< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ପ୍ରଥମ ପୁସ୍ତକ 42 >

1 ଆଉ ମିସର ଦେଶରେ ଶସ୍ୟ ଅଛି, ଏହି କଥା ଶୁଣି ଯାକୁବ ଆପଣା ପୁତ୍ରମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେମାନେ କାହିଁକି ପରସ୍ପର ପ୍ରତି ଅନାଇ ରହୁଅଛ?”
یعقوب چون شنید در مصر غله فراوان است، به پسرانش گفت: «چرا نشسته، به یکدیگر نگاه می‌کنید؟
2 ସେ ଆହୁରି କହିଲେ, “ଦେଖ, ମୁଁ ଶୁଣିଲି, ମିସର ଦେଶରେ ଶସ୍ୟ ଅଛି; ଏଣୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ସେଠାକୁ ଯାଇ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଶସ୍ୟ କିଣି ଆଣ; ତହିଁରେ ଆମ୍ଭେମାନେ ନ ମରି ବଞ୍ଚିବା।”
شنیده‌ام در مصر غله فراوان است. قبل از این که همه از گرسنگی بمیریم، بروید و از آنجا غله بخرید.»
3 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଯୋଷେଫଙ୍କର ଦଶ ଭ୍ରାତା ଶସ୍ୟ କିଣିବା ନିମନ୍ତେ ମିସର ଦେଶକୁ ଗଲେ।
بنابراین ده برادر یوسف برای خرید غله به مصر رفتند.
4 ମାତ୍ର ଯାକୁବ ଯୋଷେଫଙ୍କର ସହୋଦର ବିନ୍ୟାମୀନ୍‍କୁ ଭାଇମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗରେ ପଠାଇଲେ ନାହିଁ; କାରଣ ସେ କହିଲେ, “କେଜାଣି ଅବା ଏହାକୁ ବିପତ୍ତି ଘଟେ।”
ولی یعقوب، بنیامین برادر تنی یوسف را همراه آنها نفرستاد، چون می‌ترسید که او را هم از دست بدهد.
5 ସେତେବେଳେ ସେଠାକୁ ଯିବା ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଇସ୍ରାଏଲଙ୍କର ପୁତ୍ରମାନେ ଶସ୍ୟ କିଣିବା ନିମନ୍ତେ ଗଲେ; ଯେହେତୁ କିଣାନ ଦେଶରେ ମଧ୍ୟ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ଥିଲା।
پس پسران یعقوب هم با کسانی که برای خرید غله از سرزمینهای مختلف به مصر می‌آمدند وارد آنجا شدند، زیرا شدت قحطی در کنعان مثل همه جای دیگر بود.
6 ସେହି ସମୟରେ ଯୋଷେଫ ସେହି ଦେଶର ଅଧ୍ୟକ୍ଷ ହେବାରୁ ଦେଶୀୟ ଲୋକ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ଶସ୍ୟ ବିକ୍ରୟ କରୁଥିଲେ; ତହିଁରେ ଯୋଷେଫଙ୍କର ଭ୍ରାତୃଗଣ ଆସି ତାଙ୍କୁ ଭୂମିଷ୍ଠ ପ୍ରଣାମ କଲେ।
چون یوسف حاکم مصر و مسئول فروش غله بود، برادرانش نزد او رفته در برابرش به خاک افتادند.
7 ସେତେବେଳେ ଯୋଷେଫ ଆପଣା ଭାଇମାନଙ୍କୁ ଦେଖି ଚିହ୍ନିଲେ, ମାତ୍ର ସେମାନଙ୍କ ଆଗରେ ଅପରିଚିତ ଲୋକ ପରି ବ୍ୟବହାର କରି କଟୁ କଥାରେ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେମାନେ କେଉଁଠାରୁ ଆସିଅଛ?” ସେମାନେ କହିଲେ, “କିଣାନ ଦେଶରୁ ଖାଦ୍ୟଦ୍ରବ୍ୟ କିଣିବାକୁ ଆସିଅଛୁ।”
یوسف وقتی برادرانش را دید، فوری آنها را شناخت، ولی وانمود کرد که ایشان را نمی‌شناسد و با خشونت از آنها پرسید: «از کجا آمده‌اید؟» گفتند: «از سرزمین کنعان برای خرید غله آمده‌ایم.»
8 ମାତ୍ର ଯୋଷେଫ ଆପଣା ଭାଇମାନଙ୍କୁ ଚିହ୍ନିଲେ ହେଁ ସେମାନେ ତାଙ୍କୁ ଚିହ୍ନି ପାରିଲେ ନାହିଁ।
هر چند یوسف برادرانش را شناخت، اما آنها او را نشناختند.
9 ତହୁଁ ଯୋଷେଫ ସେମାନଙ୍କ ବିଷୟରେ ଯେସବୁ ସ୍ୱପ୍ନ ଦେଖିଥିଲେ, ତାହା ସ୍ମରଣ କରି ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ଚୋର ଲୋକ; ଦେଶର ଛିଦ୍ର ଅନୁସନ୍ଧାନ କରିବାକୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆସିଅଛ।”
در این لحظه یوسف خوابهایی را که مدتها پیش در خانهٔ پدرش دیده بود، به خاطر آورد. او به آنها گفت: «شما جاسوس هستید و برای بررسی سرزمین ما به اینجا آمده‌اید.»
10 ସେମାନେ କହିଲେ, “ନା ପ୍ରଭୋ, ତାହା ନୁହେଁ, ଆପଣଙ୍କର ଏହି ଦାସମାନେ ଖାଦ୍ୟଦ୍ରବ୍ୟ କିଣିବାକୁ ଆସିଅଛନ୍ତି।
آنها گفتند: «ای سَروَر ما، چنین نیست. ما برای خرید غله آمده‌ایم.
11 ଆମ୍ଭେମାନେ ସମସ୍ତେ ଏକ ବ୍ୟକ୍ତିର ପୁତ୍ର, ଆମ୍ଭେମାନେ ସଚ୍ଚୋଟ ଲୋକ, ଆପଣଙ୍କ ଏହି ଦାସମାନେ ଚୋର ନୁହନ୍ତି।”
همهٔ ما برادریم. ما مردمی صادق هستیم و برای جاسوسی نیامده‌ایم.»
12 ତେବେ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ନା, ନା, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଦେଶର ଛିଦ୍ର ଅନୁସନ୍ଧାନ କରିବାକୁ ଆସିଅଛ।”
یوسف گفت: «چرا، شما جاسوس هستید و آمده‌اید سرزمین ما را بررسی کنید.»
13 ସେମାନେ କହିଲେ, “ଆପଣଙ୍କର ଏହି ଦାସମାନେ ଦ୍ୱାଦଶ ଭ୍ରାତା, କିଣାନ ଦେଶ ନିବାସୀ ଜଣକର ପୁତ୍ର; ଆଉ ଦେଖନ୍ତୁ, ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର କନିଷ୍ଠ ଭ୍ରାତା ପିତା ନିକଟରେ ଅଛି, ପୁଣି, ଜଣେ ନାହିଁ।”
آنها عرض کردند: «ای سَروَر، ما دوازده برادریم و پدرمان در سرزمین کنعان است. برادر کوچک ما نزد پدرمان است و یکی از برادران ما هم مرده است.»
14 ତହୁଁ ଯୋଷେଫ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଚୋର ବୋଲି ଯାହା କହିଲୁ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ତାହା ହିଁ ପ୍ରମାଣ।
یوسف گفت: «از کجا معلوم که راست می‌گویید؟
15 ଏହା ଦ୍ୱାରା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ପରୀକ୍ଷା କରାଯିବ; ଆମ୍ଭେ ଫାରୋର ଆୟୁର ଶପଥ କରି କହୁଅଛୁ, ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର କନିଷ୍ଠ ଭ୍ରାତା ଏଠାକୁ ନ ଆସିଲେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଏଠାରୁ ଯାଇ ପାରିବ ନାହିଁ।
فقط در صورتی درستی حرفهای شما ثابت می‌شود که برادر کوچکتان هم به اینجا بیاید و گرنه به حیات فرعون قسم که اجازه نخواهم داد از مصر خارج شوید.
16 ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଜଣକୁ ପଠାଅ, ସେ ତୁମ୍ଭ ଭାଇକୁ ଆଣୁ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ବନ୍ଦୀ ଥାଅ; ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ କଥା ସତ୍ୟ କି ନାହିଁ, ପରୀକ୍ଷା ହେଲେ ଜଣାଯିବ; ନୋହିଲେ ଆମ୍ଭେ ଫାରୋର ଆୟୁର ଶପଥ କରି କହୁଅଛୁ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଅବଶ୍ୟ ଚୋର ଅଟ।”
یکی از شما برود و برادرتان را بیاورد. بقیه را اینجا در زندان نگاه می‌دارم تا معلوم شود آنچه گفته‌اید راست است یا نه. اگر دروغ گفته باشید به جان فرعون سوگند که شما جاسوس هستید.»
17 ତହୁଁ ଯୋଷେଫ ସେମାନଙ୍କୁ ତିନି ଦିନ କାରାଗାରରେ ବନ୍ଦ କରି ରଖିଲେ।
پس همهٔ آنها را به مدت سه روز به زندان انداخت.
18 ପୁଣି, ତୃତୀୟ ଦିନରେ ଯୋଷେଫ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ପ୍ରତି ଆମ୍ଭର ଭୟ ଅଛି; ଏଣୁ ଏହି କର୍ମ କର, ତହିଁରେ ବଞ୍ଚିବ।
در روز سوم یوسف به ایشان گفت: «من مرد خداترسی هستم، پس آنچه به شما می‌گویم انجام دهید تا زنده بمانید.
19 ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯଦି ସଚ୍ଚୋଟ ଲୋକ, ତେବେ ଆପଣା ମଧ୍ୟରୁ ଏକ ଭାଇକୁ ଏହି କାରାଗାରରେ ବନ୍ଦ ରଖି ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ହେତୁ ଗୃହକୁ ଶସ୍ୟ ଘେନିଯାଅ।
اگر شما واقعاً افراد صادقی هستید، از شما برادران یکی در زندان بماند و بقیه با غله‌ای که خریده‌اید نزد خانواده‌های گرسنه خود برگردید.
20 ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆପଣା ସାନ ଭାଇଙ୍କୁ ଆମ୍ଭ ନିକଟକୁ ଆଣ, ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ କଥା ସପ୍ରମାଣ ହେଲେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ମରିବ ନାହିଁ।” ତହୁଁ ସେମାନେ ସେହି ପ୍ରକାର କଲେ।
ولی شما باید برادر کوچک خود را نزد من بیاورید. به این طریق به من ثابت خواهد شد که راست گفته‌اید و من شما را نخواهم کشت.» آنها این شرط را پذیرفتند.
21 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ ପରସ୍ପର କୁହାକୁହି ହେଲେ, “ଆମ୍ଭେମାନେ ଆପଣା ଭାଇ ବିଷୟରେ ନିଶ୍ଚୟ ଅପରାଧୀ ଅଟୁ; ସେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ବିନତି କରିବା ବେଳେ ଆମ୍ଭେମାନେ ତାହା ପ୍ରାଣର ବ୍ୟାକୁଳତା ଦେଖିଲେ ହେଁ ତାହା ଶୁଣିଲୁ ନାହିଁ, ତେଣୁକରି ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଏହି ବିପତ୍ତି ଘଟିଅଛି।”
آنگاه برادران به یکدیگر گفتند: «همهٔ این ناراحتی‌ها به خاطر آن است که به برادر خود یوسف بدی کردیم و به التماس عاجزانهٔ او گوش ندادیم.»
22 ସେତେବେଳେ ରୁବେନ୍‍ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ‘ସେହି ବାଳକ ବିଷୟରେ ପାପ କର ନାହିଁ,’ ଏହି କଥା କି ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ କହି ନାହିଁ? ତଥାପି ତୁମ୍ଭେମାନେ ଶୁଣିଲ ନାହିଁ; ଏନିମନ୍ତେ ଦେଖ, ଏବେ ତାହାର ରକ୍ତର ପରିଶୋଧ ନିଆଯାଉଅଛି।”
رئوبین به آنها گفت: «آیا من به شما نگفتم این کار را نکنید؟ ولی حرف مرا قبول نکردید. حالا باید تاوان گناهمان را پس بدهیم.»
23 ମାତ୍ର ଯୋଷେଫ ଯେ ସେମାନଙ୍କ କଥାବାର୍ତ୍ତା ବୁଝିଲେ, ଏହା ସେମାନେ ଜାଣି ପାରିଲେ ନାହିଁ; କାରଣ ସେ ଦ୍ୱିଭାଷୀ ଦ୍ୱାରା ସେମାନଙ୍କ ସହିତ କଥା କହୁଥିଲେ;
البته آنها نمی‌دانستند که یوسف سخنانشان را می‌فهمد، زیرا او توسط مترجم با ایشان صحبت می‌کرد.
24 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଯୋଷେଫ ସେମାନଙ୍କ ନିକଟରୁ ଯାଇ କ୍ରନ୍ଦନ କଲେ; ପୁନର୍ବାର ଆସି ସେମାନଙ୍କ ସହିତ କଥାବାର୍ତ୍ତା କରି ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଶିମୀୟୋନକୁ ଧରି ସେମାନଙ୍କ ସାକ୍ଷାତରେ ବାନ୍ଧିଲେ।
در این موقع یوسف از نزد آنها به جایی خلوت رفت و بگریست. سپس نزد آنها بازگشت و شمعون را از میان آنها انتخاب کرده، دستور داد در برابر چشمان برادرانش او را در بند نهند.
25 ତହୁଁ ଯୋଷେଫ ସେମାନଙ୍କ ପାତ୍ରରେ ଶସ୍ୟପୂର୍ଣ୍ଣ କରି ପ୍ରତ୍ୟେକ ଜଣର ପଟରେ ଟଙ୍କା ଫେରାଇ ଦେବାକୁ ଓ ସେମାନଙ୍କୁ ପାଥେୟ ଦ୍ରବ୍ୟ ଦେବାକୁ ଆଜ୍ଞା ଦେଲେ; ତହିଁରେ ତଦ୍ରୂପ କରାଗଲା,
آنگاه یوسف به خادمانش دستور داد تا کیسه‌های آنها را از غله پُر کنند، درضمن پولهایی را که برادرانش برای خرید غله پرداخته بودند، در داخل خورجینهایشان بگذارند و توشهٔ سفر به آنها بدهند. پس آنها چنین کردند
26 ତହୁଁ ସେମାନେ ଆପଣା ଆପଣା ଗଧ ଉପରେ ଶସ୍ୟ ଲଦି ସେଠାରୁ ପ୍ରସ୍ଥାନ କଲେ।
و برادران یوسف غله را بار الاغهای خود نموده، روانهٔ سرزمین خویش شدند.
27 ମାତ୍ର ଉତ୍ତରିବା ସ୍ଥାନରେ ଜଣେ ଗଧକୁ ଆହାର ଦେବା ନିମନ୍ତେ ପଟ ଫିଟାନ୍ତେ, ଆପଣା ଟଙ୍କା ଦେଖିଲା; କାରଣ ପଟ ମୁହଁରେ ଟଙ୍କା ଥିଲା।
هنگام غروب آفتاب، وقتی که برای استراحت توقف کردند، یکی از آنها خورجین خود را باز کرد تا به الاغها خوراک بدهد و دید پولی که برای خرید غله پرداخته بود، در دهانهٔ خورجین است.
28 ତହିଁରେ ସେ ଭାଇମାନଙ୍କୁ କହିଲା, “ମୋହର ଟଙ୍କା ଫେରି ଆସିଅଛି; ଏହି ଦେଖ, ତାହା ମୋʼ ପଟରେ ଅଛି।” ଏଣୁ ସେମାନଙ୍କର ହଂସା ଉଡ଼ିଗଲା, ଆଉ ସେମାନେ କମ୍ପିତ ହୋଇ ପରସ୍ପର ପ୍ରତି ଅନାଇ କହିଲେ, “ପରମେଶ୍ୱର ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ପ୍ରତି ଏ କି କର୍ମ କରିଅଛନ୍ତି?”
پس به برادرانش گفت: «ببینید! پولی را که داده‌ام در دهانۀ خورجینم گذاشته‌اند.» آنگاه از ترس لرزه بر اندام آنها افتاده، به یکدیگر گفتند: «این چه بلایی است که خدا بر سر ما آورده است؟»
29 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ କିଣାନ ଦେଶରେ ଆପଣା ପିତା ଯାକୁବଙ୍କ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୋଇ ଆପଣାମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଯାହା ଯାହା ଘଟିଥିଲା, ତାହାସବୁ ତାଙ୍କୁ ଜଣାଇ କହିଲେ,
وقتی برادران به سرزمین کنعان نزد پدر خود یعقوب بازگشتند، آنچه را که برایشان اتفاق افتاده بود برای او تعریف کرده، گفتند:
30 “ଯେଉଁ ବ୍ୟକ୍ତି ସେହି ଦେଶର କର୍ତ୍ତା, ସେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଦେଶର ଚୋର ଜ୍ଞାନ କରି କଟୁ କଥା କହିଲା।
«آن مرد که حاکم آن سرزمین بود با خشونت زیاد با ما صحبت کرد و پنداشت که ما جاسوس هستیم.
31 ତହିଁରେ ଆମ୍ଭେମାନେ ତାକୁ କହିଲୁ, ‘ଆମ୍ଭେମାନେ ସଚ୍ଚୋଟ ଲୋକ, ଚୋର ନୋହୁଁ,
به او گفتیم که ما مردمانی درستکار هستیم و جاسوس نیستیم؛
32 ଆମ୍ଭେମାନେ ବାର ଭାଇ, ସମସ୍ତେ ଏକ ପିତାଙ୍କର ସନ୍ତାନ; ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଜଣେ ନାହିଁ, ପୁଣି, କିଣାନ ଦେଶରେ ପିତାଙ୍କ ନିକଟରେ ଆଉ ଏକ ସାନ ଭାଇ ଅଛି।’
ما دوازده برادریم از یک پدر. یکی از ما مرده و دیگری که از همهٔ ما کوچکتر است نزد پدرمان در کنعان می‌باشد.
33 ସେତେବେଳେ ଦେଶର କର୍ତ୍ତା ସେହି ବ୍ୟକ୍ତି ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ କହିଲା, ‘ଏହା କଲେ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ବିଶ୍ୱାସ୍ୟ ଲୋକ ବୋଲି ବୁଝି ପାରିବା; ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କ ଏକ ଭାଇକୁ ଆମ୍ଭ ନିକଟରେ ରଖି ଆପଣାମାନଙ୍କ ଗୃହର ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ହେତୁ ଶସ୍ୟ ଘେନିଯାଅ।
حاکم مصر در جواب ما گفت:”اگر راست می‌گویید، یکی از شما نزد من به عنوان گروگان بماند و بقیه، غله‌ها را برداشته، نزد خانواده‌های گرسنهٔ خود بروید
34 ପୁଣି, ଆପଣାମାନଙ୍କ ସାନ ଭାଇଙ୍କୁ ଆମ୍ଭ ନିକଟକୁ ଆଣ, ତେବେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯେ ସଚ୍ଚୋଟ ଲୋକ, ଚୋର ନୁହଁ, ଏହା ବୁଝିବା; ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ଭାଇଙ୍କୁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ସମର୍ପଣ କରିଦେବା, ପୁଣି, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଏ ଦେଶରେ ବାଣିଜ୍ୟ କରି ପାରିବ।’”
و برادر کوچک خود را نزد من آورید. اگر چنین کنید معلوم می‌شود که راست می‌گویید و جاسوس نیستید. آنگاه من هم برادر شما را آزاد خواهم کرد و اجازه خواهم داد هر زمانی که بخواهید به مصر آمده، غلهٔ مورد نیاز خود را خریداری کنید.“»
35 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ ପଟ ଖାଲି କରନ୍ତେ, ପ୍ରତି ଜଣ ଆପଣା ଆପଣା ପଟ ଭିତରୁ ଟଙ୍କାପୁଡ଼ିଆ ପାଇଲେ। ତେବେ ସେହି ସବୁ ଟଙ୍କାର ମୁଣା ଦେଖି, ସେମାନେ ଓ ସେମାନଙ୍କ ପିତା ଭୀତ ହେଲେ।
آنها وقتی خورجینهای خود را باز کردند، دیدند پولهایی که بابت خرید غله پرداخته بودند، داخل خورجینهای غله است. آنها و پدرشان از این پیشامد بسیار ترسیدند.
36 ତହିଁରେ ସେମାନଙ୍କ ପିତା ଯାକୁବ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ମୋତେ ପୁତ୍ରହୀନ କରୁଅଛ; ଯୋଷେଫ ନାହିଁ, ଶିମୀୟୋନ ନାହିଁ, ପୁଣି, ବିନ୍ୟାମୀନ୍‍କୁ ମଧ୍ୟ ଘେନିଯିବାକୁ ପାଞ୍ଚୁଅଛ, ଏହିସବୁ ସିନା ମୋହର ପ୍ରତିକୂଳ ହେଉଅଛି।”
یعقوب به ایشان گفت: «مرا بی‌اولاد کردید. یوسف دیگر برنگشت، شمعون از دستم رفت و حالا می‌خواهید بنیامین را هم از من جدا کنید. چرا این همه بدی بر من واقع می‌شود؟»
37 ତହିଁରେ ରୁବେନ୍‍ ପିତାଙ୍କୁ କହିଲା, “ମୁଁ ଯଦି ତୁମ୍ଭ ପାଖକୁ ତାକୁ ନ ଆଣେ, ତେବେ ତୁମ୍ଭେ ମୋର ଦୁଇ ପୁଅଙ୍କୁ ବଧ କରିବ; ମୋʼ ହସ୍ତରେ ତାକୁ ସମର୍ପଣ କର; ମୁଁ ତାକୁ ପୁନର୍ବାର ତୁମ୍ଭ ପାଖକୁ ଆଣି ଦେବି।”
آنگاه رئوبین به پدرش گفت: «تو بنیامین را به دست من بسپار. اگر او را نزد تو باز نیاورم دو پسرم را بکُش.»
38 ତେବେ ସେ କହିଲେ, “ମୋʼ ପୁଅ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗରେ ଯିବ ନାହିଁ, ତାହାର ସହୋଦର ମରିଅଛି, ସେ ହିଁ କେବଳ ଅଛି; ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯେଉଁ ପଥରେ ଯାଉଅଛ, ତହିଁରେ ଏହାକୁ ଯଦି କୌଣସି ବିପଦ ଘଟିବ, ତେବେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ମୋତେ ଶୋକରେ ଏହି ପକ୍ୱ କେଶରେ କବରକୁ ପଠାଇବ।” (Sheol h7585)
ولی یعقوب در جواب او گفت: «پسر من با شما به مصر نخواهد آمد؛ چون برادرش یوسف مرده و از فرزندان مادرش تنها او برای من باقی مانده است. اگر بلایی بر سرش بیاید پدر پیرتان از غصه خواهد مُرد.» (Sheol h7585)

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