< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ପ୍ରଥମ ପୁସ୍ତକ 12 >
1 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଅବ୍ରାମଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ଦେଶ ଓ ଜ୍ଞାତି କୁଟୁମ୍ବ ଓ ପୈତୃକ ଗୃହ ପରିତ୍ୟାଗ କରି, ଆମ୍ଭେ ଯେଉଁ ଦେଶ ତୁମ୍ଭକୁ ଦେଖାଇବା, ସେହି ଦେଶକୁ ଯାଅ।
१आता परमेश्वर अब्रामाला म्हणाला, “तू आपला देश, आपले नातलग आणि बापाचे घर सोडून मी दाखवीन त्या देशात जा.
2 ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭଠାରୁ ଏକ ମହାଗୋଷ୍ଠୀ ଉତ୍ପନ୍ନ କରିବା, ପୁଣି, ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କରି ତୁମ୍ଭର ନାମ ମହତ୍ କରିବା; ତୁମ୍ଭେ ଆଶୀର୍ବାଦର ଆକର ହେବ।
२मी तुझे मोठे राष्ट्र करीन आणि मी तुला आशीर्वाद देईन आणि मी तुझे नाव मोठे करीन आणि तू आशीर्वादित होशील,
3 ଯେଉଁମାନେ ତୁମ୍ଭକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କରନ୍ତି, ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କରିବା; ପୁଣି, ଯେକେହି ତୁମ୍ଭକୁ ଅଭିଶାପ ଦିଏ, ଆମ୍ଭେ ତାହାକୁ ଅଭିଶାପ ଦେବା; ଆଉ ତୁମ୍ଭଠାରୁ ପୃଥିବୀର ସବୁ ବଂଶ ଆଶୀର୍ବାଦ ପ୍ରାପ୍ତ ହେବେ।”
३जे लोक तुला आशीर्वाद देतील त्यांना मी आशीर्वाद देईन, परंतु जो कोणी तुझा अनादर करील त्यास मी शाप देईन. तुझ्यामुळे पृथ्वीवरील सर्व कुटुंबे आशीर्वादित होतील.”
4 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଅବ୍ରାମ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଏହି ବାକ୍ୟାନୁସାରେ ପ୍ରସ୍ଥାନ କଲେ, ପୁଣି, ଲୋଟ ତାଙ୍କ ସଙ୍ଗରେ ଗଲେ; ହାରଣଠାରୁ ପ୍ରସ୍ଥାନ କରିବା ସମୟରେ ଅବ୍ରାମଙ୍କର ବୟସ ପଞ୍ଚସ୍ତରି ବର୍ଷ ହୋଇଥିଲା।
४परमेश्वराने अब्रामाला सांगितल्याप्रमाणे त्याने केले, तो गेला आणि त्याच्याबरोबर लोट गेला. त्याने हारान सोडले त्या वेळी अब्राम पंचाहत्तर वर्षांचा होता.
5 ଏହିରୂପେ ଅବ୍ରାମ ଆପଣା ଭାର୍ଯ୍ୟା ସାରୀଙ୍କୁ ଓ ଭ୍ରାତୃପୁତ୍ର ଲୋଟକୁ ଓ ହାରଣଠାରେ ଆପଣାମାନଙ୍କ ସଞ୍ଚିତ ଧନ ଓ ପ୍ରାପ୍ତ ପ୍ରାଣୀମାନଙ୍କୁ ଘେନି କିଣାନ ଦେଶ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଯାତ୍ରା କରି କିଣାନରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲେ।
५अब्रामाने त्याची पत्नी साराय, त्याच्या भावाचा मुलगा लोट आणि हारान प्रदेशामध्ये त्यांनी जमा केलेली सर्व मालमत्ता, आणि हारानात विकत घेतलेले लोक या सर्वांना बरोबर घेतले. ते कनान देशात जाण्यासाठी निघाले आणि कनान देशात आले.
6 ଅବ୍ରାମ ସେହି ଦେଶ ଦେଇ ଭ୍ରମଣ କରୁ କରୁ ଶିଖିମ ନିକଟସ୍ଥ ମୋରିର ଅଲୋନ ବୃକ୍ଷ ମୂଳରେ ପହଞ୍ଚିଲେ। ସେହି ସମୟରେ କିଣାନୀୟମାନେ ସେହି ଦେଶରେ ବାସ କରୁଥିଲେ।
६अब्राम कनान देशातून प्रवास करीत शखेमापर्यंत मोरेच्या एलोन झाडापर्यंत गेला. त्या काळी त्या देशात कनानी लोक राहत होते.
7 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଅବ୍ରାମଙ୍କୁ ଦର୍ଶନ ଦେଇ କହିଲେ, “ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ବଂଶକୁ ଏହି ଦେଶ ଦେବା;” ଏଥିନିମନ୍ତେ ଅବ୍ରାମ ଆପଣା ନିକଟରେ ଦର୍ଶନଦାତା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ସେହି ସ୍ଥାନରେ ଯଜ୍ଞବେଦି ନିର୍ମାଣ କଲେ।
७परमेश्वर अब्रामाला दर्शन देऊन म्हणाला, “हा देश मी तुझ्या वंशजांना देईन.” ज्या जागेवर परमेश्वराने अब्रामाला दर्शन दिले त्या जागी त्याने परमेश्वरासाठी वेदी बांधली.
8 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେ ସେହି ସ୍ଥାନ ଛାଡ଼ି ବେଥେଲ୍ର ପୂର୍ବଆଡ଼ ପର୍ବତକୁ ଯାଇ ଆପଣା ତମ୍ବୁ ଠିଆ କଲେ; ତହିଁର ପଶ୍ଚିମରେ ବେଥେଲ୍ ଓ ପୂର୍ବ ଦିଗରେ ଅୟ ନଗର ଥିଲା; ପୁଣି, ସେହିଠାରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଏକ ଯଜ୍ଞବେଦି ନିର୍ମାଣ କରି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନାମରେ ପ୍ରାର୍ଥନା କଲେ।
८मग अब्राम तेथून निघाला आणि प्रवास करीत तो बेथेलच्या पूर्वेस डोंगराळ भागात पोहचला व त्याने तेथे तंबू ठोकला; तेथून बेथेल पश्चिमेस होते आणि आय शहर पूर्वेस होते; तेथे त्याने परमेश्वरासाठी दुसरी वेदी बांधली आणि परमेश्वराचे नाव घेऊन प्रार्थना केली.
9 ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ଅବ୍ରାମ ଭ୍ରମଣ କରୁ କରୁ ଆହୁରି ଦକ୍ଷିଣ ଦିଗକୁ ଗଲେ।
९त्यानंतर अब्राम पुन्हा पुढच्या प्रवासास निघाला व दक्षिणेकडील नेगेब वाळवंटाकडे गेला.
10 ସେହି ସମୟରେ ସେହି ଦେଶରେ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ହେବାରୁ ଅବ୍ରାମ ମିସର ଦେଶରେ ପ୍ରବାସ କରିବାକୁ ଯାତ୍ରା କଲେ; ଯେହେତୁ ଦେଶରେ ଅତିଶୟ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ପଡ଼ିଥିଲା।
१०त्या काळी त्या प्रदेशात मोठा दुष्काळ पडला; म्हणून अब्राम खाली मिसर देशामध्ये राहायला गेला. कारण देशात तीव्र दुष्काळ पडला होता.
11 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ମିସର ଦେଶରେ ପ୍ରବେଶ କରିବାକୁ ଉଦ୍ୟତ ହୁଅନ୍ତେ, ଅବ୍ରାମ ଆପଣା ଭାର୍ଯ୍ୟା ସାରୀଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଶୁଣ, ତୁମ୍ଭେ ଦେଖିବାକୁ ସୁନ୍ଦରୀ, ତାହା ମୁଁ ଜାଣେ।
११मिसर देशात प्रवेश करण्यापूर्वी अब्राम आपली पत्नी साराय हिला म्हणाला, “पाहा मला माहीत आहे की, तू अतिशय सुंदर स्त्री आहेस.
12 ଏଥିପାଇଁ ମିସର ଦେଶୀୟ ଲୋକମାନେ ତୁମ୍ଭକୁ ଦେଖି ମୋହର ଭାର୍ଯ୍ୟା ବୋଲି ଜାଣିଲେ, ମୋତେ ବଧ କରି ତୁମ୍ଭକୁ ଜୀବିତା ରଖିବେ।
१२मिसराचे लोक जेव्हा तुला पाहतील तेव्हा ते म्हणतील, ही त्याची पत्नी आहे, आणि मग तुझ्यासाठी ते मला मारून टाकतील, परंतु तुला जिवंत ठेवतील.
13 ଏହେତୁ ମୁଁ ବିନୟ କରୁଅଛି, ତୁମ୍ଭେ ମୋହର ଭଉଣୀ, ଏହା କହିବ; ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭ ସକାଶେ ମୋହର ମଙ୍ଗଳ ହେବ ଓ ତୁମ୍ଭ ସକାଶୁ ମୋʼ ପ୍ରାଣ ରକ୍ଷା ପାଇବ।”
१३म्हणून, तू माझी बहीण आहेस, असे तू लोकांस सांग. म्हणजे तुझ्यामुळे माझे बरे होईल, आणि ते मला मारणार नाहीत, अशा रीतीने तू माझा जीव वाचवशील.”
14 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଅବ୍ରାମ ମିସର ଦେଶରେ ପ୍ରବେଶ କରନ୍ତେ, ମିସରୀୟ ଲୋକମାନେ ସେହି ସ୍ତ୍ରୀଙ୍କୁ ପରମସୁନ୍ଦରୀ ଦେଖିଲେ।
१४अब्रामाने जेव्हा मिसर देशात प्रवेश केला, तेव्हा तेथील लोकांनी पाहिले की साराय ही फार सुंदर स्त्री आहे.
15 ପୁଣି, ଫାରୋଙ୍କର ଅଧିପତିମାନେ ତାଙ୍କୁ ଦେଖି ଫାରୋଙ୍କ ଛାମୁରେ ତାଙ୍କର ପ୍ରଶଂସା କରନ୍ତେ, ସେହି ସ୍ତ୍ରୀ ଫାରୋଙ୍କର ଗୃହକୁ ଅଣାଗଲେ।
१५मिसर देशाचा राजा फारो याच्या राजकुमारांनी सारायला पाहिले व त्यांनी आपला राजा फारो याच्याजवळ तिच्या सौंदर्याची स्तुती केली आणि तिला राजाच्या घरी घेऊन जाण्यात आले.
16 ଫାରୋ ତାଙ୍କ ଲାଗି ଅବ୍ରାମଙ୍କୁ ସମାଦର କରି ତାଙ୍କୁ ମେଷ, ଗୋରୁ, ଗର୍ଦ୍ଦଭ ଓ ଦାସଦାସୀ ଓ ଗର୍ଦ୍ଦଭୀ ଓ ଓଟ ଦେଲେ।
१६तिच्यामुळे त्याने अब्रामाचे बरे केले. त्यास मेंढरे, गुरेढोरे, व गाढवे दिली तसेच अब्रामाला दास, दासी व उंटही मिळाले.
17 ମାତ୍ର ଅବ୍ରାମଙ୍କର ଭାର୍ଯ୍ୟା ସାରୀଙ୍କ ସକାଶୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ଫାରୋ ଓ ତାଙ୍କର ପରିବାର ଉପରେ ମହାମାରୀ ଘଟାଇଲେ।
१७अब्रामाची पत्नी साराय हिला फारोने नेले म्हणून परमेश्वराने फारो व त्याच्या घरातील लोकांस भयंकर पीडांनी पीडले.
18 ଏହେତୁ ଫାରୋ ଅବ୍ରାମଙ୍କୁ ଡାକି କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭ ସହିତ ଏ କି ବ୍ୟବହାର କଲ?
१८तेव्हा फारोने अब्रामास बोलावले. तो म्हणाला, “तू हे माझ्याबाबत का केलेस? साराय तुझी पत्नी आहे हे तू मला का सांगितले नाहीस?
19 ସେହି ସ୍ତ୍ରୀ ତୁମ୍ଭର ଭାର୍ଯ୍ୟା, ଏ କଥା ଆମ୍ଭକୁ କାହିଁକି କହିଲ ନାହିଁ? ତାଙ୍କୁ କାହିଁକି ଆପଣାର ଭଗିନୀ ବୋଲି କହିଲ? ତହିଁରେ ଆମ୍ଭେ ତାଙ୍କୁ ବିବାହ କରିବାକୁ ନେଲୁ; ଏବେ ତୁମ୍ଭ ଭାର୍ଯ୍ୟାଙ୍କୁ ଦେଖ, ତାଙ୍କୁ ଘେନି ଚାଲିଯାଅ।”
१९ती माझी बहीण आहे असे तू का म्हणालास? मला पत्नी करण्यासाठी मी तिला नेले होते, परंतु मी आता तुझी पत्नी तुला परत करतो, तिला घेऊन जा.”
20 ତହୁଁ ଫାରୋ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ତାଙ୍କ ବିଷୟରେ ଆଜ୍ଞା ଦେଲେ, ଆଉ ସେମାନେ ସର୍ବସ୍ୱ ସହିତ ତାଙ୍କୁ ଓ ତାଙ୍କ ଭାର୍ଯ୍ୟାଙ୍କୁ ବିଦାୟ କଲେ।
२०मग अब्रामाची मिसरमधून बाहेर रवानगी करावी अशी फारोने आपल्या माणसांना आज्ञा दिली. तेव्हा अब्राम व त्याची पत्नी साराय यांनी आपले सर्वकाही बरोबर घेऊन मिसर सोडले.