< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ଦ୍ୱିତୀୟ ପୁସ୍ତକ 30 >

1 “ଆଉ ତୁମ୍ଭେ ଧୂପ ଜଳାଇବା ପାଇଁ ଶିଟୀମ୍‍ କାଷ୍ଠର ଏକ ବେଦି ନିର୍ମାଣ କରିବ।
तू धूप जाळण्यासाठी बाभळीच्या लाकडाची एक वेदी कर.
2 ତାହା ଏକ ହସ୍ତ ଦୀର୍ଘ ଓ ଏକ ହସ୍ତ ପ୍ରସ୍ଥ ଓ ଚତୁଷ୍କୋଣ ହେବ, ପୁଣି, ଦୁଇ ହସ୍ତ ଉଚ୍ଚ ହେବ; ତହିଁର ଶୃଙ୍ଗସକଳ ତହିଁର ଅଂଶ ହେବ।
ती चौरस असून एक हात लांब व एक हात रुंद असावी, आणि ती दोन हात उंच असावी; तिची शिंगे एकाच अखंड लाकडाची करावी.
3 ତହିଁର ପୃଷ୍ଠ ଓ ଚାରି ପାର୍ଶ୍ୱ ଓ ଶୃଙ୍ଗ ନିର୍ମଳ ସୁବର୍ଣ୍ଣରେ ମଡ଼ାଇବ ଓ ତହିଁର ଚାରିଆଡ଼େ ସ୍ୱର୍ଣ୍ଣର କାନ୍ଥି କରିବ।
वेदीचा वरचा भाग व तिच्या चारही बाजू शुद्ध सोन्याने मढवाव्यात आणि सभोवती सोन्याचा कंगोरा करावा.
4 ପୁଣି, ତହିଁର କାନ୍ଥି ତଳେ ଦୁଇ ପାର୍ଶ୍ୱର ଦୁଇ କୋଣ ନିକଟରେ ସ୍ୱର୍ଣ୍ଣର ଦୁଇ ଦୁଇ କଡ଼ା କରିବ; ଆଉ ତାହା ବହନାର୍ଥକ ସାଙ୍ଗୀର ଘରା ହେବ।
त्या कंगोऱ्याखाली वेदीच्या एकमेकीच्या विरूद्ध बाजूंना सोन्याच्या दोन दोन गोल कड्या असाव्यात; त्यांच्यात दांडे घालून वेदी उचलून नेण्याकरता त्यांच्या उपयोग होईल.
5 ସେହି ସାଙ୍ଗୀ ଶିଟୀମ୍‍ କାଷ୍ଠରେ ନିର୍ମାଣ କରି ସ୍ୱର୍ଣ୍ଣରେ ମଡ଼ାଇବ।
हे दांडे बाभळीच्या लाकडाचे करून ते सोन्याने मढवावेत.
6 ପୁଣି, ଆମ୍ଭେ ଯେଉଁ ସ୍ଥାନରେ ତୁମ୍ଭ ସହିତ ସାକ୍ଷାତ କରିବା, ସେହି ସ୍ଥାନରେ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ସାକ୍ଷ୍ୟ-ସିନ୍ଦୁକର ଉପରିସ୍ଥ ପାପାଚ୍ଛାଦନ ସମ୍ମୁଖରେ ସାକ୍ଷ୍ୟ-ସିନ୍ଦୁକର ଅଗ୍ରସ୍ଥିତ ବିଚ୍ଛେଦ ବସ୍ତ୍ରର ଆଗରେ ତାହା ରଖିବ।
वेदी अंतरपटासमोर ठेवावी; आज्ञापटाचा कोश अंतरपटाच्या मागे असेल; आज्ञापटाच्या कोशावर असणाऱ्या दयासनासमोर वेदी असेल; याच ठिकाणी मी तुला भेटत जाईन.
7 ହାରୋଣ ତହିଁ ଉପରେ ସୁଗନ୍ଧି ଧୂପ ଜ୍ୱଳାଇବ, ସେ ପ୍ରତି ପ୍ରଭାତରେ ପ୍ରଦୀପ ପରିଷ୍କାର କରିବା ସମୟରେ ସେହି ଧୂପ ଜ୍ୱଳାଇବ।
अहरोन दिव्याची तेलवात करण्यासाठी येईल त्या प्रत्येक सकाळी दररोज त्याने वेदीवर सुगंधी धूप जाळावा;
8 ପୁଣି, ସନ୍ଧ୍ୟାକାଳେ ହାରୋଣ ପ୍ରଦୀପ ଜ୍ୱଳାଇବା ସମୟରେ ଧୂପ ଜ୍ୱଳାଇବ, ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ପୁରୁଷାନୁକ୍ରମେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ନିତ୍ୟ ନିତ୍ୟ ଧୂପଦାହ ହେବ।
पुन्हा संध्याकाळी अहरोन दिवे लावण्यासाठी येईल तेव्हा त्याने वेदीवर सुंगधी धूप जाळावा; याप्रमाणे दररोज परमेश्वरापुढे सुंगधी धूप सतत पिढयानपिढया जाळीत जावा.
9 ତୁମ୍ଭେମାନେ ତହିଁ ଉପରେ ଅନ୍ୟ କୌଣସି ଧୂପ ଅବା ହୋମବଳି କିଅବା ଭକ୍ଷ୍ୟ ନୈବେଦ୍ୟ ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବ ନାହିଁ ଓ ତହିଁ ଉପରେ ପେୟ-ନୈବେଦ୍ୟ ଢାଳିବ ନାହିଁ।
तिच्यावर निराळा धूप किंवा होमार्पण, अन्नार्पण किंवा कोणत्याही प्रकारचे पेयार्पण अर्पण करू नये.
10 ପୁଣି, ହାରୋଣ ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ଥରେ ତହିଁର ଶୃଙ୍ଗ ଉପରେ ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ କରିବ; ସେ ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତାର୍ଥକ ପାପବଳିର ରକ୍ତ ଦ୍ୱାରା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପୁରୁଷାନୁକ୍ରମେ ବର୍ଷକେ ଥରେ ତହିଁ ଉପରେ ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ କରିବ। ଏହି ବେଦି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ମହାପବିତ୍ର ଅଟେ।”
१०अहरोनाने वर्षातून एकदा वेदीच्या शिंगावर प्रायश्चित्त करावे; पिढ्यानपिढ्या वर्षातून एकदा प्रायश्चित्तासाठी अर्पिलेल्या लोकांच्या पापांची भरपाई करण्यासाठी अहरोनाने पापार्पणाच्या रक्ताने तिच्यासाठी त्याने प्रायश्चित्त करावे. ही वेदी परमेश्वराकरता परमपवित्र आहे.
11 ଆଉ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ ଏହି କଥା କହିଲେ,
११मग परमेश्वर मोशेला म्हणाला,
12 “ଯେତେବେଳେ ତୁମ୍ଭେ ଗଣିତ ଲୋକମାନଙ୍କ ସଂଖ୍ୟାନୁସାରେ ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣକୁ ଗଣନା କରିବ, ସେତେବେଳେ ସେମାନଙ୍କର ପ୍ରତ୍ୟେକ ଲୋକ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନିକଟରେ ଆପଣା ଆପଣା ପ୍ରାଣାର୍ଥେ ଗଣନା ସମୟରେ ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ କରିବେ, ତହିଁରେ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଗଣନା ସମୟରେ କୌଣସି ମହାମାରୀ ହେବ ନାହିଁ।
१२“तू इस्राएल लोकांची शिरगणती करशील तेव्हा गणनेवेळी आपणावर काही मरी येऊ नये म्हणून त्यांतल्या प्रत्येक इस्राएलाने स्वत: च्या जिवाबद्दल परमेश्वरास खंड द्यावा;
13 ଯେକେହି ଗଣିତ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଅନ୍ତର୍ଭୁକ୍ତ, ସେ ପବିତ୍ର ସ୍ଥାନର ଶେକଲ ଅନୁସାରେ ଅର୍ଦ୍ଧ ଶେକଲ ଦେବ; (କୋଡ଼ିଏ ଗେରାରେ ଏକ ଶେକଲ); ସେହି ଅର୍ଦ୍ଧ ଶେକଲ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ପ୍ରାପ୍ୟ ଉପହାର ହେବ।
१३जितक्या लोकांची मोजदाद होईल तितक्यांनी पवित्रस्थानातील शेकेलाच्या चलनाप्रमाणे अर्धा शेकेल द्यावा. हा अर्धा शेकेल परमेश्वराकरता केलेले समर्पण आहे.
14 କୋଡ଼ିଏ ବର୍ଷ କିଅବା ତହିଁରୁ ଅଧିକ ବର୍ଷ ବୟସ୍କ ଯେକେହି ଗଣିତ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଅନ୍ତର୍ଭୁକ୍ତ, ସେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ଏହି ଉପହାର ଦେବ।
१४वीस वर्षे व त्याहून जास्त वयाच्या लोकांमध्ये ज्याची गणना होईल त्यातील प्रत्येकाने त्याने परमेश्वराकरता हे समर्पण करावे.
15 ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆପଣା ଆପଣା ପ୍ରାଣ ନିମନ୍ତେ ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ କରଣାର୍ଥେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ସେହି ଉପହାର ଦେବା ସମୟରେ ଧନବାନ ଅର୍ଦ୍ଧ ଶେକଲରୁ ଅଧିକ ଦେବ ନାହିଁ, ପୁଣି, ଦରିଦ୍ର ତହିଁରୁ ଊଣା ଦେବ ନାହିଁ।
१५तुम्ही आपल्या जिवाबद्दल प्रायश्चित्त म्हणून परमेश्वराकरता हे समर्पण कराल तेव्हा श्रीमंत मनुष्याने अर्धा शेकेलापेक्षा जास्त देऊ नये व गरीबाने अर्धा शेकेलापेक्षा कमी देऊ नये;
16 ତହୁଁ ତୁମ୍ଭେ ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣଠାରୁ ସେହି ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ-ରୂପା ନେଇ ସମାଗମ-ତମ୍ବୁର କାର୍ଯ୍ୟାର୍ଥେ ନିରୂପଣ କରିବ; ତାହା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପ୍ରାଣର ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ ନିମନ୍ତେ ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣର ସ୍ମରଣାର୍ଥେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ରହିବ।”
१६इस्राएल लोकांकडून प्रायश्चित्ताचा पैसा घ्यावा आणि त्याचा दर्शनमंडपामधील सेवेसाठी उपयोग करावा; हा पैसा इस्राएल लोकांच्या जिवाबद्दल प्रायश्चित्त दिल्याचे स्मारक म्हणून त्यांच्याप्रीत्यर्थ परमेश्वरासमोर राहील.”
17 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ,
१७परमेश्वर मोशेला म्हणाला,
18 “ତୁମ୍ଭେ ପ୍ରକ୍ଷାଳନ ନିମନ୍ତେ ପିତ୍ତଳର କୁଣ୍ଡ ଓ ତହିଁର ପିତ୍ତଳର ବୈଠିକି ପ୍ରସ୍ତୁତ କରିବ; ପୁଣି, ସମାଗମ-ତମ୍ବୁ ଓ ବେଦି ମଧ୍ୟସ୍ଥାନରେ ରଖି ତହିଁ ମଧ୍ୟରେ ଜଳ ପୂରାଇବ।
१८“पितळेचे एक गंगाळ बनवून ते पितळेच्या बैठकीवर ठेवावे, त्यातील पाण्याचा हातपाय धुण्यासाठी उपयोग करावा; ते दर्शनमंडप व वेदी यांच्यामध्ये ठेवावे व ते पाण्याने भरावे.
19 ଆଉ ହାରୋଣ ଓ ତାହାର ପୁତ୍ରଗଣ ତହିଁରେ ଆପଣା ଆପଣା ହସ୍ତ ଓ ପଦ ପ୍ରକ୍ଷାଳନ କରିବେ।
१९या गंगाळातील पाण्याने अहरोन व त्याच्या मुलांनी आपले हातपाय धुवावेत;
20 ସେମାନେ ସମାଗମ-ତମ୍ବୁରେ ପ୍ରବେଶ କରିବା ସମୟରେ ଯେପରି ନ ମରନ୍ତି, ଏଥିପାଇଁ ଜଳରେ ଆପଣାମାନଙ୍କୁ ଧୌତ କରିବେ; କିଅବା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ସେବା ନିମନ୍ତେ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଅଗ୍ନିକୃତ ଉପହାର ଧୂପନ୍ୟାୟ ଦଗ୍ଧ କରିବା ନିମନ୍ତେ ବେଦି ନିକଟକୁ ଆସିବା ସମୟରେ ଯେପରି ନ ମରନ୍ତି,
२०दर्शनमंडपामध्ये व वेदीजवळ सेवा करण्यास जाताना म्हणजे परमेश्वराकरता हव्य जाळण्यासाठी जातेवेळी त्यांनी आपले हातपाय धुवावेत; नाहीतर ते मरतील.
21 ଏଥିପାଇଁ ସେମାନେ ଆପଣା ଆପଣା ହସ୍ତ ଓ ପଦ ଧୌତ କରିବେ; ଏହା ତାହାର ଓ ତାହା ବଂଶର ପୁରୁଷାନୁକ୍ରମେ ପାଳନୀୟ ଅନନ୍ତକାଳୀନ ବିଧି ହେବ।”
२१अहरोन व त्याचे वंशज ह्याच्यासाठी हा पिढ्यानपिढ्या निरंतरचा विधी व्हावा.”
22 ଆହୁରି ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ,
२२मग परमेश्वर मोशेला म्हणाला,
23 “ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ନିକଟରେ ଏହିସବୁ ଅତ୍ୟୁତ୍ତମ ସୁଗନ୍ଧି ଦ୍ରବ୍ୟ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ପବିତ୍ର ସ୍ଥାନର ଶେକଲ ଅନୁସାରେ ପାଞ୍ଚ ଶହ ଶେକଲ ନିର୍ମଳ ଗନ୍ଧରସ ଓ ତହିଁର ଅର୍ଦ୍ଧ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଅଢ଼ାଇଶତ ଶେକଲ ସୁଗନ୍ଧି ଦାରୁଚିନି, ଅଢ଼ାଇଶତ ଶେକଲ ସୁଗନ୍ଧି,
२३“तू उत्तम प्रकारचे मसाले घे; म्हणजे पवित्र स्थानातल्या चलनाप्रमाणे पाचशे शेकेल प्रवाही गंधरस; त्याच्या निम्मे म्हणजे अडीचशे शेकेल सुगंधी दालचिनी, पाचशे शेकेल सुगंधी बच,
24 ପାଞ୍ଚ ଶହ ଶେକଲ ଗୁଡ଼ତ୍ୱକ୍‍ ଓ ଏକ ହିନ୍‍ ଜୀତ ତୈଳ ସଂଗ୍ରହ କରିବ।
२४आणि पवित्रस्थानाच्या शेकेलाप्रमाणे पाचशे शेकेल तज आणि एक हीनभर जैतूनाचे तेल घे,
25 ଏହିସବୁ ଦ୍ୱାରା ତୁମ୍ଭେ ଅଭିଷେକାର୍ଥକ ପବିତ୍ର ତୈଳ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଗନ୍ଧବଣିକର କ୍ରିୟାନୁସାରେ ତୈଳ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରିବ, ତାହା ଅଭିଷେକାର୍ଥକ ପବିତ୍ର ତୈଳ ହେବ।
२५व त्याचे अभिषेकाचे पवित्र तेल म्हणजे गांध्याच्या कसबाप्रमाणे मिसळलेले अभिषेकासाठी पवित्र, सुंगधी तेल तयार कर;
26 ତାହା ତୁମ୍ଭେ ନେଇ ସମାଗମ-ତମ୍ବୁ ଓ ସାକ୍ଷ୍ୟ-ସିନ୍ଦୁକ,
२६या तेलाने दर्शनमंडप व साक्षीकोश,
27 ପୁଣି, ମେଜ, ତହିଁର ସକଳ ପାତ୍ର, ଦୀପବୃକ୍ଷ ଓ ତହିଁର ସକଳ ପାତ୍ର,
२७तसेच मेज व त्यांवरील सर्व वस्तू, दीपवृक्ष व त्याची उपकरणे, धूपवेदी,
28 ଆଉ ଧୂପବେଦି, ତହିଁର ସକଳ ପାତ୍ର, ପ୍ରକ୍ଷାଳନ-ପାତ୍ର ଓ ତହିଁର ବୈଠିକି ଅଭିଷେକ କରିବ।
२८तसेच होमवेदी व होमवेदीच्या सर्व वस्तू आणि गंगाळ व त्याची बैठक या सर्वांना अभिषेक करावा.
29 ପୁଣି, ଏହିସବୁ ବସ୍ତୁକୁ ପବିତ୍ର କରିବ, ତହିଁରେ ତାହା ମହାପବିତ୍ର ହେବ, ଯାହା କିଛି ତାହା ସ୍ପର୍ଶ କରେ, ସେସବୁ ପବିତ୍ର ହେବ।
२९त्यांना पवित्र करावे म्हणजे ती परमपवित्र ठरतील; ज्याचा त्यांना स्पर्श होईल ते पवित्र होईल.
30 ପୁଣି, ତୁମ୍ଭେ ହାରୋଣକୁ ଓ ତାହାର ପୁତ୍ରଗଣକୁ ଆମ୍ଭର ଯାଜକ କର୍ମ କରଣାର୍ଥେ ଅଭିଷେକ କରି ପବିତ୍ର କରିବ।
३०आणि अहरोन व त्याच्या पुत्रांना अभिषेक करून पवित्र कर. मग याजक या नात्याने ते माझी सेवा करतील;
31 ଆଉ ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣକୁ କହିବ, ‘ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପୁରୁଷାନୁକ୍ରମେ ଆମ୍ଭ ନିମନ୍ତେ ତାହା ଅଭିଷେକାର୍ଥକ ପବିତ୍ର ତୈଳ ହେବ।
३१इस्राएल लोकांस तू सांग की, पिढ्यानपिढ्या तुम्हास माझ्यासाठीच हेच पवित्र अभिषेकाचे तेल असणार.
32 ମନୁଷ୍ୟର ଶରୀରରେ ତାହା ଢ଼ଳାଯିବ ନାହିଁ; ଅଥବା ତୁମ୍ଭେମାନେ ତହିଁର ମିଶ୍ରିତ ଦ୍ରବ୍ୟର ପରିମାଣାନୁସାରେ ଆଉ କୌଣସି ତୈଳ କରିବ ନାହିଁ; ତାହା ପବିତ୍ର ଅଟେ, ଆଉ ତାହା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ପବିତ୍ର ହେବ।
३२हे तेल कोणाही मनुष्याच्या अंगाला लावायचे नाही. व या प्रकारचे तेल कोणीही तयार करू नये; हे तेल पवित्र आहे आणि तुम्ही ह्याला पवित्रच मानावे.
33 ଯେକେହି ତହିଁ ତୁଲ୍ୟ କିଛି ପ୍ରସ୍ତୁତ କରିବ, ଅବା ଯେକେହି ଅପରିଚିତ ଲୋକର ଶରୀରରେ ତହିଁରୁ କିଛି ଲଗାଇବ, ସେ ଆପଣା ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ ହେବ।’”
३३जो कोणी त्याच्यासारखे मिश्रण तयार करील किंवा ते कोणा परक्याला लावील तर त्यास आपल्या लोकांतून बाहेर काढून टाकावे.”
34 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ନିକଟରେ ସୁଗନ୍ଧି ଦ୍ରବ୍ୟ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଗୁଗ୍ଗୁଳ, ନଖୀ, କୁନ୍ଦୁରୁ ଓ ନିର୍ମଳ ଲୋବାନ୍‍, ଏହି ପ୍ରତ୍ୟେକ ସୁଗନ୍ଧି ଦ୍ରବ୍ୟ ସମଭାଗରେ ସଂଗ୍ରହ କର।
३४नंतर परमेश्वर मोशेला म्हणाला, “तू हे सुवासिक मसाले म्हणजे उत्तम गंधरस, जटामासी, गंधाबिरुजा व शुद्ध ऊद ही घ्यावी. या सर्व वस्तू समभाग घ्याव्यात;
35 ପୁଣି, ତଦ୍ଦ୍ୱାରା ଗନ୍ଧବଣିକର କ୍ରିୟାରେ ପ୍ରସ୍ତୁତ ଓ ଲବଣାକ୍ତ ଏକ ନିର୍ମଳ ପବିତ୍ର ସୁଗନ୍ଧି ଧୂପ ପ୍ରସ୍ତୁତ କର।
३५आणि गांध्याच्या कसबाप्रमाणे मिसळून मिठाने खारावलेले, निर्भेळ शुद्ध व पवित्र असे धूपद्रव्य तयार करावे;
36 ତହିଁରୁ କିଛି ଚୂର୍ଣ୍ଣ କରି ଯେଉଁ ସମାଗମ-ତମ୍ବୁରେ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ସହିତ ସାକ୍ଷାତ କରିବା, ତହିଁ ମଧ୍ୟରେ ସାକ୍ଷ୍ୟ-ସିନ୍ଦୁକ ସମ୍ମୁଖରେ ରଖିବ; ତାହା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ମହାପବିତ୍ର ହେବ।
३६त्यातले काही कुटून त्याचे चूर्ण करावे, व ते दर्शनमंडपामधील ज्या साक्षकोशापुढे मी तुला दर्शन देत जाईन तेथे ठेवावे; ते तुम्ही परमपवित्र लेखावे.
37 ପୁଣି, ତୁମ୍ଭେ ଯେଉଁ ସୁଗନ୍ଧି ଧୂପ କରିବ, ତହିଁର ମିଶ୍ରିତ ଦ୍ରବ୍ୟର ପରିମାଣାନୁସାରେ ଆପଣାମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ କର ନାହିଁ, ତାହା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ପବିତ୍ର ହେବ।
३७हे परमेश्वरासाठी पवित्र लेखावे; त्यासारखे दुसरे धूपद्रव्य तुम्ही स्वतःसाठी तयार करू नये.
38 ଯେକେହି ଆପଣା ଆଘ୍ରାଣାର୍ଥେ ତତ୍ତୁଲ୍ୟ ସୁଗନ୍ଧି ଧୂପ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରିବ, ସେ ଆପଣା ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ ହେବ।”
३८सुवास घेण्याकरता कोणी असले काही तयार करील तर त्यास आपल्या लोकांतून बाहेर काढून टाकावे.”

< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ଦ୍ୱିତୀୟ ପୁସ୍ତକ 30 >