ୍ୟବସ୍ଥାର ଗୁରୁତର ବିଷୟଗୁଡ଼ିକ, ନ୍ୟାୟବିଚାର, ଦୟା ଓ ବିଶ୍ୱାସ, ଏହାସବୁ ପରିତ୍ୟାଗ କରିଅଛ; କିନ୍ତୁ ଏହି ସମସ୍ତ ପାଳନ କରିବା ଓ ଅନ୍ୟସବୁ ପରିତ୍ୟାଗ ନ କରିବା ଉଚିତ।
२३परूश्यांनो, नियमशास्त्राच्या शिक्षकांनो, तुम्ही दुःखी व्हाल. तुम्ही ढोंगी आहात! तुमचे जे काही आहे त्याचा दशांश तुम्ही देवाला देता; पुदिना, शेप, जिरे यांचा देखील दशांश देता. पण नियमशास्त्राच्या महत्त्वाच्या गोष्टी म्हणजे: न्याय, दया व विश्वास या गोष्टी तुम्ही सोडल्या आहेत; पण तुम्ही या करायच्या होत्या आणि त्या सोडावयाच्या नव्हत्या.
24 ରେ ଅନ୍ଧ ପଥପ୍ରଦର୍ଶକମାନେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ମଶାକୁ ଛାଣୁଥାଅ, କିନ୍ତୁ ଓଟକୁ ଗିଳୁଥାଅ।
२४तुम्ही आंधळे वाटाडे आहात. तुम्ही डास गाळून काढता व उंट गिळून टाकता.
25 ହାୟ, ଦଣ୍ଡର ପାତ୍ର କପଟୀ ଶାସ୍ତ୍ରୀ ଓ ଫାରୂଶୀମାନେ, କାରଣ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଗିନା ଓ ଥାଳିର ବାହାର ସଫା କରୁଥାଅ, ମାତ୍ର ଭିତରେ ସେଗୁଡ଼ାକ ଲୁଣ୍ଠନକର୍ମ ଓ ଇନ୍ଦ୍ରିୟସେବାରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ।
२५अहो परूश्यांनो, नियमशास्त्राच्या शिक्षकांनो, तुम्ही दुःखी व्हाल, तुम्ही ढोंगी आहात! तुम्ही आपल्या ताट व वाट्या बाहेरून साफ करता पण ते आतून अपहार आणि असंयम यांनी त्या आतून भरल्या आहेत.
26 ହେ ଅନ୍ଧ ଫାରୂଶୀ, ଆଗେ ଗିନାର ଭିତର ସଫା କର, ଯେପରି ସେଥିର ବାହାର ମଧ୍ୟ ସଫା ହେବ।
२६अहो परूश्यांनो, तुम्ही आंधळे आहात! अगोदर तुमची वाटी आतून घासा व धुवा म्हणजे ती बाहेरून देखील खरोखर साफ होईल.
27 ହାୟ, ଦଣ୍ଡର ପାତ୍ର କପଟୀ ଶାସ୍ତ୍ରୀ ଓ ଫାରୂଶୀମାନେ, କାରଣ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଧଳା ରଙ୍ଗର ସମାଧି ସରୂପ। ତାହା ବାହାରେ ସୁନ୍ଦର ଦେଖାଯାଏ, କିନ୍ତୁ ଭିତରେ ମୃତମାନଙ୍କ ଅସ୍ଥି ଓ ସର୍ବ ପ୍ରକାର ଅଶୁଚିତାରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ;
२७अहो परूश्यांनो नियमशास्त्राच्या शिक्षकांनो, तुम्ही दुःखी व्हाल. तुम्ही ढोंगी आहात! रंगसफेदी केलेल्या कबरांसारखे तुम्ही आहात. त्या वरून चांगल्या दिसतात पण आतून मरण पावलेल्या मनुष्यांच्या हाडांनी भरल्या आहेत.
28 ସେହି ପ୍ରକାରେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ମଧ୍ୟ ବାହାରେ ଲୋକଙ୍କ ଦୃଷ୍ଟିରେ ଧାର୍ମିକ ଦେଖାଯାଅ, କିନ୍ତୁ ଭିତରେ କପଟ ଓ ଅଧର୍ମରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ।”
२८तुम्ही सर्व लोकांस बाहेरून नीतिमान दिसता पण तुम्ही आतून ढोंग व दुष्टपणा यांनी भरलेले आहात.
29 “ହାୟ, ଦଣ୍ଡର ପାତ୍ର କପଟୀ ଶାସ୍ତ୍ରୀ ଓ ଫାରୂଶୀମାନେ, କାରଣ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଭାବବାଦୀମାନଙ୍କର ସମାଧି ନିର୍ମାଣ କରି ଓ ଧାର୍ମିକମାନଙ୍କ ସମାଧିସ୍ତମ୍ଭ ସଜାଇ କହୁଥାଅ,
२९अहो परूश्यांनो, नियमशास्त्राच्या शिक्षकांनो, तुम्ही दुःखी व्हाल. तुम्ही ढोंगी आहात! तुम्ही संदेष्ट्यांच्या कबरा बांधता आणि जे लोक नीतिमान जीवन जगले त्यांच्या कबरा सजवता.
30 ଆମ୍ଭେମାନେ ଯେବେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ପିତୃ-ପୁରୁଷଙ୍କ ସମୟରେ ଥାଆନ୍ତୁ, ତେବେ ଭାବବାଦୀମାନଙ୍କ ରକ୍ତପାତରେ ସେମାନଙ୍କର ସହଭାଗୀ ହୋଇ ନ ଥାଆନ୍ତୁ।
३०आणि तुम्ही म्हणता जर आम्ही आमच्या वाडवडिलांच्या काळात जिवंत असतो तर संदेष्ट्यांच्या रक्तात त्यांचे भागीदार झालो नसतो.
31 ଏଣୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯେ ଭାବବାଦୀଙ୍କ ହତ୍ୟାକାରୀମାନଙ୍କର ସନ୍ତାନ ଅଟ, ସେ ବିଷୟରେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ହିଁ ଆପଣା ଆପଣା ବିଷୟରେ ସାକ୍ଷ୍ୟ ଦେଉଅଛ।
३१पण ज्यांनी ज्यांनी संदेष्ट्यांना जिवे मारले, त्यांचेच तुम्ही वंशज आहात असा स्वतःविषयी पुरावा तुम्ही देता.
32 ତୁମ୍ଭେମାନେ ନିଜ ନିଜ ପିତୃ-ପୁରୁଷଙ୍କର ପରିମାଣ ପୂର୍ଣ୍ଣ କର।
३२पुढे व्हा आणि तुमच्या वाडवडिलांनी सुरू केलेली पापी कामे पूर्ण करा.
33 ଆରେ ସର୍ପଗୁଡ଼ାକ, ଆରେ କାଳସର୍ପର ବଂଶ, ତୁମ୍ଭେମାନେ କିପ୍ରକାରେ ନର୍କ ଦଣ୍ଡରୁ ରକ୍ଷା ପାଇବ? (Geenna g1067)
३३तुम्ही साप व विषारी सापाची पिल्ले आहात. तुम्ही नरकाच्या शिक्षेपासून कसे पळाल? (Geenna g1067)
34 ଏଣୁ ଦେଖ, ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ଭାବବାଦୀ, ଜ୍ଞାନୀ ଓ ଶାସ୍ତ୍ରୀମାନଙ୍କୁ ପ୍ରେରଣ କରୁଅଛି; ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ କାହା କାହାକୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ହତ୍ୟା କରିବ ଓ କ୍ରୁଶରେ ବଧ କରିବ, ଆଉ କାହା କାହାକୁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ସମାଜଗୃହରେ କୋରଡ଼ା ମାରିବ ଓ ନଗରକୁ ନଗର ତାଡ଼ନା କରିବ,
३४मी तुम्हास सांगतो की मी तुमच्याकडे संदेष्टे, ज्ञानी लोक आणि शिक्षक पाठवत आहे. त्यांच्यातील काहींना तुम्ही जिवे माराल. त्यांपैकी काहींना वधस्तंभावर खिळाल. त्यांच्यातील काहींना तुमच्या सभास्थानात फटके माराल आणि एका नगरातून दुसऱ्या नगरात तुम्ही त्यांचा पाठलाग कराल.
35 ଯେପରି ଧାର୍ମିକ ହେବଲଙ୍କ ରକ୍ତପାତଠାରୁ, ଯେଉଁ ବେରିଖୀୟଙ୍କ ପୁତ୍ର ଜିଖରୀୟଙ୍କୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ମନ୍ଦିରର ପବିତ୍ର ସ୍ଥାନ ଓ ବେଦିର ମଧ୍ୟସ୍ଥଳରେ ବଧ କଲ, ତାହାଙ୍କ ରକ୍ତପାତ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପୃଥିବୀରେ ଯେତେ ଧାର୍ମିକ ଲୋକଙ୍କର ରକ୍ତପାତ ହୋଇଅଛି, ସେହି ସମସ୍ତ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ଉପରେ ଘଟିବ।
३५म्हणजे नीतिमान हाबेल याच्या रक्तापासून तुम्ही ज्याला वेदी आणि पवित्रस्थान यांच्यामध्ये ठार मारले तो बरख्याचा पुत्र जखऱ्या याच्या रक्तापर्यंत, सर्व नीतिमान लोकांचे रक्त पृथ्वीवर पाडण्यात आले आहे त्यांचा दोष तुमच्यावर यावा.
36 ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ସତ୍ୟ କହୁଅଛି, ଏହି ବର୍ତ୍ତମାନ ପୁରୁଷ ଉପରେ ଏହି ସମସ୍ତ ଘଟିବ।”
३६मी तुम्हास खरे सांगतो; या सर्व गोष्टीची शिक्षा तुमच्या पिढीवर येईल.”
37 “ଗୋ ଯିରୂଶାଲମ, ଗୋ ଯିରୂଶାଲମ, ଭାବବାଦୀମାନଙ୍କ ହତ୍ୟାକାରିଣୀ ଓ ଆପଣା ନିକଟକୁ ପ୍ରେରିତମାନଙ୍କ ପ୍ରସ୍ତରାଘାତକାରିଣୀ, କୁକ୍କୁଟୀ ଯେପରି ପକ୍ଷ ତଳେ ଆପଣା ଶାବକମାନଙ୍କୁ ଏକତ୍ର କରେ, ସେପରି ମୁଁ କେତେ ଥର ତୋହର ସନ୍ତାନମାନଙ୍କୁ ଏକତ୍ର କରିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କଲି, କିନ୍ତୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଇଚ୍ଛୁକ ହେଲ ନାହିଁ।
३७“हे, यरूशलेमे, यरूशलेमे, संदेष्ट्यांना ठार मारणाऱ्या, देवाने तुझ्याकडे पाठवलेल्यांना दगडमार करणाऱ्या, कोंबडी जशी आपल्या पिल्लांना पंखाखाली एकवटते तसे तुझ्या मुलांबाळांना एकवटण्याची पुष्कळ वेळा माझी इच्छा होती, पण तुमची इच्छा नव्हती.
38 ଦେଖ, ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ଘର ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ହାତରେ ଛାଡ଼ି ଦିଆଯାଉଅଛି।
३८पाहा, आता तुमचे घर तुमच्यासाठी ओसाड होईल.
39 କାରଣ ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ କହୁଅଛି, ‘ପ୍ରଭୁଙ୍କ ନାମରେ ଯେ ଆସୁଅଛନ୍ତି, ସେ ଧନ୍ୟ,’ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଏହି କଥା ନ କହିବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଆଜିଠାରୁ ମୋତେ ନିଶ୍ଚୟ ଆଉ ଦେଖିବ ନାହିଁ।”
३९मी तुला सांगतो, प्रभूच्या नावाने येणारा धन्यवादित असो. असे म्हणेपर्यंत तू मला पाहणारच नाहीस.”

< ମାଥିଉ 23 >