< ଯୋହନ 11 >
1 ବେଥନୀୟା ନିବାସୀ ଲାଜାର ନାମକ ଜଣେ ଲୋକ ପୀଡ଼ିତ ଥିଲେ; ମରୀୟମ ଓ ତାହାଙ୍କ ଭଉଣୀ ମାର୍ଥା ସେହି ଗ୍ରାମର ଲୋକ।
१आता बेथानीतील लाजर नावाचा एक मनुष्य आजारी होता. हे मरीया व तिची बहीण मार्था या त्याच गावच्या होत्या.
2 ଯେଉଁ ସ୍ତ୍ରୀଲୋକ ପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ତୈଳରେ ଅଭିଷେକ କରି ଆପଣା କେଶରେ ତାହାଙ୍କ ପାଦ ପୋଛିଦେଲେ, ଏ ସେହି ମରୀୟମ; ତାଙ୍କର ଭାଇ ଲାଜାର ପୀଡ଼ିତ ଥିଲେ।
२तिने सुवासिक तेल घेऊन प्रभूला लावले व आपल्या केसांनी त्याचे पाय धुतले ती हीच मरीया होती आणि तिचा भाऊ लाजर आजारी होता.
3 ତେଣୁ ସେହି ଭଉଣୀମାନେ ତାହାଙ୍କ ନିକଟକୁ କହି ପଠାଇଲେ, ପ୍ରଭୁ, ଦେଖନ୍ତୁ, ଯାହାକୁ ଆପଣ ସ୍ନେହ କରନ୍ତି, ସେ ପୀଡ଼ିତ ଅଛି।
३म्हणून त्याच्या बहिणींनी येशूला निरोप पाठवून कळवले, “प्रभूजी, बघा, आपण ज्याच्यावर प्रीती करता तो आजारी आहे.”
4 କିନ୍ତୁ ଯୀଶୁ ତାହା ଶୁଣି କହିଲେ, “ଏହି ପୀଡ଼ା ମୃତ୍ୟୁ ନିମନ୍ତେ ନୁହେଁ, ମାତ୍ର ଈଶ୍ବରଙ୍କ ଗୌରବ ନିମନ୍ତେ, ଯେପରି ତଦ୍ୱାରା ଈଶ୍ବରଙ୍କ ପୁତ୍ର ଗୌରବପ୍ରାପ୍ତ ହୁଅନ୍ତି।”
४पण ते ऐकून येशू म्हणाला, “हा आजार मरणासाठी नाही पण देवाच्या गौरवासाठी आहे; म्हणजे देवाच्या पुत्राचे त्याच्यायोगे गौरव व्हावे.”
5 ଯୀଶୁ, ମାର୍ଥା ଏବଂ ତାହାଙ୍କ ଭଉଣୀ ଏବଂ ଲାଜାରଙ୍କୁ ସ୍ନେହ କରୁଥିଲେ।
५आता मरीया व तिची बहीण मार्था आणि लाजर यांच्यावर येशू प्रीती करीत होता.
6 ଅତଏବ, ସେ ପୀଡ଼ିତ ଅଛନ୍ତି ବୋଲି ଯେତେବେଳେ ସେ ଶୁଣିଲେ, ସେତେବେଳେ ସେ ଯେଉଁ ସ୍ଥାନରେ ଥିଲେ, ସେହି ସ୍ଥାନରେ ଦୁଇ ଦିନ ରହିଗଲେ।
६म्हणून तो आजारी आहे हे त्याने ऐकले तरी तो होता त्या ठिकाणीच आणखी दोन दिवस राहिला.
7 ତତ୍ପରେ ସେ ଶିଷ୍ୟମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଚାଲ, ଆମ୍ଭେମାନେ ପୁନର୍ବାର ଯିହୂଦିୟା ପ୍ରଦେଶକୁ ଯିବା।”
७मग त्यानंतर, त्याने शिष्यांना म्हटले, “आपण पुन्हा यहूदीया प्रांतात जाऊ या.”
8 ଶିଷ୍ୟମାନେ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, ହେ ଗୁରୁ, ଯିହୁଦୀ ଲୋକମାନେ ଏବେ ଆପଣଙ୍କୁ ପଥର ଫୋପାଡ଼ିବାକୁ ଚେଷ୍ଟା କରୁଥିଲେ, ପୁଣି, ଆପଣ ଆଉ ଥରେ ସେଠାକୁ ଯାଉଅଛନ୍ତି?
८शिष्य त्यास म्हणाले, “रब्बी, यहूदी लोक आपल्याला आताच दगडमार करू पाहत होते आणि आपण पुन्हा तिकडे जाता काय?”
9 ଯୀଶୁ ଉତ୍ତର ଦେଲେ, “ଦିନରେ କଅଣ ବାର ଘଣ୍ଟା ନାହିଁ? କେହି ଦିନରେ ଚାଲିଲେ ଝୁଣ୍ଟେ ନାହିଁ, କାରଣ ସେ ଏହି ଜଗତର ଜ୍ୟୋତିଃ ଦେଖେ;
९येशूने उत्तर दिले, “दिवसाचे बारा तास आहेत की नाहीत? दिवसा जर कोणी चालतो तर त्यास ठेच लागत नाही, कारण तो या जगाचा उजेड पाहतो;
10 କିନ୍ତୁ ରାତିରେ ଚାଲିଲେ ସେ ଝୁଣ୍ଟେ, କାରଣ ତାହା ଅନ୍ତରରେ ଜ୍ୟୋତିଃ ନାହିଁ।”
१०पण जर कोणी रात्री चालतो तर त्यास ठेच लागते कारण त्याच्याठायी उजेड नाही.”
11 ସେ ଏସମସ୍ତ କଥା କହିଲା ଉତ୍ତାରେ ସେମାନଙ୍କୁ ଆହୁରି କହିଲେ, “ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ବନ୍ଧୁ ଲାଜାର ନିଦ୍ରା ଯାଇଅଛନ୍ତି, କିନ୍ତୁ ତାହାଙ୍କୁ ନିଦ୍ରାରୁ ଉଠାଇବା ନିମନ୍ତେ ମୁଁ ଯାଉଅଛି।”
११येशू या गोष्टी बोलल्यावर, तो त्यांना म्हणाला, “आपला मित्र लाजर झोपला आहे, पण मी त्यास झोपेतून उठवावयास जातो.”
12 ସେଥିରେ ଶିଷ୍ୟମାନେ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, ପ୍ରଭୁ, ଯଦି ସେ ନିଦ୍ରା ଯାଇଅଛନ୍ତି, ତାହାହେଲେ ସେ ସୁସ୍ଥ ହେବେ।
१२म्हणून त्याचे शिष्य त्यास म्हणाले, “प्रभूजी, त्यास झोप लागली असेल तर तो बरा होईल.”
13 ଯୀଶୁ ତାଙ୍କର ମୃତ୍ୟୁ ବିଷୟରେ କହିଲେ, କିନ୍ତୁ ସେ ନିଦ୍ରାରେ ଶୋଇପଡ଼ିବା ବିଷୟରେ କହିଲେ ବୋଲି ସେମାନେ ମନେ କଲେ।
१३आता येशू त्याच्या मरणाविषयी बोलला होता. झोपेतून मिळण्याऱ्या आरामाविषयी बोलतो असे त्यांना वाटले.
14 ଅତଏବ, ଯୀଶୁ ସେତେବେଳେ ସେମାନଙ୍କୁ ସ୍ପଷ୍ଟ ରୂପେ କହିଲେ, “ଲାଜାର ମରିଯାଇଅଛନ୍ତି;
१४मग येशूने उघडपणे सांगितले, “लाजर मरण पावला आहे.
15 ଆଉ, ମୁଁ ଯେ ସେ ସ୍ଥାନରେ ନ ଥିଲି, ଏଥିସକାଶେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଆନନ୍ଦ କରୁଅଛି, ଯେପରି ତୁମ୍ଭେମାନେ ବିଶ୍ୱାସ କରିବ; କିନ୍ତୁ ଚାଲ, ଆମ୍ଭେମାନେ ତାହାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଯିବା।”
१५आणि मी तिथे नव्हतो म्हणून तुमच्यासाठी मला आनंद वाटतो, कारण माझी अशी इच्छा आहे की, तुम्ही विश्वास ठेवावा. तरी आपण त्याच्याकडे जाऊ या.”
16 ସେଥିରେ ଥୋମା, ଯାହାଙ୍କୁ ଦିଦୁମ ବୋଲି କହନ୍ତି, ସେ ଆପଣା ସଙ୍ଗୀ ଶିଷ୍ୟମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, ଚାଲ, ଆମ୍ଭେମାନେ ମଧ୍ୟ ଯାଇ ତାହାଙ୍କ ସାଙ୍ଗରେ ମରିବା।
१६मग ज्याला दिदुम म्हणत तो थोमा आपल्या सोबतीच्या शिष्यांना म्हणाला, “आपणही याच्याबरोबर मरावयास जाऊ या.”
17 ଯୀଶୁ ପହଞ୍ଚି ଶୁଣିଲେ ଯେ, ସେ ଚାରି ଦିନ ହେଲା ସମାଧିରେ ରଖାଗଲେଣି।
१७मग येशू आला तेव्हा त्यास कळले की, त्यास कबरेत ठेऊन चार दिवस झाले आहेत.
18 ବେଥନୀୟା ଯିରୂଶାଲମ ସହରରୁ ପ୍ରାୟ ଏକ କ୍ରୋଶ ଦୂରରେ ଥିଲା,
१८आता बेथानी नगर यरूशलेम शहरापासून सुमारे तीन किलोमीटर होते.
19 ଆଉ, ଯିହୁଦୀମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଅନେକେ ମାର୍ଥା ଓ ମରୀୟମଙ୍କୁ ସେମାନଙ୍କ ଭାଇ ବିଷୟରେ ସାନ୍ତ୍ୱନା ଦେବା ନିମନ୍ତେ ସେମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସିଥିଲେ।
१९आणि यहूदी लोकांपैकी पुष्कळजण मार्था व मरीया यांच्याकडे त्यांच्या भावाबद्दल त्यांचे सांत्वन करण्यास आले होते.
20 ସେଥିରେ ଯୀଶୁ ଆସିଅଛନ୍ତି ବୋଲି ଯେତେବେଳେ ମାର୍ଥା ଶୁଣିଲେ, ସେତେବେଳେ ସେ ତାହାଙ୍କୁ ଭେଟିବାକୁ ଗଲେ, କିନ୍ତୁ ମରୀୟମ ଗୃହରେ ବସି ରହିଲେ।
२०म्हणून येशू येत आहे हे ऐकताच मार्था त्यास जाऊन भेटली, पण मरीया घरांतच बसून राहिली.
21 ମାର୍ଥା ଯୀଶୁଙ୍କୁ କହିଲେ, ପ୍ରଭୁ, ଯଦି ଆପଣ ଏଠାରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୋଇଥାଆନ୍ତେ, ତାହାହେଲେ ମୋହର ଭାଇ ମରି ନ ଥାଆନ୍ତା।
२१तेव्हा मार्था येशूला म्हणाली, “प्रभूजी, आपण येथे असता तर माझा भाऊ मरण पावला नसता.
22 କିନ୍ତୁ ଆପଣ ଈଶ୍ବରଙ୍କୁ ଯାହା କିଛି ମାଗିବେ, ଈଶ୍ବର ଯେ ତାହା ଆପଣଙ୍କୁ ଦେବେ, ଏହା ଏବେ ସୁଦ୍ଧା ମୁଁ ଜାଣେ।
२२तरी आताही जे काही आपण देवाजवळ मागाल ते देव आपल्याला देईल, हे मला ठाऊक आहे.”
23 ଯୀଶୁ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭ ଭାଇ ପୁଣି, ଉଠିବ।”
२३येशूने तिला म्हटले, “तुझा भाऊ पुन्हा उठेल.”
24 ମାର୍ଥା ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, ସେ ଯେ ଶେଷ ଦିନରେ ପୁନରୁତ୍ଥାନ ସମୟରେ ଉଠିବ, ଏହା ମୁଁ ଜାଣେ।
२४मार्था त्यास म्हणाली, “तो शेवटल्या दिवशी पुनरुत्थानसमयी पुन्हा उठेल हे मला ठाऊक आहे.”
25 ଯୀଶୁ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ମୁଁ ପୁନରୁତ୍ଥାନ ଓ ଜୀବନ; ଯେ ମୋʼ ଠାରେ ବିଶ୍ୱାସ କରେ, ସେ ଯଦ୍ୟପି ମରେ, ତଥାପି ସେ ବଞ୍ଚିବ,
२५येशूने तिला म्हटले, “पुनरुत्थान व जीवन मीच आहे. जो माझ्यावर विश्वास ठेवतो तो मरण पावला असला तरी जगेल.
26 ପୁଣି, ଯେ କେହି ବଞ୍ଚେ ଓ ମୋʼ ଠାରେ ବିଶ୍ୱାସ କରେ, ସେ କଦାପି ମରିବ ନାହିଁ; ଏହା କଅଣ ବିଶ୍ୱାସ କରୁଅଛ?” (aiōn )
२६आणि जिवंत असलेला प्रत्येकजण जो माझ्यावर विश्वास ठेवतो तो कधीही मरणार नाही, यावर तू विश्वास ठेवतेस काय?” (aiōn )
27 ସେ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, ହଁ, ପ୍ରଭୁ, ଯାହାଙ୍କର ଜଗତକୁ ଆଗମନ କରିବାର ଥିଲା, ଆପଣ ଯେ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ପୁତ୍ର ସେହି ଖ୍ରୀଷ୍ଟ, ଏହା ମୋହର ବିଶ୍ୱାସ।
२७ती त्यास म्हणाली, “होय, प्रभूजी, जगात येणारा जो देवाचा पुत्र ख्रिस्त तो आपणच आहात असा विश्वास मी धरला आहे.”
28 ଏହା କହିଲା ଉତ୍ତାରେ ସେ ଯାଇ ଆପଣା ଭଉଣୀ ମରୀୟମଙ୍କୁ ଗୋପନରେ ଡାକି କହିଲେ, ଗୁରୁ ଆସିଲେଣି ଆଉ ତୋତେ ଡାକୁଅଛନ୍ତି।
२८आणि एवढे बोलून ती निघून गेली व आपली बहीण मरीया हिला एकीकडे बोलवून म्हटले, “गुरूजी आले आहेत आणि ते तुला बोलावत आहे.”
29 ସେ ଏହା ଶୁଣି ଶୀଘ୍ର ଉଠି ତାହାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଗଲେ।
२९मरियेने हे ऐकताच, ती लवकर उठून त्याच्याकडे गेली.
30 ଯୀଶୁ ସେତେବେଳେ ଗ୍ରାମ ଭିତରକୁ ଆସି ନ ଥିଲେ, କିନ୍ତୁ ମାର୍ଥା ତାହାଙ୍କୁ ଯେଉଁ ସ୍ଥାନରେ ଭେଟିଥିଲେ, ସେପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସେ ସେହି ସ୍ଥାନରେ ଥିଲେ।
३०आता, येशू अजून गावात आला नव्हता, पण मार्था त्यास जेथे भेटली त्याच ठिकाणी होता.
31 ଅତଏବ, ଯେଉଁ ଯିହୁଦୀମାନେ ତାହାଙ୍କ ସହିତ ଗୃହରେ ଥାଇ ତାହାଙ୍କୁ ସାନ୍ତ୍ୱନା ଦେଉଥିଲେ, ସେମାନେ ମରୀୟମଙ୍କୁ ଶୀଘ୍ର ଉଠି ବାହାରିଯିବା ଦେଖି, ସେ ସମାଧି ନିକଟରେ ରୋଦନ କରିବା ନିମନ୍ତେ ଯାଉଅଛନ୍ତି, ଏହା ମନେ କରି ତାହାଙ୍କ ପଛେ ପଛେ ଗଲେ।
३१तेव्हा जे यहूदी मरियेबरोबर घरात होते व तिचे सांत्वन करीत होते, मरीया घाईघाईने उठून बाहेर जातांना पाहिल्यावर, ती कबरेकडे रडावयास जात आहे असे समजून ते तिच्यामागे गेले.
32 ସେଥିରେ ଯୀଶୁ ଯେଉଁ ସ୍ଥାନରେ ଥିଲେ, ମରୀୟମ ସେହି ସ୍ଥାନରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୋଇ ତାହାଙ୍କୁ ଦେଖି ତାହାଙ୍କର ଚରଣ ତଳେ ପଡ଼ି କହିଲେ, ପ୍ରଭୁ, ଯଦି ଆପଣ ଏଠାରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୋଇଥାଆନ୍ତେ, ତାହାହେଲେ ମୋʼ ଭାଇ ମରି ନ ଥାଆନ୍ତା।
३२मग येशू होता तेथे मरीया आल्यावर त्यास पाहून ती त्याच्या पाया पडली व त्यास म्हणाली, “प्रभूजी, आपण येथे असता तर माझा भाऊ मरण पावला नसता.”
33 ଅତଏବ, ଯୀଶୁ ତାହାଙ୍କୁ ଓ ତାହାଙ୍କ ସହିତ ଆସିଥିବା ଯିହୁଦୀ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ରୋଦନ କରୁଥିବା ଦେଖି ଆତ୍ମାରେ ଗଭୀର ଭାବେ ଉତ୍ତେଜିତ ହେଲେ, ପୁଣି, କର୍ତ୍ତବ୍ୟ ସାଧନ ନିମନ୍ତେ ଦୃଢ଼ ସଙ୍କଳ୍ପରେ ପଚାରିଲେ,
३३जेव्हा, येशू तिला व तिच्याबरोबर आलेल्या यहूदी लोकांस रडतांना पाहून तो आत्म्यात कळवळला व अस्वस्थ झाला;
34 “ତାଙ୍କୁ କେଉଁଠାରେ ରଖିଅଛ?” ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, ପ୍ରଭୁ, ଆସି ଦେଖନ୍ତୁ।
३४आणि म्हणाला, “तुम्ही त्यास कोठे ठेवले आहे?” ते त्यास म्हणाले, “प्रभूजी, येऊन पाहा.”
36 ସେଥିରେ ଯିହୁଦୀ ଲୋକମାନେ କହିଲେ, ଦେଖ, ସେ ତାହାଙ୍କୁ କିପରି ସ୍ନେହ କରୁଥିଲେ।
३६यावरुन यहूदी लोक म्हणाले, “पाहा, याची त्याच्यावर कितीतरी प्रीती होती!”
37 କିନ୍ତୁ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ କେହି କେହି କହିଲେ, ଏହି ଯେଉଁ ବ୍ୟକ୍ତି ସେହି ଅନ୍ଧବ୍ୟକ୍ତିର ଆଖି ଫିଟାଇଥିଲେ, ସେ କଅଣ ଏହାର ମୃତ୍ୟୁ ମଧ୍ୟ ନିବାରଣ କରିପାରି ନ ଥାଆନ୍ତେ?
३७परंतु त्यांच्यांतील कित्येक म्हणाले, “ज्याने त्या आंधळ्याचे डोळे उघडले त्या या मनुष्यास, हा मरू नये असे सुद्धा करता आले नसते काय?”
38 ସେଥିରେ ଯୀଶୁ ପୁନର୍ବାର ଅନ୍ତରରେ ବିରକ୍ତ ହୋଇ ସମାଧି ନିକଟକୁ ଆସିଲେ; ତାହା ଗୋଟିଏ ଗୁହା, ପୁଣି, ତାʼ ମୁହଁରେ ଗୋଟାଏ ପଥର ଥିଲା।
३८येशू पुन्हा अंतःकरणात खवळून कबरेकडे आला. ती एक गुहा होती व तिच्या तोंडावर धोंड ठेवलेली होती.
39 ଯୀଶୁ କହିଲେ, “ଏହି ପଥର ଘୁଞ୍ଚାଇଦିଅ।” ମୃତ ବ୍ୟକ୍ତିଙ୍କ ଭଉଣୀ ମାର୍ଥା ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, ପ୍ରଭୁ, ସେ ବାସିଗଲାଣି, କାରଣ ସେ ଚାରି ଦିନ ହେଲା ମଲାଣି।
३९येशूने म्हटले, “धोंड काढा.” मृताची बहीण मार्था त्यास म्हणाली, “प्रभूजी, आता त्यास दुर्गंधी येत असेल; कारण त्यास मरून चार दिवस झाले आहेत.”
40 ଯୀଶୁ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଯଦି ତୁମ୍ଭେ ବିଶ୍ୱାସ କର, ତାହାହେଲେ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ମହିମା ଦେଖିବ, ଏହା କଅଣ ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ କହିଲି ନାହିଁ?” ସେଥିରେ ସେମାନେ ପଥର ଘୁଞ୍ଚାଇଦେଲେ।
४०येशूने तिला म्हटले, “तू विश्वास ठेवशील तर तू देवाचे गौरव पाहशील असे मी तुला सांगितले नव्हते काय?”
41 ଆଉ, ଯୀଶୁ ଊର୍ଦ୍ଧ୍ୱଦୃଷ୍ଟି କରି କହିଲେ, “ପିତଃ, ତୁମ୍ଭେ ମୋହର ପ୍ରାର୍ଥନା ଶୁଣିଲ ବୋଲି ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ଧନ୍ୟବାଦ ଦେଉଅଛି।
४१तेव्हा त्यांनी धोंड काढली; आणि येशूने डोळे वर करून म्हणाला, “हे पित्या, तू माझे ऐकले म्हणून मी तुझे उपकार मानतो.
42 ତୁମ୍ଭେ ଯେ ସର୍ବଦା ମୋହର ପ୍ରାର୍ଥନା ଶୁଣିଥାଅ, ଏହା ମୁଁ ଜାଣିଥିଲି; କିନ୍ତୁ ଯେଉଁ ଲୋକସମୂହ ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ଠିଆ ହୋଇଅଛନ୍ତି, ତୁମ୍ଭେ ମୋତେ ପ୍ରେରଣ କରିଅଛ ବୋଲି ସେମାନେ ଯେପରି ବିଶ୍ୱାସ କରିବେ, ଏଥିପାଇଁ ସେମାନଙ୍କ ହେତୁ ମୁଁ ଏହା କହିଲି।”
४२मला माहीत आहे की, तू माझे नेहमी ऐकतोस, तरी जे लोक सभोवती उभे आहेत त्यांच्याकरिता मी बोललो, यासाठी की, तू मला पाठवले आहे असा त्यांनी विश्वास धरावा.”
43 ସେ ଏହା କହି ଉଚ୍ଚସ୍ୱରରେ ଡାକିଲେ, “ଲାଜାର, ବାହାରି ଆସ।”
४३असे म्हटल्यावर त्याने मोठ्याने हाक मारली, “लाजरा, बाहेर ये.”
44 ମୃତ ଲୋକଟି ବାହାରି ଆସିଲେ; ତାହାଙ୍କ ହାତ ଓ ପାଦ ସମାଧିବସ୍ତ୍ରରେ ବନ୍ଧା ହୋଇଥିଲା, ପୁଣି, ତାହାଙ୍କ ମୁଖରେ ଖଣ୍ଡେ ଗାମୁଛା ଗୁଡ଼ା ହୋଇଥିଲା। ଯୀଶୁ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଏହାଙ୍କ ବନ୍ଧନ ଫିଟାଇ ଚାଲିଯିବାକୁ ଦିଅ।”
४४तेव्हा जो मरण पावलेला होता तो बाहेर आला; त्याचे हातपाय प्रेतवस्त्रांनी बांधलेले व तोंड रुमालाने गुंडाळलेले होते. येशूने त्यांना म्हटले, “ह्याला मोकळे करून जाऊ द्या.”
45 ଅତଏବ, ଯିହୁଦୀ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଅନେକେ, ଅର୍ଥାତ୍ ଯେଉଁମାନେ ମରୀୟମଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସିଥିଲେ ଓ ଯୀଶୁଙ୍କ କର୍ମ ଦେଖିଥିଲେ, ସେମାନେ ତାହାଙ୍କଠାରେ ବିଶ୍ୱାସ କଲେ;
४५तेव्हा मरियेकडे आलेल्या यहूदी लोकांनी त्याने जे केले ते पाहिले आणि त्यांच्यातल्या पुष्कळांनी त्याच्यावर विश्वास ठेवला;
46 ପୁଣି, ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ କେହି କେହି ଫାରୂଶୀମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ଯାଇ, ଯୀଶୁ ଯାହା ଯାହା କରିଥିଲେ, ସେହିସବୁ ସେମାନଙ୍କୁ ଜଣାଇଲେ।
४६पण कित्येकांनी परूश्यांकडे जाऊन येशूने केले ते त्यांना सांगितले.
47 ସେଥିରେ ପ୍ରଧାନ ଯାଜକ ଓ ଫାରୂଶୀମାନେ ମହାସଭା ଆହ୍ୱାନ କରି କହିଲେ, ଆମ୍ଭେମାନେ କଅଣ କରୁଅଛୁ? ଏ ଲୋକ ତ ଅନେକ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟକର୍ମ କରୁଅଛି।
४७मग मुख्य याजकांनी व परूश्यांनी सभा भरवून म्हटले, “आपण काय करीत आहो? कारण तो मनुष्य पुष्कळ चमत्कार करीत आहे.
48 ଯଦି ଆମ୍ଭେମାନେ ତାହାକୁ ଏପରି ଛାଡ଼ିଦେବା, ତାହାହେଲେ ସମସ୍ତେ ତାହାଠାରେ ବିଶ୍ୱାସ କରିବେ, ଆଉ ରୋମୀୟ ଅଧିକାରୀମାନେ ଆସି ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ଏହି ସ୍ଥାନ ଓ ଜାତି ଉଭୟଙ୍କୁ ନଷ୍ଟ କରିଦେବେ।
४८आपण त्यास असेच सोडले तर सर्व लोक त्याच्यावर विश्वास ठेवतील; आणि रोमी लोक येऊन आपले स्थान आणि राष्ट्रही हिरावून घेतील.”
49 କିନ୍ତୁ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଜଣେ, ଅର୍ଥାତ୍, କୟାଫା ନାମକ ସେହି ବର୍ଷର ମହାଯାଜକ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ କିଛି ଜାଣ ନାହିଁ;
४९तेव्हा त्यांच्यापैकी कयफा नावाचा कोणीएक मनुष्य जो त्या वर्षी महायाजक होता, तो त्यांना म्हणाला, “तुम्हास काहीच कळत नाही.
50 ସମୁଦାୟ ଜାତି ବିନଷ୍ଟ ନ ହୋଇ ଲୋକସାଧାରଣଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଜଣେ ଯେ ମରିବା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପକ୍ଷରେ ମଙ୍ଗଳଜନକ, ଏହା ମଧ୍ୟ ତୁମ୍ଭେମାନେ ବିଚାର କରୁ ନାହଁ।
५०प्रजेसाठी एका मनुष्याने मरावे आणि सर्व राष्ट्राचा नाश होऊ नये तुम्हास फायदेशीर आहे, हेही तुम्ही लक्षात आणत नाही.”
51 ସେ ଆପଣାଠାରୁ ଏହା କହିଲେ ନାହିଁ, କିନ୍ତୁ ସେ ସେହି ବର୍ଷର ମହାଯାଜକ ଥିବାରୁ ଯୀଶୁ ଯେ ଜାତି ନିମନ୍ତେ,
५१आणि हे तर तो आपल्या मनाचे बोलला नाही; तर त्या वर्षी तो मुख्य याजक असल्यामुळे त्याने संदेश दिला की, येशू त्या राष्ट्रासाठी मरणार आहे.
52 ଆଉ କେବଳ ସେହି ଜାତି ନିମନ୍ତେ ନୁହେଁ, ମାତ୍ର ଈଶ୍ବରଙ୍କ ଛିନ୍ନଭିନ୍ନ ସନ୍ତାନମାନଙ୍କୁ ମଧ୍ୟ ସଂଗ୍ରହ କରି ଏକ କରିବା ନିମନ୍ତେ ମୃତ୍ୟୁଭୋଗ କରିବାକୁ ଯାଉଅଛନ୍ତି, ଏଥିସକାଶେ ଏହି ଭାବବାଣୀ କହିଲେ।
५२आणि केवळ त्या राष्ट्रासाठी असे नाही, तर यासाठी की त्याने देवाच्या पांगलेल्या मुलांसही एकत्र जमवून एक करावे.
53 ତେଣୁ ସେହି ଦିନଠାରୁ ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ବଧ କରିବା ନିମନ୍ତେ ମନ୍ତ୍ରଣା କଲେ।
५३यावरुन त्या दिवसापासून, त्यांनी त्यास जीवे मारण्याचा आपसात निश्चय केला.
54 ଅତଏବ, ଯୀଶୁ ଯିହୁଦୀ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଆଉ ପ୍ରକାଶରେ ଗମନାଗମନ କଲେ ନାହିଁ, କିନ୍ତୁ ସେ ସେ ସ୍ଥାନରୁ ବାହାରିଯାଇ ପ୍ରାନ୍ତର ନିକଟରେ ଥିବା ଅଞ୍ଚଳର ଇଫ୍ରୟିମ ନାମକ ଗୋଟିଏ ନଗରକୁ ପ୍ରସ୍ଥାନ କଲେ, ଆଉ ସେ ଶିଷ୍ୟମାନଙ୍କ ସହିତ ସେଠାରେ ରହିଲେ।
५४म्हणून त्यानंतर येशू यहूदी लोकात उघडपणे फिरला नाही; तर तेथून रानाजवळच्या प्रांतांतील एफ्राईम नावाच्या नगरास गेला व तेथे आपल्या शिष्यांबरोबर राहिला.
55 ଯିହୁଦୀମାନଙ୍କର ନିସ୍ତାର ପର୍ବ ସନ୍ନିକଟ ଥିଲା, ପୁଣି, ପଲ୍ଲୀଗ୍ରାମଗୁଡ଼ିକରୁ ଅନେକେ ଆପଣା ଆପଣାକୁ ଶୁଚି କରିବା ନିମନ୍ତେ ନିସ୍ତାର ପର୍ବ ପୂର୍ବେ ଯିରୂଶାଲମ ସହରକୁ ଯାତ୍ରା କଲେ।
५५तेव्हा यहूद्यांचा वल्हांडण सण जवळ आला होता; आणि पुष्कळ लोक वल्हांडणाच्या अगोदर, आपणास शुद्ध करून घ्यावयास बाहेर गावाहून वर यरूशलेम शहरास गेले.
56 ସେଥିରେ ସେମାନେ ଯୀଶୁଙ୍କର ଅନ୍ୱେଷଣ କରୁ କରୁ ମନ୍ଦିରରେ ଠିଆ ହୋଇଥିବା ସମୟରେ ପରସ୍ପର କହିବାକୁ ଲାଗିଲେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ କଅଣ ମନେ କରୁଅଛ? ସେ କି ପର୍ବକୁ ଆସିବେ ନାହିଁ?
५६आणि ते येशूला शोधित होते व ते परमेश्वराच्या भवनात उभे राहून त्यांनी एकमेकांना म्हणत होते, “तुम्हास काय वाटते? सणास तो मुळीच येणार नाही का?”
57 ପ୍ରଧାନ ଯାଜକ ଓ ଫାରୂଶୀମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ଧରିବା ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ, ସେ କେଉଁଠାରେ ଅଛନ୍ତି, ଏହା ଯଦି କେହି ଜାଣେ, ତାହା ପ୍ରକାଶ କରିବାକୁ ଆଜ୍ଞା ଦେଇଥିଲେ।
५७आता मुख्य याजकांनी व परूश्यांनी तर त्यास धरण्याच्या हेतूने अशी आज्ञा केली होती की, तो कोठे आहे असे जर कोणाला समजले तर त्याने कळवावे.