< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ଦ୍ୱିତୀୟ ପୁସ୍ତକ 21 >

1 ଆଉ ତୁମ୍ଭେ ଏହିସବୁ ନିୟମ ସେମାନଙ୍କୁ ଜ୍ଞାତ କରାଇବ। ଯଥା,
आता जे इतर नियम तू इस्राएल लोकांस लावून द्यावेत ते हेच:
2 ତୁମ୍ଭେ ଏବ୍ରୀୟ ଦାସ କ୍ରୟ କଲେ, ସେ ଛଅ ବର୍ଷ ସେବା କରିବ; ପୁଣି, ସପ୍ତମ ବର୍ଷରେ ସେ ବିନାମୂଲ୍ୟରେ ମୁକ୍ତ ହୋଇଯିବ।
तुम्ही जर एखादा इब्री गुलाम विकत घेतला तर त्याने फक्त सहा वर्षे काम करावे; सातव्या वर्षी त्याच्याकडून काही भरपाई न घेता त्यास मुक्त होऊन जाऊ द्यावे.
3 ଯଦି ସେ ଏକାକୀ ଆସିଥାଏ, ତେବେ ସେ ଏକାକୀ ଯିବ; ଆଉ ଯଦି ସେ ବିବାହିତ ହୋଇ ଆସିଥାଏ, ତେବେ ତାହାର ଭାର୍ଯ୍ୟା ତାହା ସଙ୍ଗେ ବାହାରି ଯିବ।
जर तो एकटाच आला असेल तर त्याने मुक्त होताना एकटेच निघून जावे; परंतु जर तो त्याची पत्नी घेऊन आला असेल तर त्याने त्याच्या पत्नीला घेऊन जावे.
4 ପୁଣି, ଯଦି ତାହାର ପ୍ରଭୁ ତାହାକୁ ବିବାହ କରି ଦେଇଥାଏ ଓ ସେହି ସ୍ତ୍ରୀଠାରୁ ପୁତ୍ରକନ୍ୟାର ଜନ୍ମ ହୋଇଥାଏ, ତେବେ ସେହି ସ୍ତ୍ରୀ ଓ ତାହାର ସନ୍ତାନମାନଙ୍କ ଉପରେ ତାହାର ପ୍ରଭୁର ଅଧିକାର ହେବ ଓ ସେ ଏକାକୀ ବାହାରି ଯିବ।
जर तो एकटा आला असेल तर त्याच्या मालकाने त्यास पत्नी करून द्यावी; तिला पुत्र किंवा कन्या झाल्या असतील तर ती व तिची मुले मालकाची राहतील; त्याने एकट्यानेच जावे.
5 ମାତ୍ର “ମୁଁ ଆପଣା ପ୍ରଭୁଙ୍କୁ, ପୁଣି, ଆପଣା ଭାର୍ଯ୍ୟା ଓ ସନ୍ତାନଗଣଙ୍କୁ ପ୍ରେମ କରେ, ଏଣୁ ମୁଁ ମୁକ୍ତ ହୋଇଯିବି ନାହିଁ,” ଏପରି କଥା ଯଦି ସେହି ଦାସ ଦୃଢ଼ ରୂପେ କହିବ,
मी माझ्या मालकावर व माझ्या पत्नीमुलांवर प्रेम करतो, मी मुक्त होऊ इच्छित नाही, असे जर तो स्पष्टपणे सांगतो,
6 ତେବେ ତାହାର ପ୍ରଭୁ ତାହାକୁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ନିକଟକୁ ନେଇଯିବ, ପୁଣି, ତାହାକୁ କବାଟ ବା ବାଜୁବନ୍ଧ ନିକଟକୁ ଆଣି ତାହାର ପ୍ରଭୁ ବିନ୍ଧଣୀରେ ତାହାର କର୍ଣ୍ଣ ବିନ୍ଧିବ; ତହିଁରେ ସେ ସଦାକାଳ ତାହାର ସେବା କରିବ।
तर त्याच्या मालकाने त्यास देवासमोर अथवा त्यास दाराच्या चौकटीजवळ उभे करावे व अरीने त्याचा कान टोचावा. मग तो त्याची आयुष्यभर चाकरी करील.
7 ଆଉ କେହି ଯଦି ଆପଣା କନ୍ୟାକୁ ଦାସୀ ରୂପେ ବିକ୍ରୟ କରେ, ତେବେ ସେ ଦାସମାନଙ୍କ ପରି ମୁକ୍ତ ହୋଇଯିବ ନାହିଁ।
कोणी आपली कन्या गुलाम म्हणून विकली तर तिने पुरुष गुलामाप्रमाणे मुक्त होऊन जाऊ नये.
8 ତାହାର ପ୍ରଭୁ ତାହାକୁ ଆପଣା ପାଇଁ ନିରୂପଣ କଲେ ହେଁ, ଯଦି ତାହା ପ୍ରତି ଅସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହୁଏ, ତେବେ ସେ ତାହାକୁ ମୁକ୍ତ ହେବାକୁ ଦେବ; ତାହା ପ୍ରତି ପ୍ରବଞ୍ଚନା କରିଥିବାରୁ ଅନ୍ୟ ଦେଶୀୟମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ତାହାକୁ ବିକ୍ରୟ କରିବାର ଅଧିକାର ପାଇବ ନାହିଁ।
तिच्या मालकाने तिला आपली पत्नी करून घेण्याचे ठरवले असेल, पण पुढे तिच्यावरून त्याची मर्जी उडाली तर त्याने खंडणी घेऊन तिची मुक्तता करावी. तिला परक्या लोकांस विकण्याचा त्यास अधिकार नाही. तिच्याशी कपटाने वागल्यामुळे तिला विकण्याचा त्यास अधिकार नाही.
9 କିଅବା ଯଦି ସେହି ପ୍ରଭୁ ଆପଣା ପୁତ୍ର ନିମନ୍ତେ ତାହାକୁ ନିରୂପଣ କରିଥାଏ, ତେବେ ସେ ତାହା ପ୍ରତି କନ୍ୟା ବିଷୟକ ରୀତି ଅନୁସାରେ ବ୍ୟବହାର କରିବ।
आपल्या मुलासाठी पत्नी म्हणून तिला ठेवून घ्यायची तिच्या मालकाची इच्छा असेल, तर त्याने तिला आपल्या स्वतःच्या मुलीप्रमाणे वागवावे.
10 ଯଦି ସେ ଅନ୍ୟ ସ୍ତ୍ରୀ ସହିତ ବିବାହ କରେ, ତେବେ ହେଁ ତାହାର ଅନ୍ନ ବସ୍ତ୍ର ଓ ବିବାହୋଚିତ କର୍ତ୍ତବ୍ୟରୁ ବଞ୍ଚିତ ହେବ ନାହିଁ।
१०त्याने दुसऱ्या स्त्रीशी लग्न केले तरी त्याने पहिल्या पत्नीस अन्न वस्त्र कमी पडू देऊ नये, किंवा तिच्या वैवाहिक अधिकारांना बाधा येऊ देऊ नये.
11 ଯଦି ସେ ଏହି ତିନିର ତ୍ରୁଟି କରେ, ତେବେ ସେ ସ୍ତ୍ରୀ ବିନାମୂଲ୍ୟରେ ମୁକ୍ତ ହୋଇଯିବ।
११या तीन गोष्टी त्याने तिच्यासाठी केल्या नाहीत तर मग ती त्यास काही खंडणी न देता मुक्त होईल.
12 କେହି ଯଦି କୌଣସି ମନୁଷ୍ୟକୁ ଏପରି ପ୍ରହାର କରେ ଯେ ସେ ମରିଯାଏ, ତେବେ ଅବଶ୍ୟ ତାହାର ପ୍ରାଣଦଣ୍ଡ ହେବ।
१२कोणी एखाद्याला मारले व त्यामुळे तो मेला तर त्यास अवश्य जिवे मारावे.
13 ଯଦି କୌଣସି ମନୁଷ୍ୟ କାହାକୁ ମାରିବାକୁ ଚେଷ୍ଟା କରେ ନାହିଁ, ମାତ୍ର ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଇଚ୍ଛାରେ ତାହାର ହସ୍ତ ଦ୍ୱାରା ତାହାର ମୃତ୍ୟୁୁ ହୁଏ, ତେବେ ଯେଉଁ ସ୍ଥାନକୁ ସେ ପଳାଇ ପାରେ, ଏପରି ସ୍ଥାନ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ପାଇଁ ନିରୂପଣ କରିବା।
१३पूर्वसंकल्प न करता, पण आपघाताने जर एखाद्याच्या हातून कोणाचा मृत्यू झाला. तर त्यास पळून जात येईल असे ठिकाण मी नेमून देईल.
14 ମାତ୍ର ଯଦି କେହି ଛଳନା ପୂର୍ବକ ଆପଣା ପ୍ରତିବାସୀକୁ ବଧ କରିବାକୁ ଦୁଃସାହସ କରେ, ତେବେ ତୁମ୍ଭେ ତାହାର ପ୍ରାଣଦଣ୍ଡ କରିବା ନିମନ୍ତେ ଆମ୍ଭ ବେଦି ନିକଟରୁ ତାହାକୁ ନେଇଯିବ।
१४परंतु जर कोणी एकाने जाणूनबुजून व ठरवून रागाने किंवा द्वेषाने दुसऱ्या मनुष्यास ठार मारले तर मात्र त्यास शिक्षा करावी; त्यास वेदीपासून खेचून आणून ठार मारावे.
15 ପୁଣି, ଯେକେହି ଆପଣା ପିତା କିମ୍ବା ମାତାକୁ ପ୍ରହାର କରେ, ତାହାର ଅବଶ୍ୟ ପ୍ରାଣଦଣ୍ଡ ହେବ।
१५कोणी आपल्या पित्याला किंवा आईला मारहाण करील त्यास अवश्य ठार मारावे.
16 ଆଉ ଯେକେହି ମନୁଷ୍ୟକୁ ଚୋରି କରି ଯଦି ବିକ୍ରୟ କରେ, ଅବା ସେ ଯଦି ତାହାର ଅଧିକାରରେ ପ୍ରାପ୍ତ ହୁଏ, ତେବେ ତାହାର ଅବଶ୍ୟ ପ୍ରାଣଦଣ୍ଡ ହେବ।
१६जो कोणी एखाद्याला चोरून नेऊन विकेल किंवा त्याच्याकडे तो सापडेल तर त्यास अवश्य जिवे मारावे.
17 ଯେକେହି ଆପଣା ପିତା କିମ୍ବା ମାତାକୁ ଅଭିଶାପ ଦିଏ, ତାହାର ଅବଶ୍ୟ ପ୍ରାଣଦଣ୍ଡ ହେବ।
१७जो कोणी आपल्या पित्याला किंवा आईला शिव्याशाप देईल त्या मनुष्यास अवश्य जिवे मारावे.
18 ଆଉ ଯଦି ଲୋକମାନେ ଏକଆରେକ ସହିତ ବିବାଦ କରୁ କରୁ ଏକ ଜଣ ଅନ୍ୟ ଜଣକୁ ପ୍ରସ୍ତରରେ ବା ମୁଷ୍ଟିରେ ଆଘାତ କଲେ, ସେ ଯଦି ନ ମରି ଶଯ୍ୟାଗତ ହୁଏ
१८दोघेजण भांडत असताना एकाने दुसऱ्याला दगड किंवा ठोसा मारला आणि त्यामुळे तो मेला नाही, पण त्यास अंथरूणात पडून रहावे लागले,
19 ଓ ପଶ୍ଚାତ୍‍ ଉଠି ଯଷ୍ଟି ଧରି ବାହାରେ ବୁଲେ, ତେବେ ସେହି ପ୍ରହାରକ ନିର୍ଦ୍ଦୋଷ ହେବ; କେବଳ ତାହାକୁ ତାହାର କର୍ମ-କ୍ଷତିର ଓ ଚିକିତ୍ସାର ବ୍ୟୟ ଦେବାକୁ ପଡ଼ିବ।
१९तर मारणाऱ्याने त्यास त्याच्या वाया गेलेल्या वेळेबद्दल नुकसान भरपाई द्यावी व तो मनुष्य बरा होईपर्यंत त्याच्यासाठी लागणारा खर्च द्यावा.
20 ଆଉ ଯଦି କେହି ଆପଣା ଦାସ ବା ଦାସୀକୁ ଯଷ୍ଟି ଦ୍ୱାରା ପ୍ରହାର କଲେ, ସେ ଯଦି ତାହା ହସ୍ତରେ ମରେ, ତେବେ ସେ ଅବଶ୍ୟ ଦଣ୍ଡନୀୟ ହେବ।
२०काही वेळा लोक आपल्या गुलामाला किंवा गुलाम स्त्रीला छडीने मारहाण करतात, त्यामुळे जर तो गुलाम किंवा ती गुलाम स्त्री मरण पावली तर त्यांना मारणाऱ्याला अवश्य शिक्षा करावी;
21 ମାତ୍ର ସେ ଯଦି ଏକ ବା ଦୁଇ ଦିନ ବଞ୍ଚେ, ତେବେ ସେ ଦଣ୍ଡନୀୟ ହେବ ନାହିଁ; କାରଣ ସେ ତାହାର ଧନ ସ୍ୱରୂପ।
२१पण तो एकदोन दिवस जिवंत राहिला तर मालकाला शिक्षा होणार नाही कारण तो त्याचेच धन आहे.
22 ଆଉ ଯଦି ପୁରୁଷମାନେ ପରସ୍ପର ବିବାଦ କରୁ କରୁ କୌଣସି ଗର୍ଭବତୀ ସ୍ତ୍ରୀକୁ ପ୍ରହାର କରନ୍ତି ଯଦି ତାହାର ଗର୍ଭପାତ ହୁଏ, ମାତ୍ର ପଶ୍ଚାତ୍‍ ଆଉ କୌଣସି ଆପଦ ନ ଘଟେ, ତେବେ ସେହି ସ୍ତ୍ରୀର ସ୍ୱାମୀ ଯେରୂପ ଦାବି କରିବ, ତଦନୁସାରେ ତାହାର ଅବଶ୍ୟ ଅର୍ଥଦଣ୍ଡ ହେବ, ପୁଣି, ସେ ବିଚାରକର୍ତ୍ତାମାନଙ୍କ ନିର୍ଦ୍ଧାରଣାନୁସାରେ ତାହା ଦେବ।
२२दोघे जर मारामारी करीत असतील व त्यांचा धक्का एखाद्या गरोदर स्त्रीला लागला आणि त्या स्त्रीचा गर्भपात झाला पण तिला इतर कोणतीही इजा झाली नाही, तर ज्याचा धक्का तिला लागला तिचा पती न्यायाधीशांच्या सल्ल्याने जो दंड ठरवील तो दंड त्याने द्यावा.
23 ମାତ୍ର ଯଦି କୌଣସି ଆପଦ ଘଟେ, ତେବେ ତାହାର ପ୍ରାଣ ପରିଶୋଧରେ ପ୍ରାଣ,
२३पण दुसरी काही जास्त इजा झाल्यास जिवाबद्दल जीव,
24 ଚକ୍ଷୁ ପରିଶୋଧରେ ଚକ୍ଷୁ, ଦନ୍ତ ପରିଶୋଧରେ ଦନ୍ତ, ହସ୍ତ ପରିଶୋଧରେ ହସ୍ତ, ଚରଣ ପରିଶୋଧରେ ଚରଣ,
२४डोळ्याबद्दल डोळा, दाताबद्दल दात, हाताबद्दल हात, पायाबद्दल पाय,
25 ଦାହ ପରିଶୋଧରେ ଦାହ, କ୍ଷତ ପରିଶୋଧରେ କ୍ଷତ, ନୋଳା ପରିଶୋଧରେ ନୋଳା, ଦଣ୍ଡ ହେବ।
२५चटक्याबद्दल चटका, ओरखड्याबद्दल ओरखडा, व जखमेबद्दल जखम असा बदला घ्यावा.
26 ଆଉ ଯଦି କେହି ଆପଣା ଦାସ କି ଦାସୀର ଚକ୍ଷୁରେ ଆଘାତ କଲେ ଯଦି ତାହା ନଷ୍ଟ ହୁଏ, ତେବେ ସେ ତାହାର ଚକ୍ଷୁ ସକାଶେ ତାହାକୁ ମୁକ୍ତ କରିଦେବ।
२६जर एखाद्याने आपल्या गुलामाच्या किंवा गुलाम स्त्रीच्या डोळ्यावर मारल्यामुळे त्याचा किंवा तिचा डोळा गेला तर त्याने त्यास मुक्त करावे.
27 ପୁଣି, ଆଘାତ ଦ୍ୱାରା ଆପଣା ଦାସ କି ଦାସୀର ଦନ୍ତ ଭଗ୍ନ କଲେ, ସେ ସେହି ଦନ୍ତ ସକାଶେ ତାହାକୁ ମୁକ୍ତ କରିଦେବ।
२७एखाद्या मालकाने आपल्या पुरुष दासाच्या किंवा स्त्री दासीच्या तोंडावर मारल्यामुळे त्याचा किंवा तिचा दात पडला तर त्याने त्यास दास्यमुक्त करून जाऊ द्यावे.
28 ଆଉ, ଗୋରୁ କୌଣସି ପୁରୁଷ କିମ୍ବା ସ୍ତ୍ରୀକୁ ବିନ୍ଧିଲେ ଯଦି ସେ ମରେ, ତେବେ ସେହି ଗୋରୁ ପ୍ରସ୍ତର ଦ୍ୱାରା ହତ ହେବ, ପୁଣି, ତାହାର ମାଂସ ଅଖାଦ୍ୟ ହେବ; ମାତ୍ର ଗୋରୁର ସ୍ୱାମୀ ଦଣ୍ଡଯୋଗ୍ୟ ହେବ ନାହିଁ।
२८एखाद्याच्या बैलाने एखाद्या पुरुषाला किंवा स्त्रीला हुंदडून जिवे मारले तर त्या बैलाला दगडमार करून जिवे मारावे, त्या बैलाचे मांस कोणी खाऊ नये, परंतु त्या बैलाच्या मालकाला सोडून द्यावे.
29 ମାତ୍ର ସେହି ଗୋରୁ ପୂର୍ବେ ବିନ୍ଧୁଥାଏ, ଏଥିର ପ୍ରମାଣ ତାହାର ସ୍ୱାମୀକୁ ଦିଆଗଲେ ହେଁ ତାକୁ ନ ବାନ୍ଧିବା ସକାଶୁ ତାହା ଯଦି କୌଣସି ପୁରୁଷ କିମ୍ବା ସ୍ତ୍ରୀକୁ ବଧ କରେ, ତେବେ ସେହି ଗୋରୁ ପ୍ରସ୍ତର ଦ୍ୱାରା ହତ ହେବ; ପୁଣି, ତାହାର ସ୍ୱାମୀର ମଧ୍ୟ ପ୍ରାଣଦଣ୍ଡ ହେବ।
२९परंतु त्या बैलाला हुंदडण्याची सवयच असली आणि त्याविषयी त्याच्या मालकाला सूचना केली असूनही त्याने त्या बैलाला बांधून ठेवले नाही आणि त्यानंतर कोणा पुरुषाला किंवा स्त्रीला त्याने जिवे मारले तर त्याबद्दल त्याचा मालक दोषी आहे, त्या बैलाला धोंडमार करून जिवे मारावे व त्याच्या मालकालाही जिवे मारावे.
30 ଯଦ୍ୟପି ତାହାର (ପ୍ରାଣ) ନିମନ୍ତେ ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ ନିରୂପିତ ହୁଏ, ତେବେ ସେ ପ୍ରାଣମୁକ୍ତି ନିମନ୍ତେ ସମୁଦାୟ ନିରୂପିତ ମୂଲ୍ୟ ଦେବ।
३०त्याच्याकडून खंडणी मागितल्यास त्याने आपला प्राण वाचविण्यासाठी आपल्यावर लादलेली खंडणी देऊन टाकावी.
31 ଗୋରୁ ପୁତ୍ରକୁ କି କନ୍ୟାକୁ ବିନ୍ଧିଲେ, ଏହି ଶାସନାନୁସାରେ ଦଣ୍ଡିତ ହେବ।
३१बैलाने एखाद्याच्या पुत्राला किंवा कन्येला हुंदडून जिवे मारले तर त्याबाबतीत हाच नियम लागू करावा.
32 କାହାର ଗୋରୁ ଯଦି କାହାର ଦାସ କିମ୍ବା ଦାସୀକୁ ବିନ୍ଧେ, ତେବେ ସେ ତାହାର ପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ତିରିଶ ଶେକଲ ରୂପା ଦେବ; ଆଉ ଗୋରୁ ପ୍ରସ୍ତର ଦ୍ୱାରା ହତ ହେବ।
३२एखाद्या बैलाने जर कोणाच्या पुरुष दासास किंवा स्त्री दासीला हुंदडून ठार मारले तर त्या बैलाच्या मालकाने त्याच्या मालकाला चांदीची तीस शेकेल नाणी द्यावी आणि त्या बैलालाही दगडमार करावी;
33 ଆଉ କେହି ଯଦି କୌଣସି କୂପ ଅନାବୃତ କରେ, କିଅବା କୂପ ଖୋଳି ତାହା ଆବୃତ ନ କରେ, ତେବେ ତହିଁ ଭିତରେ କୌଣସି ଗୋରୁ କି ଗଧ ପଡ଼ିଲେ,
३३एखाद्या मनुष्याने बुजलेला खड्डा उकरला किंवा त्याने खड्डा खणून त्यावर झाकण ठेवले नसेल आणि जर कोणाचा बैल, गाढव वगैरे त्या खड्डयात पडून मरण पावले तर खड्ड्याचा मालक दोषी आहे;
34 ସେହି କୂପର କର୍ତ୍ତା ତହିଁର ପରିଶୋଧ କରିବ; ସେ ସେମାନଙ୍କ ସ୍ୱାମୀକୁ ରୂପା ମୂଲ୍ୟ ଦେବ, ମାତ୍ର ମୃତ ପଶୁ ତାହାର ହେବ।
३४त्याने त्या जनावराच्या मालकाला भरपाई म्हणून त्याची किंमत द्यावी आणि ते मरण पावलेले जनावर खड्ड्याच्या मालकाचे होईल.
35 ଆଉ ଏକ ଜଣର ଗୋରୁ ଅନ୍ୟ ଜଣର ଗୋରୁକୁ ବିନ୍ଧିଲେ ସେହି ଗୋରୁ ଯଦି ମରିଯାଏ, ତେବେ ସେମାନେ ଜୀବିତ ଗୋରୁକୁ ବିକ୍ରୟ କରି ତହିଁର ମୂଲ୍ୟ ଦୁଇ ଭାଗ କରିବେ; ପୁଣି, ମୃତ ଗୋରୁକୁ ମଧ୍ୟ ଦୁଇ ଭାଗ କରି ନେବେ।
३५जर एखाद्याच्या बैलाने दुसऱ्याच्या बैलाला हुंदडून मारून टाकले तर जिवंत राहिलेला बैल विकून आलेले पैसे दोघा मालकांनी विभागून घ्यावेत आणि मरण पावलेला बैलही विभागून घ्यावा.
36 ମାତ୍ର ଗୋରୁ ପୂର୍ବେ ବିନ୍ଧୁଥିବାର ଜାଣି ଯଦି ତାʼର ସ୍ୱାମୀ ତାକୁ ସାବଧାନରେ ରଖି ନ ଥାଏ, ତେବେ ସେ ଗୋରୁ ପରିଶୋଧରେ ଗୋରୁ ଅବଶ୍ୟ ଦେବ, ମାତ୍ର ମୃତ ଗୋରୁ ତାହାର ନିଜର ହେବ।
३६परंतु तो बैल पूर्वीपासून मारका आहे हे ठाऊक असून मालकाने त्यास बांधून ठेवले नाही, तर त्याने बैलाबद्दल बैल द्यावा व मरण पावलेला बैल त्याचा व्हावा.

< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ଦ୍ୱିତୀୟ ପୁସ୍ତକ 21 >