< ମାର୍କ 15 >

1 ପ୍ରଭାତ ହେବାମାତ୍ରେ ସମସ୍ତେ ମହାସଭା, ଅର୍ଥାତ୍‍ ପ୍ରାଚୀନ ଓ ଶାସ୍ତ୍ରୀମାନଙ୍କ ସହିତ ପ୍ରଧାନ ଯାଜକମାନେ ସଭା କରି ଯୀଶୁଙ୍କୁ ବାନ୍ଧି ଘେନିଯାଇ ପୀଲାତଙ୍କ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କଲେ।
पहाट होताच मुख्य याजक लोक, वडीलजन, नियमशास्त्राचे शिक्षक व सर्व यहूदी सभा यांनी मसलत करून येशूला बांधून पिलाताच्या ताब्यात दिले.
2 ପୀଲାତ ତାହାଙ୍କୁ ପଚାରିଲେ, ତୁମ୍ଭେ କି ଯିହୁଦୀମାନଙ୍କର ରାଜା? ସେ ତାହାଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଦେଲେ, “ଆପଣ କହୁଅଛନ୍ତି।”
पिलाताने त्यास विचारले, तू यहूद्यांचा राजा आहेस काय? येशूने उत्तर दिले, “तू म्हणतोस तसेच.”
3 ଆଉ ପ୍ରଧାନ ଯାଜକମାନେ ଯୀଶୁଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଅନେକ ଅଭିଯୋଗ କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
मुख्य याजकांनी पुष्कळ बाबतीत येशूवर आरोप ठेवले.
4 ସେଥିରେ ପୀଲାତ ପୁନର୍ବାର ତାହାଙ୍କୁ ପଚାରିଲେ, ତୁମ୍ଭେ କିଛି ଉତ୍ତର ଦେଉ ନାହଁ? ଦେଖ, ଏମାନେ ତୁମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ କେତେ ଅଭିଯୋଗ କରୁଅଛନ୍ତି।
मग पिलाताने त्यास पुन्हा प्रश्न विचारला, तू उत्तर देणार नाहीस काय? पाहा, ते कितीतरी गोष्टींविषयी तुझ्यावर आरोप करत आहेत!
5 କିନ୍ତୁ ଯୀଶୁ ଆଉ କୌଣସି ଉତ୍ତର ଦେଲେ ନାହିଁ, ସେଥିରେ ପୀଲାତ ଚମତ୍କୃତ ହେଲେ।
पण तरीही येशूने उत्तर दिले नाही म्हणून पिलाताला आश्चर्य वाटले.
6 ମାତ୍ର ପର୍ବ ସମୟରେ ଲୋକମାନେ ଯେଉଁ ବନ୍ଦୀକୁ ମାଗୁଥିଲେ, ତାହାକୁ ସେ ସେମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ମୁକ୍ତ କରୁଥିଲେ।
वल्हांडण सणाच्या वेळी ते कोणत्याही एका कैद्याच्या सुटकेची मागणी करीत असत. त्यास पिलात रिवाजाप्रमाणे लोकांसाठी सोडत असे.
7 ଯେଉଁ ବିପ୍ଳବୀମାନେ ବିପ୍ଳବ ସମୟରେ ନରହତ୍ୟା କରିଥିଲେ, ସେମାନଙ୍କ ସହିତ ବାରବ୍ବା ନାମକ ଜଣେ ଲୋକ ବନ୍ଦୀ ଥିଲା।
बरब्बा नावाचा एक मनुष्य, बंडखोरांबरोबर तुरुंगात होता. त्याने दंगलीमध्ये खून केल्याबद्दल त्यास पकडण्यात आले होते.
8 ତେଣୁ ଲୋକସମୂହ ଉପରକୁ ଯାଇ ତାହାଙ୍କୁ ଆପଣା ରୀତି ଅନୁସାରେ କରିବା ନିମନ୍ତେ ଅନୁରୋଧ କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
लोक आले आणि पिलाताला तो नेहमी त्यांच्यासाठी करीत असे तसे करायला लावले.
9 ସେଥିରେ ପୀଲାତ ସେମାନଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଦେଲେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ କଅଣ ଇଚ୍ଛା କରୁଅଛ? ଆମ୍ଭେ କଅଣ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଯିହୁଦୀମାନଙ୍କ ରାଜାଙ୍କୁ ମୁକ୍ତ କରିଦେବା?
पिलाताने विचारले, तुमच्यासाठी यहूद्यांच्या राजाला सोडावे अशी तुमची इच्छा आहे काय?
10 କାରଣ ପ୍ରଧାନ ଯାଜକମାନେ ଯେ ଈର୍ଷାରେ ତାହାଙ୍କୁ ସମର୍ପଣ କରିଥିଲେ, ତାହା ସେ ବୁଝିଲେ।
१०पिलात असे म्हणाला कारण त्यास माहीत होते की, द्वेषामुळे मुख्य याजकांनी येशूला धरुन दिले होते.
11 ମାତ୍ର ସେ ଯେପରି ସେମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ବରଂ ବାରବ୍ବାକୁ ମୁକ୍ତ କରନ୍ତି, ସେଥିପାଇଁ ପ୍ରଧାନ ଯାଜକମାନେ ଲୋକସମୂହକୁ ମତାଇଲେ।
११परंतु पिलाताने त्याच्याऐवजी बरब्बाला सोडावे असे मुख्य याजकांनी लोकांस चिथवले.
12 କିନ୍ତୁ ପୀଲାତ ପୁନର୍ବାର ସେମାନଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଦେଲେ, ତେବେ ଯାହାକୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯିହୁଦୀମାନଙ୍କର ରାଜା ବୋଲି କହୁଅଛ, ତାହା ପ୍ରତି ଆମ୍ଭେ କଅଣ କରିବା?
१२परंतु पिलात त्यांना पुन्हा म्हणाला, तर मग तुम्ही ज्याला यहूद्यांचा राजा म्हणता त्याचे मी काय करावे अशी तुमची इच्छा आहे?
13 ଲୋକସମୂହ ପୁଣି, ଚିତ୍କାର କଲେ, ତାହାକୁ କ୍ରୁଶରେ ଚଢ଼ାଅ।
१३ते पुन्हा मोठ्याने ओरडले, त्यास वधस्तंभावर खिळा!
14 ସେଥିରେ ପୀଲାତ ସେମାନଙ୍କୁ ପଚାରିଲେ, କାହିଁକି, ସେ କି ଦୋଷ କରିଅଛି? କିନ୍ତୁ ସେମାନେ ଅତ୍ୟନ୍ତ ଚିତ୍କାର କଲେ, ତାହାକୁ କ୍ରୁଶରେ ଚଢ଼ାଅ।
१४पिलाताने पुन्हा विचारले, का? त्याने कोणता गुन्हा केला आहे? ते सर्व अधिकच मोठ्याने ओरडले, त्यास वधस्तंभावर खिळा!
15 ଏଣୁ ପୀଲାତ ଲୋକସମୂହକୁ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ କରିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରି ସେମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ବାରବ୍ବାକୁ ମୁକ୍ତ କଲେ, ପୁଣି, ଯୀଶୁଙ୍କୁ କୋରଡ଼ା ପ୍ରହାର କରାଇ କ୍ରୁଶରେ ଚଢ଼ାଇବା ନିମନ୍ତେ ସମର୍ପଣ କଲେ।
१५पिलाताला लोकांस खूश करायचे होते म्हणून त्याने त्यांच्यासाठी बरब्बाला सोडले आणि येशूला फटके मारून वधस्तंभावर खिळण्यासाठी शिपायांच्या स्वाधीन केले.
16 ସେଥିରେ ସୈନ୍ୟମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ପ୍ରାଙ୍ଗଣ, ଅର୍ଥାତ୍‍ ପ୍ରାସାଦ ଭିତରକୁ ଘେନିଯାଇ ସମସ୍ତ ସୈନ୍ୟଦଳକୁ ଡାକି ଏକତ୍ର କଲେ।
१६शिपायांनी येशूला राज्यपालाच्या वाड्यात, प्रयतोर्यमात म्हणजे कचेरीत नेले आणि त्यांनी सैनिकांची एक तुकडीच एकत्र बोलावली.
17 ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ କୃଷ୍ଣଲୋହିତ ବର୍ଣ୍ଣର ବସ୍ତ୍ର ପିନ୍ଧାଇଲେ ଓ କଣ୍ଟାର ମୁକୁଟ ବନାଇ ତାହାଙ୍କ ମସ୍ତକରେ ଦେଲେ;
१७त्यांनी त्याच्या अंगावर जांभळा झगा घातला व काटयाचा मुकुट करून त्यास घातला.
18 ଆଉ, ହେ ଯିହୁଦୀମାନଙ୍କ ରାଜା, ନମସ୍କାର, ଏହା କହି ତାହାଙ୍କର ବନ୍ଦନା କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
१८ते त्यास मुजरा करू लागले आणि म्हणू लागले, यहूद्यांच्या राजाचा जयजयकार असो.
19 ପୁଣି, ସେମାନେ ଗୋଟିଏ ନଳ ଘେନି ତାହାଙ୍କ ମୁଣ୍ଡରେ ଆଘାତ କଲେ, ଆଉ ଆଣ୍ଠୁ ମାଡ଼ି ପ୍ରଣାମ କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
१९त्यांनी वेताच्या काठीने वारंवार त्याच्या डोक्यावर मारले. त्याच्यावर थुंकले आणि गुडघे टेकून त्यास वंदन केले.
20 ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ପରିହାସ କଲା ଉତ୍ତାରେ ସେହି କୃଷ୍ଣଲୋହିତ ବର୍ଣ୍ଣର ବସ୍ତ୍ର କାଢ଼ିନେଇ ତାହାଙ୍କର ନିଜ ବସ୍ତ୍ର ପିନ୍ଧାଇଲେ। ପୁଣି, ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ କ୍ରୁଶରେ ଚଢ଼ାଇବା ନିମନ୍ତେ ବାହାରକୁ ଘେନିଗଲେ।
२०त्यांनी त्याची थट्टा केल्यावर त्याच्या अंगावरून जांभळा झगा काढून घेतला व त्याचे स्वतःचे कपडे त्यास घातले. नंतर वधस्तंभावर खिळणे शक्य व्हावे म्हणून ते त्यास बाहेर घेऊन गेले.
21 ସେତେବେଳେ ଆଲେକ୍‌ଜାଣ୍ଡର ଓ ରୂଫଙ୍କ ପିତା ଶିମୋନ ନାମକ ଜଣେ କୂରୀଣୀୟ ଲୋକ ପଲ୍ଲୀଗ୍ରାମରୁ ଆସି ସେହି ବାଟ ଦେଇ ଯାଉଥିଲେ; ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ତାହାଙ୍କର କ୍ରୁଶ ବୋହିବା ପାଇଁ ବାଧ୍ୟ କଲେ।
२१वाटेत त्यांना कुरेनेकर शिमोन नावाचा एक मनुष्य दिसला. तो आलेक्सांद्र व रूफ यांचा पिता होता व आपल्या रानातून घरी परत चालला होता. मग सैनिकांनी त्यास जबरदस्तीने येशूचा वधस्तंभ वहावयास लावले.
22 ଆଉ ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ଗଲ୍‌ଗଥା, ଅର୍ଥାତ୍‍ କପାଳସ୍ଥଳ ନାମକ ସ୍ଥାନକୁ ଆଣିଲେ।
२२आणि त्यांनी येशूला गुलगुथा म्हणजे कवटीची जागा म्हटलेल्या ठिकाणी आणले.
23 ପୁଣି, ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ଗନ୍ଧରସ ମିଶ୍ରିତ ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ପିଇବାକୁ ଦେଲେ, କିନ୍ତୁ ସେ ତାହା ଗ୍ରହଣ କଲେ ନାହିଁ।
२३त्यांनी त्यास बोळ मिसळलेला द्राक्षरस दिला परंतु त्याने तो घेतला नाही.
24 ପରେ ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ କ୍ରୁଶରେ ଚଢ଼ାଇଲେ, ପୁଣି, କିଏ କଅଣ ପାଇବ, ତାହା ଗୁଲିବାଣ୍ଟ ଦ୍ୱାରା ସ୍ଥିର କରି ତାହାଙ୍କ ବସ୍ତ୍ରସବୁ ଆପଣା ଆପଣା ମଧ୍ୟରେ ଭାଗ କରି ନେଲେ।
२४त्यांनी त्यास वधस्तंभावर खिळले, कोणी कोणते कपडे घ्यावे यासाठी त्यांनी चिठठ्या टाकल्या व त्याचे कपडे वाटून घेतले.
25 ଦିନ ନଅ ଘଣ୍ଟା ସମୟରେ ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ କ୍ରୁଶରେ ଚଢ଼ାଇଲେ।
२५त्यांनी त्यास वधस्तंभावर खिळले तेव्हा दिवसाचा तिसरा तास झाला होता.
26 ଆଉ ତାହାଙ୍କ ଅଭିଯୋଗ ଲିପିରେ ଏହା ଲେଖା ଥିଲା, ଯିହୁଦୀମାନଙ୍କର ରାଜା।
२६आणि त्याच्यावर त्याच्या दोषारोपाचा लेख, “यहूद्यांचा राजा” असा लिहिला होता.
27 ପୁଣି, ତାହାଙ୍କ ଦକ୍ଷିଣ ପାର୍ଶ୍ୱରେ ଜଣେ ଓ ବାମ ପାର୍ଶ୍ୱରେ ଜଣେ, ଏହିପରି ଦୁଇ ଜଣ ଡକାଇତମାନଙ୍କୁ ସେମାନେ ତାହାଙ୍କ ସହିତ କ୍ରୁଶରେ ଚଢ଼ାଇଦେଲେ।
२७त्यांनी त्याच्याबरोबर दोन लुटारूंना एकाला त्याच्या उजवीकडे व दुसऱ्याला त्याच्या डावीकडे वधस्तंभावर खिळले होते.
28 [ସେଥିରେ ଧର୍ମଶାସ୍ତ୍ରର ଏହି ବାକ୍ୟ ସଫଳ ହେଲା, ସେ ଅଧାର୍ମିକମାନଙ୍କ ସହିତ ଗଣିତ ହେଲେ।]
२८
29 ସେହି ବାଟ ଦେଇ ଯାଉଥିବା ଲୋକମାନେ ଆପଣା ଆପଣା ମୁଣ୍ଡ ହଲାଇ ତାହାଙ୍କର ନିନ୍ଦା କରି କହିବାକୁ ଲାଗିଲେ, ବାଃ! ରେ ମନ୍ଦିର-ଭଗ୍ନକାରୀ ଓ ତିନି ଦିନରେ ତାହା ନିର୍ମାଣକାରୀ,
२९जवळून जाणारे लोक त्याची निंदा करीत होते. ते आपली डोकी हलवून म्हणाले, अरे! परमेश्वराचे भवन पाडून ते तीन दिवासात बांधणारा तो तूच ना!
30 କ୍ରୁଶରୁ ଓହ୍ଲାଇ ଆପଣାକୁ ରକ୍ଷା କର।
३०वधस्तंभावरुन खाली ये आणि स्वतःला वाचव.
31 ପ୍ରଧାନ ଯାଜକମାନେ ମଧ୍ୟ ସେହି ପ୍ରକାରେ ଶାସ୍ତ୍ରୀମାନଙ୍କ ସହିତ ପରସ୍ପର ମଧ୍ୟରେ ତାହାଙ୍କୁ ପରିହାସ କରି କହିବାକୁ ଲାଗିଲେ, ସେ ଅନ୍ୟମାନଙ୍କୁ ରକ୍ଷା କଲା, ନିଜକୁ ରକ୍ଷା କରିପାରୁ ନାହିଁ।
३१तसेच मुख्य याजकांनी, नियमशास्त्राच्या शिक्षकांनी येशूची थट्टा केली आणि एकमेकास म्हणाले, त्याने दुसऱ्यांचे तारण केले पण त्यास स्वतःचा बचाव करता येत नाही!
32 ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଖ୍ରୀଷ୍ଟ ଏହିକ୍ଷଣି କ୍ରୁଶରୁ ଓହ୍ଲାଇ ଆସନ୍ତୁ, ଯେପରି ଆମ୍ଭେମାନେ ତାହା ଦେଖି ବିଶ୍ୱାସ କରିବା। ପୁଣି, ଯେଉଁମାନେ ତାହାଙ୍କ ସହିତ କ୍ରୁଶରେ ଚଢ଼ାଯାଇଥିଲେ, ସେମାନେ ସୁଦ୍ଧା ତାହାଙ୍କୁ ନିନ୍ଦା କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
३२या इस्राएलाचा राजा ख्रिस्त याला वधस्तंभावरुन खाली येऊ द्या मग आम्ही ते पाहू आणि त्याच्यावर विश्वास ठेवू आणि जे त्याच्याबरोबर वधस्तंभावर खिळले होते त्यांनी देखील त्याचा अपमान केला.
33 ଦିନ ବାର ଘଣ୍ଟା ସମୟରେ ଦେଶଯାକ ଅନ୍ଧକାର ଘୋଟିଯାଇ ଦିନ ତିନି ଘଣ୍ଟା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ରହିଲା।
३३दुपारची वेळ झाली. सगळ्या देशभर अंधार पडला, तो अंधार दुपारी तीन वाजेपर्यंत राहिला.
34 ତିନି ଘଣ୍ଟା ସମୟରେ ଯୀଶୁ ଉଚ୍ଚସ୍ୱରରେ ଡାକି କହିଲେ, “ଏଲୀ, ଏଲୀ, ଲାମା ଶବକ୍‌ଥାନୀ?” ଅର୍ଥାତ୍‍ “ହେ ମୋହର ଈଶ୍ବର, ହେ ମୋହର ଈଶ୍ବର, ତୁମ୍ଭେ କାହିଁକି ମୋତେ ପରିତ୍ୟାଗ କଲ?”
३४मग तीन वाजता येशू मोठ्याने आरोळी मारून म्हणाला, “एलोई, एलोई, लमा सबकथनी, म्हणजे, माझ्या देवा, माझ्या देवा, तू माझा त्याग का केलास?”
35 ଏହା ଶୁଣି ପାଖରେ ଠିଆ ହୋଇଥିବା ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ କେହି କେହି କହିଲେ, ଦେଖ, ସେ ଏଲୀୟଙ୍କୁ ଡାକୁଅଛି।
३५जवळ उभे असलेल्या काहीजणांनी हे ऐकले तेव्हा ते म्हणाले, ऐका, तो एलीयाला बोलवत आहे.
36 ପୁଣି, ଜଣେ ଦୌଡ଼ିଯାଇ ଗୋଟିଏ ଏଜୋବ ଅମ୍ଳରସରେ ପୂର୍ଣ୍ଣ କରି ତାହା ଖଣ୍ଡିଏ ନଳରେ ଲଗାଇ ତାହାଙ୍କୁ ପାନ କରିବାକୁ ଦେଇ କହିଲା, ରୁହ, ଏଲୀୟ ଏହାକୁ ଓହ୍ଲାଇବାକୁ ଆସୁଅଛନ୍ତି କି ନାହିଁ ଦେଖିବା।
३६एकजण धावत गेला. त्याने स्पंज आंबेत बुडवून भरला. वेताच्या काठीवर ठेवला व तो येशूला पिण्यास दिला आणि म्हणाला, थांबा! एलीया येऊन त्यास खाली उतरवायला येतो की काय हे आपण पाहू.
37 କିନ୍ତୁ ଯୀଶୁ ଉଚ୍ଚସ୍ୱର କରି ପ୍ରାଣତ୍ୟାଗ କଲେ।
३७मग मोठ्याने आरोळी मारून येशूने प्राण सोडला.
38 ପୁଣି, ମନ୍ଦିରର ବିଚ୍ଛେଦବସ୍ତ୍ର ଉପରୁ ତଳ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଚିରି ଦୁଇ ଖଣ୍ଡ ହେଲା।
३८तेव्हा परमेश्वराच्या भवनातील पडदा वरपासून खालपर्यंत फाटला व त्याचे दोन भाग झाले.
39 ତାହାଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ଠିଆ ହୋଇଥିବା ଶତ-ସେନାପତି ତାହାଙ୍କର ଏହି ପ୍ରକାର ପ୍ରାଣତ୍ୟାଗ ଦେଖି କହିଲେ, ସତ୍ୟ, ଏହି ବ୍ୟକ୍ତି ଈଶ୍ବରଙ୍କ ପୁତ୍ର ଥିଲେ।
३९येशूच्या पुढे उभे आलेल्या अधिकाऱ्याने जेव्हा त्याची आरोळी ऐकली आणि तो कसा मरण पावला हे पाहिले तेव्हा तो म्हणाला, खरोखर हा मनुष्य देवाचा पुत्र होता.
40 କେତେକ ସ୍ତ୍ରୀଲୋକ ମଧ୍ୟ ଦୂରରୁ ଦେଖୁଥିଲେ; ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ମଗ୍‌ଦଲୀନୀ ମରୀୟମ, ସାନ ଯାକୁବ ଓ ଯୋସିଙ୍କ ମାତା ମରୀୟମ, ପୁଣି, ଶଲୋମୀ ଥିଲେ;
४०तेथे असलेल्या काही स्त्रिया दुरून पाहत होत्या. त्यांच्यामध्ये मग्दालीया नगराची मरीया, याकोब व योसेफ यांची आई मरीया व सलोमी या होत्या.
41 ସେ ଗାଲିଲୀରେ ଥିବା ସମୟରେ ସେମାନେ ତାହାଙ୍କ ପଶ୍ଚାତ୍‌ଗମନ କରି ତାହାଙ୍କର ସେବା କରୁଥିଲେ; ତାହାଙ୍କ ସହିତ ଯିରୂଶାଲମ ସହରକୁ ଆସିଥିବା ଆହୁରି ଅନେକ ସ୍ତ୍ରୀଲୋକ ମଧ୍ୟ ଦେଖୁଥିଲେ।
४१येशू जेव्हा गालील प्रांतात होता तेव्हा या स्त्रिया त्याच्यामागे जात व त्याची सेवा करीत असत. याशिवाय त्याच्याबरोबर यरूशलेम शहरापर्यंत आलेल्या इतर अनेक स्त्रियाही होत्या.
42 ବେଳ ଗଡ଼ିଆସନ୍ତେ ସେହି ଦିନ ଆୟୋଜନ ଦିନ, ଅର୍ଥାତ୍‍ ବିଶ୍ରାମବାରର ପୂର୍ବ ଦିନ ଥିବାରୁ,
४२त्या सुमारास संध्याकाळ झाली होती आणि तो तयारीचा म्हणजे शब्बाथाच्या आधीचा दिवस होता.
43 ହାରାମାଥୀୟାର ଯୋଷେଫ ନାମକ ମହାସଭାର ଜଣେ ସମ୍ଭ୍ରାନ୍ତ ସଭ୍ୟ, ଯେ ନିଜେ ମଧ୍ୟ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ରାଜ୍ୟର ଅପେକ୍ଷାରେ ଥିଲେ, ସେ ସାହସ ପୂର୍ବକ ପୀଲାତଙ୍କ ନିକଟକୁ ଯାଇ ଯୀଶୁଙ୍କ ଶରୀର ମାଗିଲେ।
४३योसेफ अरिमथाईकर न्यायसभेचा माननीय सभासद होता व तो सुद्धा देवाचे राज्य येण्याची वाट पाहत होता. तो योसेफ धैर्याने पिलाताकडे गेला आणि त्याने येशूचे शरीर मागितले.
44 କିନ୍ତୁ ସେ ଯେ ମରିଗଲେଣି, ଏହା ଶୁଣି ପୀଲାତ ଚମତ୍କୃତ ହେଲେ, ଆଉ ଶତ-ସେନାପତିଙ୍କୁ ନିକଟକୁ ଡକାଇ ତାହାଙ୍କୁ ପଚାରିଲେ, ସେ କଅଣ ବହୁତ ବେଳ ହେଲା ମଲେଣି?
४४येशू इतक्या लवकर कसा मरण पावला याचे पिलाताला आश्चर्य वाटले. मग त्याने सेनाधिकारी बोलावले आणि त्यांना विचारले. येशूला मरून बराच वेळ झाला की काय?
45 ଶତ-ସେନାପତିଙ୍କଠାରୁ ତାହା ଜ୍ଞାତ ହୋଇ ସେ ଶବଟି ଯୋଷେଫଙ୍କୁ ଦେଲେ।
४५सेनाधिकाऱ्याकडून ते कळाल्यावर, तेव्हा त्याने ते शरीर योसेफाला दिले.
46 ସେ ଖଣ୍ଡିଏ ସୂକ୍ଷ୍ମ ବସ୍ତ୍ର କିଣି ତାହାଙ୍କୁ ଓହ୍ଲାଇ ଆଣି ସେଥିରେ ତାହାଙ୍କୁ ଗୁଡ଼ାଇଲେ ଓ ପାହାଡ଼ରେ ଖୋଳା ହୋଇଥିବା ଗୋଟିଏ ସମାଧିରେ ତାହାଙ୍କୁ ଥୋଇଦେଇ ସମାଧି ଦ୍ୱାରରେ ଖଣ୍ଡିଏ ପଥର ଗଡ଼ାଇଦେଲେ।
४६मग योसेफाने तागाचे वस्त्र विकत आणले आणि येशूला वधस्तंभावरुन खाली काढले व त्यास तागाच्या वस्त्रात गुंडाळून ते त्याने खडकात खोदलेल्या कबरेत ठेवले. नंतर त्याने कबरेच्या तोंडावर दगड बसविला.
47 ତାହାଙ୍କୁ କେଉଁ ସ୍ଥାନରେ ରଖାଗଲା, ତାହା ମଗ୍‌ଦଲୀନୀ ମରୀୟମ ଓ ଯୋସିଙ୍କ ମାତା ମରୀୟମ ଦେଖିଲେ।
४७येशूला कोठे ठेवले हे मग्दालीया नगराची मरीया आणि याकोब व योसेफ यांची आई मरीया पाहत होत्या.

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