< ଲୂକ 1 >
1 ଆରମ୍ଭରୁ ଯେଉଁମାନେ ଚାକ୍ଷୁଷ ସାକ୍ଷୀ ଓ ବାକ୍ୟର ପରିଚାରକ, ସେମାନେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ସମର୍ପଣ କରିବା ଅନୁସାରେ,
१ज्या गोष्टींची आम्हास पक्की खातरी आहे त्या गोष्टी जे प्रारंभापासून प्रत्यक्ष पाहाणारे व शब्दाचे सेवक होते,
2 ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଘଟିଥିବା ଘଟଣାବଳୀର ବିବରଣ ଅନେକେ ଶୃଙ୍ଖଳିତ ରୂପେ ଲିପିବଦ୍ଧ କରିବାକୁ ଆଗ୍ରହ ପ୍ରକାଶ କରିଅଛନ୍ତି।
२त्यांनी त्या जशा आम्हास सोपवून दिल्या त्या तशाच सांगाव्या म्हणून त्यांविषयीचा वृत्तांत अनुक्रमाने लिहून काढण्याचे काम पुष्कळांनी हाती घेतले आहे.
3 ଅତଏବ, ହେ ମାନ୍ୟବର ଥୀୟଫିଲ, ଆରମ୍ଭରୁ ସମସ୍ତ ବିଷୟ ସୂକ୍ଷ୍ମ ରୂପେ ଅନୁସନ୍ଧାନ କରି ସେଥିର ଧାରାବାହିକ ବିବରଣ ଆପଣଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଲେଖିବାକୁ ମୁଁ ମଧ୍ୟ ଉଚିତ୍ ମନେ କଲି,
३म्हणून हे थियफिला महाराज, मी सर्व गोष्टींचा मुळापासून चांगला शोध केल्यामुळे मलाही हे बरे वाटले की, या सर्व घटनांविषयीची माहिती आपणाला व्यवस्थित पणे माहिती लिहावी.
4 ଯେପରି ଆପଣ ଯେ ସମସ୍ତ ବିଷୟ ଶିକ୍ଷା ପାଇଅଛନ୍ତି, ସେସବୁର ନିଶ୍ଚୟତା ଜାଣି ପାରନ୍ତି।
४यासाठी की ज्या गोष्टींचे शिक्षण आपल्याला मिळाले आहे त्यांचा निश्चितपणा आपण पूर्णपणे जाणावा.
5 ଯିହୂଦିୟା ପ୍ରଦେଶର ରାଜା ହେରୋଦଙ୍କ ସମୟରେ ଅବିୟଙ୍କ ଦଳର ଜିଖରୀୟ ନାମରେ ଜଣେ ଯାଜକ ଥିଲେ; ତାହାଙ୍କ ଭାର୍ଯ୍ୟା ହାରୋଣ ବଂଶର କନ୍ୟା, ତାହାଙ୍କର ନାମ ଏଲୀଶାବେଥ।
५यहूदीया प्रांताचा राजा हेरोद याच्या दिवसात, जखऱ्या नावाचा कोणी याजक होता. तो अबीयाच्या याजक घराण्यातील असून त्याची पत्नी अहरोनाच्या वंशातील होती व तिचे नाव अलीशिबा होते.
6 ସେମାନେ ଉଭୟେ ପ୍ରଭୁଙ୍କର ସମସ୍ତ ଆଜ୍ଞା ଓ ନିୟମ ଅନୁସାରେ ନିର୍ଦ୍ଦୋଷ ରୂପେ ଆଚରଣ କରି ଈଶ୍ବରଙ୍କ ଦୃଷ୍ଟିରେ ଧାର୍ମିକ ଥିଲେ।
६ते दोघेही देवापुढे नीतिमान होते आणि प्रभूच्या सर्व आज्ञा व विधीत निर्दोषपणे चालत असत.
7 କିନ୍ତୁ ସେମାନଙ୍କର ସନ୍ତାନ ନ ଥିଲା, କାରଣ ଏଲୀଶାବେଥ ବନ୍ଧ୍ୟା ଥିଲେ, ପୁଣି, ଉଭୟଙ୍କ ବୟସ ଅଧିକ ହୋଇଯାଇଥିଲା।
७परंतु त्यांना मूल नव्हते कारण अलीशिबा वांझ होती, शिवाय ते दोघेही फार म्हातारे झाले होते.
8 ସେ ଆପଣା ଦଳର ପାଳି ଅନୁସାରେ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ନିକଟରେ ଯାଜକ କାର୍ଯ୍ୟ କରୁଥିବା ସମୟରେ,
८मग असे झाले की, तो आपल्या वर्गाच्या अनुक्रमाने देवापुढे त्याचे याजकाचे काम करत असता,
9 ଯାଜକୀୟ କାର୍ଯ୍ୟର ରୀତି ଅନୁଯାୟୀ ଗୁଲିବାଣ୍ଟ ଦ୍ୱାରା ତାହାଙ୍କୁ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ମନ୍ଦିରରେ ପ୍ରବେଶ କରି ଧୂପ ଦେବାକୁ ପଡ଼ିଲା,
९याजकांच्या रीतीप्रमाणे परमेश्वराच्या भवनात धूप जाळण्यासाठी चिठ्ठ्या टाकून त्याची निवड करण्यात आली.
10 ଆଉ ଧୂପ ଦେବା ସମୟରେ ସମସ୍ତ ଜନତା ବାହାରେ ପ୍ରାର୍ଥନା କରୁଥିଲେ।
१०आणि लोकांचा सगळा जमाव धूप जाळण्याच्या वेळेस बाहेर प्रार्थना करीत उभा होता.
11 ସେତେବେଳେ ପ୍ରଭୁଙ୍କର ଜଣେ ଦୂତ ଧୂପବେଦିର ଦକ୍ଷିଣ ପାର୍ଶ୍ୱରେ ଠିଆ ହୋଇ ତାହାଙ୍କୁ ଦର୍ଶନ ଦେଲେ।
११तेव्हा परमेश्वराचा दूत, धूपवेदीच्या उजव्या बाजूला उभा असलेला त्याच्या दृष्टीस पडला.
12 ଜିଖରୀୟ ତାହାଙ୍କୁ ଦେଖି ବିଚଳିତ ଓ ଭୟଗ୍ରସ୍ତ ହେଲେ।
१२त्यास पाहून जखऱ्या भयभीत झाला.
13 କିନ୍ତୁ ଦୂତ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, ଜିଖରୀୟ, ଭୟ କର ନାହିଁ, କାରଣ ତୁମ୍ଭର ନିବେଦନ ଶୁଣାଯାଇଅଛି, ଆଉ ତୁମ୍ଭର ଭାର୍ଯ୍ୟା ଏଲୀଶାବେଥ ତୁମ୍ଭ ନିମନ୍ତେ ଗୋଟିଏ ପୁତ୍ର ପ୍ରସବ କରିବେ, ପୁଣି, ତୁମ୍ଭେ ତାହାର ନାମ ଯୋହନ ଦେବ।
१३परंतु देवदूत त्यास म्हणाला, जखऱ्या भिऊ नको, कारण तुझी प्रार्थना ऐकण्यात आली आहे आणि तुझी पत्नी अलीशिबा हिच्याकडून तुला पुत्र होईल, तू त्याचे नाव योहान ठेव.
14 ସେ ତୁମ୍ଭର ଆନନ୍ଦ ଓ ଉଲ୍ଲାସର କାରଣ ହେବ, ପୁଣି, ଅନେକେ ତାହାର ଜନ୍ମରେ ଆନନ୍ଦ କରିବେ।
१४तेव्हा तुला आनंद व उल्लास होईल आणि त्याच्या जन्माने पुष्कळ लोक हर्षित होतील.
15 ଯେଣୁ ସେ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ଛାମୁରେ ମହାନ ହେବ; ସେ ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ କି ମଦ୍ୟ କେବେ ହେଁ ପାନ କରିବ ନାହିଁ, ପୁଣି, ମାତାର ଉଦରରୁ ହିଁ ପବିତ୍ର ଆତ୍ମାରେ ପୂର୍ଣ୍ଣ ହେବ,
१५कारण तो परमेश्वराच्या दृष्टीने महान होईल आणि तो द्राक्षरस किंवा मद्य कधीच पिणार नाही व तो आईच्या गर्भात असतांनाच पवित्र आत्म्याने भरलेला असेल.
16 ଆଉ ସେ, ଇସ୍ରାଏଲ ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଅନେକଙ୍କୁ ପ୍ରଭୁ ସେମାନଙ୍କ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ପ୍ରତି ଫେରାଇବ।
१६तो इस्राएलाच्या संतानांतील अनेकांना, प्रभू त्यांचा देव याच्याकडे वळविण्यास कारणीभूत ठरेल.
17 ପିତାମାନଙ୍କ ହୃଦୟ ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଓ ଅବାଧ୍ୟମାନଙ୍କୁ ଧାର୍ମିକମାନଙ୍କ ଜ୍ଞାନରେ ଆଚରଣ କରିବା ନିମନ୍ତେ ଫେରାଇବାକୁ ଏବଂ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ସକାଶେ ସୁସଜ୍ଜିତ ଗୋଟିଏ ପ୍ରଜାମଣ୍ଡଳୀ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରିବାକୁ ସେ ଏଲୀୟଙ୍କ ଆତ୍ମା ଓ ଶକ୍ତିରେ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ଆଗରେ ଗମନ କରିବ।
१७आणि देवासाठी सिद्ध झालेले असे लोक तयार करायला, वडिलांची अंतःकरणे मुलांकडे आणि आज्ञा न मानणार्यांना नीतिमानांच्या ज्ञानाकडे वळवून प्रभूसाठी तयार केलेली प्रजा उभी करावयाला तो एलीयाच्या आत्म्याने आणि सामर्थ्याने त्यांच्यापुढे चालेल.
18 ଏଥିରେ ଜିଖରୀୟ ଦୂତଙ୍କୁ କହିଲେ, ମୁଁ କେଉଁ ଚିହ୍ନ ଦ୍ୱାରା ଏହା ଜାଣିବି? କାରଣ ମୁଁ ତ ବୃଦ୍ଧ, ପୁଣି, ମୋହର ଭାର୍ଯ୍ୟାଙ୍କ ବୟସ ଅଧିକ ହେଲାଣି।
१८मग जखऱ्या देवदूताला म्हणाला, “हे घडणारच असे मी कशावरुन समजू? कारण मी वृद्ध मनुष्य आहे आणि माझी पत्नीसुद्धा उतारवयात आहे.”
19 ଦୂତ ତାହାଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଦେଲେ, ମୁଁ ଗାବ୍ରିଏଲ, ମୁଁ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ଉପସ୍ଥିତିରେ ଠିଆ ହୁଏ, ଆଉ ତୁମ୍ଭକୁ କହିବାକୁ ଓ ଏହି ସୁସମାଚାର ଜଣାଇବାକୁ ମୁଁ ପଠାଯାଇଅଛି।
१९देवदूताने त्यास उत्तर दिले, “मी देवाच्या पुढे उभा राहणारा गब्रीएल आहे आणि तुझ्याशी बोलायला व तुलाही सुवार्ता सांगायला मला पाठविण्यात आले आहे.
20 ଦେଖ, ଏହି ସମସ୍ତ ନ ଘଟିବା ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ତୁମ୍ଭେ ନୀରବ ରହି କଥା କହି ପାରିବ ନାହିଁ, କାରଣ ମୋହର ଯେଉଁ ସବୁ ବାକ୍ୟ ଯଥା ସମୟରେ ସଫଳ ହେବ, ସେହିସବୁ ତୁମ୍ଭେ ବିଶ୍ୱାସ କଲ ନାହିଁ।
२०पाहा, हे घडेपर्यंत तुला बोलता येणार नाही व तू मुका राहशील कारण माझे शब्द जे योग्यवेळी पूर्णपणे खरे ठरणार आहेत त्या माझ्या शब्दांवर तू विश्वास ठेवला नाहीस.”
21 ଇତିମଧ୍ୟରେ ଲୋକମାନେ ଜିଖରୀୟଙ୍କ ଅପେକ୍ଷାରେ ଥିଲେ, ଆଉ ମନ୍ଦିରରେ ତାଙ୍କର ବିଳମ୍ବ ଘଟିବାରେ ସେମାନେ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ହେଉଥିଲେ।
२१तेव्हा जखऱ्याची वाट पाहणाऱ्या लोकांस तो परमेश्वराच्या भवनात इतका वेळ का राहिला याचे आश्चर्य वाटले.
22 କିନ୍ତୁ ସେ ବାହାରି ଆସି ସେମାନଙ୍କୁ କଥା କହି ପାରିଲେ ନାହିଁ; ଏଥିରେ ସେ ମନ୍ଦିରରେ ଦର୍ଶନ ପାଇଅଛନ୍ତି ବୋଲି ସେମାନେ ବୁଝିଲେ, ଆଉ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ସଙ୍କେତ କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ ଓ ମୂକ ହୋଇ ରହିଲେ।
२२तो बाहेर आल्यावर त्यास त्यांच्याबरोबर बोलता येईना. तेव्हा त्यांना जाणिव झाली की, परमेश्वराच्या भवनात त्याने दृष्टांत पाहिला आहे. तो त्यांना खुणा करत होता परंतु तो तसाच मुका राहीला.
23 ପରେ ତାହାଙ୍କ ସେବାପାଳିର ଦିନସବୁ ଶେଷ ହୁଅନ୍ତେ, ସେ ଆପଣା ଘରକୁ ଗଲେ।
२३मग असे झाले की त्याच्या सेवेचा कालावधी पूर्ण झाल्यावर तो घरी परत गेला.
24 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ତାହାଙ୍କ ଭାର୍ଯ୍ୟା ଏଲୀଶାବେଥ ଗର୍ଭବତୀ ହେଲେ, ଆଉ ସେ ପାଞ୍ଚ ମାସ ଗୋପନରେ ରହି କହିଲେ,
२४त्या दिवसानंतर त्याची पत्नी अलीशिबा गरोदर राहिली व पाच महिने लपून राहिली, ती म्हणाली,
25 ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ମୋହର ଅପମାନ ଦୂର କରିବା ନିମନ୍ତେ ପ୍ରଭୁ କୃପାଦୃଷ୍ଟି କରି ମୋʼ ପ୍ରତି ଏପରି କରିଅଛନ୍ତି।
२५लोकांमध्ये माझा होणारा अनादर दूर करण्यासाठी प्रभूने माझ्याकडे पाहिले तेव्हा त्याने माझ्यासाठी असे केले.
26 ଏଲୀଶାବେଥଙ୍କ ଗର୍ଭର ଛଅ ମାସରେ ଗାବ୍ରିଏଲ ଦୂତ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ନିକଟରୁ ଗାଲିଲୀର ନାଜରିତ ନାମକ ନଗରକୁ ଜଣେ କନ୍ୟା ନିକଟକୁ ପଠାଗଲେ;
२६अलीशिबेच्या गरोदरपणाच्या सहाव्या महिन्यात देवाने गब्रीएल दूताला गालील प्रांतातील नासरेथ नावाच्या गावी,
27 ଦାଉଦଙ୍କ ବଂଶର ଯୋଷେଫ ନାମକ ଜଣେ ପୁରୁଷଙ୍କ ସହିତ ତାହାଙ୍କର ବିବାହ ନିର୍ବନ୍ଧ ହୋଇଥିଲା; ସେହି କନ୍ୟାଙ୍କ ନାମ ମରୀୟମ।
२७एका कुमारीकडे पाठवले. तिची दाविदाच्या घराण्यातील योसेफ नावाच्या मनुष्याशी मागणी झाली होती आणि त्या कुमारीचे नाव मरीया होते.
28 ସେ ଗୃହରେ ପ୍ରବେଶ କରି ତାହାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସି କହିଲେ, ଆଗୋ ଅନୁଗ୍ରହପାତ୍ରୀ, ତୁମ୍ଭର ମଙ୍ଗଳ ହେଉ, ପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭର ସହବର୍ତ୍ତୀ।
२८देवदूत तिच्याकडे येऊन म्हणाला, अभिवादन! तुझ्यावर कृपा झालेली आहे. प्रभू तुझ्याबरोबर आहे.
29 କିନ୍ତୁ ସେ ଏହି ବାକ୍ୟରେ ଅତିଶୟ ବିଚଳିତ ହୋଇ ଏହା କି ପ୍ରକାର ବାକ୍ୟ ବୋଲି ମନରେ ବିଚାର କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
२९परंतु ती त्याच्या शब्दाने अस्वस्थ झाली आणि या अभिवादनाचा अर्थ काय असावा याचे ती नवल करू लागली.
30 ସେଥିରେ ଦୂତ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, ଆଗୋ ମରୀୟମ, ଭୟ କର ନାହିଁ, କାରଣ ତୁମ୍ଭେ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ଛାମୁରେ ଅନୁଗ୍ରହ ପାଇଅଛ।
३०देवदूत तिला म्हणाला, “मरीये, भिऊ नकोस, देवाने तुझ्यावर कृपा केली आहे.
31 ଆଉ ଦେଖ, ତୁମ୍ଭେ ଗର୍ଭଧାରଣ କରି ଗୋଟିଏ ପୁତ୍ର ପ୍ରସବ କରିବ ଓ ତାହାଙ୍କ ନାମ ଯୀଶୁ ଦେବ।
३१पाहा! तू गरोदर राहशील आणि तुला मुलगा होईल त्याचे नाव तू येशू ठेव.
32 ସେ ମହାନ ହେବେ ଓ ମହାନ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ପୁତ୍ର ବୋଲି ଖ୍ୟାତ ହେବେ; ପ୍ରଭୁ ଈଶ୍ବର ତାହାଙ୍କୁ ତାହାଙ୍କ ପିତା ଦାଉଦଙ୍କ ସିଂହାସନ ଦାନ କରିବେ,
३२तो महान होईल व त्यास थोर देवाचा पुत्र म्हणतील आणि प्रभू देव त्यास त्याचा पिता दावीद याचे राजासन देईल.
33 ସେ ଯାକୁବ ବଂଶ ଉପରେ ଯୁଗେ ଯୁଗେ ଶାସନ କରିବେ, ପୁଣି, ତାହାଙ୍କ ରାଜ୍ୟର ଶେଷ ହେବ ନାହିଁ। (aiōn )
३३तो याकोबाच्या घराण्यावर सर्वकाळासाठी राज्य चालवील आणि त्याच्या राज्याचा अंत होणार नाही.” (aiōn )
34 କିନ୍ତୁ ମରୀୟମ ଦୂତଙ୍କୁ କହିଲେ, ଏହା କିପରି ହେବ? ମୁଁ ତ ପୁରୁଷକୁ ଜାଣେ ନାହିଁ।
३४तेव्हा मरीया दूताला म्हणाली, हे कसे होईल? कारण मला पुरूष ठाऊक नाही.
35 ଦୂତ ତାହାଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଦେଲେ, ପବିତ୍ର ଆତ୍ମା ତୁମ୍ଭ ଉପରେ ଅବତରଣ କରିବେ ଓ ମହାନ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ଶକ୍ତି ତୁମ୍ଭକୁ ଆବୋରିବ, ଏଣୁ ଯେ ଜାତ ହେବେ, ସେ ପବିତ୍ର ଓ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ପୁତ୍ର ବୋଲି ଖ୍ୟାତ ହେବେ।
३५देवदूत तिला म्हणाला, पवित्र आत्मा तुझ्यावर येईल आणि थोर देवाचे सामर्थ्य तुझ्यावर सावली करील आणि म्हणून जे पवित्र बाळ जन्मास येईल, त्यास देवाचा पुत्र म्हणतील.
36 ପୁଣି, ଦେଖ, ତୁମ୍ଭର ଆତ୍ମୀୟା ଏଲୀଶାବେଥ ମଧ୍ୟ ବୃଦ୍ଧା ବୟସରେ ଗୋଟିଏ ପୁତ୍ର ଗର୍ଭରେ ଧାରଣ କରିଅଛନ୍ତି। ଯେ ବନ୍ଧ୍ୟା ବୋଲି ଖ୍ୟାତ, ତାଙ୍କର ଏବେ ଛଅ ମାସ ହେଲାଣି;
३६बघ, तुझी नातेवाईक अलीशिबा ही सुद्धा म्हातारपणात गरोदर असून तिला पुत्रगर्भ राहीला आहे आणि जिला वांझ म्हणले जाई तिला आता सहावा महिना आहे.
37 କାରଣ ଈଶ୍ବରଙ୍କଠାରୁ ନିର୍ଗତ କୌଣସି ବାକ୍ୟ ଶକ୍ତିହୀନ ହେବ ନାହିଁ।
३७कारण देवाला कोणतीही गोष्ट अशक्य नाही.
38 ଏଥିରେ ମରୀୟମ କହିଲେ, ଦେଖନ୍ତୁ, ମୁଁ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ଦାସୀ; ଆପଣଙ୍କ ବାକ୍ୟାନୁସାରେ ମୋʼ ପ୍ରତି ଘଟୁ। ତାହା ପରେ ଦୂତ ତାହାଙ୍କ ନିକଟରୁ ପ୍ରସ୍ଥାନ କଲେ।
३८मरीया म्हणाली, खरोखर “मी प्रभूची दासी आहे, आपल्या म्हणण्याप्रमाणे मला होवो.” मग देवदूत तिच्यापासून निघून गेला.
39 ଏହି ସମୟରେ ମରୀୟମ ଉଠି ପାର୍ବତୀୟ ଅଞ୍ଚଳର ଯିହୂଦା ପ୍ରଦେଶର ଗୋଟିଏ ନଗରକୁ ଶୀଘ୍ର ଗଲେ,
३९त्या दिवसात मरीया उठली आणि घाईने यहूदीया प्रांताच्या डोंगराळ भागातील एका नगरात गेली.
40 ପୁଣି, ଜିଖରୀୟଙ୍କ ଗୃହରେ ପ୍ରବେଶ କରି ଏଲୀଶାବେଥଙ୍କୁ ନମସ୍କାର କଲେ।
४०तिने जखऱ्याच्या घरात प्रवेश केला आणि अलीशिबेला अभिवादन केले.
41 ଆଉ, ଏଲୀଶାବେଥ ମରୀୟମଙ୍କ ନମସ୍କାର ଶୁଣିବାମାତ୍ରେ ଶିଶୁଟି ତାହାଙ୍କ ଗର୍ଭରେ ନାଚି ଉଠିଲା, ପୁଣି, ଏଲୀଶାବେଥ ପବିତ୍ର ଆତ୍ମାରେ ପୂର୍ଣ୍ଣ ହୋଇ
४१जसे मरीयेचे अभिवादन अलीशिबेने ऐकले तिच्या उदरातील बाळाने उडी मारली आणि अलीशिबा पवित्र आत्म्याने भरली.
42 ଅତି ଉଚ୍ଚସ୍ୱରରେ କହିଲେ, ନାରୀମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ତୁମ୍ଭେ ଧନ୍ୟ, ପୁଣି, ଧନ୍ୟ ତୁମ୍ଭର ଗର୍ଭର ଫଳ।
४२ती उंच स्वर काढून मोठ्याने म्हणाली, “स्त्रियांमध्ये तू धन्यवादित आहेस आणि तुझ्या पोटचे फळ धन्य आहे.
43 ଆଉ, ମୋ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ମାତା ଯେ ମୋʼ ନିକଟକୁ ଆସିବେ, ମୋହର ଏହି ସୌଭାଗ୍ୟ କେଉଁଠାରୁ ହେଲା?
४३माझ्या प्रभूच्या मातेने मजकडे यावे हा मान मला कोठून?”
44 କାରଣ ଦେଖ, ତୁମ୍ଭ ସମ୍ଭାଷଣର ସ୍ୱର ମୋʼ କାନରେ ପ୍ରବେଶ କରିବା ମାତ୍ରେ ଶିଶୁଟି ମୋʼ ଗର୍ଭରେ ଉଲ୍ଲାସରେ ନାଚି ଉଠିଲା।
४४जेव्हा तुझ्या अभिवादनाची वाणी माझ्या कानी पडली, तेव्हा माझ्या उदरातील बाळाने आनंदाने उडी मारली
45 ଯେ ବିଶ୍ୱାସ କଲେ, ସେ ଧନ୍ୟ, କାରଣ ପ୍ରଭୁଙ୍କଠାରୁ ତାହାଙ୍କୁ ଯାହା ଯାହା କୁହାଯାଇଅଛି, ସେହିସବୁ ସଫଳ ହେବ।
४५जिने विश्वास ठेवला ती धन्य आहे, कारण ज्या गोष्टी प्रभूने तिला सांगितल्या त्याची पूर्णता होईल?
46 ଏଥିରେ ମରୀୟମ କହିଲେ, “ମୋହର ପ୍ରାଣ ପ୍ରଭୁଙ୍କର ପ୍ରଶଂସା କରୁଅଛି,
४६मरीया म्हणाली, “माझा जीव प्रभूला थोर मानतो,
47 ପୁଣି, ମୋହର ଆତ୍ମା ମୋʼ ତ୍ରାଣକର୍ତ୍ତା ଈଶ୍ବରଙ୍କଠାରେ ଆନନ୍ଦିତ ହୋଇଅଛି;
४७आणि देव जो माझा तारणारा याच्या ठायी माझा आत्मा आनंदीत झाला आहे.
48 କାରଣ ସେ ଆପଣା ଦାସୀର ଦୀନାବସ୍ଥା ପ୍ରତି ଦୃଷ୍ଟିପାତ କରିଅଛନ୍ତି। ଆଉ ଦେଖ, ବର୍ତ୍ତମାନଠାରୁ ସମସ୍ତ ପିଢ଼ି ମୋତେ ଧନ୍ୟ ବୋଲି କହିବେ,
४८कारण त्याने आपल्या दासीची दैन्य अवस्था पाहीली. आतापासून मला सर्व पिढ्या धन्य म्हणतील.
49 କାରଣ ଯେ ଶକ୍ତିମାନ, ସେ ମୋʼ ପ୍ରତି ମହତ କର୍ମ କରିଅଛନ୍ତି; ତାହାଙ୍କର ନାମ ପବିତ୍ର,
४९कारण जो सर्वसमर्थ आहे त्याने माझ्यासाठी मोठी कामे केली आहेत; आणि त्याचे नाव पवित्र आहे.
50 ଆଉ ତାହାଙ୍କ ଭୟକାରୀମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ତାହାଙ୍କ ଦୟା ପୁରୁଷାନୁକ୍ରମେ ଥାଏ।
५०जे त्याचे भय धरतात त्यांच्यावर त्याची दया पिढ्यानपिढ्या आहे
51 ସେ ଆପଣା ବାହୁରେ ପରାକ୍ରମ ପ୍ରକାଶ କରିଅଛନ୍ତି, ଅହଙ୍କାରୀମାନଙ୍କୁ ସେମାନଙ୍କ ହୃଦୟର କଳ୍ପନାରେ ଛିନ୍ନଭିନ୍ନ କରିଅଛନ୍ତି;
५१त्याने त्याच्या हाताने सामर्थ्याची कार्ये केली आहेत; जे गर्विष्ठ अंतःकरणाचे आहेत त्यांची त्याने पांगापांग केली आहे.
52 ସେ ଶାସନକର୍ତ୍ତାମାନଙ୍କୁ ସିଂହାସନରୁ ବାହାର କରିଅଛନ୍ତି, ଦୀନହୀନମାନଙ୍କୁ ଉଠାଇଅଛନ୍ତି,
५२त्याने राज्य करणाऱ्यांना त्यांच्या राजासनांवरून ओढून काढले आहे आणि गरीबास उंचावले आहे.
53 ସେ କ୍ଷୁଧିତମାନଙ୍କୁ ଉତ୍ତମ ଉତ୍ତମ ଦ୍ରବ୍ୟରେ ତୃପ୍ତ କରିଅଛନ୍ତି, ଧନୀମାନଙ୍କୁ ଶୂନ୍ୟ ହସ୍ତରେ ବିଦାୟ କରିଅଛନ୍ତି।
५३त्याने भूकेल्यास चांगल्या पदार्थांने तृप्त केले आहे. आणि धनवानास रिकाम्या हाताने परत पाठवले आहे.
54 ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପିତୃ-ପୁରୁଷଙ୍କ ପ୍ରତି ଉକ୍ତ ତାହାଙ୍କର ବାକ୍ୟାନୁସାରେ, ସେ ଅବ୍ରହାମ ଓ ତାହାଙ୍କ ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ପ୍ରତି,
५४दयेपोटी त्याने आपला सेवक इस्राएल याला साहाय्य केले आहे.
55 ଯୁଗେ ଯୁଗେ ଦୟା ସ୍ମରଣ କରିବା ନିମନ୍ତେ ଆପଣଙ୍କ ଦାସ ଇସ୍ରାଏଲର ଉପକାର କରିଅଛନ୍ତି।” (aiōn )
५५आपल्या पूर्वजास त्याने सांगितल्याप्रमाणे अब्राहाम व त्याचे संतान यांच्यावरील दया सर्वकाळ स्मरण करावी. त्याने आपला सेवक इस्राएल याला साहाय्य केले आहे.” (aiōn )
56 ଆଉ ମରୀୟମ ପ୍ରାୟ ତିନି ମାସ ତାହାଙ୍କ ସହିତ ରହି ଆପଣା ଗୃହକୁ ଫେରିଗଲେ।
५६अलीशिबेबरोबर तीन महीने राहिल्यानंतर मरीया आपल्या घरी परत गेली.
57 ପରେ ଏଲୀଶାବେଥଙ୍କ ପ୍ରସବ କାଳ ଉପସ୍ଥିତ ହୁଅନ୍ତେ ସେ ଗୋଟିଏ ପୁତ୍ର ପ୍ରସବ କଲେ,
५७अलीशिबेची प्रसूतीची वेळ आल्यावर, तिने एका मुलास जन्म दिला.
58 ଆଉ ପ୍ରଭୁ ଯେ ତାହାଙ୍କ ପ୍ରତି ମହା ଦୟା ପ୍ରକାଶ କରିଅଛନ୍ତି, ଏହା ଶୁଣି ତାହାଙ୍କ ପ୍ରତିବାସୀ ଓ ସମ୍ପର୍କୀୟମାନେ ତାହାଙ୍କ ସହିତ ଆନନ୍ଦ କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
५८प्रभूने तिच्यावर मोठी दया केली आहे, हे तिच्या शेजाऱ्यांनी व नातेवाईकांनी ऐकले आणि ते तिच्या आनंदात सहभागी झाले.
59 ଆଠ ଦିନରେ ସେମାନେ ଶିଶୁକୁ ସୁନ୍ନତ କରିବାକୁ ଆସିଲେ ଓ ତାହାର ପିତାଙ୍କ ନାମ ଅନୁସାରେ ତାହାର ନାମ ଜିଖରୀୟ ଦେବାକୁ ଇଚ୍ଛା କଲେ।
५९मग असे झाले की, आठव्या दिवशी मुलाची सुंता करण्यासाठी ते आले असता, त्याच्या पित्याच्या नावाप्रमाणे ते बाळाचे नाव देखील जखऱ्या ठेवणार होते.
60 କିନ୍ତୁ ତାହାର ମାତା ଉତ୍ତର ଦେଲେ, ନାହିଁ, ତାହାର ନାମ ଯୋହନ ହେବ।
६०परंतु त्याच्या आईने उत्तर दिले, नाही त्याऐवजी त्याचे नाव योहान ठेवायचे आहे.
61 ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, ତୁମ୍ଭର ସମ୍ପର୍କୀୟମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ତ କାହାର ଏହି ନାମ ନାହିଁ।
६१ते तिला म्हणाले, तुझ्या नातलगात या नावाचा कोणीच नाही.
62 ଏଥିରେ ତାହାକୁ କେଉଁ ନାମ ଦିଆଯିବ ବୋଲି ତାହାର ପିତା ଇଚ୍ଛା କରୁଅଛନ୍ତି, ତାହା ସଙ୍କେତ କରି ପଚାରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
६२नंतर त्यांनी त्याच्या वडिलांना हातवारे करून विचारले, याचे नाव काय ठेवावे, अशी तुझी इच्छा आहे
63 ତହିଁରେ ସେ ଖଣ୍ଡେ ଲିଖନ ପଟା ମାଗି ଏହା ଲେଖିଲେ, ତାହାର ନାମ ଯୋହନ। ଏଥିରେ ସମସ୍ତେ ଚକିତ ହେଲେ।
६३तेव्हा त्याने लिहिण्यासाठी पाटी मागितली आणि, त्याचे नाव योहान आहे, असे लिहीले यावरुन त्या सर्वांना खूपच आश्चर्य वाटले.
64 ଆଉ ସେହିକ୍ଷଣି ତାହାଙ୍କ ମୁଖ ଓ ଜିହ୍ୱା ଫିଟିଗଲା ଏବଂ ସେ କଥା କହି ଈଶ୍ବରଙ୍କ ପ୍ରଶଂସା କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
६४त्याच क्षणी त्याचे तोंड उघडले व त्याची जीभ मोकळी झाली आणि तो बोलू लागला व देवाला धन्यवाद देऊ लागला.
65 ଏଥିରେ ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରତିବାସୀ ସମସ୍ତେ ଭୟଗ୍ରସ୍ତ ହେଲେ, ଆଉ ଏହି ସମସ୍ତ କଥା ଯିହୂଦିୟା ପ୍ରଦେଶର ପାର୍ବତୀୟ ଅଞ୍ଚଳର ସବୁଆଡ଼େ ଲୋକେ କୁହାକହି ହେଲେ,
६५तेव्हा सर्व शेजारी भयभीत झाले आणि यहूदीया प्रांताच्या सर्व डोंगराळ प्रदेशात लोक या सर्व गोष्टींबद्दल बोलू लागले.
66 ପୁଣି, ଶୁଣିବା ଲୋକ ସମସ୍ତେ ସେହିସବୁ ଆପଣା ଆପଣା ହୃଦୟରେ ରଖି କହିଲେ, ଏ ଶିଶୁଟି ତେବେ କଅଣ ହେବ? କାରଣ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ହସ୍ତ ତାହାର ସହବର୍ତ୍ତୀ।
६६जे कोणी हे ऐकले ते प्रत्येकजण मनात विचार करत होते, ते म्हणाले, हे मूल पुढे कोण होणार आहे? प्रभू त्याच्याबरोबर आहे असे त्यांच्या लक्षात आले.
67 ଆଉ, ତାହାର ପିତା ଜିଖରୀୟ ପବିତ୍ର ଆତ୍ମାରେ ପୂର୍ଣ୍ଣ ହୋଇ ଏହି ଭାବବାଣୀ କହିଲେ,
६७त्याचा पिता जखऱ्या पवित्र आत्म्याने भरला आणि त्यानेही भविष्यवाणी केली; तो म्हणाला,
68 “ଧନ୍ୟ ପ୍ରଭୁ, ଇସ୍ରାଏଲର ଈଶ୍ବର, କାରଣ ସେ କୃପାଦୃଷ୍ଟି କରି, ଆପଣା ଲୋକଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ମୁକ୍ତି ସାଧନ କରିଅଛନ୍ତି;
६८“इस्राएलाचा देव प्रभू, ह्याची स्तुती असो, कारण त्याने आपल्या लोकांची भेट घेतली आणि लोकांची खंडणी भरून सुटका केली.
69 ସେ ଆପଣା ଦାସ ଦାଉଦଙ୍କ ବଂଶରେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ପରିତ୍ରାଣର ଶୃଙ୍ଗ ଉଠାଇ,
६९त्याने आपला सेवक दावीद याच्या घराण्यातून आमच्यासाठी सामर्थ्यशाली तारणारा दिला आहे.
70 ପ୍ରାଚୀନକାଳରୁ ଆପଣା ପବିତ୍ର ଭାବବାଦୀମାନଙ୍କ ମୁଖ ଦ୍ୱାରା ଯେପରି କହିଥିଲେ, (aiōn )
७०हे देवाने त्याच्या पवित्र संदेष्ट्यांद्वारे युगाच्या प्रारंभापासून सांगितले होते. (aiōn )
71 ସେପରି ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ଶତ୍ରୁମାନଙ୍କଠାରୁ ଓ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ସମସ୍ତ ଘୃଣାକାରୀଙ୍କ ହସ୍ତରୁ ପରିତ୍ରାଣ ସାଧନ କରିଅଛନ୍ତି,
७१जे आमचे शत्रू आहेत व जे आमचा द्वेष करतात त्यांच्यापासून सुटका करण्याचे अभिवचन त्याने आम्हास दिले.
72 ଯେପରି ସେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପିତୃ-ପୁରୁଷଙ୍କ ପ୍ରତି ଦୟା ବ୍ୟବହାର କରନ୍ତି,
७२आमच्या पूर्वजांवर दया दाखविण्यासाठी तो हे करणार आहे व आपल्या पवित्र कराराची आठवण ठेवणार आहे,
73 ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପିତା ଅବ୍ରହାମଙ୍କ ନିକଟରେ ଯେଉଁ ଶପଥ କରିଥିଲେ, ଆପଣାର ସେହି ପବିତ୍ର ନିୟମ ସ୍ମରଣ କରନ୍ତି,
७३हा करार एक शपथ होती जी त्याने आमचा पूर्वज अब्राहामाला वाहिली.
74 ପୁଣି, ଯେପରି ଶତ୍ରୁ ହସ୍ତରୁ ଉଦ୍ଧାର ପାଇ ନିର୍ଭୟରେ ଚିରକାଳ ତାହାଙ୍କ ଛାମୁରେ,
७४ती अशी की, तुम्ही आपल्या शत्रूच्या हातातून सोडवले जाऊन,
75 ପବିତ୍ରତା ଓ ଧାର୍ମିକତାରେ ତାହାଙ୍କର ଉପାସନା କରିବା ନିମନ୍ତେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଅନୁଗ୍ରହ କରନ୍ତି।
७५माझ्यासमोर पवित्रतेने व नीतिमत्त्वाने आयुष्यभर माझी सेवा निर्भयपणे कराल, असे मी करीन.
76 ଆଉ ହେ ଶିଶୁ, ତୁ ପରାତ୍ପରଙ୍କ ଭାବବାଦୀ ବୋଲି ଖ୍ୟାତ ହେବୁ;
७६हे बालका, तुला परात्पराचा संदेष्टा म्हणतील कारण प्रभूचे मार्ग सिद्ध करण्याकरीता तू त्यांच्यापुढे चालशील.
77 କାରଣ ଅନ୍ଧକାର ଓ ମୃତ୍ୟୁଛାୟାରେ ବସିଥିବା ଲୋକଙ୍କୁ ଆଲୋକ ଦେବା ନିମନ୍ତେ,
७७यासाठी की, त्याच्या लोकांस त्यांच्या पापांच्या क्षमेने तारणाचा अनुभव द्यावा.
78 ପୁଣି, ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପାଦ ଶାନ୍ତିପଥକୁ ଆଣିବା ନିମନ୍ତେ, ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ଈଶ୍ବରଙ୍କର ଯେଉଁ ସ୍ନେହପୂର୍ଣ୍ଣ କରୁଣା ହେତୁ, ସ୍ୱର୍ଗରୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଊର୍ଦ୍ଧ୍ୱରୁ ସୂର୍ଯ୍ୟୋଦୟ ହେବ,
७८देवाच्या दयेमुळे स्वर्गीय दिवसाची पहाट उजाडेल व मरणाच्या दाट छायेत जे जगत आहेत त्यांच्यावर प्रकाशेल.
79 ସେହି ସ୍ନେହପୂର୍ଣ୍ଣ କରୁଣା ହେତୁ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ସେମାନଙ୍କ ପାପମୋଚନ ଦ୍ୱାରା ପରିତ୍ରାଣ ଜ୍ଞାନ ଦେବା ନିମନ୍ତେ ତୁ (ବାପ୍ତିଜକ ଯୋହନ) ତାହାଙ୍କ ପଥ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରିବାକୁ ତାହାଙ୍କର ଅଗ୍ରଗାମୀ ହେବୁ।”
७९तिच्याकडून जे अंधारात आहेत व मृत्युच्या छायेत बसले आहेत त्यांना प्रकाश देण्यासाठी आणि आमचे पाय शांतीच्या मार्गास लावण्यासाठी दिवसाचा उदय करून आमची भेट घेईल.”
80 ପୁଣି, ଶିଶୁ ବୃଦ୍ଧି ପାଇ ଆତ୍ମାରେ ଶକ୍ତିମାନ ହେବାକୁ ଲାଗିଲେ ଏବଂ ଇସ୍ରାଏଲ ନିକଟରେ ପ୍ରକାଶିତ ନ ହେବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପ୍ରାନ୍ତରରେ ରହିଲେ।
८०मग तो मुलगा वाढत गेला आणि आत्म्यात सामर्थ्यशाली झाला. इस्राएल लोकांस प्रकट होण्याच्या दिवसापर्यंत तो अरण्यात राहिला.