< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ପ୍ରଥମ ପୁସ୍ତକ 11 >
1 ପୂର୍ବେ ସମୁଦାୟ ପୃଥିବୀରେ ଏକ ଭାଷା ଓ ଏକରୂପ ଉଚ୍ଚାରଣ ଥିଲା।
१आता पृथ्वीवरील सर्व लोक एकच भाषेचा वापर करत होते आणि शब्द समान होते.
2 ଆଉ ଘଟଣାକ୍ରମେ ଲୋକମାନେ ପୂର୍ବ ଦିଗରେ ଭ୍ରମଣ କରୁ କରୁ ଶିନୀୟର ଦେଶରେ ଏକ ପ୍ରାନ୍ତର ପାଇ ସେଠାରେ ବସତି କଲେ।
२ते पूर्वेकडे प्रवास करत असताना त्यांना शिनार देशात एक मैदान लागले आणि त्यांनी तेथेच वस्ती केली.
3 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ ପରସ୍ପର କହିଲେ, “ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ଇଟା ବନାଇ ଉତ୍ତମ ରୂପେ ପୋଡ଼ି ଦେଉ।” ତହିଁରେ ଇଟା ସେମାନଙ୍କର ପ୍ରସ୍ତର ସ୍ୱରୂପ ଓ ମାଟିଆ ତେଲ ସେମାନଙ୍କର ଚୂନ ସ୍ୱରୂପ ହେଲା।
३ते एकमेकांना म्हणाले, “चला, आपण विटा करू व त्या पक्क्या भाजू.” त्यांच्याकडे बांधकामासाठी दगडाऐवजी विटा आणि चुन्याऐवजी डांबर होते.
4 ପୁଣି, ସେମାନେ କହିଲେ, “ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କ ପାଇଁ ଗୋଟିଏ ନଗର ଓ ଗଗନସ୍ପର୍ଶୀ ଏକ ଉଚ୍ଚ ଗଡ଼ ନିର୍ମାଣ କରୁ; ତହିଁରେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ନାମ ବିଖ୍ୟାତ ହେବ, ପୁଣି, ଆମ୍ଭେମାନେ ସମୁଦାୟ ପୃଥିବୀରେ ଛିନ୍ନଭିନ୍ନ ହେବା ନାହିଁ।”
४मग लोक म्हणाले, “चला, आपण आपल्यासाठी नगर बांधू आणि ज्याचे शिखर आकाशापर्यंत पोहचेल असा उंच बुरूज बांधू, आणि आपण आपले नाव होईल असे करू या. आपण जर असे केले नाही, तर पृथ्वीच्या पाठीवर आपली पांगापांग होईल.”
5 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ମନୁଷ୍ୟ-ସନ୍ତାନମାନେ ଯେଉଁ ନଗର ଓ ଗଡ଼ ନିର୍ମାଣ କରୁଥିଲେ, ତାହା ଦେଖିବାକୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ଓହ୍ଲାଇ ଆସିଲେ।
५आदामाच्या वंशजांनी बांधलेले ते नगर व तो बुरूज पाहण्यासाठी म्हणून परमेश्वर खाली उतरून आला.
6 ପୁଣି, ସଦାପ୍ରଭୁ କହିଲେ, “ଦେଖ, ଏହି ଲୋକ ସମସ୍ତେ ଏକ ଓ ଏମାନଙ୍କର ଭାଷା ହିଁ ଏକ, ଆଉ ଏବେ ଏମାନେ ଏହି କାର୍ଯ୍ୟରେ ପ୍ରବୃତ୍ତ ହେଉଅଛନ୍ତି; ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଯାହା ଯାହା କରିବାକୁ ମନସ୍ଥ କରନ୍ତି, ତହିଁରୁ ନିବାରିତ ହେବେ ନାହିଁ।
६परमेश्वर देव म्हणाला, “पाहा, हे सर्व लोक एक असून, एकच भाषा बोलतात आणि ही तर त्यांची सुरुवात आहे! लवकरच, जे काही करण्याचा त्यांचा हेतू आहे ते करणे त्यांना मुळीच अशक्य होणार नाही.
7 ଏଥିପାଇଁ ସେମାନେ ଯେପରି ପରସ୍ପର ଭାଷା ବୁଝି ନ ପାରନ୍ତି, ଏଥିପାଇଁ ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ଓହ୍ଲାଇ ଯାଇ ସେହି ସ୍ଥାନରେ ସେମାନଙ୍କ ଭାଷାର ଭେଦ ଜନ୍ମାଉ।”
७चला आपण खाली जाऊन त्यांच्या भाषेचा घोटाळा करून टाकू. मग त्यांना एकमेकांचे बोलणे समजणार नाही.”
8 ଏହିରୂପେ ସଦାପ୍ରଭୁ ସେହି ସ୍ଥାନରୁ ସେମାନଙ୍କୁ ପୃଥିବୀର ସବୁଆଡ଼େ ଛିନ୍ନଭିନ୍ନ କଲେ; ଏଣୁ ସେମାନେ ନଗର ନିର୍ମାଣ କରିବାରୁ ନିବୃତ୍ତ ହେଲେ।
८मग परमेश्वराने पृथ्वीभर त्यांची पांगापांग केली आणि म्हणून नगर बांधण्याचे काम त्यांनी थांबवले.
9 ସେଥିପାଇଁ ସେହି ନଗରର ନାମ ବାବିଲ (ଭେଦ) ହେଲା; ଯେହେତୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ସେହି ସ୍ଥାନରେ ସମସ୍ତ ପୃଥିବୀର ଭାଷାଭେଦ ଜନ୍ମାଇଲେ, ପୁଣି, ସେହି ସ୍ଥାନରୁ ସେମାନଙ୍କୁ ସମୁଦାୟ ପୃଥିବୀରେ ଛିନ୍ନଭିନ୍ନ କଲେ।
९त्यामुळे त्या ठिकाणाचे नाव बाबेल पडले, कारण तेथे परमेश्वराने सर्व पृथ्वीच्या भाषेचा घोटाळा केला आणि परमेश्वराने त्यांना तेथून सर्व पृथ्वीच्या पाठीवर पांगविले.
10 ଶେମର ବଂଶାବଳୀ ଏହି। ଜଳପ୍ଳାବନର ଦୁଇ ବର୍ଷ ଉତ୍ତାରେ ଶେମ ଶହେ ବର୍ଷ ବୟସରେ ଅର୍ଫକ୍ଷଦକୁ ଜାତ କଲା।
१०ही शेमाची वंशावळ: जलप्रलयानंतर दोन वर्षांनी शेम शंभर वर्षांचा झाला होता आणि तो अर्पक्षदाचा पिता झाला.
11 ଅର୍ଫକ୍ଷଦ ଜନ୍ମିଲା ଉତ୍ତାରେ ଶେମ ପାଞ୍ଚ ଶହ ବର୍ଷ ବଞ୍ଚି ଆଉ ସନ୍ତାନସନ୍ତତି ଜାତ କଲା।
११अर्पक्षदाला जन्म दिल्यानंतर शेम पाचशे वर्षे जगला, तो आणखी मुले व मुलींचा पिता झाला.
12 ପୁଣି, ଅର୍ଫକ୍ଷଦ ପଞ୍ଚତିରିଶ ବର୍ଷ ବୟସରେ ଶେଲହକୁ ଜାତ କଲା।
१२अर्पक्षद पस्तीस वर्षांचा झाला तेव्हा त्याने शेलहाला जन्म दिला.
13 ଶେଲହର ଜନ୍ମ ଉତ୍ତାରେ ଅର୍ଫକ୍ଷଦ ଚାରି ଶହ ତିନି ବର୍ଷ ଜୀବିତ ରହି ଆଉ ପୁତ୍ରକନ୍ୟା ଜାତ କଲା।
१३शेलहाला जन्म दिल्यानंतर अर्पक्षद चारशे तीन वर्षे जगला व त्याने आणखी मुलांना व मुलींना जन्म दिला.
14 ପୁଣି, ଶେଲହ ତିରିଶ ବର୍ଷ ବୟସରେ ଏବରକୁ ଜାତ କଲା।
१४जेव्हा शेलह तीस वर्षांचा झाला तेव्हा त्याने एबरला जन्म दिला;
15 ଏବରର ଜନ୍ମ ଉତ୍ତାରେ ଶେଲହ ଚାରି ଶହ ତିନି ବର୍ଷ ବଞ୍ଚି ଆହୁରି ପୁତ୍ରକନ୍ୟା ଜାତ କଲା।
१५एबरला जन्म दिल्यावर शेलह चारशे तीन वर्षे जगला व त्याने आणखी मुलांना व मुलींना जन्म दिला.
16 ପୁଣି, ଏବର ଚୌତ୍ରିଶ ବର୍ଷ ବୟସରେ ପେଲଗ୍କୁ ଜାତ କଲା।
१६एबर चौतीस वर्षांचा झाला तेव्हा त्याने पेलेगाला जन्म दिला.
17 ପେଲଗ୍ର ଜନ୍ମ ଉତ୍ତାରେ ଏବର ଚାରି ଶହ ତିରିଶ ବର୍ଷ ବଞ୍ଚି ଆହୁରି ପୁତ୍ରକନ୍ୟା ଜାତ କଲା।
१७पेलेग झाल्यावर एबर चारशे तीस वर्षे जगला व त्याने आणखी मुलांना व मुलींना जन्म दिला.
18 ପେଲଗ୍ ତିରିଶ ବର୍ଷ ବୟସରେ ରୀୟୂକୁ ଜାତ କଲା।
१८पेलेग तीस वर्षांचा झाला, तेव्हा त्याने रऊ याला जन्म दिला.
19 ରୀୟୂର ଜନ୍ମ ଉତ୍ତାରେ ପେଲଗ୍ ଦୁଇ ଶହ ନଅ ବର୍ଷ ବଞ୍ଚି ଆଉ ପୁତ୍ରକନ୍ୟା ଜାତ କଲା।
१९रऊ याला जन्म दिल्यावर पेलेग दोनशे नऊ वर्षे जगला व त्याने आणखी मुलांना व मुलींना जन्म दिला.
20 ରୀୟୂ ବତିଶ ବର୍ଷ ବୟସରେ ସରୁଗକୁ ଜାତ କଲା।
२०रऊ बत्तीस वर्षांचा झाला, तेव्हा त्याने सरुगाला जन्म दिला.
21 ସରୁଗର ଜନ୍ମ ଉତ୍ତାରେ ରୀୟୂ ଦୁଇ ଶହ ସାତ ବର୍ଷ ବଞ୍ଚି ଆଉ ପୁତ୍ରକନ୍ୟା ଜାତ କଲା।
२१सरुगाला जन्म दिल्यावर रऊ दोनशे सात वर्षे जगला व त्याने आणखी मुलांना व मुलींना जन्म दिला.
22 ପୁଣି, ସରୁଗ ତିରିଶ ବର୍ଷ ବୟସରେ ନାହୋରକୁ ଜାତ କଲା।
२२सरुग तीस वर्षांचा झाला, तेव्हा त्याने नाहोराला जन्म दिला.
23 ନାହୋରର ଜନ୍ମ ଉତ୍ତାରେ ସରୁଗ ଦୁଇ ଶହ ବର୍ଷ ବଞ୍ଚି ଆଉ ପୁତ୍ରକନ୍ୟା ଜାତ କଲା।
२३नाहोराला जन्म दिल्यावर सरुग दोनशे वर्षे जगला आणि त्याने आणखी मुलांना व मुलींना जन्म दिला.
24 ପୁଣି, ନାହୋର ଅଣତିରିଶ ବର୍ଷ ବୟସରେ ତେରହକୁ ଜାତ କଲା।
२४नाहोर एकोणतीस वर्षांचा झाला, तेव्हा त्याने तेरहाला जन्म दिला.
25 ତେରହର ଜନ୍ମ ଉତ୍ତାରେ ନାହୋର ଶହେ ଊଣେଇଶ ବର୍ଷ ବଞ୍ଚି ଆଉ ପୁତ୍ରକନ୍ୟା ଜାତ କଲା।
२५तेरहाला जन्म दिल्यावर नाहोर आणखी एकशे एकोणीस वर्षे जगला आणि त्याने मुलांना व मुलींना जन्म दिला.
26 ପୁଣି, ତେରହକୁ ସତୁରି ବର୍ଷ ବୟସ ହେଲା। ସେ ଅବ୍ରାମ ଓ ନାହୋର ଓ ହାରଣ, ଏମାନଙ୍କୁ ଜାତ କଲା।
२६तेरह सत्तर वर्षांचा झाला, तेव्हा त्याने अब्राम, नाहोर व हारान यांना जन्म दिला.
27 ତେରହର ବଂଶାବଳୀ। ତେରହ ଅବ୍ରାମ ଓ ନାହୋର ଓ ହାରଣକୁ ଜାତ କଲା। ପୁଣି, ସେହି ହାରଣ ଲୋଟକୁ ଜାତ କଲା;
२७तेरहाची वंशावळ ही: तेरहाने अब्राम, नाहोर व हारान यांना जन्म दिला. हारानाने लोटाला जन्म दिला.
28 ମାତ୍ର ହାରଣ ଆପଣା ପିତା ତେରହର ସାକ୍ଷାତରେ କଲ୍ଦୀୟମାନଙ୍କ ଊର ନାମକ ଆପଣା ଜନ୍ମ ଦେଶରେ ମଲା।
२८हारान, आपला पिता तेरह जिवंत असताना आपली जन्मभूमी खास्द्यांचे ऊर येथे मरण पावला.
29 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଅବ୍ରାମ ଓ ନାହୋର ବିବାହ କଲେ; ଅବ୍ରାମଙ୍କ ଭାର୍ଯ୍ୟାଙ୍କର ନାମ ସାରୀ ଓ ନାହୋରର ଭାର୍ଯ୍ୟାର ନାମ ମିଲ୍କା, ସେ ହାରଣର କନ୍ୟା ଥିଲା; ସେହି ହାରଣ ମିଲ୍କା ଓ ଯିସ୍କାର ପିତା।
२९अब्राम व नाहोर या दोघांनीही लग्न केले. अब्रामाच्या पत्नीचे नाव साराय आणि नाहोरच्या पत्नीचे नाव मिल्का होते. मिल्का ही हारानाची मुलगी होती. हा हारान मिल्का व इस्का यांचा पिता होता.
30 ସେହି ସାରୀ ବନ୍ଧ୍ୟା ଥିଲେ, ତାଙ୍କର କୌଣସି ସନ୍ତାନ ନ ଥିଲା।
३०साराय वांझ होती, तिला मूलबाळ नव्हते.
31 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ତେରହ ଆପଣା ପୁତ୍ର ଅବ୍ରାମଙ୍କୁ ଓ ହାରଣର ପୁତ୍ର ଲୋଟ ନାମକ ପୌତ୍ରକୁ, ପୁଣି, ଅବ୍ରାମଙ୍କ ଭାର୍ଯ୍ୟା ସାରୀ ନାମ୍ନୀ ପୁତ୍ରବଧୂଙ୍କୁ ସଙ୍ଗରେ ନେଲେ; ଆଉ ସେମାନେ ସମସ୍ତେ କଲ୍ଦୀୟମାନଙ୍କ ଊରଠାରୁ କିଣାନ ଦେଶ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଯାତ୍ରା କରି ହାରଣ ନଗରରେ ଉତ୍ତରି ବସତି କଲେ।
३१मग तेरह आपले कुटुंब घेऊन म्हणजे आपला मुलगा अब्राम, हारानचा मुलगा लोट, आणि आपली सून म्हणजे अब्रामाची पत्नी साराय यांना बरोबर घेऊन खास्द्यांचे ऊर येथून कनान देशास जाण्यासाठी निघाला आणि प्रवास करीत ते हारान प्रदेशापर्यंत येऊन तेथे राहिले.
32 ପୁଣି, ତେରହ ହାରଣ ନଗରରେ ଥାଇ ଦୁଇ ଶହ ପାଞ୍ଚ ବର୍ଷ ବୟସରେ ମଲା।
३२तेरह दोनशे पाच वर्षे जगला; त्यानंतर तो हारान येथे मरण पावला.