< ଏବ୍ରୀ 2 >
1 ଅତଏବ, ଶୁଣାଯାଇଥିବା ସତ୍ୟ ବାକ୍ୟ ପ୍ରତି ଅଧିକ ମନୋଯୋଗୀ ହେବା ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ଉଚିତ, ନୋହିଲେ କାଳେ ଆମ୍ଭେମାନେ ଲକ୍ଷ୍ୟଭ୍ରଷ୍ଟ ହେବୁ।
इस करकै म्हारे ताहीं जो कुछ सिखाया गया था उसका पालन करण खात्तर हमनै और सावधान रहणा चाहिए। तब हम सच्चाई तै दूर न्ही जावांगे।
2 କାରଣ ଦୂତମାନଙ୍କ ଦ୍ୱାରା କଥିତ ବାକ୍ୟ ଯଦି ଅଟଳ ହୋଇ ରହିଲା, ଆଉ ପ୍ରତ୍ୟେକ ଆଜ୍ଞାଲଙ୍ଘନ ଓ ଅବାଧ୍ୟତା ଯଥାର୍ଥ ଦଣ୍ଡ ପାଇଲା,
क्यूँके जो वचन सुर्गदूत्तां कै जरिये कह्या गया था। जिब वो सच साबित होया अर हरेक अपराध अर हुकम ना मानण का परमेसवर नै उन ताहीं दण्ड दिया।
3 ତେବେ ଏପରି ମହାପରିତ୍ରାଣ ଅବହେଳା କଲେ ଆମ୍ଭେମାନେ କିପରି ରକ୍ଷା ପାଇବା? ତାହା ତ ପ୍ରଥମରେ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ଦ୍ୱାରା କଥିତ ହୋଇ ଶ୍ରବଣ କରିଥିବା ବ୍ୟକ୍ତିମାନଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ପ୍ରମାଣସିଦ୍ଧ ହେଲା;
तो हम माणस इसे महान् उद्धार नै अणदेखा करकै किस तरियां बच सकां सां? इस महान् उद्धार की पैहली बार प्रभु यीशु नै घोषणा करी थी, अर जिन चेल्यां नै उस ताहीं सुण्या, तो चेल्यां नै म्हारे ताहीं साबित करकै दिखा दिया के यो सच सै।
4 ସେ ସମ୍ବନ୍ଧରେ ଈଶ୍ବର ମଧ୍ୟ ଆପଣା ଇଚ୍ଛାନୁସାରେ ନାନା ଚିହ୍ନ ଓ ଅଦ୍ଭୁତ କର୍ମ ପୁଣି, ବିବିଧ ଶକ୍ତିର କାର୍ଯ୍ୟ ଓ ପବିତ୍ର ଆତ୍ମାଙ୍କ ଅନ୍ୟାନ୍ୟ ଦାନ ଦ୍ୱାରା ସାକ୍ଷ୍ୟ ଦେଇଅଛନ୍ତି।
अर गेल्या ए परमेसवर भी अपणी मर्जी कै मुताबिक चमत्कार, अर अनोक्खे काम्मां, अर कई ढाळ के सामर्थ के काम्मां, अर पवित्र आत्मा के वरदान्नां के बांडण के जरिये इन बात्तां नै सच साबित करदा रहया।
5 କାରଣ ଯାହା ଭାବି ଜଗତର କଥା ଆମ୍ଭେମାନେ କହୁଅଛୁ, ତାହା ଈଶ୍ବର ଦୂତମାନଙ୍କ ଅଧୀନ କରି ନାହାନ୍ତି।
उसनै उस आण आळी दुनिया ताहीं जिसका जिक्र हम करण लागरे सां, सुर्गदूत्तां कै अधीन न्ही करया, पर अपणे बेट्टे के अधीन कर दिया।
6 କିନ୍ତୁ ଜଣେ କୌଣସି ସ୍ଥାନରେ ଏହି କଥା କହି ସାକ୍ଷ୍ୟ ଦେଇଅଛନ୍ତି, “ମନୁଷ୍ୟ କିଏ, ଯେ ତୁମ୍ଭେ ତାହାକୁ ସ୍ମରଣ କରିଥାଅ? ମନୁଷ୍ୟ-ସନ୍ତାନ କିଏ, ଯେ ତୁମ୍ଭେ ତାହାର ଯତ୍ନ ନେଇଥାଅ?
पवित्र ग्रन्थ म्ह किते, किसे नै परमेसवर तै यो कह्या सै, के “माणस के सै के तू उसकी सुधि लेवै सै? या माणस का बेट्टा के सै, के तू उसकी फिक्र करै सै?
7 ତୁମ୍ଭେ ଦୂତମାନଙ୍କଠାରୁ ତାହାକୁ ଅଳ୍ପ ନ୍ୟୂନ କରିଅଛ, ତୁମ୍ଭେ ତାହାକୁ ଗୌରବ ଓ ସମ୍ଭ୍ରମରୂପ ମୁକୁଟରେ ଭୂଷିତ କରିଅଛ,
तन्नै उस ताहीं सुर्गदूत्तां तै थोड़ा ए कम महत्वपूर्ण बणाया, तन्नै उस ताहीं राजा की तरियां महिमा अर सम्मान दिया, अर सब किमे उसके अधीन कर दी।
8 ତୁମ୍ଭେ ତାହାର ଅଧୀନ କରି ସମସ୍ତ ବିଷୟ ପାଦ ତଳେ ରଖିଅଛ।” ପ୍ରକୃତରେ ସେ ସମସ୍ତ ବିଷୟକୁ ତାହାର ବଶୀଭୂତ କରିବାରେ କୌଣସି ବିଷୟକୁ ତାହାର ବଶୀଭୂତ ନ କରି ଛାଡ଼ି ନାହାନ୍ତି। ଆମ୍ଭେମାନେ ଏପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସମସ୍ତ ବିଷୟ ତାହାର ବଶୀଭୂତ ହୋଇଥିବାର ଦେଖୁ ନାହୁଁ ସତ,
तन्नै उस ताहीं सारी चिज्जां पै हक दिया।” इसा लाग्गै सै के परमेसवर नै सारा कुछ उसकै अधीन कर दिया सै, उरै ताहीं के कुछ भी न्ही बचा जो उसके अधीन ना हो, पर हम देख सका सां, के सारी चिज्जें उसके अधीन म्ह न्ही।
9 କିନ୍ତୁ ଦୂତମାନଙ୍କ ଅପେକ୍ଷା ଯେ ଅଳ୍ପ ସମୟ ନ୍ୟୂନୀକୃତ ହୋଇଥିଲେ, ତାହାଙ୍କୁ, ଅର୍ଥାତ୍, ଯୀଶୁଙ୍କୁ ମୃତ୍ୟୁର ଦୁଃଖଭୋଗ ହେତୁ ଗୌରବ ଓ ସମ୍ଭ୍ରମରୂପ ମୁକୁଟ ପରିଧାନ କରିଥିବାର ଦେଖୁଅଛୁ, ଯେପରି ଈଶ୍ବରଙ୍କ ଅନୁଗ୍ରହରେ ପ୍ରତ୍ୟେକ ମନୁଷ୍ୟ ନିମନ୍ତେ ସେ ମୃତ୍ୟୁ ଆସ୍ୱାଦନ କରନ୍ତି।
पर हम यो देक्खां सां, के यीशु ताहीं कुछ बखत खात्तर सुर्गदूत्तां तै कम करया गया था, ताके परमेसवर के अनुग्रह तै वो हरेक किसे खात्तर मर सकै, क्यूँके उसनै दुख ठाया अर मर ग्या, इस करकै परमेसवर नै उस ताहीं महिमा अर सम्मान दिया।
10 କାରଣ ଯାହାଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଓ ଯାହାଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ସମସ୍ତ ସୃଷ୍ଟ, ଅନେକ ସନ୍ତାନଙ୍କୁ ଗୌରବରେ ପ୍ରବେଶ କରାଇବାରେ ସେମାନଙ୍କ ପରିତ୍ରାଣର କର୍ତ୍ତା ଯୀଶୁଙ୍କ ଦୁଃଖଭୋଗ ଦ୍ୱାରା ସିଦ୍ଧ କରିବା ଈଶ୍ବରଙ୍କର ଉପଯୁକ୍ତ ଥିଲା।
परमेसवर नै जो कुछ भी बणाया सै, वो सारा अपणे खात्तर सै, अर उस ताहीं योए आच्छा लाग्या के जिब वो भोत सारे माणसां ताहीं अपणी महिमा म्ह साँझा करै, तो यीशु मसीह जो उनका उद्धारकर्ता सै, उसके दुख ठाण कै जरिये उन ताहीं सिध्द बणा लेवैगा।
11 ଯେଣୁ ଯେ ପବିତ୍ର କରନ୍ତି ଓ ଯେଉଁମାନେ ପବିତ୍ରୀକୃତ ହୁଅନ୍ତି, ସେମାନେ ସମସ୍ତେ ଏକ ପିତାଙ୍କର ସନ୍ତାନ; ସେଥିନିମନ୍ତେ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ଭ୍ରାତା ବୋଲି କହିବାକୁ ଲଜ୍ଜିତ ନୁହଁନ୍ତି,
क्यूँके जो माणसां नै उनके पाप तै साफ करै सै, अर जिन माणसां के पाप साफ होण लागरे सै, दोन्नु एक ए पिता परमेसवर की ऊलाद सै, इस्से कारण वो उननै भाई-भाण कहण तै कोनी सरमान्दा।
12 ଯେପରି ସେ ଈଶ୍ବରଙ୍କୁ କହନ୍ତି, “ମୁଁ ଆପଣା ଭ୍ରାତୃଗଣଙ୍କ ନିକଟରେ ତୁମ୍ଭ ନାମ ଘୋଷଣା କରିବି, ସଭା ମଧ୍ୟରେ ତୁମ୍ଭର ପ୍ରଶଂସା ଗାନ କରିବି,”
अर वो (मसीह) परमेसवर तै कहवै सै, “मै अपणे भाईयाँ ताहीं बताऊँगा के तन्नै मेरे खात्तर कितने भले काम करे सै, अर जिब आराधना करण खात्तर मण्डली म्ह कठ्ठे होंगे तो मै तेरी महिमा करुँगा।”
13 ପୁନଶ୍ଚ କହନ୍ତି, “ମୁଁ ତାହାଙ୍କଠାରେ ମୋହର ବିଶ୍ୱାସ ରଖିବି।” ପୁନର୍ବାର, “ଏହି ଦେଖ, ମୁଁ ଓ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ଦ୍ଵାରା ଦିଆଯାଇଥିବା ମୋହର ସନ୍ତାନମାନେ।”
अर वो दुबारा कहवै सै, के मै उन माणसां कै साथ सूं, “जो परमेसवर नै मेरे ताहीं दिए सै।”
14 ଅତଏବ, ସନ୍ତାନମାନେ ରକ୍ତ-ମାଂସର ସହଭାଗୀ ହୋଇଥିବାରୁ ଯୀଶୁ ମଧ୍ୟ ନିଜେ ସେହିପରି ସେଥିର ସହଭାଗୀ ହେଲେ, ଯେପରି ମୃତ୍ୟୁ ଦ୍ୱାରା ମୃତ୍ୟୁର ଅଧିକାରୀକୁ, ଅର୍ଥାତ୍, ଶୟତାନକୁ ବିନାଶ କରିପାରନ୍ତି;
ज्यांतै जिब के परमेसवर के बच्चे सै, जो के माँस अर लहू तै बणे सै, अर उसका बेट्टा (यीशु मसीह) भी इन्सान बण्या, इस करकै वो एक इन्सान के रूप म्ह ए मर सकै था, अर सिर्फ मरण तै ए वो शैतान की शक्ति नै तोड़ सकै था, जिसकै धोरै मौत की शक्ति थी।
15 ପୁଣି, ମୃତ୍ୟୁର ଭୟରେ ଯେଉଁମାନେ ଯାବଜୀବନ ଦାସତ୍ୱର ବନ୍ଧନରେ ଥିଲେ, ସେମାନଙ୍କୁ ସେ ଉଦ୍ଧାର କରନ୍ତି।
अर इस तरियां यीशु नै उन सारे माणसां ताहीं मुक्त कर दिया जो हर बखत गुलाम्मां की तरियां जीवै थे, अर वे मरण तै डरै थे।
16 କାରଣ ପ୍ରକୃତରେ ସେ ତ ଦୂତମାନଙ୍କ ଯତ୍ନ ନ ନେଇ ଅବ୍ରହାମଙ୍କ ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ଯତ୍ନ ନିଅନ୍ତି।
क्यूँके मसीह यीशु तो सुर्गदूत्तां ताहीं न्ही बल्के अब्राहम की पीढ़ी नै सम्भाळै सै।
17 ଅତଏବ, ସମସ୍ତ ବିଷୟରେ ଆପଣା ଭ୍ରାତାମାନଙ୍କ ସଦୃଶ ହେବା ତାହାଙ୍କର ଉଚିତ୍ ଥିଲା, ଯେପରି ସେ ଲୋକମାନଙ୍କ ପାପର ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ କରିବା ନିମନ୍ତେ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ସେବା ସମ୍ବନ୍ଧରେ ଜଣେ ଦୟାଳୁ ଓ ବିଶ୍ୱସ୍ତ ମହାଯାଜକ ହୁଅନ୍ତି।
इस कारण उस ताहीं चाहिये था, के वो हर बात्तां म्ह बिश्वासी भाईयाँ की तरियां बणै, ताके वो परमेसवर का महायाजक बण सकै, जो दयालु अर बिश्वास जोग्गा सै, अर वो माणसां के पापां की माफी खात्तर खुद नै बलिदान कर सकै।
18 କାରଣ ସେ ନିଜେ ପରୀକ୍ଷିତ ହୋଇ ଦୁଃଖଭୋଗ କରିଥିବାରୁ ପରୀକ୍ଷିତ ହେଉଥିବା ଲୋକମାନଙ୍କ ଉପକାର କରିବା ନିମନ୍ତେ ସକ୍ଷମ ଅଟନ୍ତି।
क्यूँके यीशु का इम्तिहान हो लिया अर उसनै खुद दुख ठाया सै, इस करकै वो इम्तिहान म्ह पड़े होए माणसां की मदद कर सकै सै।