< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ଦ୍ୱିତୀୟ ପୁସ୍ତକ 23 >

1 ତୁମ୍ଭେ ମିଥ୍ୟାପବାଦ ଉତ୍ଥାପନ କରିବ ନାହିଁ; ଅନ୍ୟାୟ ସାକ୍ଷୀ ହୋଇ ଦୁଷ୍ଟର ସାହାଯ୍ୟ କରିବ ନାହିଁ।
खोटी अफवा पसरवू नकोस; दुष्टाच्या हातात हात घालून अन्यायी साक्षी होऊ नकोस.
2 ତୁମ୍ଭେ ଦୁଷ୍କର୍ମ କରିବାକୁ ବହୁ ଲୋକର ପଶ୍ଚାଦ୍‍ବର୍ତ୍ତୀ ହେବ ନାହିଁ, ପୁଣି, ନ୍ୟାୟବିଚାର ଅନ୍ୟଥା କରିବା ପାଇଁ ବହୁ ଲୋକର ପକ୍ଷ ହୋଇ ପ୍ରତିବାଦ କରିବ ନାହିଁ;
दुष्टाई करण्याकरता पुष्कळ जणांना तू अनुसरू नकोस, आणि तू पुष्कळ जणांच्या मागे लागून वादात न्याय विपरीत करण्यास बोलू नकोस.
3 କିଅବା ବିଚାରରେ ଦରିଦ୍ରର ପକ୍ଷପାତ କରିବ ନାହିଁ।
एखाद्या गरीब मनुष्याचा न्याय होताना, त्याची बाजू खरी असल्याशिवाय त्याचा पक्ष घेऊ नकोस.
4 ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ଶତ୍ରୁର ଗୋରୁ କି ଗଧକୁ ପଥ ହୁଡ଼ି ଯିବାର ଦେଖିଲେ, ଅବଶ୍ୟ ତାହା ନିକଟକୁ ତାକୁ ଘେନିଯିବ।
आपल्या शत्रूचा हरवलेला बैल किंवा एखादे गाढव मोकाट फिरताना दिसले तर त्यास वळवून ते त्याच्याकडे नेऊन सोड.
5 ଯଦି ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ଶତ୍ରୁର ଗର୍ଦ୍ଦଭକୁ ଭାର ତଳେ ପଡ଼ିଥିବାର ଦେଖ, ତାକୁ ଛାଡ଼ି ଯିବାରୁ ନିବୃତ୍ତ ହୁଅ, ତୁମ୍ଭେ ଅବଶ୍ୟ ତାହା ସଙ୍ଗରେ ତାକୁ ମୁକ୍ତ କରିବ।
तुझ्या शत्रूचे गाढव जास्त ओझ्याखाली दबून पडलेले दिसले तर तू त्यास सोडून जाऊ नकोस, तू अवश्य त्याच्याबरोबर राहून ते सोड.
6 ଦରିଦ୍ରର ବିଚାରରେ ତୁମ୍ଭେ ତାହା ପ୍ରତି ଅନ୍ୟାୟ କରିବ ନାହିଁ।
तू आपल्या गरीबाच्या वादात त्याचा योग्य न्याय विपरीत होऊ देऊ नकोस;
7 ମିଥ୍ୟା ବିଷୟରୁ ଆପଣାକୁ ଦୂରରେ ରଖ; ପୁଣି, ନିର୍ଦ୍ଦୋଷକୁ ଓ ଧାର୍ମିକକୁ ନଷ୍ଟ କର ନାହିଁ; ଯେହେତୁ ଆମ୍ଭେ ଦୁଷ୍ଟକୁ ନିର୍ଦ୍ଦୋଷ କରିବା ନାହିଁ।
कोणावरही खोटे दोषारोप करू नकोस; एखाद्या निष्पाप वा निरपराधी ह्यांचा वध करू नकोस. कारण दुष्टाला मी नीतिमान ठरवणार नाही.
8 ତୁମ୍ଭେ ଲାଞ୍ଚ ନେବ ନାହିଁ, କାରଣ ଲାଞ୍ଚ ଦୃଷ୍ଟି ଥିବା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଅନ୍ଧ କରିଦିଏ ଓ ଧାର୍ମିକମାନଙ୍କର ବାକ୍ୟ ଅନ୍ୟଥା କରେ।
लाच देण्याचा प्रयत्न करील, तर ती तू मुळीच घेऊ नकोस; लाच घेऊ नको कारण लाच डोळसास आंधळे करते; आणि नीतिमानांच्या म्हणण्याचा विपरीत न्याय करते.
9 ତୁମ୍ଭେ ବିଦେଶୀ ପ୍ରତି ଅତ୍ୟାଚାର କରିବ ନାହିଁ, କାରଣ ତୁମ୍ଭେ ବିଦେଶୀର ମନ ଜାଣୁଅଛ, ଯେହେତୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ମିସର ଦେଶରେ ବିଦେଶୀ ଥିଲ।
परक्याला कधीही छळू नकोस, कारण त्याच्या मनोभावनेची तुम्हास चांगली माहिती आहे; कारण तुम्ही देखील एके काळी मिसर देशात परके होता.
10 ଆଉ ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ଭୂମିରେ ଛଅ ବର୍ଷ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ବୀଜ ବପନ କରିବ ଓ ତହିଁରୁ ଉତ୍ପନ୍ନ ଶସ୍ୟାଦି ସଂଗ୍ରହ କରିବ।
१०सहा वर्षे आपल्या जमिनीची पेरणी कर; आणि तिचे उत्पन्न साठीव.
11 ମାତ୍ର ସପ୍ତମ ବର୍ଷରେ ତାକୁ ବିଶ୍ରାମ ଦେବ ଓ ପଡ଼ିଆ ରଖିବ; ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭର ଦରିଦ୍ରମାନେ ଖାଇବାକୁ ପାଇବେ; ସେମାନେ ଯାହା ଅବଶିଷ୍ଟ ରଖିବେ, ତାହା ବନ ପଶୁମାନେ ଖାଇବେ। ପୁଣି, ତୁମ୍ଭ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ଓ ଜୀତବୃକ୍ଷ ପ୍ରତି ମଧ୍ୟ ସେହିରୂପ କରିବ।
११परंतु सातव्या वर्षी जमीन पडीक राहू दे. त्या वर्षी शेतात काहीही पेरू नये. जर शेतात काही उगवले तर ते गरीबांना घेऊ द्या; व राहिलेले वनपशूंना खाऊ द्या; तुमचे द्राक्षमळे व जैतूनाची वने यांच्या बाबतीतही असेच करावे.
12 ତୁମ୍ଭେ ଛଅ ଦିନ ଆପଣା କର୍ମ କରି ସପ୍ତମ ଦିନରେ ବିଶ୍ରାମ କରିବ, ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭର ଗୋରୁ ଓ ଗର୍ଦ୍ଦଭ ବିଶ୍ରାମ ପାଇବେ, ପୁଣି, ତୁମ୍ଭ ଦାସୀପୁତ୍ର ଓ ବିଦେଶୀ ଲୋକ ଆଶ୍ୱାସ ପାଇବେ।
१२तुम्ही सहा दिवस काम करावे, व सातव्या दिवशी विसावा घ्यावा; त्यामुळे तुमच्या गुलामांना व इतर उपऱ्यांनाही विसावा मिळेल व त्यांना ताजेतवाने वाटेल; तुमच्या बैलांना व गाढवानांही विसावा मिळेल.
13 ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଯାହା ଯାହା କହିଅଛୁ, ସେସମସ୍ତ ବିଷୟରେ ସାବଧାନ ହୁଅ; ଅନ୍ୟ ଦେବଗଣର ନାମ ସ୍ମରଣ କରାଅ ନାହିଁ, କିଅବା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ମୁଖରୁ ତାହା ଶୁଣା ନ ଯାଉ।
१३मी जे काही सांगितले ते सर्व नियम कटाक्षाने पाळावेत; इतर देवांचे नांव देखील घेऊ नका; ते तुमच्या तोंडाने उच्चारू नका.
14 ତୁମ୍ଭେ ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ତିନି ଥର ଆମ୍ଭ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଉତ୍ସବ କରିବ।
१४वर्षातून तीनदा तू माझ्यासाठी उत्सव करून सण पाळ.
15 ତାଡ଼ିଶୂନ୍ୟ ରୁଟିର ଉତ୍ସବ ପାଳନ କରିବ; ଆମ୍ଭ ଆଜ୍ଞାନୁସାରେ ଆବୀବ୍‍ ମାସର ନିରୂପିତ ସମୟରେ ସାତ ଦିନ ତାଡ଼ିଶୂନ୍ୟ ରୁଟି ଭୋଜନ କରିବ, ଯେହେତୁ ତୁମ୍ଭେ ସେହି ସମୟରେ ମିସର ଦେଶରୁ ମୁକ୍ତି ପାଇଅଛ; ପୁଣି, କେହି ରିକ୍ତ ହସ୍ତରେ ଆମ୍ଭ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେବ ନାହିଁ।
१५बेखमीर भाकरीचा सण पाळ; त्यामध्ये सात दिवस खमीर न घातलेली भाकर तुम्ही खावी; हा सण तुम्ही अबीब महिन्यात पाळावा, कारण याच महिन्यात तुम्ही मिसरमधून बाहेर निघून आला; कोणी रिकाम्या हाताने माझ्यासमोर येऊ नये.
16 ଆଉ, ତୁମ୍ଭେ ଶସ୍ୟଚ୍ଛେଦନ ଉତ୍ସବ, ଅର୍ଥାତ୍‍, କ୍ଷେତରେ ଯାହା ବୁଣ, ତହିଁର ପ୍ରଥମ ସଂଗୃହୀତ ଫଳର ଉତ୍ସବ ପାଳନ କର; ପୁଣି, ବର୍ଷ ଶେଷରେ କ୍ଷେତରୁ ଫଳ ସଂଗ୍ରହ କରିବା ସମୟରେ ଫଳ ସଞ୍ଚୟର ଉତ୍ସବ ପାଳନ କର।
१६शेतात पेरलेल्या पहिल्या पिकाच्या कापणीचा सण पाळावा. वर्षाच्या अखेरीस तू आपल्या श्रमाच्या फळांचा संग्रह करशील तेव्हा संग्रहाचा सण पाळावा.
17 ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ତିନି ଥର ତୁମ୍ଭର ସମସ୍ତ ପୁଂଜାତି, ପ୍ରଭୁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସାକ୍ଷାତରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେବେ।
१७वर्षातून तीनदा तुझ्या सर्व पुरुषांनी प्रभू परमेश्वरासमोर यावे.
18 ତୁମ୍ଭେ ତାଡ଼ିଯୁକ୍ତ ଦ୍ରବ୍ୟ ସହିତ ଆମ୍ଭ ବଳିର ରକ୍ତ ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବ ନାହିଁ; ପୁଣି, ଆମ୍ଭ ଉତ୍ସବ-ସମ୍ପର୍କୀୟ ମେଦ ରାତ୍ରିଯାକ ପ୍ରଭାତ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ରଖିବ ନାହିଁ।
१८तुम्ही यज्ञपशूचे रक्त मला अर्पण करावयाचे वेळी खमीर घातलेल्या भाकरीसोबत अर्पण करू नये; आणि मला अर्पण केलेल्या यज्ञपशूची चरबी दुसऱ्या दिवसापर्यंत राहू देऊ नये.
19 ତୁମ୍ଭ ଭୂମିର ପ୍ରଥମଜାତ ଫଳ ତୁମ୍ଭ ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଗୃହକୁ ଆଣିବ। ତୁମ୍ଭେ ଛାଗବତ୍ସକୁ ତାହାର ମାତୃ ଦୁଗ୍ଧରେ ପାକ କରିବ ନାହିଁ।
१९आपल्या जमिनीच्या प्रथम उपजातील सर्वोत्तम भाग आपला देव परमेश्वर ह्याच्या मंदिरात आणावा. करडू त्याच्या आईच्या दुधात शिजवू नये.
20 ଦେଖ, ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ପଥରେ ରକ୍ଷା କରିବା ପାଇଁ ଓ ତୁମ୍ଭକୁ ଆମ୍ଭର ପ୍ରସ୍ତୁତ ସ୍ଥାନକୁ ଆଣିବା ପାଇଁ ତୁମ୍ଭ ଆଗେ ଆଗେ ଏକ ଦୂତ ପ୍ରେରଣ କରୁଅଛୁ।
२०पाहा, वाटेने तुला सांभाळण्याकरता आणि मी तयार केलेल्या स्थानात तुला पोचविण्याकरता मी एक दूत तुझ्यापुढे पाठवत आहे.
21 ତାହାଙ୍କ ବିଷୟରେ ସାବଧାନ ହୁଅ ଓ ତାହାଙ୍କ ରବରେ ଅବଧାନ କର; ତାହାଙ୍କର ଅସନ୍ତୋଷ ଜନ୍ମାଅ ନାହିଁ; କାରଣ ସେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ଅଧର୍ମ କ୍ଷମା କରିବେ ନାହିଁ; ଯେହେତୁ ତାହାଙ୍କଠାରେ ଆମ୍ଭର ନାମ ଅଛି।
२१त्याच्यासमोर सावधगिरीने राहा आणि त्याचे म्हणणे ऐक, आज्ञा पाळ आणि त्याच्यामागे चाल; त्याच्याविरुध्द बंड करू नकोस. कारण तो तुम्हास क्षमा करणार नाही; कारण त्याच्या ठायी माझे नाव आहे.
22 ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭେ ଯଦି ନିତାନ୍ତ ତାହାଙ୍କ ରବରେ ମନୋଯୋଗ କରିବ, ପୁଣି, ଆମ୍ଭେ ଯାହାସବୁ କହୁ, ତାହା କରିବ; ତେବେ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ଶତ୍ରୁମାନଙ୍କର ଶତ୍ରୁ ଓ ତୁମ୍ଭ ବୈରୀମାନଙ୍କର ବୈରୀ ହେବା।
२२जर तू त्याची वाणी खरोखर ऐकशील व मी सांगतो ते सर्व करशील तर मी तुम्हाबरोबर राहीन; मी तुमच्या सर्व शत्रूंचा शत्रू व विरोधकांचा विरोधक होईन.
23 କାରଣ ଆମ୍ଭର ଦୂତ ତୁମ୍ଭ ଆଗେ ଆଗେ ଯାଇ ତୁମ୍ଭକୁ ଇମୋରୀୟ, ହିତ୍ତୀୟ, ପରିଷୀୟ, କିଣାନୀୟ, ହିବ୍ବୀୟ ଓ ଯିବୂଷୀୟମାନଙ୍କ ଦେଶକୁ ଆଣିବେ, ପୁଣି, ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ କରିବା।
२३देव म्हणाला, माझा दूत तुमच्यापुढे चालून अमोरी, हित्ती, परिज्जी, कनानी, हिव्वी व यबूसी या लोकांकडे तुला नेईल आणि मी त्यांचा नाश करीन.
24 ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ଦେବଗଣକୁ ପ୍ରଣାମ କରିବ ନାହିଁ ଓ ସେମାନଙ୍କର ସେବା କରିବ ନାହିଁ, ପୁଣି, ସେମାନଙ୍କ କ୍ରିୟାନୁସାରେ କ୍ରିୟା କରିବ ନାହିଁ; ମାତ୍ର ସେମାନଙ୍କୁ ସମୂଳେ ଉତ୍ପାଟନ କରିବ ଓ ସେମାନଙ୍କ ସ୍ତମ୍ଭସବୁ ଭାଙ୍ଗି ପକାଇବ।
२४परंतु या सर्व लोकांच्या देवाला तू नमन करू नकोस; त्यांची सेवा करू नकोस, त्यांना जमीनदोस्त करावेस; आणि त्यांच्या स्तंभाचे तुकडे तुकडे करावेस.
25 ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କ ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କର ସେବା କରିବ; ତହିଁରେ ସେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ଅନ୍ନ ଓ ଜଳରେ ଆଶୀର୍ବାଦ କରିବେ, ପୁଣି, ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ମଧ୍ୟରୁ ରୋଗ ଦୂର କରିବା।
२५तू आपला देव परमेश्वर याचीच उपासना करावीस; म्हणजे तो तुझ्या अन्नपाण्यास बरकत देईल. मी तुमच्यामधून रोगराई दूर करीन.
26 ତୁମ୍ଭ ଦେଶରେ କାହାରି ଗର୍ଭପାତ ହେବ ନାହିଁ, ପୁଣି, କେହି ବନ୍ଧ୍ୟା ହେବ ନାହିଁ; ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ଆୟୁର ପରିମାଣ ପୂର୍ଣ୍ଣ କରିବା।
२६तुझ्या देशात कोणाचा गर्भपात होणार नाही आणि कोणीही वांझ असणार नाही; मी तुला दीर्घायुषी करीन.
27 ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ଆଗେ ଆଗେ ଆମ୍ଭ ବିଷୟକ ଭୟ ପ୍ରେରଣ କରିବା; ପୁଣି, ତୁମ୍ଭେ ଯେଉଁସବୁ ଲୋକଙ୍କ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେବ, ସେମାନଙ୍କୁ ବ୍ୟାକୁଳ କରିବା ଓ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭର ଶତ୍ରୁଗଣକୁ ବିମୁଖ କରିବା।
२७ज्या ज्या लोकांच्या विरूद्ध तू जाशील त्यांना मी आधीच दहशत घालून त्यांची फसगत करीन. आणि तुझ्या सर्व शत्रूंना तुला पाठ दाखवयास लावीन.
28 ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ଆଗେ ଆଗେ ବିରୁଡ଼ିମାନଙ୍କୁ ପଠାଇବା; ସେମାନେ ହିବ୍ବୀୟ, କିଣାନୀୟ ଓ ହିତ୍ତୀୟମାନଙ୍କୁ ତୁମ୍ଭ ସମ୍ମୁଖରୁ ଘଉଡ଼ାଇ ଦେବେ।
२८मी तुझ्यापुढे गांधीलमाशा पाठवीन; त्या हिव्वी, कनानी, व हित्ती ह्यांना तुझ्यापुढून पळावयास लावतील.
29 ମାତ୍ର ଏକ ବର୍ଷରେ ତୁମ୍ଭ ସମ୍ମୁଖରୁ ସେମାନଙ୍କୁ ଘଉଡ଼ାଇ ଦେବା ନାହିଁ, ତାହାହେଲେ ଦେଶ ଶୂନ୍ୟ ହୋଇଯିବ ଓ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରତିକୂଳରେ ବନ୍ୟ ପଶୁମାନଙ୍କ ସଂଖ୍ୟା ବୃଦ୍ଧି ପାଇବ।
२९मी त्यांना एका वर्षातच घालवून देणार नाही; कारण मी तसे केले तर देश एकदम ओस पडेल आणि मग वनपशूंची वाढ होऊन ते तुला त्रास देतील.
30 ତୁମ୍ଭେ ଯେପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ବର୍ଦ୍ଧିତ ହୋଇ ନାହଁ ଓ ଦେଶ ଅଧିକାର କରି ନାହଁ, ସେପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ସମ୍ମୁଖରୁ ସେମାନଙ୍କୁ କ୍ରମେ କ୍ରମେ ଘଉଡ଼ାଇ ଦେବା।
३०तुमची संख्या वाढून तू देशाचा ताबा घेशील तोपर्यंत मी हळूहळू तुझ्यापुढून त्यांना घालवून देईन.
31 ପୁଣି, ଆମ୍ଭେ ସୂଫ ସାଗରଠାରୁ ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କର ସମୁଦ୍ର ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଓ ପ୍ରାନ୍ତରଠାରୁ ଫରାତ୍‍ ନଦୀ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ତୁମ୍ଭର ସୀମା ନିରୂପଣ କରିବା; କାରଣ ଆମ୍ଭେ ସେହି ଦେଶ ନିବାସୀମାନଙ୍କୁ ତୁମ୍ଭ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କରିବା; ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ସମ୍ମୁଖରୁ ସେମାନଙ୍କୁ ଘଉଡ଼ାଇ ଦେବ।
३१“मी तांबड्या समुद्रापासून पलिष्ट्यांच्या समुद्रापर्यंत आणि रानापासून ते फरात नदीपर्यंत मी तुझ्या देशाची सीमा करीन. तेथे राहणाऱ्या लोकांस मी तुझ्या हाती देईन व तू त्या सर्वांना तेथून घालवून द्याल.
32 ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ସହିତ କିମ୍ବା ସେମାନଙ୍କ ଦେବଗଣ ସହିତ କୌଣସି ନିୟମ ସ୍ଥିର କରିବ ନାହିଁ।
३२तू त्याच्याशी किंवा त्यांच्या देवांशी कोणताही करार करू नकोस.
33 ସେମାନେ ତୁମ୍ଭ ଦେଶରେ ବାସ କରିବେ ନାହିଁ, କଲେ ସେମାନେ ଆମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ ତୁମ୍ଭକୁ ପାପ କରାଇବେ; ଯେହେତୁ ତୁମ୍ଭେ ଯଦି ସେମାନଙ୍କ ଦେବଗଣର ସେବା କର, ତେବେ ତାହା ଅବଶ୍ୟ ତୁମ୍ଭର ଫାନ୍ଦ ସ୍ୱରୂପ ହେବ।
३३तू त्यांना तुझ्या देशात राहू देऊ नकोस; तू जर त्यांना तुझ्यामध्ये राहू देशील तर ते पुढे तुला सापळ्यासारखे अडकविणारे होतील, ते तुला माझ्याविरूद्ध पाप करायला लावतील व तू त्यांच्या देवांची उपासना करण्यास सुरुवात करशील.”

< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ଦ୍ୱିତୀୟ ପୁସ୍ତକ 23 >