< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ପ୍ରଥମ ପୁସ୍ତକ 31 >

1 ପୁଣି, “ଯାକୁବ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପିତାଙ୍କର ସର୍ବସ୍ୱ ହରଣ କରିଅଛି ଓ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପିତାଙ୍କର ଧନରୁ ତାହାର ଏହି ସମସ୍ତ ଐଶ୍ୱର୍ଯ୍ୟ ହୋଇଅଛି,” ଲାବନର ପୁତ୍ରମାନଙ୍କର ଏହି କଥା ଯାକୁବ ଶୁଣିଲା।
लाबानाचे पुत्र आपसात बोलत असताना याकोबाने ऐकले ते म्हणाले, “जे आपल्या बापाचे त्यातून सर्वकाही याकोबाने घेतले आहे आणि जे आमच्या वडिलाच्या त्या मालमत्तेतून तो संपन्न झाला आहे.”
2 ପୁଣି, ଲାବନ ତାହା ପ୍ରତି ପୂର୍ବ ପରି ନୁହେଁ, ଏହା ଯାକୁବ ତାହାର ମୁଖ ଦେଖି ବୁଝିଲା।
याकोबाने लाबानाचा चेहरा पाहिला. त्याच्या वागण्यात बदल झाल्याचे त्याच्या लक्षात आले.
3 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଯାକୁବକୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ପୈତୃକ ଦେଶରେ ଜ୍ଞାତିମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ଫେରିଯାଅ, ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭର ସହବର୍ତ୍ତୀ ହେବା।”
परमेश्वर याकोबाला म्हणाला, “तुझ्या वडिलाच्या देशात आपल्या नातलगांकडे तू परत जा, आणि मी तुझ्याबरोबर असेन.”
4 ଏଣୁ ଯାକୁବ କ୍ଷେତ୍ରରେ ପଶୁପଲ ନିକଟକୁ ରାହେଲ ଓ ଲେୟାକୁ ଡକାଇ କହିଲା,
तेव्हा याकोबाने राहेल व लेआ यांना, तो आपले शेरडामेंढरांचे कळप राखीत होता, तेथे शेतात बोलावले,
5 “ମୁଁ ଦେଖୁଅଛି, ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପିତାଙ୍କର ମୁଖ ମୋʼ ପ୍ରତି ପୂର୍ବ ପରି ନୁହେଁ; ମାତ୍ର ମୋହର ପୈତୃକ ପରମେଶ୍ୱର ମୋହର ସହାୟ ଅଟନ୍ତି।
आणि त्यांना म्हणाला, “तुमच्या वडिलाच्या वागण्यात मला बदल झालेला जाणवला आहे. परंतु माझ्या बापाचा देव माझ्याबरोबर आहे.
6 ମୁଁ ଆପଣାର ସବୁ ବଳ ଦେଇ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପିତାଙ୍କର ଦାସ୍ୟକର୍ମ କରିଅଛି, ଏହା ତୁମ୍ଭେମାନେ ଜାଣ।
तुम्हास माहीत आहे की, मी आपल्या सर्व शक्तीने तुमच्या बापाची सेवा केली आहे.
7 ତଥାପି ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପିତା ମୋତେ ପ୍ରବଞ୍ଚନା କରି ଦଶ ଥର ମୋହର ବେତନ ପରିବର୍ତ୍ତନ କରିଅଛନ୍ତି; ମାତ୍ର ପରମେଶ୍ୱର ତାଙ୍କୁ ମୋହର କ୍ଷତି କରିବାକୁ ଦେଇ ନାହାନ୍ତି।
तुमच्या वडिलाने मला फसवले आणि त्याने माझ्या वेतनात दहा वेळा बदल केलेला आहे. परंतु देवाने माझे नुकसान करण्याची परवानगी त्यास दिली नाही.
8 ଯେହେତୁ ‘ଚିତ୍ରବିଚିତ୍ର ପଶୁଗଣ ତୁମ୍ଭର ବେତନ ସ୍ୱରୂପ ହେବେ,’ ସେ ଆପେ ଯେତେବେଳେ ଏହି କଥା କହିଲେ, ସେତେବେଳେ ସମସ୍ତ ପଶୁ ଚିତ୍ରବିଚିତ୍ର ଛୁଆ ପ୍ରସବ କଲେ; ପୁଣି, ‘ରେଖାଙ୍କିତ ପଶୁଗଣ ତୁମ୍ଭର ବେତନ ସ୍ୱରୂପ ହେବେ,’ ସେ ଯେତେବେଳେ ଏହା କହିଲେ, ସେତେବେଳେ ସମସ୍ତ ପଶୁ ରେଖାଙ୍କିତ ଛୁଆ ପ୍ରସବ କଲେ।
जेव्हा तो म्हणाला, सर्व ठिपकेदार शेळ्यामेंढ्या तुझे वेतन होतील, सर्व शेळ्यामेंढ्यांना ठिपकेदार करडे होऊ लागली. परंतु मग लाबान म्हणाला, तू बांड्या बकऱ्या घे; त्या तुला वेतनादाखल होतील. त्याने असे म्हटल्यानंतर सर्व बकऱ्यांना बांडी करडे होऊ लागली,
9 ଏହିରୂପେ ପରମେଶ୍ୱର ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପିତାଙ୍କର ପଶୁଧନ ନେଇ ମୋତେ ଦେଲେ।
तेव्हा अशा रीतीने देवाने तुमच्या वडिलाच्या कळपातून गुरेढोरे काढून घेऊन ती मला दिलेली आहेत.
10 କାରଣ ପଶୁମାନଙ୍କ ଗର୍ଭଧାରଣ ସମୟରେ ମୁଁ ସ୍ୱପ୍ନରେ ଅନାଇ ଦେଖିଲି, ଦେଖ, ପଲ ସଙ୍ଗମକାରୀ ସମସ୍ତ ଛାଗଳ ରେଖାଙ୍କିତ ଓ ଚିତ୍ରବିଚିତ୍ର ଓ ବିନ୍ଦୁଚିହ୍ନିତ।
१०एकदा शेळ्यामेंढ्यांचा कळप निपजण्याच्या वेळेस मी आपली दृष्टी वर करून स्वप्नात पाहिले, तो पाहा, कळपातल्या माद्यांवर नर उडत होते ते फक्त ठिपकेदार व बांडे, करडे होते.”
11 ସେତେବେଳେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଦୂତ ସ୍ୱପ୍ନରେ ମୋତେ ‘ଯାକୁବ’ ବୋଲି ଡାକନ୍ତେ, ମୁଁ କହିଲି, ‘ଦେଖନ୍ତୁ, ମୁଁ ଏଠାରେ।’
११देवाचा दूत मला स्वप्नात म्हणाला, “याकोबा,” मी म्हणालो, “काय आज्ञा आहे?”
12 ତହିଁରେ ସେ କହିଲେ, ‘ଏବେ ଅନାଇ ଦେଖ, ପଲ ସଙ୍ଗମକାରୀ ସମସ୍ତ ଛାଗଳ ରେଖାଙ୍କିତ, ଚିତ୍ରବିଚିତ୍ର ଓ ବିନ୍ଦୁଚିହ୍ନିତ; ଯେହେତୁ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରତି ଲାବନ ଯେରୂପ ବ୍ୟବହାର କରଇ, ତାହା ଆମ୍ଭେ ଦେଖିଲୁ।
१२तो म्हणाला, “आपले डोळे वर करून पाहा, ‘फक्त ठिपकेदार व बांडे, करडे असलेलेच नर माद्यांवर उडत आहेत. लाबान तुला काय करीत आहे ते सर्व मी पाहिले आहे.
13 ଯେଉଁଠାରେ ତୁମ୍ଭେ ଗୋଟିଏ ସ୍ତମ୍ଭ ଅଭିଷେକ କରିଅଛ ଓ ଆମ୍ଭ ନିକଟରେ ମାନତ କରିଅଛ, ସେହି ବେଥେଲ୍‍ର ପରମେଶ୍ୱର ଆମ୍ଭେ; ଏବେ ଉଠି ଏହି ଦେଶ ପରିତ୍ୟାଗ କରି ଆପଣା ଜ୍ଞାତିମାନଙ୍କ ଦେଶକୁ ଫେରିଯାଅ!’”
१३बेथेलचा मी देव आहे. जेथे तू एका स्मारकस्तंभास अभिषेक केलास, जेथे नवस करून तू मला वचन दिले, आणि आता तू हा देश सोड आणि आपल्या जन्मभूमीस परत जा.’”
14 ତହିଁରେ ରାହେଲ ଓ ଲେୟା ଉତ୍ତର କଲେ, “ପିତାଙ୍କ ଗୃହରେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର କି ଆଉ କିଛି ବାଣ୍ଟ ଓ ଅଧିକାର ଅଛି?
१४राहेल व लेआ यांनी त्यास उत्तर दिले आणि त्यास म्हणाल्या, “आमच्या वडिलाच्या घरी आम्हांला वारसा किंवा तेथे काही भाग नाही.
15 ଆମ୍ଭେମାନେ କି ତାଙ୍କ ନିକଟରେ ବିଦେଶିନୀ ରୂପେ ଗଣ୍ୟ ନୋହୁଁ? ଯେହେତୁ ସେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ବିକ୍ରି କରି ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ମୂଲ୍ୟ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ରୂପେ ଭୋଗ କରିଅଛନ୍ତି।
१५आम्ही परक्या असल्यासारखे त्याने आम्हांला वागवले नाही काय? त्याने आम्हास तुम्हास विकून टाकले, आणि आमचे पूर्ण पैसे खाऊन टाकले आहेत.
16 ଏହେତୁ ପରମେଶ୍ୱର ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପିତାଙ୍କଠାରୁ ଯେଉଁସବୁ ଧନ ନେଇଅଛନ୍ତି, ସେହି ସବୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ଓ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ସନ୍ତାନଗଣର। ଏଣୁ ପରମେଶ୍ୱର ତୁମ୍ଭକୁ ଯାହା କହିଲେ, ତୁମ୍ଭେ ତାହା କର।”
१६देवाने ही सर्व संपत्ती आमच्या पित्याकडून घेतली आणि आता ती आपली व आपल्या मुळाबाळांची संपत्ती झाली आहे. तेव्हा देवाने तुम्हास जे करावयास सांगितले आहे ते करा.”
17 ତହୁଁ ଯାକୁବ ଉଠି ଆପଣା ସନ୍ତାନଗଣ ଓ ଭାର୍ଯ୍ୟାମାନଙ୍କୁ ଓଟ ଉପରେ ବସାଇଲା;
१७तेव्हा याकोब उठला आणि त्याने आपल्या स्त्रिया व मुलांना उंटांवर बसवले.
18 ପୁଣି, ଆପଣା ଉପାର୍ଜ୍ଜିତ ପଶ୍ୱାଦି ସକଳ ଧନ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ପଦ୍ଦନ୍‍ ଅରାମରେ ଯେଉଁ ପଶୁ ଓ ଯେଉଁ ସମ୍ପତ୍ତି ଉପାର୍ଜ୍ଜନ କରିଥିଲା, ତାହା ଘେନି କିଣାନ ଦେଶରେ ଆପଣା ପିତା ଇସ୍‌ହାକ ନିକଟକୁ ପ୍ରସ୍ଥାନ କଲା।
१८तो आपली सर्व गुरेढोरे आणि आपण मिळवलेले सर्व धन, म्हणजे जे गुरांढोरांचे कळप त्याने पदन-अरामात मिळवले होते, ते घेऊन आपला बाप इसहाक याच्याकडे कनान देशास जाण्यास निघाला.
19 ସେହି ସମୟରେ ଲାବନ ମେଷର ଲୋମ ଛେଦନ କରିବାକୁ ଯାଇଥିଲା; ପୁଣି, ରାହେଲ ଆପଣା ପିତାଙ୍କର ଠାକୁରମାନଙ୍କୁ ହରଣ କଲା।
१९त्याच वेळी लाबान आपल्या मेंढरांची लोकर कातरण्यास गेला होता. तेव्हा राहेलने आपल्या वडिलाच्या कुलदेवतांच्या मूर्ती चोरल्या.
20 ଆଉ ଯାକୁବ ଆପଣା ପଳାୟନର କୌଣସି ସମ୍ବାଦ ନ ଦେଇ ଅରାମୀୟ ଲାବନକୁ ପ୍ରବଞ୍ଚନା କଲା।
२०याकोबानेही अरामी लाबानाला फसवले. आपण येथून सोडून जात आहो हे त्यास सांगितले नाही.
21 ଏହି ପ୍ରକାରେ ସେ ଆପଣା ସର୍ବସ୍ୱ ଘେନି ପଳାୟନ କଲା, ପୁଣି, ଉଠି (ଫରାତ୍‍) ନଦୀ ପାର ହୋଇ ଗିଲୀୟଦ ପର୍ବତ ଆଡ଼େ ଦୃଷ୍ଟି କରି ଚାଲିଲା।
२१याकोब आपली बायकामुले व सर्व चीजवस्तू घेऊन ताबडतोब पळाला. त्यांनी फरात नदी ओलांडली आणि ते गिलाद डोंगराळ प्रदेशाकडे निघाले.
22 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ତୃତୀୟ ଦିବସରେ ଲାବନକୁ ଯାକୁବର ପଳାୟନ ସମ୍ବାଦ ଦିଆଗଲା।
२२तीन दिवसानंतर याकोब पळून गेल्याचे लाबानास कळाले.
23 ତହିଁରେ ସେ ଆପଣା କୁଟୁମ୍ବମାନଙ୍କୁ ସଙ୍ଗେ ଘେନି ତାହାର ପଛେ ପଛେ ସାତ ଦିନର ବାଟ ଦୌଡ଼ିଯାଇ ଗିଲୀୟଦ ପର୍ବତ ନିକଟରେ ତାହାର ସଙ୍ଗ ଧରିଲା।
२३तेव्हा त्याने आपले नातलग एकत्र जमवले आणि याकोबाचा पाठलाग सुरू केला. सात दिवसानंतर गिलादाच्या डोंगराळ प्रदेशाजवळ त्यास याकोब सापडला.
24 ମାତ୍ର ପରମେଶ୍ୱର ରାତ୍ରିକାଳେ ସ୍ୱପ୍ନରେ ଅରାମୀୟ ଲାବନ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୋଇ ତାହାକୁ କହିଲେ, “ସାବଧାନ, ଯାକୁବକୁ ଭଲ ମନ୍ଦ କିଛି କୁହ ନାହିଁ।”
२४त्या रात्री देव अरामी लाबानाच्या स्वप्नात येऊन म्हणाला, “तू याकोबाला बरे किंवा वाईट बोलू नये म्हणून काळजी घे.”
25 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଲାବନ ଯାକୁବର ସଙ୍ଗ ଧରିଲା ସମୟରେ ଯାକୁବର ତମ୍ବୁ ପର୍ବତ ଉପରେ ସ୍ଥାପିତ ଥିଲା; ତହିଁରେ ଲାବନ ହିଁ କୁଟୁମ୍ବମାନଙ୍କ ସହିତ ଗିଲୀୟଦ ପର୍ବତରେ ତମ୍ବୁ ସ୍ଥାପନ କଲା।
२५लाबानाने याकोबाला गाठले. याकोबाने डोंगराळ प्रदेशात तळ दिला होता. लाबानानेही आपल्या बरोबरच्या नातलगासह गिलादाच्या डोंगराळ भागात तळ दिला.
26 ପୁଣି, ଲାବନ ଯାକୁବକୁ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭେ କାହିଁକି ଏହିପରି କର୍ମ କଲ? ମୋତେ ପ୍ରବଞ୍ଚନା କଲ, ପୁଣି, ମୋʼ କନ୍ୟାମାନଙ୍କୁ ଖଡ୍ଗଧୃତ ବନ୍ଦୀଲୋକଙ୍କ ପରି ଘେନି ଆସିଲ।
२६लाबान याकोबाला म्हणाला, “तू मला हे काय केले? तू मला फसवलेस. आणि युद्धकैदी केलेल्या स्त्रियांप्रमाणे तू माझ्या मुलींना का घेऊन आलास?
27 ତୁମ୍ଭେ ମୋତେ ପ୍ରବଞ୍ଚନା କରି କାହିଁକି ଗୋପନରେ ପଳାଇ ଆସିଲ? କାହିଁକି ମୋତେ ସମ୍ବାଦ ଦେଲ ନାହିଁ? ଦେଇଥିଲେ, ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ଆହ୍ଲାଦ ଓ ଗାୟନ, ପୁଣି, ତବଲା ଓ ବୀଣାବାଦ୍ୟ ସହିତ ବିଦାୟ କରିଥାʼନ୍ତି।
२७तू मला न सांगता का पळून गेलास? मला का फसवले? तू मला सांगितले नाही. मी तर उत्सव करून आणि गाणी, डफ व वीणा वाजवून तुला पाठवले असते.
28 ତୁମ୍ଭେ ମୋହର ପୁତ୍ରକନ୍ୟାମାନଙ୍କୁ ଚୁମ୍ବନ କରିବାକୁ ମଧ୍ୟ ମୋତେ ସୁଯୋଗ ଦେଲ ନାହିଁ, ଏ ଅତି ଅଜ୍ଞାତର କର୍ମ।
२८तू मला माझ्या नातवांचा व माझ्या मुलींचा निरोप घेण्याची किंवा त्यांची चुंबने घेण्याची संधी दिली नाहीस. आता हा तू मूर्खपणा केला आहे.
29 ତୁମ୍ଭକୁ ହିଂସା କରିବାକୁ ମୋହର ହସ୍ତ ସମର୍ଥ ପ୍ରମାଣ, ମାତ୍ର ଗତରାତ୍ରି ତୁମ୍ଭର ପୈତୃକ ପରମେଶ୍ୱର ମୋତେ କହିଲେ, ସାବଧାନ, ଯାକୁବକୁ ଭଲ ମନ୍ଦ କିଛି କୁହ ନାହିଁ।
२९खरे तर अपाय करण्याची माझ्यात ताकद आहे, परंतु काल रात्री तुझ्या बापाचा देव माझ्या स्वप्नात बोलला आणि म्हणाला, ‘तू याकोबाला बरे किंवा वाईट बोलू नको म्हणून काळजी घे.’
30 ଆଉ ପିତୃଗୃହକୁ ଝୁରିବାରୁ ଯଦି ତୁମ୍ଭର ଯିବାର ଆବଶ୍ୟକ ହେଲା, ତେବେ ମୋହର ଦେବତାମାନଙ୍କୁ କାହିଁକି ଚୋରି କଲ?”
३०तुला तुझ्या वडिलाच्या घरी जायचे आहे हे मला माहीत आहे आणि म्हणूनच तू जाण्यास निघालास, परंतु तू माझ्या घरातील कुलदेवता का चोरल्यास?”
31 ତହିଁରେ ଯାକୁବ ଲାବନକୁ ଉତ୍ତର କଲା, “ମୋହର ଭୟ ହେଲା; କାରଣ କେଜାଣି ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ଠାରୁ ଆପଣା କନ୍ୟାଗଣଙ୍କୁ ବଳପୂର୍ବକ ଛଡ଼ାଇ ନେବ, ଏପରି ବିଚାର କଲି।
३१याकोबाने उत्तर दिले आणि लाबानास म्हणाला, “मी गुप्तपणे निघालो कारण मला भीती वाटली, आणि मी विचार केला की, तुम्ही तुमच्या मुली माझ्यापासून हिसकावून घ्याल.
32 ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭେ ଯାହା ନିକଟରୁ ତୁମ୍ଭର ଦେବତାମାନଙ୍କୁ ପାଇବ, ସେ ବଞ୍ଚିବ ନାହିଁ; ମୋʼ ଠାରେ ତୁମ୍ଭର ଯାହା ଅଛି, ତାହା ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ କୁଟୁମ୍ବଗଣର ସାକ୍ଷାତରେ ଚିହ୍ନି କରି ନିଅ,” ଯେହେତୁ ଯାକୁବ ରାହେଲର ସେହି ଚୋରି କରିବା ବିଷୟ ଜାଣି ନ ଥିଲା।
३२ज्या कोणी तुमच्या कुलदेवता चोरल्या आहेत तर तो जगणार नाही. तुमच्या नातलगासमोर माझ्याबरोबर जे काही तुमचे आहे ते तुम्ही आपले ओळखा आणि ते घ्या.” राहेलीने त्या मूर्ती चोरल्या होत्या ते याकोबास माहीत नव्हते.
33 ତହୁଁ ଲାବନ ଯାକୁବର ତମ୍ବୁଗୃହ ଓ ଲେୟାର ତମ୍ବୁଗୃହ ଓ ଦୁଇ ଦାସୀର ତମ୍ବୁଗୃହକୁ ଯାଇ ଅନ୍ୱେଷଣ କଲା; ମାତ୍ର ପାଇଲା ନାହିଁ। ଏଣୁ ସେ ଲେୟାର ତମ୍ବୁଗୃହ ଛାଡ଼ି ରାହେଲର ତମ୍ବୁଗୃହରେ ପ୍ରବେଶ କଲା।
३३लाबान याकोबाच्या तंबूत गेला, लेआच्या तंबूत गेला आणि दासींच्या तंबूत गेला परंतु त्यास त्या सापडल्या नाहीत. त्यानंतर तो राहेलीच्या तंबूत गेला.
34 ମାତ୍ର ରାହେଲ ସେହି ଠାକୁରମାନଙ୍କୁ ନେଇ ଓଟର ହାଉଦା ଭିତରେ ରଖି ତହିଁ ଉପରେ ବସିଥିଲା। ତହିଁରେ ଲାବନ ତାହାର ତମ୍ବୁଗୃହର ସବୁ ସ୍ଥାନ ଖୋଜିଲେ ହେଁ ତାହା ପାଇଲା ନାହିଁ।
३४राहेलीने त्या कुलदेवता उंटाच्या खोगिरात लपवून ठेवल्या होत्या आणि ती त्यांच्यावर बसली होती. लाबानाने सगळा तंबू शोधला परंतु त्या सापडल्या नाहीत.
35 ସେତେବେଳେ ରାହେଲ ପିତାକୁ କହିଲା, “ମୁଁ ଆପଣଙ୍କ ଛାମୁରେ ଉଠି ପାରିଲି ନାହିଁ ବୋଲି ମୋହର ପ୍ରଭୁ କ୍ରୋଧ ନ କରନ୍ତୁ, କାରଣ ମୁଁ ସ୍ତ୍ରୀଧର୍ମିଣୀ ହୋଇଅଛି।” ଏହିରୂପେ ସେ ଅନ୍ୱେଷଣ କଲେ ହେଁ ଠାକୁରମାନଙ୍କୁ ପାଇଲା ନାହିଁ।
३५ती आपल्या पित्यास म्हणाली, “मी आपल्यासमोर उभी राहू शकत नाही म्हणून माझ्यावर रागावू नका, कारण माझी मासिकपाळी आली आहे.” अशा रीतीने त्याने शोध केला परंतु त्यास कुलदेवता सापडल्या नाहीत.
36 ତହୁଁ ଯାକୁବ କ୍ରୋଧ ହୋଇ ଲାବନକୁ ଭର୍ତ୍ସନା କଲା; ପୁଣି, ଯାକୁବ ଲାବନକୁ ଉତ୍ତର କରି କହିଲା, “ମୋହର କି ଦୋଷ ଓ କି ପାପ ହେଲା ଯେ, ତୁମ୍ଭେ ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହୋଇ ମୋʼ ପଛେ ପଛେ ଦୌଡ଼ି ଆସିଲ?
३६मग याकोबाला राग आला आणि त्याने लाबानाशी वाद केला, तो त्यास म्हणाला, “माझा गुन्हा काय आहे? माझे पाप कोणते आहे, म्हणून तुम्ही माझा रागाने पाठलाग केलात?
37 ତୁମ୍ଭେ ତ ମୋର ସବୁ ଦ୍ରବ୍ୟ ଖୋଜିଲ, ଆଉ ତୁମ୍ଭ ଗୃହର କୌଣସି ଦ୍ରବ୍ୟ ପାଇଲ କି? ତାହା ମୋହର ଓ ତୁମ୍ଭର ଏହି କୁଟୁମ୍ବମାନଙ୍କ ସାକ୍ଷାତରେ ରଖିଦିଅ, ଏମାନେ ଆମ୍ଭ ଦୁହିଁଙ୍କର ବିଚାର କରନ୍ତୁ।
३७माझ्या मालकीच्या सर्व चीजवस्तू तुम्ही शोधून पाहिल्या आहेत. तुम्हास तुमच्या मालकीची एकतरी चीजवस्तू आढळली का? जर तुम्हास तुमचे काही मिळाले असेल तर ते आपल्या नातलगासमोर ठेवा. यासाठी की ते आपल्या दोघांचा न्याय करतील.
38 ଏହି କୋଡ଼ିଏ ବର୍ଷ ହେଲା ତୁମ୍ଭ ସଙ୍ଗରେ ରହିଲି। ତୁମ୍ଭର ମେଷୀ ଓ ଛାଗୀମାନଙ୍କର ଗର୍ଭପାତ ହୋଇ ନାହିଁ, କିଅବା ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ପଲର ମେଣ୍ଢାମାନଙ୍କୁ ଖାଇ ନାହିଁ।
३८मी वीस वर्षे तुमच्याबरोबर होतो. त्या सर्व काळात एकही करडू किंवा कोकरू मरण पावलेले जन्मले नाही आणि तुमच्या कळपातील एकही बकरा मी खाल्ला नाही.
39 ବରଞ୍ଚ ହିଂସ୍ରକ ଜନ୍ତୁ ଯାହାକୁ ଖଣ୍ଡିଆ କଲା, ତାହା ସୁଦ୍ଧା ତୁମ୍ଭ କତିକି ଆଣିଲି ନାହିଁ; ସେ କ୍ଷତି ଆପେ ସହିଲି; ଦିନରେ ଚୋରି ଯାଉ କି ରାତିରେ ଚୋରି ଯାଉ, ତାହା ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ହାତରୁ ନେଲ।
३९जनावरांनी फाडलेले ते मी तुमच्याकडे आणले नाही. त्याऐवजी ते नुकसान मी भरून दिले. दिवसा किंवा रात्री चोरी गेलेले, प्रत्येक हरवलेले जनावर ते तुम्ही नेहमी माझ्या हातून भरून घेत होता.
40 ଦିନରେ ଖରା, ରାତିରେ କାକର, ମୋତେ ଗ୍ରାସ କଲା; ମୋʼ ଆଖିରୁ ନିଦ ପଳାଇଗଲା; ଏହିପରି ମୁଁ ଥିଲି;
४०दिवसा उन्हाच्या तापाने व रात्री गारठ्यामुळे मला त्रास होई. आणि माझ्या डोळ्यावरून झोप उडून जाई, अशी माझी स्थिती होती.
41 ମୁଁ କୋଡ଼ିଏ ବର୍ଷ କାଳ ତୁମ୍ଭ ଘରେ ରହିଲି; ତୁମ୍ଭର ଦୁଇ ଝିଅ ନିମନ୍ତେ ଚଉଦ ବର୍ଷ ଓ ପଶୁମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଛଅ ବର୍ଷ ଦାସ୍ୟକର୍ମ କଲି; ଏଥିମଧ୍ୟରେ ତୁମ୍ଭେ ଦଶ ଥର ମୋହର ବେତନ ପରିବର୍ତ୍ତନ କରିଅଛ।
४१वीस वर्षे मी तुमच्या घरी राहिलो; पहिली चौदा वर्षे तुमच्या दोन मुलींसाठी आणि सहा वर्षे तुमच्या कळपांसाठी. दहा वेळा तुम्ही माझ्या वेतनात फेरबदल केला.
42 ମୋର ପୈତୃକ ପରମେଶ୍ୱର, ଅବ୍ରହାମର ପରମେଶ୍ୱର ଓ ଇସ୍‌ହାକର ଭୟସ୍ଥାନ ଯଦି ମୋହର ସହାୟ ହୋଇ ନ ଥାʼନ୍ତେ, ତେବେ ଅବଶ୍ୟ ଏବେ ତୁମ୍ଭେ ମୋତେ ଖାଲି ହାତରେ ବିଦାୟ କରିଥାʼନ୍ତ। ପରମେଶ୍ୱର ମୋହର ଦୁଃଖ ଓ ହସ୍ତର ପରିଶ୍ରମ ଦେଖିଅଛନ୍ତି; ଏଣୁ ଗତ ରାତ୍ରିରେ ତୁମ୍ଭକୁ ଧମକାଇଲେ।”
४२परंतु माझ्या पूर्वजांचा देव; अब्राहामाचा देव आणि इसहाकाचा देव ज्याचे मी भय धरतो, तो माझ्या बरोबर होता. तो जर माझ्याबरोबर नसता तर तुम्ही मला नक्कीच रिकामे पाठवले असते. देवाने माझ्यावर झालेला जुलूम पाहिला आणि मी कष्टाने केलेले काम पाहिले आणि काल रात्री त्याने तुम्हास धमकावले.”
43 ତହିଁରେ ଲାବନ ଯାକୁବକୁ ଉତ୍ତର କଲା, “ଏହି କନ୍ୟାମାନେ ମୋହର କନ୍ୟା ଓ ଏହି ବାଳକମାନେ ମୋହର ବାଳକ ଓ ଏହି ପଶୁପଲ ମୋହର ପଶୁପଲ, ପୁଣି, ଯାହା ଯାହା ଦେଖୁଅଛ, ସେହି ସବୁ ମୋହର; ଏହେତୁ ମୋହର ଏହି କନ୍ୟାମାନଙ୍କୁ ଓ ଏମାନଙ୍କ ପ୍ରସୂତ ସନ୍ତାନମାନଙ୍କୁ ମୁଁ କଅଣ କରିବି?
४३लाबानाने उत्तर दिले आणि तो याकोबाला म्हणाला, “या मुली माझ्या मुली आहेत आणि ही नातवंडे माझी नातवंडे आहेत आणि हे कळप माझे कळप आहेत. जे काही तू पाहतोस ते सर्व माझे आहे. परंतु आज मी या मुलींसाठी किंवा त्यांच्या मुलांसाठी ज्यांना त्यांनी जन्म दिला त्यांना मी काय करू शकतो?
44 ଆସ, ଆମ୍ଭେ ଦୁହେଁ ନିୟମ ସ୍ଥିର କରୁ, ତାହା ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ସାକ୍ଷୀ ହେଉ।”
४४म्हणून मी व तू आता आपण करार करू आणि तो माझ्यामध्ये व तुझ्यामध्ये साक्षी होवो.”
45 ସେତେବେଳେ ଯାକୁବ ଖଣ୍ଡିଏ ପ୍ରସ୍ତର ଘେନି ସ୍ତମ୍ଭ ରୂପେ ସ୍ଥାପନ କଲା।
४५तेव्हा याकोबाने मोठा दगड घेऊन स्मारकस्तंभ उभा केला.
46 ପୁଣି, ଯାକୁବ ଆପଣା କୁଟୁମ୍ବମାନଙ୍କୁ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ପ୍ରସ୍ତର ସଂଗ୍ରହ କର;” ତହିଁରେ ସେମାନେ ପ୍ରସ୍ତର ଆଣି ଗୋଟିଏ ରାଶି କରନ୍ତେ, ସମସ୍ତେ ସେହି ସ୍ଥାନରେ ସେହି ରାଶି ଉପରେ ଭୋଜନ କଲେ।
४६याकोब त्याच्या नातलगांना म्हणाला की, “दगड गोळा करा.” मग त्यांनी दगड गोळा करून त्याची रास केली. नंतर त्या दगडांच्या राशीशेजारी बसून ते जेवले.
47 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଲାବନ ତାହାର ନାମ ଯିଗର-ସାହଦୂଥା ରଖିଲା, ମାତ୍ର ଯାକୁବ ତାହାର ନାମ ଗଲୟଦ୍‍ (ସାକ୍ଷୀ ରାଶୀ) ରଖିଲା।
४७लाबानाने त्या राशीला यगर-सहादूथा असे नाव ठेवले. परंतु याकोबाने त्या जागेचे नाव गलेद ठेवले.
48 ସେତେବେଳେ ଲାବନ କହିଲା, “ଏହି ରାଶି ଆଜି ତୁମ୍ଭ ଆମ୍ଭର ସାକ୍ଷୀ ହୋଇ ରହିଲା;” ଏଥିପାଇଁ ତାହାର ନାମ ଗଲୟଦ୍‍ ଓ ମିସ୍ପା (ପ୍ରହରୀ-ସ୍ଥାନ) ରଖିଲା,
४८लाबान म्हणाला, “ही दगडांची रास आज माझ्यामध्ये व तुझ्यामध्ये साक्षी आहे.” म्हणून त्याचे नाव गलेद ठेवले.
49 ଯେହେତୁ ସେ କହିଲା, “ଆମ୍ଭେମାନେ ପରସ୍ପର ଅଦୃଶ୍ୟ ହେଲେ, ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋହର ଓ ତୁମ୍ଭର ପ୍ରହରୀ ଥିବେ।
४९मग लाबान म्हणाला, “आपण एकमेकापासून दूर होत असताना परमेश्वर माझ्यावर व तुझ्यावर लक्ष ठेवो.” म्हणून त्या जागेचे नाव मिस्पा ठेवण्यात आले.
50 ତୁମ୍ଭେ ଯଦି ମୋʼ କନ୍ୟାମାନଙ୍କୁ ଦୁଃଖ ଦେବ, ଅଥବା ମୋହର କନ୍ୟାମାନେ ଥାଉ ଥାଉ ଅନ୍ୟ ସ୍ତ୍ରୀମାନଙ୍କୁ ବିବାହ କରିବ, ତେବେ ସେହି ସମୟରେ କୌଣସି ମନୁଷ୍ୟ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ନ ଥିବ, ମାତ୍ର ଦେଖ, ପରମେଶ୍ୱର ଆମ୍ଭ ଓ ତୁମ୍ଭ ମଧ୍ୟରେ ସାକ୍ଷୀ ହେବେ।”
५०जर का तू माझ्या मुलींना दुःख देशील किंवा माझ्या मुलींशिवाय दुसऱ्या स्त्रिया करून घेशील. तर पाहा, “जरी आमच्याबरोबर कोणी नाही पण तुझ्यात व माझ्यात देव साक्षी आहे.”
51 ଆହୁରି ଲାବନ ଯାକୁବକୁ କହିଲା, “ଏହି ରାଶି ଦେଖ, ପୁଣି, ଆମ୍ଭ ଦୁହିଁଙ୍କର ମଧ୍ୟବର୍ତ୍ତୀ ମୋହର ସ୍ଥାପିତ ଏହି ସ୍ତମ୍ଭ ଦେଖ।
५१लाबान याकोबास म्हणाला, या राशीकडे पाहा आणि स्मारकस्तंभाकडे पाहा, जो मी तुझ्यामध्ये व माझ्यामध्ये ठेवला आहे.
52 ମୁଁ ଅହିତ କରିବା ପାଇଁ ଏହି ରାଶି ପାର ହୋଇ ତୁମ୍ଭ ନିକଟକୁ ଯିବି ନାହିଁ, ମଧ୍ୟ ତୁମ୍ଭେ ଏହି ରାଶି ଓ ଏହି ସ୍ତମ୍ଭ ପାର ହୋଇ ମୋʼ ନିକଟକୁ ଆସିବ ନାହିଁ; ଏଥିର ସାକ୍ଷୀ ଏହି ରାଶି ଓ ଏଥିର ସାକ୍ଷୀ ଏହି ସ୍ତମ୍ଭ।
५२ही रास व हा स्तंभ ही दोन्ही आपल्यातील कराराची साक्ष होवो, की हानी करायला मी तुझ्याकडे ही रास ओलांडून येणार नाही आणि तू ही माझ्याविरुद्ध ही रास ओलांडून कधीही येऊ नये.
53 ଏହି ବିଷୟରେ ଅବ୍ରହାମଙ୍କର ପରମେଶ୍ୱର, ନାହୋରର ପରମେଶ୍ୱର ଓ ସେମାନଙ୍କ ପୈତୃକ ପରମେଶ୍ୱର ଆମ୍ଭ ଓ ତୁମ୍ଭ ମଧ୍ୟରେ ବିଚାର କରିବେ,” ସେତେବେଳେ ଯାକୁବ ଆପଣା ପିତା ଇସ୍‌ହାକର ଭୟସ୍ଥାନର ଶପଥ କଲା।
५३अब्राहामाचा देव, नाहोराचा देव आणि त्यांच्या वडिलांचा देव आमचा न्याय करो. याकोबाने त्याचा बाप इसहाक, ज्या देवाचे भय धरत असे त्याची शपथ घेतली.
54 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେ ସେହି ପର୍ବତରେ ବଳିଦାନ କରି ଆହାର କରିବା ନିମନ୍ତେ ଆପଣା କୁଟୁମ୍ବମାନଙ୍କୁ ଡାକିଲା, ତହିଁରେ ସେମାନେ ଭୋଜନ କରି ପର୍ବତରେ ସାରାରାତ୍ରି ଯାପନ କଲେ।
५४मग याकोबाने त्या डोंगरावर यज्ञ केला आणि त्याने आपल्या सर्व नातलगांना भोजनासाठी आमंत्रण दिले. भोजन संपल्यावर त्यांनी ती रात्र डोंगरावरच घालवली.
55 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଲାବନ ପ୍ରଭାତରେ ଉଠି ଆପଣା କନ୍ୟାମାନଙ୍କୁ ଓ ବାଳକମାନଙ୍କୁ ଚୁମ୍ବନ କରି ଆଶୀର୍ବାଦ କଲା; ଏହିରୂପେ ଲାବନ ସ୍ୱ ସ୍ଥାନକୁ ଫେରିଗଲା।
५५दुसऱ्या दिवशी लाबान पहाटेस उठला. त्याने आपल्या मुली व आपली नातवंडे यांची चुंबने घेऊन त्यांचा निरोप घेतला. त्याने त्यांना आशीर्वाद दिला आणि मग तो आपल्या घरी परत गेला.

< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ପ୍ରଥମ ପୁସ୍ତକ 31 >