< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ପଞ୍ଚମ ପୁସ୍ତକ 19 >
1 ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭ ପରମେଶ୍ୱର ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଯେଉଁମାନଙ୍କର ଦେଶ ଦେବେ, ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭ ପରମେଶ୍ୱର ସେହି ଦେଶୀୟ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ କଲେ ଓ ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ ଅଧିକାର କରି ସେମାନଙ୍କ ନଗରରେ ଓ ସେମାନଙ୍କ ଗୃହରେ ବାସ କଲେ,
१तुझा देव परमेश्वर ज्या राष्ट्रांची भूमी तुला देत आहे, त्या राष्ट्रांना नष्ट केल्यावर त्यांच्या प्रदेशाचा तू ताबा घेतल्यानंतर, त्यांच्या जागी त्यांची नगरे आणि घरे तुम्ही ताब्यात घ्याल,
2 ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭ ପରମେଶ୍ୱର ତୁମ୍ଭର ଅଧିକାରାର୍ଥେ ଯେଉଁ ଦେଶ ଦିଅନ୍ତି, ତୁମ୍ଭର ସେହି ଦେଶ ମଧ୍ୟରେ ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ପାଇଁ ତିନୋଟି ନଗର ପୃଥକ କରିବ।
२तेव्हा तुझा देव परमेश्वर जो देश तुला देत आहे त्यामध्ये तीन नगरे तुम्ही राखून ठेवा.
3 ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ପାଇଁ ପଥ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରିବ ଓ ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭ ପରମେଶ୍ୱର ତୁମ୍ଭକୁ ଯେଉଁ ଦେଶ ଅଧିକାର କରାଇବେ, ତୁମ୍ଭେ ସେହି ଦେଶର ଭୂମି ତିନି ଭାଗ କରିବ, ତହିଁରେ ପ୍ରତ୍ୟେକ ନରହତ୍ୟାକାରୀ ସେଠାକୁ ପଳାଇ ଯାଇ ପାରିବ।
३म्हणजे कोणाच्या हातून मनुष्यवध झाल्यास त्यास तेथे पळून जाता यावे म्हणून रस्ते तयार कर, आणि जो प्रदेश तुझा देव परमेश्वर तुला देत आहे त्या देशाचे तू तीन भाग कर.
4 ଯେଉଁ ନରହତ୍ୟାକାରୀ ସେହି ସ୍ଥାନକୁ ପଳାଇ ବଞ୍ଚିପାରେ, ତାହାର କଥା ଏହି କେହି ଯେବେ ପୂର୍ବେ ହିଂସା ନ କରି ଆପଣା ପ୍ରତିବାସୀକୁ ଅଜ୍ଞାତସାରରେ ବଧ କରେ;
४मनुष्यवध करून या तीनपैकी एका नगरात आश्रयाला येणाऱ्याबद्दल नियम असा: पूर्वीचे वैर नसताना जर कोणी चुकून आपल्या शेजाऱ्याला ठार मारले तर त्याने येथे जावे.
5 ଯଥା, କେହି ଆପଣା ପ୍ରତିବାସୀ ସଙ୍ଗରେ କାଠ ହାଣିବାକୁ ବନକୁ ଗଲା, ପୁଣି ଗଛ ହାଣିବା ପାଇଁ ତାହାର ହସ୍ତ କୁହ୍ରାଡ଼ି ଉଞ୍ଚାନ୍ତେ, କୁହ୍ରାଡ଼ି-ମୁଣ୍ଡ ବେଣ୍ଟରୁ ଖସି ପ୍ରତିବାସୀ ଉପରେ ପଡ଼ିଲା, ତହିଁରେ ସେ ମଲା; ଏପରି ଲୋକ ସେହି ନଗରମାନ ମଧ୍ୟରୁ ଏକ ନଗରକୁ ପଳାଇ ବଞ୍ଚିବ।
५उदाहरणार्थ, एखादा मनुष्य लाकडे तोडायला त्याच्या शेजाऱ्याबरोबर जंगलात गेला. तेथे झाडावर कुऱ्हाड चालवत असताना चूकून कुऱ्हाडीचे पाते दांड्यापासून निसटले आणि ते नक्की दुसऱ्यावर पडून तो मेला. अशावेळी कुऱ्हाड चालवणाऱ्याने यापैकी एखाद्या नगराच्या आश्रयाला जाऊन आपले प्राण वाचवावे.
6 ନୋହିଲେ ରକ୍ତର ପ୍ରତିହନ୍ତା ତପ୍ତଚିତ୍ତ ହୋଇ ନରହତ୍ୟାକାରୀର ପଛେ ଗୋଡ଼ାଇ ଦୂର ପଥ ସକାଶୁ ତାହାକୁ ଧରି ପ୍ରାଣରେ ମାରି ପକାଇବ; ମାତ୍ର ସେ ଲୋକ ପ୍ରାଣଦଣ୍ଡ ଯୋଗ୍ୟ ନୁହେଁ, କାରଣ ସେ ପୂର୍ବେ ତାହାକୁ ହିଂସା କରି ନ ଥିଲା।
६हे नगर फार दूर असेल तर त्यास तेथपर्यंत पोचता येणार नाही. मृताचा जवळचा नातेवाईक त्याचा पाठलाग करील व त्यास त्या नगरात पोचण्यापूर्वीच गाठेल. आणि रागाच्या भरात त्याचा वध करील. खरे पाहता त्या मनुष्याच्या हातून वैर नसताना मनुष्य हत्या झाली होती तेव्हा तो प्राणदंडाला पात्र नव्हता.
7 ଏନିମନ୍ତେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ଆପଣା ନିମନ୍ତେ ତିନୋଟି ନଗର ପୃଥକ କରିବାକୁ କହି ଆଜ୍ଞା ଦେଉଅଛି।
७म्हणून मी तुला ही आज्ञा करतो अशी तीन नगरे स्वत: साठी राखून ठेव.
8 ଆଉ ମୁଁ ଆଜି ତୁମ୍ଭକୁ ଯେଉଁ ଯେଉଁ ଆଜ୍ଞା ଦେଉଅଛି, ତୁମ୍ଭେ ତାହାସବୁ ପାଳନ କରି ଯାବଜ୍ଜୀବନ ସଦାପ୍ରଭୁ ଆପଣା ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ ପ୍ରେମ କଲେ ଓ ତାହାଙ୍କ ପଥରେ ଚାଲିଲେ,
८तुमच्या प्रदेशाचा विस्तार करण्याचे तुमचा देव परमेश्वर ह्याने तुमच्या वशंजाना शपथ दिल्याप्रमाणे, त्यांना वचन दिलेला सर्व प्रदेश तो तुम्हास देईल.
9 ଯେବେ ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭ ପରମେଶ୍ୱର ତୁମ୍ଭ ପୂର୍ବପୁରୁଷମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଆପଣା ଶପଥ ଅନୁସାରେ ତୁମ୍ଭ ସୀମା ବୃଦ୍ଧି କରନ୍ତି ଓ ତୁମ୍ଭ ପୂର୍ବପୁରୁଷମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ପ୍ରତିଜ୍ଞାତ ସମସ୍ତ ଦେଶ ତୁମ୍ଭକୁ ଦିଅନ୍ତି; ତେବେ ତୁମ୍ଭେ ସେହି ତିନି ନଗର ବ୍ୟତୀତ ତୁମ୍ଭ ପାଇଁ ଆଉ ତିନୋଟି ନଗର ନିରୂପଣ କରିବ;
९तुमचा देव परमेश्वर ह्याजवर प्रीती करा व त्याने दाखवलेल्या मार्गात नियमीत चालत जा. मी दिलेल्या या आज्ञा तुम्ही पूर्णपणे पाळल्यात तर मग परमेश्वराने तुमच्या प्रदेशाचा विस्तार केला की तुम्ही पहिल्या तीन नगरांच्या भरीला आश्रयासाठी आणखी तीन नगरे निवडा.
10 ନୋହିଲେ ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭ ପରମେଶ୍ୱର ତୁମ୍ଭକୁ ଯେଉଁ ଦେଶ ଅଧିକାରାର୍ଥେ ଦିଅନ୍ତି, ତହିଁ ମଧ୍ୟରେ ନିର୍ଦ୍ଦୋଷର ରକ୍ତପାତ ହେବ, ତହୁଁ ତୁମ୍ଭ ଉପରେ ରକ୍ତପାତର ଅପରାଧ ବର୍ତ୍ତିବ।
१०म्हणजे तुमचा देव परमेश्वर तुम्हास देणार असलेल्या भूमीवर निर्दोष मनुष्यांचा रक्तपात होणार नाही आणि अशा हत्येचे दोष तुम्हास लागणार नाही.
11 ମାତ୍ର କେହି ଯେବେ ଆପଣା ପ୍ରତିବାସୀକୁ ହିଂସା କରି ତାହା ପାଇଁ ଛକି ବସେ ଓ ତାହାର ପ୍ରତିକୂଳରେ ଉଠି ତାହାକୁ ପ୍ରାଣରେ ମାରେ ଓ ସେ ମରନ୍ତେ, ଏହି ନଗରମାନ ମଧ୍ୟରୁ କୌଣସି ଏକ ନଗରକୁ ପଳାଏ;
११पण द्वेषापोटीही एखादा मनुष्य संधीची वाट पाहत लपूनछपून दुसऱ्याच्या जिवावर उठेल, त्याच्यावर प्राणघातक हल्ला करून या नगरात पळून गेला.
12 ତେବେ ତାହାର ନଗରସ୍ଥ ପ୍ରାଚୀନମାନେ ଲୋକ ପଠାଇ ସେସ୍ଥାନରୁ ତାହାକୁ ଅଣାଇବେ ଓ ତାହାକୁ ବଧ କରିବା ପାଇଁ ରକ୍ତର ପ୍ରତିହନ୍ତା ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କରିବେ।
१२अशावेळी त्याच्या नगरातील वडिलधाऱ्यांनी माणसे पाठवून त्यास तेथून बाहेर काढावे व मृताच्या नातेवाईकांच्या हवाली करावे. म्हणजे त्यास मृत्यूची शिक्षा झाली पाहिजे.
13 ତୁମ୍ଭର ଚକ୍ଷୁ ତାହାକୁ ଦୟା କରିବ ନାହିଁ, ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭେ ଇସ୍ରାଏଲ ମଧ୍ୟରୁ ନିର୍ଦ୍ଦୋଷ ରକ୍ତପାତର ଅପରାଧ ଦୂର କରିବ, ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭର ମଙ୍ଗଳ ହେବ।
१३त्या मनुष्यावर दया दाखवू नका परंतु निरपराध मनुष्याच्या हत्येचा दोष इस्राएलातून पुसून टाक म्हणजे तुझे कल्याण होईल.
14 ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭ ପରମେଶ୍ୱର ଅଧିକାରାର୍ଥେ ତୁମ୍ଭକୁ ଯେଉଁ ଦେଶ ଦେବେ, ସେହି ଦେଶରେ ତୁମ୍ଭେ ଯାହା ଅଧିକାର କରିବ, ତୁମ୍ଭର ସେହି ଅଧିକାରରେ ପୂର୍ବକାଳର ଲୋକମାନଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ସ୍ଥାପିତ ତୁମ୍ଭ ସୀମାର ଚିହ୍ନ ଘୁଞ୍ଚାଇବ ନାହିଁ।
१४शेजाऱ्याच्या जमिनीची सीमा खूण काढू नको. पूर्वीच्या लोकांनी त्या सीमा आखलेल्या आहेत. हे तुमचा देव परमेश्वर ह्याने तुमच्या वाट्याला जेवढे वतन दिले त्याच्या या खूणा आहेत.
15 ମନୁଷ୍ୟ କୌଣସି ଅପରାଧ କି କୌଣସି ପାପ କଲେ, ତାହାର କୃତ ସେହି ପାପ ଲାଗି ଏକ ସାକ୍ଷୀ ତାହାର ପ୍ରତିକୂଳରେ ଉଠିବ ନାହିଁ; ଦୁଇ ସାକ୍ଷୀଙ୍କ ମୁଖ ଦ୍ୱାରା କିଅବା ତିନି ସାକ୍ଷୀଙ୍କ ମୁଖ ଦ୍ୱାରା ବିଚାର ନିଷ୍ପନ୍ନ ହେବ।
१५एखाद्याने काही गुन्हा किंवा अपराध केला तर, अपराधाचा आरोप कोणावर असेल तर त्यास दोषी ठरवायला एक साक्षीदार पुरेसा नाही. त्याने खरेच गुन्हा केला आहे हे ठरवायला दोन किंवा तीन साक्षीदार तरी हवेतच.
16 ଯେବେ ଅଧର୍ମୀ ସାକ୍ଷୀ କାହାରି ବିରୁଦ୍ଧରେ ଉଠି ଅବିଧି କାର୍ଯ୍ୟ ବିଷୟରେ ସାକ୍ଷ୍ୟ ଦିଏ,
१६अमक्याच्या हातून अपराध घडला आहे असे एखादा साक्षीदार द्वेषबुद्धीने, मुद्दाम खोटे सांगू शकतो.
17 ତେବେ ଯେଉଁ ଦୁଇ ବ୍ୟକ୍ତି ମଧ୍ୟରେ ବିରୋଧ ଥାଏ, ସେ ଦୁହେଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ସେହି ସମୟର ଯାଜକ ଓ ବିଚାରକର୍ତ୍ତାମାନଙ୍କ ଆଗରେ ଠିଆ ହେବେ।
१७अशावेळी त्या दोघांना परमेश्वरासमोर म्हणजे तेथे जे याजक व न्यायाधीश त्यावेळी असतील त्यांच्यापुढे उभे करावे.
18 ତହୁଁ ବିଚାରକର୍ତ୍ତାମାନେ ଯତ୍ନପୂର୍ବକ ଅନୁସନ୍ଧାନ କରିବେ; ଆଉ ଦେଖ, ସେ ସାକ୍ଷୀ ଯେବେ ମିଥ୍ୟାସାକ୍ଷୀ ଓ ଆପଣା ଭାଇ ବିରୁଦ୍ଧରେ ମିଥ୍ୟା ସାକ୍ଷ୍ୟ ଦେଇଥାଏ;
१८मग न्यायाधीशांनी त्याबाबत कसून चौकशी केली पाहिजे. त्यातून साक्षीदाराचा आपल्या बंधुविरोधात खोटारडेपणा उघडकीला आला,
19 ତେବେ ସେ ଆପଣା ଭାଇ ପ୍ରତି ଯେପରି କରିବାକୁ କଳ୍ପନା କରିଥିଲା, ତାହା ପ୍ରତି ତୁମ୍ଭେମାନେ ସେହିପରି କରିବ; ଏହିରୂପେ ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ମଧ୍ୟରୁ ଦୁଷ୍ଟତା ଦୂର କରିବ।
१९तर मग तुम्ही त्यास तीच शिक्षा करावी जी त्यास आपल्या बंधूला जे शासन व्हावे असे वाटत होते. अशा रीतीने आपल्यामधून नीच वृत्तीचा नायनाट करा
20 ପୁଣି ଅବଶିଷ୍ଟ ଲୋକମାନେ ତାହା ଶୁଣି ଭୟ କରିବେ ଓ ସେହି ସମୟାବଧି ତୁମ୍ଭ ମଧ୍ୟରେ ଆଉ ସେରୂପ ମନ୍ଦ କର୍ମ କରିବେ ନାହିଁ।
२०हे ऐकून इतरांना भीती वाटेल आणि तेथून पुढे तुमच्यामध्ये असे वाईट घडणार नाही.
21 ତୁମ୍ଭର ଚକ୍ଷୁ ଦୟା କରିବ ନାହିଁ; ପ୍ରାଣ ପରିଶୋଧରେ ପ୍ରାଣ, ଚକ୍ଷୁ ପରିଶୋଧରେ ଚକ୍ଷୁ, ଦନ୍ତ ପରିଶୋଧରେ ଦନ୍ତ, ହସ୍ତ ପରିଶୋଧରେ ହସ୍ତ, ପାଦ ପରିଶୋଧରେ ପାଦ ନିଆଯିବ।
२१तू दया दाखवू नये. कोणी कोणाचा जीव घेतल्यास त्यालाही देहान्ताचे शासन द्यावे. डोळ्याबद्दल डोळा, दाताबद्दल दात, हाताच्या बदल्यात हात आणि पायाच्या बदल्यात पाय असा दंड करावा.