< ଲୂକ 22 >

1 ନିସ୍ତାର ପର୍ବ ନାମକ ଖମୀରଶୂନ୍ୟ ରୁଟିର ପର୍ବ ନିକଟ ହୋଇ ଆସୁଥିଲା।
عید فطیر که به پِسَح نیز معروف است نزدیک می‌شد.
2 ଆଉ ପ୍ରଧାନ ଯାଜକ ଓ ଶାସ୍ତ୍ରୀମାନେ, କିପରି ଯୀଶୁଙ୍କୁ ବିନାଶ କରିପାରନ୍ତି, ସେଥିର ଉପାୟ ଖୋଜୁଥିଲେ, କାରଣ ସେମାନେ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଭୟ କରୁଥିଲେ।
در طی روزهای عید، کاهنان اعظم و سایر علمای دین در پی فرصت بودند تا عیسی را بی‌سر و صدا بگیرند و به قتل برسانند، اما از شورش مردم وحشت داشتند.
3 ସେତେବେଳେ ବାରଜଣଙ୍କ ସଂଖ୍ୟା ମଧ୍ୟରେ ଥିବା ଇଷ୍କାରିୟୋତୀୟ ନାମକ ଯିହୂଦାଠାରେ ଶୟତାନ ପ୍ରବେଶ କଲା;
در همین زمان، شیطان وارد وجود یهودا اسخریوطی یکی از دوازده شاگرد عیسی شد.
4 ଆଉ ଯିହୂଦା ଯାଇ, କି ଉପାୟରେ ଯୀଶୁଙ୍କୁ ପ୍ରଧାନ ଯାଜକ ଓ ସେନାପତିମାନଙ୍କ ହାତରେ ଧରାଇଦେବ, ତାହା ସେମାନଙ୍କ ସହିତ କଥାବାର୍ତ୍ତା କଲା।
پس او نزد کاهنان اعظم و فرماندهان محافظین معبد رفت تا با ایشان گفتگو کند که چگونه عیسی را به دستشان تسلیم نماید.
5 ସେଥିରେ ସେମାନେ ଆନନ୍ଦିତ ହେଲେ ଓ ତାହାକୁ ଟଙ୍କା ଦେବା ପାଇଁ ଚୁକ୍ତି କଲେ।
ایشان نیز از این امر بسیار شاد شدند و قول دادند که مبلغی به او بدهند.
6 ଆଉ ଯିହୂଦା ଏକମତ ହୋଇ ଲୋକମାନଙ୍କ ଅନୁପସ୍ଥିତିରେ ଯୀଶୁଙ୍କୁ ସେମାନଙ୍କ ହାତରେ ଧରାଇ ଦେବା ନିମନ୍ତେ ସୁଯୋଗ ଖୋଜିବାକୁ ଲାଗିଲା।
بنابراین یهودا به دنبال فرصتی می‌گشت تا به دور از چشم مردم، عیسی را به آنان تسلیم کند.
7 ପରେ ଯେଉଁ ଦିନ ନିସ୍ତାର ପର୍ବର ମେଷଶାବକ ବଳିଦାନ କରିବାକୁ ହୁଏ, ଖମୀରଶୂନ୍ୟ ରୁଟି ପର୍ବର ସେହି ଦିନ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲା;
روز عید فطیر که می‌بایست برۀ پسَح قربانی شود، فرا رسید.
8 ଆଉ ସେ ପିତର ଓ ଯୋହନଙ୍କୁ ଏହା କହି ପଠାଇଲେ, “ଆମ୍ଭେମାନେ ଯେପରି ଭୋଜନ କରିପାରିବୁ, ଏଥିପାଇଁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯାଇ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ନିସ୍ତାର ପର୍ବର ଭୋଜ ପ୍ରସ୍ତୁତ କର।”
پس عیسی، دو نفر از شاگردان، یعنی پطرس و یوحنا را به شهر فرستاده، گفت: «بروید و شام پسَح را تدارک ببینید تا بخوریم.»
9 ସେଥିରେ ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ପଚାରିଲେ, ଆମ୍ଭେମାନେ କେଉଁ ସ୍ଥାନରେ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରିବୁ ବୋଲି ଆପଣ ଇଚ୍ଛା କରନ୍ତି?
ایشان از عیسی پرسیدند: «کجا می‌خواهی تدارک ببینیم؟»
10 ଯୀଶୁ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଦେଖ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ନଗରରେ ପ୍ରବେଶ କରନ୍ତେ ଜଳକୁମ୍ଭ ଘେନି ଯାଉଥିବା ଜଣେ ଲୋକ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଭେଟିବ; ସେ ଯେଉଁ ଗୃହରେ ପ୍ରବେଶ କରିବ, ତାହାର ପଛେ ପଛେ ଯାଇ ଗୃହର କର୍ତ୍ତାଙ୍କୁ କହିବ,
فرمود: «وقتی داخل شهر شوید، مردی با کوزه‌ای آب در دست به شما بر می‌خورد. به دنبال او بروید. به هر خانه‌ای که داخل شد،
11 ‘ଗୁରୁ ଆପଣଙ୍କୁ ପଚାରୁଅଛନ୍ତି, ମୁଁ ମୋହର ଶିଷ୍ୟମାନଙ୍କ ସହିତ ଯେଉଁଠାରେ ନିସ୍ତାର ପର୍ବର ଭୋଜ ପାଳନ କରିବି, ସେହି ଅତିଥିଶାଳା କାହିଁ?’
به صاحب آن خانه بگویید،”استادمان ما را فرستاده است تا اتاقی را که برای ما حاضر کرده‌ای تا امشب شام پِسَح را بخوریم، به ما نشان دهی“.
12 ସେଥିରେ ସେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ସୁସଜ୍ଜିତ ଗୋଟିଏ ଉପରିସ୍ଥ ବୃହତ କୋଠରୀ ଦେଖାଇଦେବେ; ସେ ସ୍ଥାନରେ ପ୍ରସ୍ତୁତ କର।”
او شما را به بالاخانه، به یک اتاق بزرگ و مفروش خواهد برد. شام را همان جا تدارک ببینید.»
13 ଆଉ, ସେହି ଦୁଇ ଜଣ ଶିଷ୍ୟ ଯାଇ, ଯୀଶୁ ସେମାନଙ୍କୁ ଯେପରି କହିଥିଲେ, ସେହିପରି ଦେଖି ନିସ୍ତାର ପର୍ବର ଭୋଜ ପ୍ରସ୍ତୁତ କଲେ।
آن دو شاگرد به شهر رفتند و همه چیز را همان‌طور که عیسی گفته بود یافتند و شام پسَح را در آنجا تدارک دیدند.
14 ପୁଣି, ନିସ୍ତାର ପର୍ବର ସମୟ ଉପସ୍ଥିତ ହୁଅନ୍ତେ, ଯୀଶୁ ଓ ତାହାଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ପ୍ରେରିତମାନେ ଭୋଜନ କରିବାକୁ ବସିଲେ।
هنگامی که وقت مقرر فرا رسید، عیسی با دوازده رسول بر سر سفره نشست.
15 ଆଉ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ମୋହର ଦୁଃଖଭୋଗ ପୂର୍ବେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ସହିତ ଏହି ନିସ୍ତାରଭୋଜ ପାଳନ କରିବାକୁ ଏକାନ୍ତ ବାଞ୍ଛା କଲି।
آنگاه به ایشان فرمود: «با اشتیاق زیاد، در انتظار چنین لحظه‌ای بودم، تا پیش از آغاز رنجها و زحماتم، این شام پِسَح را با شما بخورم.
16 କାରଣ ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ କହୁଅଛି, ଈଶ୍ବରଙ୍କ ରାଜ୍ୟରେ ଏହା ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ନ ହେବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ମୁଁ ଆଉ କେବେ ହେଁ ତାହା ଭୋଜନ କରିବି ନାହିଁ।”
زیرا به شما می‌گویم که دیگر از این شام نخواهم خورد تا آن زمان که مفهوم واقعی آن در ملکوت خدا جامۀ تحقق بپوشد.»
17 ପୁଣି, ସେ ପାନପାତ୍ର ଗ୍ରହଣ କରି ଧନ୍ୟବାଦ ଦେଇ କହିଲେ, “ଏହା ନେଇ ଆପଣା ଆପଣା ମଧ୍ୟରେ ଭାଗ କର,
آنگاه پیاله‌ای به دست گرفت و شکر کرد و آن را به شاگردان داد و فرمود: «بگیرید و میان خود تقسیم کنید،
18 କାରଣ ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ କହୁଅଛି, ଈଶ୍ବରଙ୍କ ରାଜ୍ୟ ନ ଆସିବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ମୁଁ ଆଜିଠାରୁ ଦ୍ରାକ୍ଷାଫଳର ରସ ଆଉ ପାନ କରିବି ନାହିଁ।”
زیرا به شما می‌گویم که من تا زمان برقراری ملکوت خدا، دیگر از این محصول انگور نخواهم نوشید.»
19 ପୁଣି, ସେ ରୁଟି ଘେନି ଧନ୍ୟବାଦ ଦେଲେ ଓ ତାହା ଭାଙ୍ଗି ସେମାନଙ୍କୁ ଦେଇ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଦତ୍ତ ହେଉଥିବା ମୋହର ଶରୀର ଏହି; ମୋତେ ସ୍ମରଣ କରିବା ନିମନ୍ତେ ଏହା କର।”
سپس نان را برداشت و خدا را شکر نمود و آن را پاره کرد و به ایشان داد و گفت: «این بدن من است که در راه شما فدا می‌شود. این را به یاد من به جا آورید.»
20 ଭୋଜନ ଉତ୍ତାରେ ସେହିପରି ସେ ପାନପାତ୍ର ଘେନି କହିଲେ, “ଏହି ପାନପାତ୍ର ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ପାତିତ ହେଉଥିବା ମୋହର ରକ୍ତରେ ସ୍ଥାପିତ ନୂତନ ନିୟମ।
به همین ترتیب، پس از شام، جامی دیگر برداشت و گفت: «این جام، نشانهٔ عهد جدید میان خدا و قومش است، عهدی که با خون خود آن را مهر می‌کنم. خون من در راه شما ریخته می‌شود.
21 କିନ୍ତୁ ଦେଖ, ଯେ ମୋତେ ଶତ୍ରୁ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କରୁଅଛି, ତାହାର ହସ୍ତ ମୋʼ ସହିତ ମେଜ ଉପରେ ଅଛି।
اما اینجا، سر همین سفره، کسی نشسته است که خود را دوست ما می‌داند، ولی او همان کسی است که به من خیانت می‌کند.
22 କାରଣ ଯେପରି ନିରୂପିତ ହୋଇଅଛି, ମନୁଷ୍ୟପୁତ୍ର ସେହିପରି ପ୍ରୟାଣ କରୁଅଛନ୍ତି ସତ୍ୟ, ତଥାପି ଯେଉଁ ଲୋକ ଦ୍ୱାରା ସେ ଶତ୍ରୁ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପିତ ହେଉଅଛନ୍ତି, ହାୟ, ସେ ଦଣ୍ଡର ପାତ୍ର!”
پسر انسان باید مطابق نقشهٔ خدا کشته شود، اما وای به حال کسی که او را تسلیم دشمن می‌کند!»
23 ତେଣୁ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ କିଏ ଏହା କରିବାକୁ ଯାଉଅଛି, ସେ ବିଷୟରେ ସେମାନେ ପରସ୍ପର ବାଦାନୁବାଦ କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
شاگردان شروع کردند به پرسیدن از یکدیگر که کدام یک از ایشان دست به چنین کاری خواهد زد!
24 ପୁଣି, ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ କିଏ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ବୋଲି ଗଣିତ, ସେ ବିଷୟରେ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ବିବାଦ ଘଟିଲା।
در ضمن بین شاگردان این بحث درگرفت که کدام یک از ایشان بزرگتر است.
25 ସେଥିରେ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଅଣଯିହୁଦୀମାନଙ୍କ ରାଜାମାନେ ସେମାନଙ୍କ ଉପରେ ପ୍ରଭୁତ୍ୱ କରନ୍ତି, ଆଉ ଯେଉଁମାନେ ସେମାନଙ୍କ ଉପରେ କର୍ତ୍ତୃତ୍ୱ କରନ୍ତି, ସେମାନେ ଲୋକ-ସେବକ ବୋଲି ଖ୍ୟାତ ହୁଅନ୍ତି।
عیسی به ایشان گفت: «در این دنیا، پادشاهان و بزرگان به زیر دستانشان دستور می‌دهند و آنها هم چاره‌ای جز اطاعت ندارند.
26 କିନ୍ତୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ସେପ୍ରକାର ହୁଅ ନାହିଁ, ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଯେ ଜ୍ୟେଷ୍ଠ, ସେ କନିଷ୍ଠ ପରି ହେଉ, ପୁଣି, ଯେ ନେତା, ସେ ସେବକ ପରି ହେଉ।
اما در میان شما کسی از همه بزرگتر است که خود را کوچکتر از همه بداند و به دیگران خدمت کند.
27 କାରଣ କିଏ ଶ୍ରେଷ୍ଠ? ଯେ ଭୋଜନ ନିମନ୍ତେ ମେଜରେ ବସିଅଛି, ନା ଯେ ସେବକ? ଭୋଜନ ନିମନ୍ତେ ମେଜରେ ବସିଅଛି, ସେ କି ଶ୍ରେଷ୍ଠ ନୁହଁନ୍ତି? କିନ୍ତୁ ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଜଣେ ସେବକ ପରି ଅଛି।
در این دنیا، ارباب بر سر سفره می‌نشیند و نوکرانش به او خدمت می‌کنند. اما اینجا بین ما اینطور نیست، چون من خدمتگزار شما هستم.
28 ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭେମାନେ ମୋହର ସମସ୍ତ ପରୀକ୍ଷାରେ ମୋʼ ସହିତ ରହି ଆସିଅଛ;
و شما کسانی هستید که در سختیهای من، نسبت به من وفادار بوده‌اید؛
29 ଏଣୁ ମୋହର ପିତା ଯେପରି ମୋ ନିମନ୍ତେ ରାଜ୍ୟ ନିରୂପଣ କଲେ, ମୁଁ ମଧ୍ୟ ସେପରି ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ନିରୂପଣ କରୁଅଛି,
از این رو، همان‌گونه که پدرم به من اجازه داده است تا فرمانروایی کنم، من نیز به شما اجازه می‌دهم که در سلطنت من شریک شوید،
30 ଯେପରି ତୁମ୍ଭେମାନେ ମୋହର ରାଜ୍ୟରେ ମୋ ମେଜରେ ଭୋଜନପାନ କରିବ, ପୁଣି, ସିଂହାସନରେ ଉପବେଶନ କରି ଇସ୍ରାଏଲର ଦ୍ୱାଦଶ ଗୋଷ୍ଠୀକୁ ଶାସନ କରିବ।”
و بر سر سفرهٔ من بنشینید و بخورید و بنوشید، و بر تختها نشسته، بر دوازده قبیلهٔ اسرائیل فرمانروایی کنید.
31 “ଶିମୋନ, ଶିମୋନ, ଦେଖ, ଗହମକୁ ଚାଲୁଣୀରେ ଚଲାଇବା ପରି ଶୟତାନ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଚଲାଇବାକୁ ଅନୁମତି ପାଇଅଛି;
«ای شمعون، شمعون، شیطان می‌خواست همگی شما را بیازماید و همانند گندم، غربال کند؛
32 କିନ୍ତୁ ତୁମ୍ଭର ବିଶ୍ୱାସ ଯେପରି ଲୋପ ନ ହୁଏ, ଏଥିପାଇଁ ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ନିମନ୍ତେ ନିବେଦନ କଲି; ପୁଣି, ତୁମ୍ଭେ ଫେରିଲା ଉତ୍ତାରେ ଆପଣା ଭାଇମାନଙ୍କୁ ସୁସ୍ଥିର କର।”
اما من برای تو دعا کردم تا ایمانت از بین نرود. پس وقتی توبه کردی و به سوی من بازگشتی، ایمان برادرانت را تقویت و استوار کن!»
33 ମାତ୍ର ସେ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, ହେ ପ୍ରଭୁ, ମୁଁ ଆପଣଙ୍କ ସହିତ କାରାଗାରକୁ ଯିବାକୁ ଓ ମୃତ୍ୟୁଭୋଗ କରିବାକୁ ପ୍ରସ୍ତୁତ ଅଛି।
شمعون گفت: «خداوندا، من حاضرم با تو به زندان بروم، حتی با تو بمیرم!»
34 କିନ୍ତୁ ସେ କହିଲେ, “ହେ ପିତର, ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ କହୁଅଛି, ଆଜି କୁକୁଡ଼ା ନ ଡାକୁଣୁ ତୁମ୍ଭେ ଯେ ମୋତେ ଜାଣ, ଏହା ତିନି ଥର ଅସ୍ୱୀକାର କରିବ।”
عیسی فرمود: «پطرس، بدان که همین امشب، پیش از بانگ خروس، سه بار مرا انکار کرده، خواهی گفت که مرا نمی‌شناسی!»
35 ଆଉ, ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଯେତେବେଳେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଗାଞ୍ଜିଆ, ଝୋଲି ଓ ଜୋତା ବିନା ପଠାଇଥିଲି, ସେତେବେଳେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର କି କିଛି ଅଭାବ ହୋଇଥିଲା?” ସେମାନେ କହିଲେ, କିଛି ନାହିଁ।
سپس از شاگردان پرسید: «هنگامی که شما را فرستادم تا پیام انجیل را به مردم اعلام کنید، و پول و کوله‌بار و لباس اضافی با خود بر نداشته بودید، آیا به چیزی محتاج شدید؟» جواب دادند: «نه.»
36 ସେଥିରେ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ମାତ୍ର ଏବେ, ଯାହାର ଟଙ୍କା ରଖିବାର ମୁଣା ଅଛି, ସେ ତାହା ନେଉ, ସେହି ପ୍ରକାରେ ଝୋଲି ମଧ୍ୟ ନେଉ, ଆଉ ଯାହାର ନାହିଁ, ସେ ଆପଣା ବସ୍ତ୍ରଖଣ୍ଡକ ବିକି ଖଣ୍ଡା କିଣୁ।
فرمود: «اما اکنون اگر کوله‌بار و پول دارید، با خود بردارید؛ و اگر شمشیر ندارید، جامۀ خود را بفروشید و شمشیری بخرید!
37 କାରଣ ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ କହୁଅଛି, ଯେପରି ଶାସ୍ତ୍ରରେ ଲେଖାଅଛି, ‘ତାହା ମୋʼଠାରେ ସିଦ୍ଧ ହେବା ଆବଶ୍ୟକ; ସେ ଅଧାର୍ମିକମାନଙ୍କ ସହିତ ଗଣିତ ହେଲେ,’ ଯେଣୁ ମୋ ସମ୍ବନ୍ଧୀୟ କଥା ସିଦ୍ଧ ହେଉଅଛି।”
چون زمان انجام این پیشگویی درباره من رسیده است که می‌گوید: او از خطاکاران محسوب شد. آری، هر چه درباره من پیشگویی شده است، عملی خواهد شد.»
38 ସେଥିରେ ସେମାନେ କହିଲେ, ପ୍ରଭୁ ଦେଖନ୍ତୁ, ଏଠାରେ ଦୁଇଟା ଖଣ୍ଡା ଅଛି। ପୁଣି, ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଯଥେଷ୍ଟ।”
گفتند: «استاد، دو شمشیر داریم.» اما عیسی فرمود: «بس است!»
39 ସେ ବାହାରି ଆପଣା ଧାରାନୁସାରେ ଜୀତ ପର୍ବତକୁ ଗଲେ, ଆଉ ଶିଷ୍ୟମାନେ ମଧ୍ୟ ତାହାଙ୍କ ପଛେ ପଛେ ଗଲେ।
آنگاه عیسی همراه شاگردان خود، از آن بالاخانه بیرون آمد و طبق عادت به کوه زیتون رفت.
40 ସେହି ସ୍ଥାନରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୋଇ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ପରୀକ୍ଷାରେ ଯେପରି ନ ପଡ଼, ଏଥିପାଇଁ ପ୍ରାର୍ଥନା କର।”
در آنجا به ایشان گفت: «دعا کنید تا وسوسه بر شما غلبه نکند!»
41 ଆଉ ସେ ସେମାନଙ୍କଠାରୁ ପ୍ରାୟ ଶହେ ହାତ ଦୂରକୁ ଯାଇ ଆଣ୍ଠୁପାତି ଏହି ପ୍ରାର୍ଥନା କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ,
سپس به اندازه پرتاب یک سنگ دورتر رفت و زانو زد و چنین دعا کرد:
42 “ହେ ପିତା, ଯଦି ତୁମ୍ଭର ଇଚ୍ଛା ଥାଏ, ତେବେ ଏହି ପାନପାତ୍ର ମୋʼଠାରୁ ଦୂର କର; ତଥାପି ମୋହର ଇଚ୍ଛା ନୁହେଁ, ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭର ଇଚ୍ଛା ସଫଳ ହେଉ।”
«ای پدر، اگر خواست توست، این جام رنج و عذاب را از مقابل من بردار، اما خواست تو را می‌خواهم، نه خواست خود را.»
43 ଆଉ ସ୍ୱର୍ଗରୁ ଜଣେ ଦୂତ ଦର୍ଶନ ଦେଇ ତାହାଙ୍କୁ ଶକ୍ତି ପ୍ରଦାନ କଲେ।
آنگاه از آسمان فرشته‌ای ظاهر شد و او را تقویت کرد.
44 ପୁଣି, ସେ ମର୍ମାନ୍ତିକ ଦୁଃଖରେ ମଗ୍ନ ହୋଇ ଆହୁରି ଏକାଗ୍ରଭାବେ ପ୍ରାର୍ଥନା କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ ଓ ତାହାଙ୍କ ଝାଳ ଘନ ରକ୍ତଟୋପା ପରି ଭୂମିରେ ପଡ଼ିଲା।
پس او با شدت بیشتری به دعا ادامه داد، و از کشمکش روحی آنچنان در رنج و عذاب بود که عرق او همچون قطره‌های درشت خون بر زمین می‌چکید.
45 ଆଉ ସେ ପ୍ରାର୍ଥନାରୁ ଉଠି ଶିଷ୍ୟମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସି ସେମାନଙ୍କୁ ଦୁଃଖ ହେତୁ ନିଦ୍ରିତ ଦେଖିଲେ;
سرانجام، برخاست و نزد شاگردان برگشت و دید که از فرط غم و اندوه، به خواب رفته‌اند.
46 ପୁଣି, ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “କାହିଁକି ଶୋଉଅଛ? ପରୀକ୍ଷାରେ ଯେପରି ନ ପଡ଼, ଏଥିପାଇଁ ଉଠି ପ୍ରାର୍ଥନା କର।”
پس به ایشان گفت: «چرا خوابیده‌اید؟ برخیزید و دعا کنید تا وسوسه بر شما غلبه نکند!»
47 ସେ କଥା କହୁଥିବା ସମୟରେ, ଦେଖ, ଲୋକସମୂହ ଆସି ଉପସ୍ଥିତ ହେଲେ, ଆଉ ଦ୍ୱାଦଶଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଯିହୂଦା ନାମକ ଜଣେ ସେମାନଙ୍କ ଆଗେ ଆଗେ ଆସି ଯୀଶୁଙ୍କୁ ଚୁମ୍ବନ କରିବାକୁ ତାହାଙ୍କ ପାଖକୁ ଗଲା।
این کلمات هنوز بر زبان او بود که ناگاه گروهی با هدایت یهودا، یکی از دوازده شاگرد عیسی، سر رسیدند. او جلو آمد و به رسم دوستی، صورت عیسی را بوسید.
48 କିନ୍ତୁ ଯୀଶୁ ତାହାକୁ କହିଲେ, “ହେ ଯିହୂଦା, ଚୁମ୍ବନ ଦ୍ୱାରା କି ମନୁଷ୍ୟପୁତ୍ରଙ୍କୁ ଶତ୍ରୁ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କରୁଅଛ?”
عیسی به او گفت: «یهودا، آیا پسر انسان را با بوسه‌ای تسلیم می‌کنی؟»
49 ଏଥିରେ କଅଣ, ତାହା ଦେଖି ତାହାଙ୍କ ସଙ୍ଗୀମାନେ କହିଲେ, ପ୍ରଭୁ, ଆମ୍ଭେମାନେ କଅଣ ଖଡ୍ଗରେ ଆଘାତ କରିବା?
اما شاگردان، وقتی متوجه جریان شدند، فریاد زدند: «استاد، آیا اجازه می‌دهید بجنگیم؟ شمشیرهایمان حاضر است!»
50 ଆଉ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଜଣେ ମହାଯାଜକଙ୍କ ଦାସକୁ ଖଣ୍ଡାରେ ଆଘାତ କରି ତାହାର ଡାହାଣ କାନ କାଟିପକାଇଲେ।
همان لحظه یکی از ایشان به روی خادم کاهن اعظم شمشیر کشید و گوش راست او را برید.
51 କିନ୍ତୁ ଯୀଶୁ ଉତ୍ତର ଦେଲେ, “ଏତିକି ସହିଥାଅ;” ପୁଣି, ସେ ତାହାର କାନ ଛୁଇଁ ତାହାକୁ ସୁସ୍ଥ କଲେ।
عیسی بلافاصله گفت: «دیگر بس است!» سپس گوش او را لمس کرد و شفا داد.
52 ଆଉ, ଯୀଶୁ ତାହାଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆସିଥିବା ପ୍ରଧାନ ଯାଜକ, ମନ୍ଦିରର ସେନାପତି ଓ ପ୍ରାଚୀନମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଡକାଇତ ବିରୁଦ୍ଧରେ ବାହାରିବା ପରି ଖଣ୍ଡା ଓ ଠେଙ୍ଗା ଘେନି ତୁମ୍ଭେମାନେ କଅଣ ବାହାରି ଆସିଲ?
آنگاه عیسی به کاهنان اعظم، فرماندهان محافظین معبد و مشایخی که آن گروه را رهبری می‌کردند، گفت: «مگر دزد فراری هستم که با چوب و چماق و شمشیر به سراغم آمده‌اید؟
53 ମୁଁ ପ୍ରତିଦିନ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ସହିତ ମନ୍ଦିରରେ ଥିବା ସମୟରେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ମୋ ବିରୁଦ୍ଧରେ ହାତ ବଢ଼ାଇଲ ନାହିଁ; କିନ୍ତୁ ଏହା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ସମୟ ଓ ଅନ୍ଧକାରର କର୍ତ୍ତାପଣ।”
من هر روز با شما در معبد بودم؛ چرا در آنجا مرا نگرفتید؟ اما اکنون زمان شماست، زمان فرمانروایی ظلمت!»
54 ପରେ ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ଘେନିଯାଇ ମହାଯାଜକଙ୍କ ଗୃହକୁ ଆଣିଲେ; କିନ୍ତୁ ପିତର ଦୂରରେ ରହି ପଛେ ପଛେ ଗଲେ।
به این ترتیب او را گرفته، به خانه کاهن اعظم بردند. پطرس نیز از دور ایشان را دنبال کرد.
55 ଆଉ ସେମାନେ ପ୍ରାଙ୍ଗଣ ମଧ୍ୟସ୍ଥଳରେ ନିଆଁ ଜାଳି ଏକାଠି ବସନ୍ତେ ପିତର ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ବସି ରହିଲେ।
سربازان در حیاط آتشی روشن کردند و دور آن نشستند. پطرس نیز در میان ایشان نشست.
56 ଜଣେ ଦାସୀ ତାହାଙ୍କୁ ନିଆଁ ପାଖରେ ବସିଥିବା ଦେଖି ତାହାଙ୍କୁ ଏକଦୃଷ୍ଟିରେ ଚାହିଁ କହିଲା, ଏ ଲୋକଟା ମଧ୍ୟ ତାହା ସାଙ୍ଗରେ ଥିଲା।
در این هنگام، کنیزی، چهره پطرس را در نور آتش دید و او را شناخت و گفت: «این مرد هم با عیسی بود!»
57 କିନ୍ତୁ ସେ ଅସ୍ୱୀକାର କରି କହିଲେ, ହେ ନାରୀ, ମୁଁ ତାହାକୁ ଜାଣେ ନାହିଁ।
اما پطرس انکار کرد و گفت: «دختر، من اصلاً او را نمی‌شناسم!»
58 ଅଳ୍ପ ସମୟ ଉତ୍ତାରେ ଆଉ ଜଣେ ତାହାଙ୍କୁ ଦେଖି କହିଲା, ତୁମ୍ଭେ ମଧ୍ୟ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଜଣେ। କିନ୍ତୁ ପିତର କହିଲେ, ନାହିଁ, ଭାଇ, ମୁଁ ନୁହେଁ।
کمی بعد، یک نفر دیگر متوجه او شد و گفت: «تو هم باید یکی از آنها باشی.» جواب داد: «نه آقا، نیستم!»
59 ପ୍ରାୟ ଘଣ୍ଟାକ ପରେ ଆଉ ଜଣେ ଦୃଢ଼ ଭାବରେ କହିବାକୁ ଲାଗିଲା, ଏ ଲୋକଟା ମଧ୍ୟ ନିଶ୍ଚୟ ତାହା ସଙ୍ଗରେ ଥିଲା, କାରଣ ସେ ତ ଗାଲିଲୀୟ ଲୋକ।
در حدود یک ساعت بعد، یک نفر دیگر با تأکید گفت: «من مطمئن هستم که این مرد یکی از شاگردان عیسی است، چون هر دو اهل جلیل هستند.»
60 କିନ୍ତୁ ପିତର କହିଲେ, ଭାଇ, ତୁମ୍ଭେ ଯାହା କହୁଅଛ, ମୁଁ ତାହା ଜାଣେ ନାହିଁ। ସେହିକ୍ଷଣି ସେ କହୁ କହୁ କୁକୁଡ଼ା ରାବିଲା;
پطرس گفت: «ای مرد، از گفته‌هایت سر در نمی‌آورم!» و همین که این را گفت، خروس بانگ زد.
61 ପୁଣି, ପ୍ରଭୁ ବୁଲିପଡ଼ି ପିତରଙ୍କୁ ଏକଦୃଷ୍ଟିରେ ଚାହିଁଲେ; ସେଥିରେ “ଆଜି କୁକୁଡ଼ା ଡାକିବା ପୂର୍ବରୁ ତୁମ୍ଭେ ମୋତେ ତିନି ଥର ଅସ୍ୱୀକାର କରିବ,” ଏହି ଯେଉଁ କଥା ପ୍ରଭୁ ପିତରଙ୍କୁ କହିଥିଲେ ତାହା ତାହାଙ୍କ ମନରେ ପଡ଼ିଲା,
همان لحظه عیسی سرش را برگرداند و به پطرس نگاه کرد. آنگاه سخن عیسی را به یاد آورد که به او گفته بود: «تا فردا صبح، پیش از بانگ خروس، سه بار مرا انکار خواهی کرد!»
62 ଆଉ ସେ ବାହାରକୁ ଯାଇ ଅତ୍ୟନ୍ତ ବ୍ୟାକୁଳ ହୋଇ ରୋଦନ କଲେ।
پس پطرس از حیاط بیرون رفت و به تلخی گریست.
63 ଆଉ ଯେଉଁ ଲୋକମାନେ ଯୀଶୁଙ୍କୁ ଧରି ରଖିଥିଲେ, ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ପ୍ରହାର କରୁ କରୁ ପରିହାସ କଲେ,
اما نگهبانانی که عیسی را تحت نظر داشتند، او را مسخره می‌کردند و به او سیلی می‌زدند،
64 ପୁଣି, ତାହାଙ୍କ ମୁହଁ ଘୋଡ଼ାଇ ତାହାଙ୍କୁ ପଚାରିବାକୁ ଲାଗିଲେ, ତୁ ପରା ଭାବବାଦୀ! କହ ତ କିଏ ତୋତେ ମାଇଲା?
و چشمان او را بسته، می‌گفتند: «نبوّت کن! بگو ببینیم چه کسی تو را زد؟»
65 ପୁଣି, ସେମାନେ ଆହୁରି ଅନେକ କଥା ତାହାଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ କହି ତାହାଙ୍କର ନିନ୍ଦା କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
و ناسزاهای بسیارِ دیگر به او می‌گفتند.
66 ସକାଳ ହେଲାକ୍ଷଣି ଲୋକମାନଙ୍କର ପ୍ରାଚୀନବର୍ଗ ପୁଣି, ପ୍ରଧାନ ଯାଜକ ଓ ଶାସ୍ତ୍ରୀମାନେ ଏକତ୍ର ହୋଇ ଆପଣାମାନଙ୍କ ମହାସଭାକୁ ତାହାଙ୍କୁ ଘେନିଯାଇ କହିଲେ, ତୁମ୍ଭେ ଯଦି ଖ୍ରୀଷ୍ଟ, ତେବେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ କୁହ।
وقتی هوا روشن شد، شورای مشایخ، مرکب از کاهنان اعظم و علمای دین، تشکیل جلسه دادند. ایشان عیسی را احضار کرده،
67 କିନ୍ତୁ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ମୁଁ ଯଦି ଆପଣମାନଙ୍କୁ କହେ, ଆପଣମାନେ ତ ବିଶ୍ୱାସ କରିବେ ନାହିଁ;
از او پرسیدند: «به ما بگو، آیا تو مسیح هستی یا نه؟» عیسی فرمود: «اگر هم بگویم، باور نخواهید کرد
68 ପୁଣି, ମୁଁ ଯଦି ପ୍ରଶ୍ନ କରେ, ଆପଣମାନେ ଉତ୍ତର ଦେବେ ନାହିଁ।
و اگر از شما بپرسم، جواب نخواهید داد.
69 କିନ୍ତୁ ଏହାପରେ ମନୁଷ୍ୟପୁତ୍ର ଈଶ୍ବରଙ୍କ ପରାକ୍ରମର ଦକ୍ଷିଣ ପାର୍ଶ୍ୱରେ ଉପବିଷ୍ଟ ହେବେ।”
اما از این پس پسر انسان به دست راست خدا خواهد نشست!»
70 ସେଥିରେ ସମସ୍ତେ ପଚାରିଲେ, ତେବେ ତୁମ୍ଭେ କଅଣ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ପୁତ୍ର? ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ମୁଁ ସେହି ବୋଲି ଆପଣମାନେ କହୁଅଛନ୍ତି।”
همه فریاد زده، گفتند: «پس تو ادعا می‌کنی که پسر خدا هستی؟» فرمود: «بله، شما خود گفتید که هستم.»
71 ତେଣୁ ସେମାନେ କହିଲେ, ସାକ୍ଷ୍ୟରେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ଆଉ କଅଣ ପ୍ରୟୋଜନ? ଆମ୍ଭେମାନେ ତ ଆପେ ଆପେ ତାହାର ନିଜ ମୁଖରୁ ଏହା ଶୁଣିଲୁ।
فریاد زدند: «دیگر چه نیاز به شاهد داریم؟ خودمان کفر را از زبانش شنیدیم!»

< ଲୂକ 22 >